अध्याय 3: नात्सीवाद और हिटलर का उदय (Nazism and the Rise of Hitler)
परिचय
1945 के वसंत में, जर्मनी के अंतिम पराजय के साथ, बर्लिन में एक 11 वर्षीय जर्मन लड़के हेलमुथ (Helmut) ने अपने माता-पिता को बात करते हुए सुना। उसके पिता, एक नात्सी समर्थक और चिकित्सक, आत्महत्या पर विचार कर रहे थे, क्योंकि उन्हें डर था कि मित्र राष्ट्र अब नात्सियों के साथ वैसा ही व्यवहार करेंगे जैसा उन्होंने यहूदियों और अन्य 'अवांछनीय' लोगों के साथ किया था। हेलमुथ ने अगले दिन अपने पिता और माँ को एक सैनिक वर्दी में गोली मारते हुए देखा। यह घटना दूसरे विश्व युद्ध और नात्सी जर्मनी की भयावहता को दर्शाती है।
3.1 युद्ध के बाद की शुरुआत: वीमर गणराज्य का जन्म (Birth of the Weimar Republic)
**पहला विश्व युद्ध (1914-1918)** मित्र राष्ट्रों (इंग्लैंड, फ्रांस, रूस, बाद में इटली और रोमानिया) और केंद्रीय शक्तियों (जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, तुर्की) के बीच लड़ा गया था। जर्मनी ने शुरुआत में महत्वपूर्ण लाभ हासिल किए, फ्रांस और बेल्जियम पर कब्जा कर लिया, लेकिन 1917 में अमेरिका के शामिल होने से मित्र राष्ट्रों को मजबूती मिली। केंद्रीय शक्तियों को 1918 में हार माननी पड़ी।
- जर्मनी की पराजय के बाद, जर्मन सम्राट ने त्यागपत्र दे दिया।
- एक राष्ट्रीय सभा वीमर (Weimar) में मिली और एक **लोकतांत्रिक संविधान** स्थापित किया।
- यह नया गणराज्य, जिसे **वीमर गणराज्य (Weimar Republic)** कहा गया, नवंबर 1918 में बना।
- प्रथम विश्व युद्ध का परिणाम जर्मनी के लिए विनाशकारी था। जर्मनी पर **वर्साय की संधि (Treaty of Versailles)** थोपी गई, जो बेहद कठोर और अपमानजनक थी।
वर्साय की संधि की प्रमुख शर्तें:
- जर्मनी को अपने विदेशी उपनिवेशों, अपने क्षेत्र का $13\%$, अपनी आबादी का $75\%$ (लोहे का), $26\%$ कोयले का, और $10\%$ कोयले का फ्रांस, पोलैंड, डेनमार्क और लिथुआनिया को खोना पड़ा।
- मित्र राष्ट्रों ने जर्मनी की सैन्य शक्ति को कम करने के लिए उसे गैर-सैन्यीकृत कर दिया।
- जर्मनी पर $6$ अरब पाउंड का युद्ध क्षतिपूर्ति (war indemnity) लगाया गया।
- राइनलैंड क्षेत्र पर मित्र राष्ट्रों ने कब्जा कर लिया।
कई जर्मनों ने वीमर गणराज्य को युद्ध में हार और वर्साय की संधि के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने इसे **"नवंबर अपराधी" (November Criminals)** कहा।
युद्ध का प्रभाव (The Impact of the War):
- पहले विश्व युद्ध का यूरोप पर गहरा मनोवैज्ञानिक और वित्तीय प्रभाव पड़ा।
- सैनिकों को नागरिकों से ऊपर रखा गया।
- राजनीतिक विचारों में कट्टरता आ गई, जिससे स्पार्टाकिस लीग (Spartacist League) जैसे समूहों ने रूस में बोल्शेविक क्रांति की तर्ज पर समाजवादी क्रांति की मांग की।
- वीमर गणराज्य ने स्पार्टाकिस लीग के विद्रोह को दबाने के लिए पूर्व-शाही सैनिकों के एक संगठन **फ्री कोर (Free Corps)** का इस्तेमाल किया।
- आर्थिक संकट: जर्मनी ने युद्ध ऋण चुकाने के लिए बड़े पैमाने पर कागजी मुद्रा छापी। इससे **अति-मुद्रास्फीति (hyperinflation)** हुई, जहाँ जर्मन मुद्रा (मार्क) का मूल्य तेजी से गिर गया, और कीमतें बहुत अधिक बढ़ गईं। 1923 तक, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मार्क का मूल्य खरबों तक पहुंच गया।
- अमेरिका ने **डॉस योजना (Dawes Plan)** शुरू की, जिसने जर्मन अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए एक ऋण प्रणाली को पुनर्गठित किया।
3.2 डिप्रेशन के वर्ष (Years of Depression)
1924-1928 के बीच कुछ स्थिरता रही, लेकिन यह अल्पकालिक थी, क्योंकि जर्मन निवेश अमेरिकी ऋण पर निर्भर था। **1929 में वॉल स्ट्रीट एक्सचेंज के ढहने** से अमेरिकी अर्थव्यवस्था में भारी मंदी आई, जिसका जर्मनी पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा।
- जर्मनी में, उद्योग ठप हो गए, निर्यात गिर गया, और बेरोजगारी तेजी से बढ़ी।
- 1932 तक, जर्मनी में 60 लाख से अधिक लोग बेरोजगार थे।
- युवा बेरोजगारों ने या तो सड़कों पर प्लेकार्ड के साथ लाइनें लगाईं: "कोई भी काम करने को तैयार है," या वे आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो गए।
- मध्य वर्ग, वेतनभोगी कर्मचारी और पेंशनभोगी अपनी बचत खो चुके थे। छोटे व्यवसायी भी बर्बाद हो गए थे।
- किसानों को कृषि की कीमतों में गिरावट का सामना करना पड़ा।
- यहूदी विरोधी भावनाएँ बढ़ीं, क्योंकि यहूदियों को पूंजीवाद और संकट के लिए दोषी ठहराया गया।
वीमर गणराज्य में दोष (Defects in the Weimar Republic):
- **आनुपातिक प्रतिनिधित्व (Proportional Representation):** इस प्रणाली से कोई भी पार्टी स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं कर पाई, जिससे गठबंधन सरकारें बनीं और अक्सर राजनीतिक अस्थिरता पैदा हुई।
- **अनुच्छेद 48 (Article 48):** राष्ट्रपति को आपातकाल की स्थिति में अध्यादेश जारी करने और नागरिक अधिकारों को निलंबित करने की शक्ति दी गई। इस अनुच्छेद का कई बार दुरुपयोग किया गया, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया कमजोर हुई।
इन कमियों ने वीमर गणराज्य को कमजोर कर दिया और इसे एक तानाशाह के उदय के लिए संवेदनशील बना दिया।
3.3 हिटलर का उदय (The Rise of Hitler)
**एडॉल्फ हिटलर (Adolf Hitler)** का जन्म 1889 में ऑस्ट्रिया में हुआ था। वह प्रथम विश्व युद्ध में एक संदेशवाहक के रूप में सेना में शामिल हुए। युद्ध में जर्मनी की हार ने उन्हें क्रोधित कर दिया, और वर्साय की संधि ने उन्हें और भी कड़वा बना दिया।
- 1919 में, वह **जर्मन वर्कर्स पार्टी (German Workers' Party)** में शामिल हुए, जिसका नाम बाद में **नेशनल सोशलिस्ट जर्मन वर्कर्स पार्टी (National Socialist German Workers' Party)** रखा गया, जिसे संक्षेप में **नात्सी पार्टी (Nazi Party)** कहा जाता था।
- 1923 में, हिटलर ने बवेरिया पर नियंत्रण करने और बर्लिन पर मार्च करने की योजना बनाई, लेकिन वह असफल रहा और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
- 1929 की आर्थिक मंदी ने नात्सीवाद के उदय के लिए मार्ग प्रशस्त किया।
- 1928 में, नात्सी पार्टी को रीचस्टैग (जर्मन संसद) में केवल 2.6% वोट मिले थे, लेकिन 1932 तक, यह सबसे बड़ी पार्टी बन गई, जिसे 37% वोट मिले।
हिटलर का करिश्माई व्यक्तित्व और प्रचार:
- हिटलर एक शक्तिशाली वक्ता था। उसने एक मजबूत राष्ट्र बनाने, वर्साय की संधि का बदला लेने और जर्मन गरिमा को बहाल करने का वादा किया।
- नात्सीवाद ने समाज के सभी वर्गों के लिए एक बेहतर भविष्य का वादा किया।
- नात्सी प्रचार में लाल झंडे पर स्वास्तिक, नात्सी अभिवादन और भाषणों के बाद तालियों की गड़गड़ाहट जैसे शक्तिशाली प्रतीक शामिल थे, जिससे लोगों में एकता और उत्साह की भावना पैदा हुई।
- नाजियों ने बड़े पैमाने पर रैलियाँ और जनसभाएँ आयोजित कीं, जिससे लोगों को हिटलर और उनकी पार्टी के प्रति एकजुटता महसूस हुई।
3.4 लोकतंत्र का विनाश (The Destruction of Democracy)
- **30 जनवरी 1933:** राष्ट्रपति हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने हिटलर को चांसलर का पद प्रदान किया, जो मंत्रिमंडल में सर्वोच्च पद था।
- नात्सियों ने लोकतंत्र को नष्ट करना शुरू कर दिया।
- **28 फरवरी 1933:** 'अग्नि फरमान' (Fire Decree) जारी किया गया, जिसने भाषण, प्रेस और सभा की स्वतंत्रता जैसे नागरिक अधिकारों को निलंबित कर दिया।
- फिर, **3 मार्च 1933:** **सक्षमता अधिनियम (Enabling Act)** पारित किया गया, जिसने हिटलर को संसद को दरकिनार करते हुए केवल अध्यादेश द्वारा शासन करने की शक्ति दी।
- जर्मनी में सभी राजनीतिक दल और ट्रेड यूनियन प्रतिबंधित कर दिए गए, सिवाय नात्सी पार्टी और उसके सहयोगियों के।
- राज्य ने अर्थव्यवस्था, मीडिया, सेना और न्यायपालिका पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित कर लिया।
- नात्सी शासन ने समाज पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित करने के लिए विशेष निगरानी और सुरक्षा बल बनाए:
- हरी वर्दी में नियमित पुलिस और स्टॉर्म ट्रूपर्स (SA)।
- गेस्टापो (Gestapo) (गुप्त राज्य पुलिस)।
- एसएस (SS) (संरक्षण स्क्वाड) और एसडी (SD) (सुरक्षा सेवा)।
- इन नवगठित बलों को बिना किसी कानूनी अधिकार के लोगों को कैद करने, यातना देने और मारने की शक्ति दी गई।
3.5 पुनर्निर्माण (Reconstruction)
हिटलर ने जर्मनी की अर्थव्यवस्था को पुनर्निर्माण करने के लिए **ह्याल्मार शाक्त (Hjalmar Schacht)** को जिम्मेदारी दी।
- शाक्त का लक्ष्य पूर्ण उत्पादन और पूर्ण रोजगार था।
- सरकार द्वारा वित्तपोषित कार्य-सृजन कार्यक्रम शुरू किए गए, जैसे जर्मन सुपरहाइवे और पीपल्स कार (वोक्सवैगन) परियोजना।
- विदेश नीति के क्षेत्र में, हिटलर को त्वरित सफलता मिली:
- 1933 में राष्ट्र संघ (League of Nations) से बाहर निकल गया।
- 1936 में राइनलैंड पर फिर से कब्जा कर लिया।
- 1938 में **ऑस्ट्रिया को जर्मनी में एकीकृत (Anschluss)** किया।
- इंग्लैंड ने हिटलर के कदमों का समर्थन किया, क्योंकि उनका मानना था कि वर्साय की संधि बहुत कठोर थी।
- हिटलर ने फिर चेकोस्लोवाकिया के सुदेतेंलैंड (Sudetenland) क्षेत्र को जब्त कर लिया और पूरे देश पर कब्जा कर लिया।
- शाक्त ने सलाह दी कि सरकार को बड़े पैमाने पर पुनर्शस्त्रीकरण पर अत्यधिक खर्च नहीं करना चाहिए, लेकिन हिटलर ने उसे बर्खास्त कर दिया।
3.6 नात्सी विश्वदृष्टि (The Nazi Worldview)
नात्सी विचारधारा का एक महत्वपूर्ण पहलू था **नस्लीय पदानुक्रम (racial hierarchy)**।
- नाजियों का मानना था कि **नॉर्डिक जर्मन आर्य (Nordic German Aryans)** सबसे ऊपर थे, जबकि यहूदी सबसे नीचे थे।
- यहूदी सभी समस्याओं की जड़ माने जाते थे, और उन्हें **'अवर' (inferior)** और **'अवांछनीय' (undesirable)** कहा जाता था।
- वे अन्य 'अवांछनीय' समूहों को भी शामिल करते थे, जैसे जिप्सी, काले, रूसी, और यहां तक कि कुछ जर्मन भी जो मानसिक या शारीरिक रूप से विकलांग थे।
- ये लोग 'अवांछनीय' थे जिन्हें समाज में जीने का कोई अधिकार नहीं था।
जीवन स्थान की अवधारणा (Lebensraum - Living Space):
- हिटलर का मानना था कि जर्मनी को अपनी मातृभूमि पर पर्याप्त 'जीवन स्थान' प्राप्त करने के लिए पूर्व की ओर बढ़ना चाहिए।
- इसका अर्थ था रूस और पूर्वी यूरोप के अन्य हिस्सों पर कब्जा करना, जहाँ जर्मन बसेंगे और स्थानीय आबादी को बेदखल या नष्ट कर दिया जाएगा।
3.7 नात्सीवाद और साम्राज्य का विस्तार (Nazism and the Empire Expansion)
- **1 सितंबर 1939:** जर्मनी ने पोलैंड पर हमला किया, जिससे फ्रांस और इंग्लैंड के साथ युद्ध शुरू हो गया। इसने **द्वितीय विश्व युद्ध (Second World War)** की शुरुआत को चिह्नित किया।
- सितंबर 1940 में, जर्मनी, इटली और जापान ने **त्रिपक्षीय संधि (Tripartite Pact)** पर हस्ताक्षर किए।
- जून 1941 में, हिटलर ने सोवियत संघ पर हमला किया, जो उसकी एक ऐतिहासिक गलती साबित हुई। रूसी रेड आर्मी ने जर्मन सैनिकों को भारी हार दी।
- पूर्वी मोर्चे पर जर्मन सेना को भारी नुकसान हुआ, जिससे सोवियत संघ को यूरोप के पूर्वी छोर पर नात्सी प्रभाव का विस्तार करने में मदद मिली।
- **दिसंबर 1941:** जापान ने पर्ल हार्बर पर हमला किया और अमेरिका के नियंत्रण वाले प्रशांत महासागर के द्वीपों पर भी कब्जा कर लिया।
- इसके बाद, अमेरिका द्वितीय विश्व युद्ध में शामिल हो गया।
- **मई 1945:** जर्मनी ने मित्र राष्ट्रों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। हिटलर और गोएबल्स ने बर्लिन में आत्महत्या कर ली।
3.8 नरसंहार (The Holocaust)
**नरसंहार (Holocaust)** एक व्यवस्थित, राज्य-प्रायोजित उत्पीड़न और अनुमानित 60 लाख यहूदियों, 2 लाख जिप्सियों और 10 लाख पोलिश नागरिकों सहित 1.1 करोड़ लोगों की हत्या थी, जो नात्सी शासन और उसके सहयोगियों द्वारा की गई थी।
- यह नरसंहार गैस चैंबरों, शूटिंग, भुखमरी और बीमारी के माध्यम से किया गया था।
- नाजियों ने यूरोप के विभिन्न हिस्सों से यहूदियों को निर्वासन शिविरों जैसे **ऑशविट्ज़ (Auschwitz)** और बुचेनवाल्ड (Buchenwald) में भेजा।
- यह नरसंहार नात्सियों की नस्लीय श्रेष्ठता और 'जीवन स्थान' की विचारधारा का सीधा परिणाम था।
3.9 युवकों के लिए नात्सी दृष्टिकोण (Youth in Nazi Germany)
- नात्सी सरकार का मानना था कि मजबूत नात्सी समाज बनाने के लिए **युवाओं का नियंत्रण** महत्वपूर्ण है।
- बच्चों को सिखाया जाता था कि वे **यहूदियों से घृणा करें** और हिटलर की पूजा करें।
- स्कूलों में, पाठ्यपुस्तकों को फिर से लिखा गया, और नस्लीय विज्ञान नामक एक नया विषय पेश किया गया।
- गणित की कक्षाओं में, बच्चों को सिखाया जाता था कि 'अवांछनीय' लोगों को जन्म देने पर कितना खर्च आएगा।
- **यहूदी शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया, और यहूदी बच्चों को स्कूलों से बाहर कर दिया गया।**
- शारीरिक रूप से विकलांग जर्मन बच्चों को भी स्कूल से निकाल दिया गया और बाद में उन्हें गैस चैंबरों में मार दिया गया।
- **10 साल की उम्र** में, बच्चों को 'यंग फोक' (Jungvolk) में शामिल होना पड़ता था।
- **14 साल की उम्र** में, उन्हें नात्सी युवा संगठन **हिटलर यूथ (Hitler Youth)** में शामिल होना पड़ता था।
- **18 साल की उम्र** में, उन्हें श्रम सेवा में शामिल होना पड़ता था।
- युवाओं को आक्रामकता, हिंसा और युद्ध की पूजा करना सिखाया जाता था।
3.10 नात्सी जर्मनी में महिलाएँ (Women in Nazi Germany)
- नात्सियों का मानना था कि महिलाओं का मुख्य उद्देश्य अच्छी माताएँ बनना और शुद्ध आर्य बच्चे पैदा करना है।
- महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार नहीं थे।
- जिन महिलाओं ने 'नस्लीय रूप से अवांछनीय' बच्चों को जन्म दिया, उन्हें दंडित किया गया।
- जिन महिलाओं ने 'नस्लीय रूप से वांछनीय' बच्चों को जन्म दिया, उन्हें पुरस्कार दिए गए, जैसे **मानद क्रॉस (Honor Cross)**।
- 4 बच्चे - कांस्य क्रॉस।
- 6 बच्चे - चांदी क्रॉस।
- 8 या अधिक बच्चे - सोने का क्रॉस।
- महिलाओं को दुकानों पर विशेष उपचार दिया जाता था, और उन्हें सीटें भी दी जाती थीं।
- यहूदी महिलाओं के साथ सार्वजनिक रूप से दुर्व्यवहार किया जाता था और उन्हें अपमानित किया जाता था।
3.11 कला, साहित्य और संस्कृति (Art, Literature, and Culture)
- नात्सी प्रचार ने हिटलर को एक मसीहा के रूप में प्रस्तुत किया जिसने जर्मनी को बचाया था।
- उन्होंने मीडिया के हर रूप का उपयोग किया - पोस्टर, फिल्में, रेडियो, झंडे, सार्वजनिक भाषण - अपने संदेश को फैलाने के लिए।
- नफरत भरे भाषणों को बढ़ावा दिया गया, विशेषकर यहूदियों के खिलाफ।
- यहूदियों को विकृत और शैतानी के रूप में दर्शाया गया।
- नात्सियों ने कला और साहित्य पर भी सेंसरशिप लागू की, केवल वही सामग्री की अनुमति दी जो उनकी विचारधारा के अनुरूप थी।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)
I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।
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वीमर गणराज्य का जन्म कब हुआ था?
नवंबर 1918 में।
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वर्साय की संधि जर्मनी पर कब थोपी गई थी?
प्रथम विश्व युद्ध (1918) के बाद।
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जर्मनी की मुद्रा का नाम क्या था?
मार्क (Mark)।
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एडॉल्फ हिटलर का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
1889 में ऑस्ट्रिया में।
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नात्सी पार्टी का पूरा नाम क्या था?
नेशनल सोशलिस्ट जर्मन वर्कर्स पार्टी (National Socialist German Workers' Party)।
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हिटलर जर्मनी का चांसलर कब बना?
30 जनवरी 1933 को।
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'सक्षमता अधिनियम' (Enabling Act) कब पारित हुआ था?
3 मार्च 1933 को।
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गेस्टापो (Gestapo) क्या था?
नात्सी जर्मनी की गुप्त राज्य पुलिस।
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द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत कब हुई थी?
1 सितंबर 1939 को (जर्मनी द्वारा पोलैंड पर हमला)।
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नेरसंहार (Holocaust) में कितने यहूदियों का अनुमानित नरसंहार किया गया था?
लगभग 60 लाख यहूदियों का।
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हिटलर यूथ (Hitler Youth) क्या था?
नात्सी जर्मनी का युवा संगठन जिसमें 14 साल की उम्र के बच्चों को शामिल होना पड़ता था।
II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30-50 शब्द) में उत्तर दें।
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वर्साय की संधि जर्मनी के लिए क्यों अपमानजनक थी?
वर्साय की संधि जर्मनी के लिए बेहद कठोर और अपमानजनक थी क्योंकि इसने जर्मनी पर भारी युद्ध क्षतिपूर्ति (6 अरब पाउंड) लगाई, उसके उपनिवेश, क्षेत्र और संसाधनों का एक बड़ा हिस्सा छीन लिया, और उसकी सैन्य शक्ति को कम कर दिया। इस संधि ने जर्मन जनता में गहरा गुस्सा और प्रतिशोध की भावना पैदा की, जिससे नात्सीवाद के उदय का मार्ग प्रशस्त हुआ।
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वीमर गणराज्य के दो मुख्य दोष क्या थे?
वीमर गणराज्य के दो मुख्य दोष आनुपातिक प्रतिनिधित्व और अनुच्छेद 48 थे। आनुपातिक प्रतिनिधित्व के कारण कोई भी पार्टी बहुमत हासिल नहीं कर पाती थी, जिससे अस्थिर गठबंधन सरकारें बनती थीं। अनुच्छेद 48 ने राष्ट्रपति को आपातकालीन शक्तियां दीं, जिससे नागरिक अधिकारों को निलंबित किया जा सकता था; इस अनुच्छेद का बार-बार दुरुपयोग हुआ, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया कमजोर हुई।
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नात्सियों की 'जीवन स्थान' (Lebensraum) की अवधारणा क्या थी?
नात्सियों की 'जीवन स्थान' की अवधारणा हिटलर के इस विचार पर आधारित थी कि जर्मनी को अपनी मातृभूमि पर पर्याप्त विस्तार प्राप्त करने के लिए पूर्व की ओर भौगोलिक सीमाएँ बढ़ानी चाहिए। इसका अर्थ था पूर्वी यूरोप, विशेष रूप से रूस, पर कब्जा करना ताकि जर्मन बसने वालों के लिए नए क्षेत्र उपलब्ध हों और वहाँ की स्थानीय आबादी को बेदखल या नष्ट कर दिया जाए। यह विचार उनकी नस्लीय श्रेष्ठता की विचारधारा से जुड़ा था।
III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।
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प्रथम विश्व युद्ध के बाद जर्मनी में अति-मुद्रास्फीति की स्थिति का वर्णन करें।
प्रथम विश्व युद्ध के बाद जर्मनी को भारी युद्ध क्षतिपूर्ति का सामना करना पड़ा। इस कर्ज को चुकाने और अपनी अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए, जर्मनी ने बड़े पैमाने पर कागजी मुद्रा छापना शुरू कर दिया। इसका परिणाम **अति-मुद्रास्फीति (hyperinflation)** के रूप में सामने आया, एक ऐसी स्थिति जहाँ वस्तुओं की कीमतें तेजी से बढ़ती हैं और मुद्रा का मूल्य नाटकीय रूप से गिर जाता है। 1923 तक, जर्मन मुद्रा, मार्क, का मूल्य इस कदर गिर गया कि एक अमेरिकी डॉलर की कीमत खरबों मार्क तक पहुंच गई।
इस अति-मुद्रास्फीति का जर्मनी की अर्थव्यवस्था और समाज पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा। मध्य वर्ग, वेतनभोगी कर्मचारी और पेंशनभोगी अपनी बचत खो चुके थे, क्योंकि मुद्रा के मूल्यहीन होने से उनकी वित्तीय सुरक्षा समाप्त हो गई थी। रोटी का एक पाव खरीदने के लिए भी लोगों को गाड़ी भर पैसा ले जाना पड़ता था। छोटे व्यवसायी भी बर्बाद हो गए थे क्योंकि उनकी पूंजी का मूल्य तेजी से गिर गया। इस आर्थिक संकट ने जर्मन जनता में सरकार के प्रति अविश्वास और निराशा की भावना को गहरा किया, जिसने बाद में हिटलर और नात्सी पार्टी को सत्ता में आने का मौका दिया, क्योंकि उन्होंने स्थिरता और आर्थिक सुधार का वादा किया था।
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नात्सी जर्मनी में युवकों के लिए कौन सी नीतियाँ अपनाई गईं?
नात्सी जर्मनी में, हिटलर शासन ने युवाओं को अपनी विचारधारा के अनुसार ढालने के लिए एक सुनियोजित नीति अपनाई, क्योंकि उनका मानना था कि एक मजबूत नात्सी समाज के निर्माण के लिए युवाओं का नियंत्रण महत्वपूर्ण है। स्कूलों में, पाठ्यपुस्तकों को फिर से लिखा गया ताकि नात्सी विचारधारा को बढ़ावा दिया जा सके, और 'नस्लीय विज्ञान' नामक एक नया विषय पेश किया गया। बच्चों को यहूदियों से घृणा करना और हिटलर की पूजा करना सिखाया जाता था। यहूदी शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया और यहूदी बच्चों को स्कूलों से बाहर कर दिया गया। शारीरिक या मानसिक रूप से विकलांग जर्मन बच्चों को भी स्कूलों से निकाल दिया गया और बाद में उन्हें गैस चैंबरों में मार दिया गया, क्योंकि उन्हें 'अवांछनीय' माना जाता था।
शिक्षा के बाहर भी, बच्चों और युवाओं को नात्सी संगठनों में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता था। 10 साल की उम्र में, बच्चों को 'यंग फोक' (Jungvolk) में शामिल होना पड़ता था। 14 साल की उम्र में, उन्हें अनिवार्य रूप से नात्सी युवा संगठन **'हिटलर यूथ' (Hitler Youth)** में शामिल होना पड़ता था, जहाँ उन्हें आक्रामकता, हिंसा और युद्ध की पूजा करना सिखाया जाता था। 18 साल की उम्र में, उन्हें श्रम सेवा में शामिल होना पड़ता था। इन संगठनों का उद्देश्य युवाओं में नात्सी मूल्यों, राष्ट्रवाद और सैन्य अनुशासन को विकसित करना था, जिससे उन्हें भविष्य के वफादार नात्सी नागरिक और सैनिक बनाया जा सके।
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