अध्याय 6: ऊतक (Tissues)

परिचय

पिछले अध्याय में हमने जीवन की मौलिक इकाई – कोशिका के बारे में पढ़ा। बहुकोशिकीय जीवों में, लाखों कोशिकाएँ होती हैं। क्या ये सभी कोशिकाएँ एक जैसे कार्य करती हैं? नहीं। बहुकोशिकीय जीवों में कोशिकाएँ विशिष्ट कार्य करने के लिए समूहबद्ध होती हैं। कोशिकाओं का ऐसा समूह जो संरचना में समान होता है और एक विशिष्ट कार्य करता है, **ऊतक (Tissue)** कहलाता है। यह अध्याय आपको पादप और जंतु ऊतकों के विभिन्न प्रकारों, उनकी संरचनाओं और कार्यों से परिचित कराएगा।

6.1 पादप ऊतक (Plant Tissues)

पादप ऊतक मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं: **विभज्योतक (Meristematic Tissue)** और **स्थायी ऊतक (Permanent Tissue)**।

6.1.1 विभज्योतक (Meristematic Tissue)

ये पादप ऊतक हैं जिनमें कोशिकाएँ लगातार विभाजित होती रहती हैं और पौधे की वृद्धि में मदद करती हैं। ये ऊतक उन क्षेत्रों में पाए जाते हैं जहाँ तीव्र वृद्धि होती है, जैसे जड़ों और तनों के सिरे।

विभज्योतक कोशिकाओं की विशेषताएँ:

6.1.2 स्थायी ऊतक (Permanent Tissue)

विभज्योतक से बनी कोशिकाएँ एक विशिष्ट कार्य करने की क्षमता प्राप्त कर लेती हैं और विभाजित होने की अपनी क्षमता खो देती हैं। यह प्रक्रिया **विभेदीकरण (Differentiation)** कहलाती है, और ऐसी कोशिकाएँ स्थायी ऊतक बनाती हैं। स्थायी ऊतक दो प्रकार के होते हैं: **सरल स्थायी ऊतक (Simple Permanent Tissue)** और **जटिल स्थायी ऊतक (Complex Permanent Tissue)**।

सरल स्थायी ऊतक (Simple Permanent Tissue)

ये ऊतक एक ही प्रकार की कोशिकाओं से बने होते हैं।

जटिल स्थायी ऊतक (Complex Permanent Tissue)

ये ऊतक एक से अधिक प्रकार की कोशिकाओं से बने होते हैं, जो एक इकाई के रूप में एक साझा कार्य करती हैं। इन्हें **संवहनी ऊतक (Vascular Tissues)** भी कहा जाता है।

6.2 जंतु ऊतक (Animal Tissues)

जंतु ऊतक मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं: **उपल्का ऊतक (Epithelial Tissue)**, **संयोजी ऊतक (Connective Tissue)**, **पेशी ऊतक (Muscular Tissue)** और **तंत्रिका ऊतक (Nervous Tissue)**।

6.2.1 उपल्का ऊतक (Epithelial Tissue)

यह शरीर को ढकने या आंतरिक अंगों को पंक्तिबद्ध करने वाला सुरक्षात्मक ऊतक है। कोशिकाएँ कसकर एक साथ पैक होती हैं, जिससे एक निरंतर परत बनती है और अंतरकोशिकीय स्थान बहुत कम होता है।

6.2.2 संयोजी ऊतक (Connective Tissue)

ये ऊतक शरीर के अन्य ऊतकों और अंगों को जोड़ते, समर्थन करते या पैक करते हैं। कोशिकाओं को एक अंतरकोशिकीय मैट्रिक्स (matrix) में शिथिल रूप से फैलाया जाता है। मैट्रिक्स जैली जैसा, तरल, घना या कठोर हो सकता है।

6.2.3 पेशी ऊतक (Muscular Tissue)

यह ऊतक लंबी कोशिकाओं से बना होता है जिन्हें पेशी फाइबर कहते हैं, जो संकुचन और शिथिलन (contraction and relaxation) के लिए जिम्मेदार होते हैं, जिससे शरीर में गति होती है।

6.2.4 तंत्रिका ऊतक (Nervous Tissue)

यह ऊतक मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और नसों में पाया जाता है। यह उत्तेजना के प्रति प्रतिक्रिया करने की क्षमता में बहुत विशिष्ट होता है। इस ऊतक की कोशिकाएँ **न्यूरॉन (Neuron)** कहलाती हैं।

इस अध्याय में हमने देखा कि कैसे कोशिकाएँ मिलकर ऊतक बनाती हैं, और ये ऊतक बहुकोशिकीय जीवों में विभिन्न कार्यों को करने के लिए विशिष्ट होते हैं। यह कोशिकाओं से लेकर जीवों तक संगठन के स्तरों को समझने में महत्वपूर्ण है।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)

I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।

  1. ऊतक (Tissue) क्या है?

    कोशिकाओं का ऐसा समूह जो संरचना में समान होता है और एक विशिष्ट कार्य करता है, ऊतक कहलाता है।

  2. पादप ऊतकों के दो मुख्य प्रकारों के नाम बताइए।

    विभज्योतक (Meristematic Tissue) और स्थायी ऊतक (Permanent Tissue)।

  3. शीर्षस्थ विभज्योतक (Apical Meristem) कहाँ पाया जाता है?

    जड़ों और तनों के शीर्ष पर।

  4. जाइलम (Xylem) का मुख्य कार्य क्या है?

    जल और खनिजों को जड़ों से पौधे के अन्य भागों तक पहुंचाना।

  5. जंतुओं में पेशी ऊतक (Muscular Tissue) का मुख्य कार्य क्या है?

    शरीर में गति प्रदान करना (संकुचन और शिथिलन द्वारा)।

  6. रक्त किस प्रकार का ऊतक है?

    संयोजी ऊतक (Connective Tissue)।

  7. तंत्रिका ऊतक की कोशिका को क्या कहते हैं?

    न्यूरॉन (Neuron)।

II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30-50 शब्द) में उत्तर दें।

  1. विभेदीकरण (Differentiation) क्या है?

    विभेदीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें विभज्योतक से बनी कोशिकाएँ एक विशिष्ट कार्य करने की क्षमता प्राप्त कर लेती हैं और विभाजित होने की अपनी क्षमता खो देती हैं, जिससे वे स्थायी ऊतक बनाती हैं। यह कोशिकाओं को विशिष्ट संरचना और कार्य करने में सक्षम बनाता है।

  2. पैरेन्काइमा (Parenchyma) ऊतक के दो कार्य बताइए।

    पैरेन्काइमा भोजन (जैसे स्टार्च, प्रोटीन) का भंडारण करता है। यदि इसमें क्लोरोप्लास्ट होते हैं, तो यह प्रकाश संश्लेषण (क्लोरेन्काइमा) भी करता है। जलीय पौधों में, यह वायु गुहाओं (एरेन्काइमा) के माध्यम से उत्प्लावकता प्रदान करता है।

  3. स्क्लेरेन्काइमा (Sclerenchyma) ऊतक की विशेषताएँ और कार्य क्या हैं?

    स्क्लेरेन्काइमा मृत कोशिकाओं से बना होता है जिनकी कोशिका भित्ति लिग्निन के कारण बहुत मोटी होती है और इनके बीच कोई अंतरकोशिकीय स्थान नहीं होता। इसका मुख्य कार्य पौधे को कठोरता और यांत्रिक शक्ति प्रदान करना है, जैसे कि नारियल के रेशों और बीजों के कठोर आवरण में।

  4. ऐच्छिक पेशी और अनैच्छिक पेशी में क्या अंतर है?

    ऐच्छिक पेशियाँ (रेखित पेशी) वे होती हैं जिन्हें हम अपनी इच्छा के अनुसार नियंत्रित कर सकते हैं, जैसे हाथ-पैर की मांसपेशियाँ। अनैच्छिक पेशियाँ (अरेखित पेशी) वे होती हैं जिन्हें हम अपनी इच्छा से नियंत्रित नहीं कर सकते, जैसे आहार नली की मांसपेशियाँ और रक्त वाहिकाओं की दीवारें।

III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।

  1. पादप ऊतकों के विभज्योतक और स्थायी ऊतक के बीच अंतर स्पष्ट करें।

    पादप ऊतक मुख्य रूप से दो श्रेणियों में विभाजित होते हैं: विभज्योतक (Meristematic Tissue) और स्थायी ऊतक (Permanent Tissue), जो उनकी विभाजन क्षमता और कार्य में भिन्न होते हैं। **विभज्योतक** वे ऊतक होते हैं जिनकी कोशिकाएँ लगातार विभाजित होती रहती हैं और पौधे की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये ऊतक जड़ों और तनों के शीर्ष (शीर्षस्थ विभज्योतक), तने और जड़ की परिधि (पार्श्व विभज्योतक), और पर्व (अंतर्वेशी विभज्योतक) जैसे सक्रिय वृद्धि क्षेत्रों में पाए जाते हैं। इन कोशिकाओं में सघन कोशिकाद्रव्य, पतली कोशिका भित्ति होती है और रसधानियाँ अक्सर अनुपस्थित या बहुत छोटी होती हैं। इनका मुख्य कार्य पौधे में नई कोशिकाओं का निर्माण कर उसकी लंबाई और मोटाई बढ़ाना है।

    इसके विपरीत, **स्थायी ऊतक** उन कोशिकाओं से बने होते हैं जिन्होंने विभेदीकरण (differentiation) की प्रक्रिया द्वारा एक विशिष्ट कार्य करने की क्षमता प्राप्त कर ली है और अपनी विभाजन क्षमता खो दी है। ये कोशिकाएँ जीवित या मृत हो सकती हैं और इनकी कोशिका भित्ति मोटी या पतली हो सकती है। स्थायी ऊतक पौधे को संरचनात्मक सहायता, भोजन भंडारण, जल और भोजन का परिवहन, और सुरक्षा जैसे कार्य प्रदान करते हैं। इन्हें आगे सरल स्थायी ऊतक (जो एक ही प्रकार की कोशिकाओं से बने होते हैं, जैसे पैरेन्काइमा, कॉलेन्काइमा, स्क्लेरेन्काइमा) और जटिल स्थायी ऊतक (जो एक से अधिक प्रकार की कोशिकाओं से बने होते हैं, जैसे जाइलम और फ्लोएम) में विभाजित किया जाता है। विभज्योतक पौधे में वृद्धि को सक्षम बनाते हैं, जबकि स्थायी ऊतक विशिष्ट कार्यों को पूरा करने और पौधे की संरचना को बनाए रखने के लिए होते हैं।

  2. संयोजी ऊतक के विभिन्न प्रकारों का वर्णन करें और प्रत्येक का एक मुख्य कार्य बताइए।

    संयोजी ऊतक शरीर में सबसे विविध और प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले ऊतकों में से एक हैं, जो विभिन्न ऊतकों और अंगों को जोड़ते, सहारा देते और पैक करते हैं। इन ऊतकों की कोशिकाएँ एक अंतरकोशिकीय मैट्रिक्स में शिथिल रूप से फैली होती हैं, जो तरल, जैली जैसा, घना या कठोर हो सकता है। इसके कई प्रकार हैं: **रक्त (Blood)** एक तरल संयोजी ऊतक है जिसका मैट्रिक्स प्लाज्मा कहलाता है। यह ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड, हार्मोन, पोषक तत्वों और अपशिष्ट पदार्थों का परिवहन करता है। **हड्डी (Bone)** एक कठोर संयोजी ऊतक है जिसका मैट्रिक्स कैल्शियम और फास्फोरस यौगिकों से बना होता है। यह शरीर को संरचनात्मक ढाँचा प्रदान करती है और मांसपेशियों को सहारा देती है।

    **स्नायु (Ligament)** एक लोचदार संयोजी ऊतक है जो दो हड्डियों को एक साथ जोड़ता है, जबकि **कंडरा (Tendon)** मांसपेशियों को हड्डियों से जोड़ता है और इसमें महान शक्ति होती है। **उपास्थि (Cartilage)** एक ठोस लेकिन लोचदार संयोजी ऊतक है जो नाक, कान और श्वासनली में पाया जाता है; यह हड्डियों की सतहों को चिकना करता है और अंगों को सहारा देता है। **एरिओलर ऊतक (Areolar Tissue)** त्वचा और मांसपेशियों के बीच, और रक्त वाहिकाओं व नसों के चारों ओर पाया जाता है; यह अंगों को भरता है और ऊतक मरम्मत में मदद करता है। अंत में, **वसामय ऊतक (Adipose Tissue)** त्वचा के नीचे और अंगों के बीच वसा का भंडारण करता है, इन्सुलेटर के रूप में कार्य करता है। ये सभी संयोजी ऊतक शरीर की संरचनात्मक अखंडता और कार्यप्रणाली के लिए आवश्यक हैं।

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