अध्याय 9: बल तथा गति के नियम (Force and Laws of Motion)
परिचय
पिछले अध्याय में हमने गति का वर्णन किया था, लेकिन हमने यह नहीं देखा कि गति का कारण क्या है। इस अध्याय में हम बल और गति के नियमों के बारे में जानेंगे। हम समझेंगे कि बल क्या होता है, विभिन्न प्रकार के बल क्या हैं, और सर आइजैक न्यूटन द्वारा प्रतिपादित गति के तीन नियम क्या हैं, जो यह बताते हैं कि वस्तुएं गति में क्यों होती हैं या क्यों नहीं होती हैं।
9.1 बल (Force)
एक **बल (Force)** वह धक्का (push) या खिंचाव (pull) है जो किसी वस्तु की स्थिति, गति की दिशा या उसके आकार को बदलता है या बदलने की कोशिश करता है। बल एक **सदिश राशि (Vector Quantity)** है (इसमें परिमाण और दिशा दोनों होते हैं)। बल की SI इकाई **न्यूटन (Newton, N)** है।
9.1.1 बलों के प्रकार (Types of Forces)
- **संतुलित बल (Balanced Forces):** यदि किसी वस्तु पर लगने वाले सभी बलों का परिणामी बल (net force) शून्य है, तो वे बल संतुलित बल कहलाते हैं। संतुलित बल किसी वस्तु की गति की अवस्था में परिवर्तन नहीं करते। यदि वस्तु विराम अवस्था में है, तो वह विराम अवस्था में ही रहेगी; यदि वस्तु एक समान वेग से गतिमान है, तो वह उसी वेग से गति करती रहेगी। उदाहरण: रस्सी-खींचने के खेल में, यदि दोनों टीमें समान बल लगा रही हैं, तो रस्सी नहीं हिलती।
- **असंतुलित बल (Unbalanced Forces):** यदि किसी वस्तु पर लगने वाले सभी बलों का परिणामी बल शून्य नहीं है, तो वे बल असंतुलित बल कहलाते हैं। असंतुलित बल किसी वस्तु की गति की अवस्था (विराम या एक समान गति) में परिवर्तन करते हैं। वे गतिमान वस्तु की चाल, दिशा या दोनों को बदल सकते हैं, या एक विराम अवस्था में रखी वस्तु को गतिमान कर सकते हैं। उदाहरण: जब आप फुटबॉल को किक मारते हैं, तो लगाया गया बल गेंद को गति देता है।
9.2 गति के नियम (Laws of Motion)
सर आइजैक न्यूटन ने गति के तीन नियमों को प्रतिपादित किया, जो शास्त्रीय यांत्रिकी के आधार हैं।
9.2.1 गति का पहला नियम (Newton's First Law of Motion)
"प्रत्येक वस्तु अपनी विराम अवस्था में अथवा एक सरल रेखा में एक समान गति की अवस्था में बनी रहती है, जब तक कि उस पर कोई बाहरी असंतुलित बल कार्य न करे।"
- इस नियम को **जड़त्व का नियम (Law of Inertia)** भी कहते हैं।
- **जड़त्व (Inertia):** किसी वस्तु का वह गुण जिसके कारण वह अपनी विराम अवस्था या एक समान गति की अवस्था में परिवर्तन का विरोध करती है।
- वस्तु का द्रव्यमान उसके जड़त्व का माप होता है। जितना अधिक द्रव्यमान, उतना अधिक जड़त्व।
- उदाहरण:
- जब एक चलती बस अचानक रुकती है, तो यात्री आगे की ओर झुक जाते हैं।
- जब एक बस अचानक चलती है, तो यात्री पीछे की ओर झुक जाते हैं।
- एक पेड़ को हिलाने पर फल नीचे गिरते हैं।
9.2.2 गति का दूसरा नियम (Newton's Second Law of Motion)
"किसी वस्तु के संवेग में परिवर्तन की दर उस पर लगाए गए असंतुलित बल के समानुपाती होती है, और यह परिवर्तन उसी दिशा में होता है जिस दिशा में बल लगता है।"
- **संवेग (Momentum):** किसी वस्तु का द्रव्यमान और वेग का गुणनफल। सूत्र: $संवेग (p) = द्रव्यमान (m) \times वेग (v)$ SI इकाई: किलोग्राम मीटर प्रति सेकंड (kg m/s) संवेग एक सदिश राशि है।
- गति के दूसरे नियम का गणितीय सूत्र: $F = ma$ जहाँ $F$ = बल, $m$ = द्रव्यमान, $a$ = त्वरण।
- इस नियम से बल की माप प्राप्त होती है। एक न्यूटन वह बल है जो 1 kg द्रव्यमान की वस्तु में 1 m/s² का त्वरण उत्पन्न करता है।
- उदाहरण:
- क्रिकेट खिलाड़ी कैच लेते समय गेंद के साथ अपने हाथों को पीछे खींचते हैं ताकि गेंद के संवेग में परिवर्तन की दर कम हो जाए और हाथ पर लगने वाला बल कम हो जाए।
- ऊंची कूद वाले एथलीट कूदने के बाद गद्दे या रेत पर गिरते हैं ताकि गिरने के समय को बढ़ाकर बल के प्रभाव को कम किया जा सके।
9.2.3 गति का तीसरा नियम (Newton's Third Law of Motion)
"प्रत्येक क्रिया के लिए, एक समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है।"
- इसका अर्थ है कि बल हमेशा युग्मों में होते हैं। दो अलग-अलग वस्तुओं पर दो बल कार्य करते हैं।
- क्रिया और प्रतिक्रिया बल हमेशा समान परिमाण के होते हैं लेकिन विपरीत दिशा में कार्य करते हैं।
- उदाहरण:
- जब आप किसी दीवार को धक्का देते हैं, तो दीवार भी आप पर समान और विपरीत बल लगाती है।
- बंदूक से गोली चलाने पर बंदूक पीछे की ओर हटती है (प्रतिक्षेप)।
- नाव से कूदने पर नाव पीछे की ओर हटती है।
- रॉकेट का प्रक्षेपण (गर्म गैसें नीचे की ओर धकेलती हैं, रॉकेट ऊपर उठता है)।
9.3 संवेग संरक्षण का नियम (Law of Conservation of Momentum)
"यदि दो या दो से अधिक वस्तुओं पर कोई बाहरी असंतुलित बल कार्य न कर रहा हो, तो उनका कुल संवेग संरक्षित रहता है।"
- इसका अर्थ है कि टक्कर से पहले और टक्कर के बाद कुल संवेग समान रहता है।
- सूत्र: यदि दो वस्तुएँ, $A$ (द्रव्यमान $m_A$, प्रारंभिक वेग $u_A$) और $B$ (द्रव्यमान $m_B$, प्रारंभिक वेग $u_B$) टकराती हैं, और टक्कर के बाद उनके वेग $v_A$ और $v_B$ हो जाते हैं, तो: $m_A u_A + m_B u_B = m_A v_A + m_B v_B$
- यह नियम रॉकेट प्रणोदन, बंदूकों के प्रतिक्षेप आदि के पीछे का सिद्धांत है।
यह अध्याय हमें यह समझने में मदद करता है कि वस्तुएं कैसे और क्यों गति करती हैं, जो हमारे चारों ओर की दुनिया को समझने के लिए मौलिक है।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)
I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।
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बल (Force) की परिभाषा दें।
बल वह धक्का या खिंचाव है जो किसी वस्तु की गति की अवस्था, दिशा या आकार में परिवर्तन करता है या करने का प्रयास करता है।
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बल की SI इकाई क्या है?
न्यूटन (Newton, N)।
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जड़त्व (Inertia) का नियम किस वैज्ञानिक से संबंधित है?
सर आइजैक न्यूटन के गति के पहले नियम से।
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संवेग (Momentum) की SI इकाई क्या है?
किलोग्राम मीटर प्रति सेकंड (kg m/s)।
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गति के दूसरे नियम का गणितीय सूत्र क्या है?
$F = ma$
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गति के तीसरे नियम का एक उदाहरण दें।
बंदूक से गोली चलाने पर बंदूक का पीछे की ओर हटना (प्रतिक्षेप)।
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किस नियम के अनुसार वस्तुओं का कुल संवेग टक्कर से पहले और टक्कर के बाद समान रहता है?
संवेग संरक्षण का नियम।
II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30-50 शब्द) में उत्तर दें।
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संतुलित बल और असंतुलित बल में क्या अंतर है?
संतुलित बल वे होते हैं जिनका परिणामी बल शून्य होता है और ये वस्तु की गति की अवस्था में कोई परिवर्तन नहीं करते। असंतुलित बल वे होते हैं जिनका परिणामी बल शून्य नहीं होता और ये वस्तु की गति की अवस्था (विराम या एक समान गति) में परिवर्तन करते हैं।
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जड़त्व (Inertia) को परिभाषित करें और इसका द्रव्यमान से क्या संबंध है?
जड़त्व किसी वस्तु का वह गुण है जिसके कारण वह अपनी विराम अवस्था या एक समान गति की अवस्था में किसी भी परिवर्तन का विरोध करती है। वस्तु का द्रव्यमान उसके जड़त्व का माप होता है; अधिक द्रव्यमान वाली वस्तु का जड़त्व अधिक होता है, और उसकी गति की अवस्था को बदलने के लिए अधिक बल की आवश्यकता होती है।
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क्रिकेट खिलाड़ी कैच लेते समय गेंद के साथ अपने हाथों को पीछे क्यों खींचते हैं?
क्रिकेट खिलाड़ी कैच लेते समय गेंद के साथ अपने हाथों को पीछे खींचते हैं ताकि गेंद के संवेग में परिवर्तन के लिए लगने वाले समय को बढ़ाया जा सके। गति के दूसरे नियम के अनुसार, जब संवेग परिवर्तन का समय बढ़ जाता है, तो हाथ पर लगने वाला बल कम हो जाता है, जिससे चोट लगने की संभावना कम हो जाती है।
III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।
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न्यूटन के गति के पहले नियम को उचित उदाहरणों के साथ समझाइए।
न्यूटन का गति का पहला नियम, जिसे जड़त्व का नियम भी कहा जाता है, यह बताता है कि "प्रत्येक वस्तु अपनी विराम अवस्था में अथवा एक सरल रेखा में एक समान गति की अवस्था में बनी रहती है, जब तक कि उस पर कोई बाहरी असंतुलित बल कार्य न करे।" इसका सीधा अर्थ यह है कि कोई वस्तु तब तक अपनी वर्तमान स्थिति (विराम या समान वेग से गतिमान) को बनाए रखेगी जब तक कि उसे बदलने के लिए कोई शुद्ध बाह्य बल न लगाया जाए। वस्तु का वह गुण जो उसकी गति की अवस्था में परिवर्तन का विरोध करता है, **जड़त्व (Inertia)** कहलाता है।
इस नियम के कई सामान्य उदाहरण हैं। पहला, जब आप एक बस में खड़े होते हैं और बस अचानक चलना शुरू कर देती है, तो आप पीछे की ओर गिरते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपका शरीर अपने जड़त्व के कारण विराम अवस्था में रहने की कोशिश करता है, जबकि बस का फर्श आपके पैरों को आगे खींचता है। दूसरा उदाहरण तब है जब एक चलती बस अचानक रुक जाती है; आप आगे की ओर झुक जाते हैं। यह इसलिए होता है क्योंकि आपका शरीर अपनी गति की अवस्था में रहने की कोशिश करता है, जबकि बस रुक जाती है। तीसरा उदाहरण पेड़ को हिलाने पर फलों का गिरना है। जब आप पेड़ को तेजी से हिलाते हैं, तो पेड़ गति में आता है, लेकिन फल जड़त्व के कारण अपनी विराम अवस्था में बने रहने की कोशिश करते हैं और गुरुत्वाकर्षण के कारण नीचे गिर जाते हैं। ये सभी उदाहरण स्पष्ट करते हैं कि जड़त्व वस्तु की गति की स्थिति को बनाए रखने का प्रयास करता है।
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न्यूटन के गति के तीसरे नियम को उपयुक्त उदाहरणों के साथ समझाइए।
न्यूटन का गति का तीसरा नियम कहता है, "प्रत्येक क्रिया के लिए, एक समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है।" इसका मतलब है कि जब एक वस्तु दूसरी वस्तु पर बल लगाती है (क्रिया), तो दूसरी वस्तु भी पहली वस्तु पर समान परिमाण का, लेकिन विपरीत दिशा में बल लगाती है (प्रतिक्रिया)। यह नियम इस बात पर जोर देता है कि बल कभी भी अकेले नहीं होते, बल्कि हमेशा युग्मों में होते हैं, जो दो अलग-अलग वस्तुओं पर कार्य करते हैं। क्रिया और प्रतिक्रिया बल एक ही समय में उत्पन्न होते हैं, भले ही उनके प्रभाव अलग-अलग दिखें।
इस नियम के कई व्यावहारिक उदाहरण हैं। जब आप तैरते हैं, तो आप पानी को पीछे की ओर धक्का देते हैं (क्रिया), और पानी आपको आगे की ओर धक्का देता है (प्रतिक्रिया)। इसी तरह, जब एक बंदूक से गोली चलाई जाती है, तो बंदूक गोली पर आगे की ओर बल लगाती है (क्रिया), और गोली बंदूक पर पीछे की ओर समान और विपरीत बल लगाती है, जिससे बंदूक पीछे हटती है (प्रतिक्षेप)। रॉकेट का प्रक्षेपण भी इसी सिद्धांत पर आधारित है: रॉकेट गर्म गैसों को अत्यधिक बल के साथ नीचे की ओर धकेलता है (क्रिया), और गैसें रॉकेट को ऊपर की ओर समान और विपरीत बल के साथ धकेलती हैं (प्रतिक्रिया), जिससे वह गति करता है। ये सभी उदाहरण दर्शाते हैं कि कैसे बल हमेशा परस्पर क्रिया में होते हैं और एक दूसरे पर प्रभाव डालते हैं।
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