अध्याय 3: नात्सीवाद और हिटलर का उदय (Nazism and the Rise of Hitler)

परिचय

1945 के वसंत में, जर्मनी के अंतिम पराजय के साथ, बर्लिन में एक 11 वर्षीय जर्मन लड़के हेलमुथ (Helmut) ने अपने माता-पिता को बात करते हुए सुना। उसके पिता, एक नात्सी समर्थक और चिकित्सक, आत्महत्या पर विचार कर रहे थे, क्योंकि उन्हें डर था कि मित्र राष्ट्र अब नात्सियों के साथ वैसा ही व्यवहार करेंगे जैसा उन्होंने यहूदियों और अन्य 'अवांछनीय' लोगों के साथ किया था। हेलमुथ ने अगले दिन अपने पिता और माँ को एक सैनिक वर्दी में गोली मारते हुए देखा। यह घटना दूसरे विश्व युद्ध और नात्सी जर्मनी की भयावहता को दर्शाती है।

3.1 युद्ध के बाद की शुरुआत: वीमर गणराज्य का जन्म (Birth of the Weimar Republic)

**पहला विश्व युद्ध (1914-1918)** मित्र राष्ट्रों (इंग्लैंड, फ्रांस, रूस, बाद में इटली और रोमानिया) और केंद्रीय शक्तियों (जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, तुर्की) के बीच लड़ा गया था। जर्मनी ने शुरुआत में महत्वपूर्ण लाभ हासिल किए, फ्रांस और बेल्जियम पर कब्जा कर लिया, लेकिन 1917 में अमेरिका के शामिल होने से मित्र राष्ट्रों को मजबूती मिली। केंद्रीय शक्तियों को 1918 में हार माननी पड़ी।

वर्साय की संधि की प्रमुख शर्तें:

कई जर्मनों ने वीमर गणराज्य को युद्ध में हार और वर्साय की संधि के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने इसे **"नवंबर अपराधी" (November Criminals)** कहा।

युद्ध का प्रभाव (The Impact of the War):

3.2 डिप्रेशन के वर्ष (Years of Depression)

1924-1928 के बीच कुछ स्थिरता रही, लेकिन यह अल्पकालिक थी, क्योंकि जर्मन निवेश अमेरिकी ऋण पर निर्भर था। **1929 में वॉल स्ट्रीट एक्सचेंज के ढहने** से अमेरिकी अर्थव्यवस्था में भारी मंदी आई, जिसका जर्मनी पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा।

वीमर गणराज्य में दोष (Defects in the Weimar Republic):

इन कमियों ने वीमर गणराज्य को कमजोर कर दिया और इसे एक तानाशाह के उदय के लिए संवेदनशील बना दिया।

3.3 हिटलर का उदय (The Rise of Hitler)

**एडॉल्फ हिटलर (Adolf Hitler)** का जन्म 1889 में ऑस्ट्रिया में हुआ था। वह प्रथम विश्व युद्ध में एक संदेशवाहक के रूप में सेना में शामिल हुए। युद्ध में जर्मनी की हार ने उन्हें क्रोधित कर दिया, और वर्साय की संधि ने उन्हें और भी कड़वा बना दिया।

हिटलर का करिश्माई व्यक्तित्व और प्रचार:

3.4 लोकतंत्र का विनाश (The Destruction of Democracy)

3.5 पुनर्निर्माण (Reconstruction)

हिटलर ने जर्मनी की अर्थव्यवस्था को पुनर्निर्माण करने के लिए **ह्याल्मार शाक्त (Hjalmar Schacht)** को जिम्मेदारी दी।

3.6 नात्सी विश्वदृष्टि (The Nazi Worldview)

नात्सी विचारधारा का एक महत्वपूर्ण पहलू था **नस्लीय पदानुक्रम (racial hierarchy)**।

जीवन स्थान की अवधारणा (Lebensraum - Living Space):

3.7 नात्सीवाद और साम्राज्य का विस्तार (Nazism and the Empire Expansion)

3.8 नरसंहार (The Holocaust)

**नरसंहार (Holocaust)** एक व्यवस्थित, राज्य-प्रायोजित उत्पीड़न और अनुमानित 60 लाख यहूदियों, 2 लाख जिप्सियों और 10 लाख पोलिश नागरिकों सहित 1.1 करोड़ लोगों की हत्या थी, जो नात्सी शासन और उसके सहयोगियों द्वारा की गई थी।

3.9 युवकों के लिए नात्सी दृष्टिकोण (Youth in Nazi Germany)

3.10 नात्सी जर्मनी में महिलाएँ (Women in Nazi Germany)

3.11 कला, साहित्य और संस्कृति (Art, Literature, and Culture)

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)

I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।

  1. वीमर गणराज्य का जन्म कब हुआ था?

    नवंबर 1918 में।

  2. वर्साय की संधि जर्मनी पर कब थोपी गई थी?

    प्रथम विश्व युद्ध (1918) के बाद।

  3. जर्मनी की मुद्रा का नाम क्या था?

    मार्क (Mark)।

  4. एडॉल्फ हिटलर का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

    1889 में ऑस्ट्रिया में।

  5. नात्सी पार्टी का पूरा नाम क्या था?

    नेशनल सोशलिस्ट जर्मन वर्कर्स पार्टी (National Socialist German Workers' Party)।

  6. हिटलर जर्मनी का चांसलर कब बना?

    30 जनवरी 1933 को।

  7. 'सक्षमता अधिनियम' (Enabling Act) कब पारित हुआ था?

    3 मार्च 1933 को।

  8. गेस्टापो (Gestapo) क्या था?

    नात्सी जर्मनी की गुप्त राज्य पुलिस।

  9. द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत कब हुई थी?

    1 सितंबर 1939 को (जर्मनी द्वारा पोलैंड पर हमला)।

  10. नेरसंहार (Holocaust) में कितने यहूदियों का अनुमानित नरसंहार किया गया था?

    लगभग 60 लाख यहूदियों का।

  11. हिटलर यूथ (Hitler Youth) क्या था?

    नात्सी जर्मनी का युवा संगठन जिसमें 14 साल की उम्र के बच्चों को शामिल होना पड़ता था।

II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30-50 शब्द) में उत्तर दें।

  1. वर्साय की संधि जर्मनी के लिए क्यों अपमानजनक थी?

    वर्साय की संधि जर्मनी के लिए बेहद कठोर और अपमानजनक थी क्योंकि इसने जर्मनी पर भारी युद्ध क्षतिपूर्ति (6 अरब पाउंड) लगाई, उसके उपनिवेश, क्षेत्र और संसाधनों का एक बड़ा हिस्सा छीन लिया, और उसकी सैन्य शक्ति को कम कर दिया। इस संधि ने जर्मन जनता में गहरा गुस्सा और प्रतिशोध की भावना पैदा की, जिससे नात्सीवाद के उदय का मार्ग प्रशस्त हुआ।

  2. वीमर गणराज्य के दो मुख्य दोष क्या थे?

    वीमर गणराज्य के दो मुख्य दोष आनुपातिक प्रतिनिधित्व और अनुच्छेद 48 थे। आनुपातिक प्रतिनिधित्व के कारण कोई भी पार्टी बहुमत हासिल नहीं कर पाती थी, जिससे अस्थिर गठबंधन सरकारें बनती थीं। अनुच्छेद 48 ने राष्ट्रपति को आपातकालीन शक्तियां दीं, जिससे नागरिक अधिकारों को निलंबित किया जा सकता था; इस अनुच्छेद का बार-बार दुरुपयोग हुआ, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया कमजोर हुई।

  3. नात्सियों की 'जीवन स्थान' (Lebensraum) की अवधारणा क्या थी?

    नात्सियों की 'जीवन स्थान' की अवधारणा हिटलर के इस विचार पर आधारित थी कि जर्मनी को अपनी मातृभूमि पर पर्याप्त विस्तार प्राप्त करने के लिए पूर्व की ओर भौगोलिक सीमाएँ बढ़ानी चाहिए। इसका अर्थ था पूर्वी यूरोप, विशेष रूप से रूस, पर कब्जा करना ताकि जर्मन बसने वालों के लिए नए क्षेत्र उपलब्ध हों और वहाँ की स्थानीय आबादी को बेदखल या नष्ट कर दिया जाए। यह विचार उनकी नस्लीय श्रेष्ठता की विचारधारा से जुड़ा था।

III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।

  1. प्रथम विश्व युद्ध के बाद जर्मनी में अति-मुद्रास्फीति की स्थिति का वर्णन करें।

    प्रथम विश्व युद्ध के बाद जर्मनी को भारी युद्ध क्षतिपूर्ति का सामना करना पड़ा। इस कर्ज को चुकाने और अपनी अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए, जर्मनी ने बड़े पैमाने पर कागजी मुद्रा छापना शुरू कर दिया। इसका परिणाम **अति-मुद्रास्फीति (hyperinflation)** के रूप में सामने आया, एक ऐसी स्थिति जहाँ वस्तुओं की कीमतें तेजी से बढ़ती हैं और मुद्रा का मूल्य नाटकीय रूप से गिर जाता है। 1923 तक, जर्मन मुद्रा, मार्क, का मूल्य इस कदर गिर गया कि एक अमेरिकी डॉलर की कीमत खरबों मार्क तक पहुंच गई।

    इस अति-मुद्रास्फीति का जर्मनी की अर्थव्यवस्था और समाज पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा। मध्य वर्ग, वेतनभोगी कर्मचारी और पेंशनभोगी अपनी बचत खो चुके थे, क्योंकि मुद्रा के मूल्यहीन होने से उनकी वित्तीय सुरक्षा समाप्त हो गई थी। रोटी का एक पाव खरीदने के लिए भी लोगों को गाड़ी भर पैसा ले जाना पड़ता था। छोटे व्यवसायी भी बर्बाद हो गए थे क्योंकि उनकी पूंजी का मूल्य तेजी से गिर गया। इस आर्थिक संकट ने जर्मन जनता में सरकार के प्रति अविश्वास और निराशा की भावना को गहरा किया, जिसने बाद में हिटलर और नात्सी पार्टी को सत्ता में आने का मौका दिया, क्योंकि उन्होंने स्थिरता और आर्थिक सुधार का वादा किया था।

  2. नात्सी जर्मनी में युवकों के लिए कौन सी नीतियाँ अपनाई गईं?

    नात्सी जर्मनी में, हिटलर शासन ने युवाओं को अपनी विचारधारा के अनुसार ढालने के लिए एक सुनियोजित नीति अपनाई, क्योंकि उनका मानना था कि एक मजबूत नात्सी समाज के निर्माण के लिए युवाओं का नियंत्रण महत्वपूर्ण है। स्कूलों में, पाठ्यपुस्तकों को फिर से लिखा गया ताकि नात्सी विचारधारा को बढ़ावा दिया जा सके, और 'नस्लीय विज्ञान' नामक एक नया विषय पेश किया गया। बच्चों को यहूदियों से घृणा करना और हिटलर की पूजा करना सिखाया जाता था। यहूदी शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया और यहूदी बच्चों को स्कूलों से बाहर कर दिया गया। शारीरिक या मानसिक रूप से विकलांग जर्मन बच्चों को भी स्कूलों से निकाल दिया गया और बाद में उन्हें गैस चैंबरों में मार दिया गया, क्योंकि उन्हें 'अवांछनीय' माना जाता था।

    शिक्षा के बाहर भी, बच्चों और युवाओं को नात्सी संगठनों में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता था। 10 साल की उम्र में, बच्चों को 'यंग फोक' (Jungvolk) में शामिल होना पड़ता था। 14 साल की उम्र में, उन्हें अनिवार्य रूप से नात्सी युवा संगठन **'हिटलर यूथ' (Hitler Youth)** में शामिल होना पड़ता था, जहाँ उन्हें आक्रामकता, हिंसा और युद्ध की पूजा करना सिखाया जाता था। 18 साल की उम्र में, उन्हें श्रम सेवा में शामिल होना पड़ता था। इन संगठनों का उद्देश्य युवाओं में नात्सी मूल्यों, राष्ट्रवाद और सैन्य अनुशासन को विकसित करना था, जिससे उन्हें भविष्य के वफादार नात्सी नागरिक और सैनिक बनाया जा सके।

(ब्राउज़र के प्रिंट-टू-पीडीएफ फ़ंक्शन का उपयोग करता है। दिखावट भिन्न हो सकती है।)