अध्याय 5: जीवन की मौलिक इकाई (The Fundamental Unit of Life)

परिचय

जब हम अपने चारों ओर देखते हैं, तो हम सजीव और निर्जीव वस्तुओं को पाते हैं। सजीव वस्तुएं क्या हैं जो उन्हें निर्जीव वस्तुओं से अलग करती हैं? यह अध्याय आपको जीवन की सबसे छोटी संरचनात्मक और कार्यात्मक इकाई – **कोशिका (Cell)** से परिचित कराएगा। कोशिका वह मौलिक इकाई है जो सभी जीवित जीवों को बनाती है। हम कोशिकाओं की खोज, उनके प्रकार, उनकी संरचना और विभिन्न कोशिकांगों (organelles) के कार्यों का पता लगाएंगे।

5.1 कोशिका की खोज

कोशिका की खोज 1665 में **रॉबर्ट हुक** नामक वैज्ञानिक ने की थी। उन्होंने अपने स्वयं के बनाए हुए सूक्ष्मदर्शी (microscope) से कॉर्क (पेड़ की छाल का एक टुकड़ा) की पतली काट में मधुमक्खी के छत्ते जैसी संरचनाएं देखीं। उन्होंने इन छोटे कोष्ठकों को 'कोशिका' (लैटिन शब्द 'cella' से, जिसका अर्थ 'छोटा कमरा' होता है) नाम दिया।

5.2 कोशिका सिद्धांत (Cell Theory)

दो वैज्ञानिकों – **श्लाइडन (Schleiden, 1838)** और **श्वान (Schwann, 1839)** ने मिलकर कोशिका सिद्धांत प्रस्तुत किया:

बाद में, **विरचो (Virchow, 1855)** ने कोशिका सिद्धांत का विस्तार किया और बताया कि सभी कोशिकाएं पूर्व-मौजूद कोशिकाओं से ही उत्पन्न होती हैं (Omnis cellula e cellula)।

5.3 कोशिका के प्रकार: प्रोकैरियोटिक और यूकेरियोटिक कोशिकाएं

कोशिकाओं को उनके संगठन के आधार पर दो मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

5.3.1 प्रोकैरियोटिक कोशिकाएं (Prokaryotic Cells)

5.3.2 यूकेरियोटिक कोशिकाएं (Eukaryotic Cells)

एककोशिकीय (Unicellular) और बहुकोशिकीय (Multicellular) जीव:

5.4 कोशिका की संरचना

एक सामान्य यूकेरियोटिक कोशिका में तीन मुख्य घटक होते हैं:

  1. कोशिका झिल्ली (Cell Membrane)
  2. केन्द्रक (Nucleus)
  3. कोशिकाद्रव्य (Cytoplasm)

5.4.1 कोशिका झिल्ली (Cell Membrane) / प्लाज्मा झिल्ली (Plasma Membrane)

5.4.2 कोशिका भित्ति (Cell Wall) - केवल पादप कोशिकाओं में

5.4.3 केन्द्रक (Nucleus)

5.4.4 कोशिकाद्रव्य (Cytoplasm)

5.5 कोशिकांग (Cell Organelles)

कोशिकाद्रव्य में कई विशिष्ट संरचनाएं होती हैं जिन्हें कोशिकांग कहते हैं। प्रत्येक कोशिकांग का एक विशिष्ट कार्य होता है।

5.6 पादप कोशिका और जंतु कोशिका में अंतर

विशेषता पादप कोशिका जंतु कोशिका
कोशिका भित्ति उपस्थित अनुपस्थित
प्लास्टिड (क्लोरोप्लास्ट) उपस्थित अनुपस्थित
रसधानियाँ बड़ी, केंद्रीय रसधानी छोटी और अनेक, या अनुपस्थित
सेंट्रोसोम/सेंट्रियोल अनुपस्थित उपस्थित
कोशिका का आकार आमतौर पर आयताकार/निश्चित आमतौर पर अनियमित/गोल

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)

I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।

  1. कोशिका की खोज किसने और कब की थी?

    रॉबर्ट हुक ने 1665 में की थी।

  2. कोशिका सिद्धांत किसने प्रतिपादित किया था?

    श्लाइडन और श्वान ने।

  3. कौन से कोशिकांग को कोशिका का "पावरहाउस" कहा जाता है?

    माइटोकॉन्ड्रिया।

  4. पादप कोशिकाओं में कोशिका भित्ति किसकी बनी होती है?

    सेल्यूलोज की।

  5. कोशिका की "आत्मघाती थैलियाँ" किसे कहा जाता है?

    लाइसोसोम को।

  6. प्रोकैरियोटिक कोशिका और यूकेरियोटिक कोशिका में मुख्य अंतर क्या है?

    प्रोकैरियोटिक कोशिका में सुस्पष्ट केन्द्रक नहीं होता, जबकि यूकेरियोटिक कोशिका में सुस्पष्ट केन्द्रक होता है।

  7. केन्द्रक की खोज किसने की थी?

    रॉबर्ट ब्राउन ने।

II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30-50 शब्द) में उत्तर दें।

  1. परासरण (Osmosis) क्या है? इसके तीन प्रकार के विलयनों को समझाइए।

    परासरण जल के अणुओं का उच्च सांद्रता वाले क्षेत्र से कम सांद्रता वाले क्षेत्र की ओर एक अर्धपारगम्य झिल्ली के माध्यम से जाना है। **अल्पपरासारी विलयन** में कोशिका फूल जाती है; **समपरासारी विलयन** में कोशिका के आकार में बदलाव नहीं होता; **अतिपरासारी विलयन** में कोशिका सिकुड़ जाती है।

  2. अंतर्द्रव्यी जालिका (ER) के दो मुख्य प्रकार और उनके कार्य क्या हैं?

    अंतर्द्रव्यी जालिका दो प्रकार की होती है: **खुरदरी अंतर्द्रव्यी जालिका (RER)** जिसमें राइबोसोम होते हैं और जो प्रोटीन संश्लेषण करती है; और **चिकनी अंतर्द्रव्यी जालिका (SER)** जो लिपिड और वसा संश्लेषण करती है और विषहरण में मदद करती है। दोनों कोशिका में पदार्थों के परिवहन में सहायक हैं।

  3. लाइसोसोम को "आत्मघाती थैलियाँ" क्यों कहा जाता है?

    लाइसोसोम में शक्तिशाली पाचक एंजाइम होते हैं। जब कोशिका क्षतिग्रस्त हो जाती है या काम करना बंद कर देती है, तो लाइसोसोम फट जाते हैं और उनके एंजाइम अपनी ही कोशिका को पचा लेते हैं, इसलिए इन्हें "आत्मघाती थैलियाँ" कहते हैं।

  4. माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का "पावरहाउस" क्यों कहते हैं?

    माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का "पावरहाउस" इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये श्वसन के माध्यम से खाद्य पदार्थों से ऊर्जा (ATP के रूप में) का उत्पादन करते हैं। यह ऊर्जा कोशिका की विभिन्न जीवन प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक होती है।

III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।

  1. पादप कोशिका और जंतु कोशिका में मुख्य अंतरों का वर्णन करें।

    पादप कोशिका और जंतु कोशिका दोनों यूकेरियोटिक कोशिकाएं हैं, लेकिन इनमें कई विशिष्ट संरचनात्मक अंतर होते हैं जो उनकी विभिन्न जीवन शैलियों और कार्यों को दर्शाते हैं। पादप कोशिकाओं में सबसे प्रमुख अंतरों में से एक **कोशिका भित्ति (Cell Wall)** की उपस्थिति है, जो कोशिका झिल्ली के बाहर स्थित एक कठोर, अजीवित परत होती है और मुख्य रूप से सेल्यूलोज से बनी होती है। यह कोशिका को यांत्रिक सहायता, कठोरता और सुरक्षा प्रदान करती है, साथ ही अत्यधिक तनु विलयन में कोशिका को फटने से बचाती है। जंतु कोशिकाओं में कोशिका भित्ति पूरी तरह से **अनुपस्थित** होती है, और उनकी सबसे बाहरी परत केवल कोशिका झिल्ली होती है।

    एक और महत्वपूर्ण अंतर **प्लास्टिडों (Plastids)** की उपस्थिति है, विशेष रूप से **क्लोरोप्लास्ट (Chloroplasts)**, जो पादप कोशिकाओं में पाए जाते हैं। क्लोरोप्लास्ट में क्लोरोफिल होता है और यह प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया द्वारा भोजन का निर्माण करता है। जंतु कोशिकाओं में क्लोरोप्लास्ट और अन्य प्रकार के प्लास्टिड **अनुपस्थित** होते हैं, क्योंकि वे अपना भोजन स्वयं नहीं बनाते बल्कि दूसरे जीवों पर निर्भर करते हैं। इसके अतिरिक्त, पादप कोशिकाओं में आमतौर पर एक बहुत बड़ी, केंद्रीय **रसधानी (Vacuole)** होती है जो कोशिका के आयतन का 50-90% तक घेर सकती है और जल, पोषक तत्वों और अपशिष्ट पदार्थों का भंडारण करती है, जबकि जंतु कोशिकाओं में रसधानियाँ या तो बहुत छोटी होती हैं या पूरी तरह से **अनुपस्थित** होती हैं। पादप कोशिकाएँ आमतौर पर एक निश्चित आयताकार या घन आकार की होती हैं, जबकि जंतु कोशिकाएँ अधिक अनियमित या गोलाकार होती हैं और उनमें सेंट्रोसोम और सेंट्रियोल उपस्थित होते हैं, जो कोशिका विभाजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जबकि पादप कोशिकाओं में ये अनुपस्थित होते हैं।

  2. विभिन्न कोशिकांगों और उनके कार्यों का संक्षेप में वर्णन करें।

    कोशिकाद्रव्य में कई विशिष्ट झिल्ली-बद्ध संरचनाएं होती हैं जिन्हें **कोशिकांग (Cell Organelles)** कहते हैं, और प्रत्येक का एक विशिष्ट कार्य होता है। **अंतर्द्रव्यी जालिका (ER)** झिल्लीदार नलिकाओं का एक नेटवर्क है; इसकी दो किस्में हैं - खुरदरी ER (राइबोसोम के साथ, प्रोटीन संश्लेषण के लिए) और चिकनी ER (लिपिड संश्लेषण और विषहरण के लिए)। **गोल्जी उपकरण** ER में संश्लेषित पदार्थों का भंडारण, संशोधन और पैकेजिंग करता है। **लाइसोसोम** को "आत्मघाती थैलियाँ" कहा जाता है क्योंकि इनमें पाचक एंजाइम होते हैं जो अपशिष्ट पदार्थों और क्षतिग्रस्त कोशिकांगों का पाचन करते हैं।

    **माइटोकॉन्ड्रिया** को कोशिका का "पावरहाउस" कहा जाता है क्योंकि ये ATP (ऊर्जा) का उत्पादन करते हैं। इनमें दोहरी झिल्ली होती है और इनका अपना DNA होता है। **प्लास्टिड** केवल पादप कोशिकाओं में पाए जाते हैं; क्लोरोप्लास्ट प्रकाश संश्लेषण करते हैं जबकि ल्यूकोप्लास्ट भंडारण करते हैं। **रसधानियाँ** भंडारण थैलियाँ होती हैं, पादप कोशिकाओं में बड़ी केंद्रीय रसधानियाँ होती हैं जो स्फीति बनाए रखती हैं। अंत में, **राइबोसोम** प्रोटीन संश्लेषण की साइटें हैं और उनमें कोई झिल्ली नहीं होती। ये सभी कोशिकांग एक साथ मिलकर कोशिका के विभिन्न कार्यों को कुशलतापूर्वक करते हैं, जिससे कोशिका एक जीवित इकाई के रूप में कार्य कर पाती है।

(ब्राउज़र के प्रिंट-टू-पीडीएफ फ़ंक्शन का उपयोग करता है। दिखावट भिन्न हो सकती है।)