अध्याय 6: जनसंख्या (Population)

परिचय

जनसंख्या (Population) एक महत्वपूर्ण संसाधन है। मनुष्य ही संसाधनों का उपयोग करते हैं और सामाजिक तथा सांस्कृतिक वातावरण का निर्माण करते हैं। जनसंख्या वितरण, घनत्व, वृद्धि और विशेषताओं का अध्ययन भूगोल में महत्वपूर्ण है। 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत की जनसंख्या 1,210 मिलियन (1.21 अरब) थी, जो विश्व की कुल जनसंख्या का 17.5% है।

6.1 जनसंख्या का आकार एवं वितरण (Population Size and Distribution)

1. जनसंख्या का आकार (Size of Population):

2. जनसंख्या का वितरण (Distribution of Population):

6.2 जनसंख्या वृद्धि एवं जनसंख्या परिवर्तन की प्रक्रियाएँ (Population Growth and Processes of Population Change)

जनसंख्या वृद्धि (Population Growth) एक निश्चित अवधि में किसी देश के निवासियों की संख्या में परिवर्तन है।

जनसंख्या परिवर्तन की प्रक्रियाएँ (Processes of Population Change):

जनसंख्या परिवर्तन के तीन मुख्य कारक हैं:

  1. जन्म दर (Birth Rate): प्रति 1,000 व्यक्तियों पर जीवित जन्मों की संख्या। भारत में मृत्यु दर में कमी के कारण जन्म दर में वृद्धि हुई है, जिससे जनसंख्या वृद्धि हुई है।
  2. मृत्यु दर (Death Rate): प्रति 1,000 व्यक्तियों पर प्रति वर्ष होने वाली मौतों की संख्या। भारत में मृत्यु दर में तेजी से गिरावट आई है, जिससे जनसंख्या वृद्धि में योगदान हुआ है।
  3. प्रवास (Migration): लोगों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना। यह जनसंख्या परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण निर्धारक है।
    • **आंतरिक प्रवास (Internal Migration):** देश के भीतर (शहरों से शहरों में, गाँवों से शहरों में)। इसका देश की कुल जनसंख्या पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन यह जनसंख्या वितरण को प्रभावित करता है। भारत में, प्रवास मुख्य रूप से ग्रामीण से शहरी क्षेत्रों की ओर होता है क्योंकि शहरों में बेहतर रोजगार, शिक्षा और जीवनशैली के अवसर होते हैं।
    • **अंतर्राष्ट्रीय प्रवास (International Migration):** देशों के बीच। यह कुल जनसंख्या के आकार को प्रभावित करता है।

6.3 जनसंख्या की विशेषताएँ/गुण (Characteristics of Population)

जनसंख्या की गुणवत्ता आयु, लिंग, साक्षरता दर, व्यावसायिक संरचना और स्वास्थ्य जैसी विशेषताओं पर निर्भर करती है।

1. आयु संरचना (Age Composition):

किसी देश की जनसंख्या को सामान्यतः तीन व्यापक आयु समूहों में विभाजित किया जाता है:

आश्रितों (बच्चों और वृद्धों) का अनुपात जनसंख्या की सामाजिक-आर्थिक संरचना को प्रभावित करता है।

2. लिंगानुपात (Sex Ratio):

3. साक्षरता दर (Literacy Rate):

4. व्यावसायिक संरचना (Occupational Structure):

विभिन्न प्रकार के व्यवसायों में लगे कार्यशील जनसंख्या के वितरण को **व्यावसायिक संरचना** कहते हैं।

विकसित देशों में द्वितीयक और तृतीयक गतिविधियों में अधिक लोग लगे होते हैं, जबकि विकासशील देशों में प्राथमिक गतिविधियों में अधिक लोग लगे होते हैं। भारत में हाल के वर्षों में द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रों में रोजगार में वृद्धि हुई है।

5. स्वास्थ्य (Health):

6. किशोर जनसंख्या (Adolescent Population):

6.4 राष्ट्रीय जनसंख्या नीति (National Population Policy - NPP 2000)

राष्ट्रीय जनसंख्या नीति 2000 सरकार का एक महत्वपूर्ण नीतिगत ढाँचा है जिसका उद्देश्य जनसंख्या से संबंधित मुद्दों को संबोधित करना है।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)

I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।

  1. 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या कितनी थी?

    1,210 मिलियन (1.21 अरब)।

  2. जनसंख्या वृद्धि दर को किसमें व्यक्त किया जाता है?

    प्रति वर्ष प्रतिशत में (वार्षिक वृद्धि दर)।

  3. प्रति 1,000 व्यक्तियों पर जीवित जन्मों की संख्या को क्या कहते हैं?

    जन्म दर।

  4. प्रति 1,000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या को क्या कहते हैं?

    लिंगानुपात।

  5. 7 वर्ष या उससे अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति जो समझ के साथ पढ़ और लिख सकता है, उसे क्या कहते हैं?

    साक्षर।

  6. कृषि, वानिकी और खनन किस प्रकार की गतिविधियों में आते हैं?

    प्राथमिक गतिविधियाँ।

  7. राष्ट्रीय जनसंख्या नीति 2000 का एक मुख्य उद्देश्य क्या है?

    14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना।

II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30-50 शब्द) में उत्तर दें।

  1. भारत में जनसंख्या वितरण इतना असमान क्यों है?

    भारत में जनसंख्या वितरण कई कारकों के कारण असमान है। उपजाऊ मैदान (जैसे गंगा के मैदान), पर्याप्त पानी की उपलब्धता, समतल भूभाग, और औद्योगिक विकास वाले क्षेत्र सघन आबादी वाले होते हैं। जबकि पहाड़ी इलाके, शुष्क क्षेत्र (रेगिस्तान), और घने वन क्षेत्र विरल आबादी वाले होते हैं क्योंकि जीवनयापन की स्थितियां कठिन होती हैं।

  2. जनसंख्या वृद्धि के तीन मुख्य घटक क्या हैं?

    जनसंख्या वृद्धि के तीन मुख्य घटक हैं: **जन्म दर**, जो प्रति 1,000 व्यक्तियों पर जीवित जन्मों की संख्या है; **मृत्यु दर**, जो प्रति 1,000 व्यक्तियों पर होने वाली मौतों की संख्या है; और **प्रवास**, जो लोगों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना है। ये तीनों कारक मिलकर जनसंख्या के आकार और संरचना में परिवर्तन लाते हैं।

  3. किशोर जनसंख्या के लिए राष्ट्रीय जनसंख्या नीति 2000 के क्या लक्ष्य हैं?

    राष्ट्रीय जनसंख्या नीति 2000 किशोर जनसंख्या पर विशेष ध्यान देती है। इसके लक्ष्यों में अनचाहे गर्भधारण और यौन संचारित रोगों के जोखिम से किशोरों की रक्षा करना शामिल है। यह नीति किशोरों को पौष्टिक आहार प्रदान करने और उन्हें शिक्षा तक बेहतर पहुँच सुनिश्चित करने के कार्यक्रमों को भी बढ़ावा देती है, ताकि वे स्वस्थ और उत्पादक नागरिक बन सकें।

III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।

  1. 'व्यावसायिक संरचना' क्या है? भारत में व्यावसायिक संरचना में हाल ही में क्या परिवर्तन देखे गए हैं?

    व्यावसायिक संरचना (Occupational Structure) से तात्पर्य विभिन्न आर्थिक गतिविधियों में कार्यरत कार्यशील जनसंख्या के वितरण से है। आर्थिक गतिविधियों को मुख्य रूप से तीन श्रेणियों में बांटा गया है: **प्राथमिक गतिविधियाँ** (जैसे कृषि, पशुपालन, मछली पकड़ना, खनन), **द्वितीयक गतिविधियाँ** (जैसे विनिर्माण, भवन निर्माण), और **तृतीयक गतिविधियाँ** (जैसे परिवहन, संचार, बैंकिंग, सेवाएँ)। किसी भी देश की व्यावसायिक संरचना उसके आर्थिक विकास के स्तर को दर्शाती है। विकसित देशों में आमतौर पर द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रों में अधिक जनसंख्या कार्यरत होती है, जबकि विकासशील देशों में प्राथमिक क्षेत्र का प्रभुत्व होता है।

    भारत में, ऐतिहासिक रूप से, प्राथमिक क्षेत्र में सबसे अधिक लोग लगे हुए थे, और यह आज भी सबसे बड़ा नियोक्ता है (लगभग 64% कार्यबल)। हालांकि, हाल के वर्षों में भारत की व्यावसायिक संरचना में महत्वपूर्ण परिवर्तन देखे गए हैं। कृषि जैसे प्राथमिक क्षेत्रों पर निर्भरता धीरे-धीरे कम हो रही है, जबकि विनिर्माण (द्वितीयक) और सेवाओं (तृतीयक) क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह बदलाव आर्थिक विकास और शहरीकरण का परिणाम है, जहाँ लोग बेहतर अवसरों और जीवन की गुणवत्ता के लिए शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं। यह प्रवृत्ति भारत की अर्थव्यवस्था के विकास और विविधीकरण को दर्शाती है।

  2. स्वास्थ्य जनसंख्या की संरचना का एक महत्वपूर्ण घटक क्यों है? भारत में स्वास्थ्य में सुधार के लिए क्या प्रयास किए गए हैं?

    स्वास्थ्य किसी भी देश की जनसंख्या की संरचना का एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटक है क्योंकि यह सीधे तौर पर विकास प्रक्रिया को प्रभावित करता है। एक स्वस्थ जनसंख्या ही उत्पादक हो सकती है, जो आर्थिक विकास में योगदान करती है। खराब स्वास्थ्य न केवल व्यक्तिगत कल्याण को प्रभावित करता है बल्कि कार्यक्षमता को कम करता है, उत्पादकता में बाधा डालता है, और स्वास्थ्य देखभाल पर बोझ बढ़ाता है, जिससे देश के संसाधनों पर दबाव पड़ता है। इसलिए, स्वस्थ जनसंख्या किसी भी राष्ट्र की संपत्ति है।

    भारत ने स्वास्थ्य स्थितियों में सुधार के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप मृत्यु दर में उल्लेखनीय गिरावट आई है और जीवन प्रत्याशा में वृद्धि हुई है। इन प्रयासों में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार, संक्रामक रोगों (जैसे चेचक, पोलियो) के उन्मूलन के लिए टीकाकरण कार्यक्रम, और बाल मृत्यु दर को कम करने के लिए मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल में सुधार शामिल हैं। 'जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम' और 'राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन' जैसी योजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने पर केंद्रित हैं। इन प्रयासों के बावजूद, प्रति व्यक्ति कैलोरी की खपत और कुपोषण अभी भी चिंता का विषय बने हुए हैं, खासकर बच्चों और महिलाओं में। सरकार लगातार स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुँच में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है ताकि सभी नागरिकों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित किया जा सके।

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