अध्याय 14: प्राकृतिक संपदा (Natural Resources)

परिचय

पृथ्वी पर जीवन के लिए आवश्यक सभी चीजें प्रकृति द्वारा प्रदान की जाती हैं। इनमें हवा, पानी, मिट्टी, खनिज और जीव-जंतु शामिल हैं। इन सभी को **प्राकृतिक संपदा (Natural Resources)** कहा जाता है। यह अध्याय इन प्राकृतिक संपदाओं के महत्व, उनके चक्रों (जैसे जल चक्र, ऑक्सीजन चक्र, कार्बन चक्र, नाइट्रोजन चक्र) और मानव गतिविधियों के कारण होने वाले पर्यावरणीय मुद्दों पर प्रकाश डालेगा।

14.1 पृथ्वी पर जीवन के लिए आवश्यक तत्व (The Breath of Life: Air)

पृथ्वी पर जीवन के लिए कई तत्व आवश्यक हैं। इनमें हवा, पानी और मिट्टी प्रमुख हैं।

14.2 जैव-भू-रासायनिक चक्र (Biogeochemical Cycles)

पर्यावरण में जीवित और निर्जीव घटकों के बीच विभिन्न पोषक तत्वों का निरंतर आदान-प्रदान होता रहता है। इन चक्रीय प्रवाहों को **जैव-भू-रासायनिक चक्र** कहा जाता है।

14.2.1 जल चक्र (Water Cycle)

जल चक्र वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा पृथ्वी पर पानी का पुनर्चक्रण होता है।

14.2.2 नाइट्रोजन चक्र (Nitrogen Cycle)

वायुमंडल में लगभग $78\%$ नाइट्रोजन गैस होती है, लेकिन अधिकांश जीव सीधे इसका उपयोग नहीं कर सकते। नाइट्रोजन चक्र वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा वायुमंडलीय नाइट्रोजन को उपयोग योग्य रूपों में परिवर्तित किया जाता है और फिर से वातावरण में वापस कर दिया जाता है।

14.2.3 कार्बन चक्र (Carbon Cycle)

कार्बन जीवन का एक मूलभूत तत्व है और वायुमंडल, महासागरों और पृथ्वी की पपड़ी में मौजूद है।

14.2.4 ऑक्सीजन चक्र (Oxygen Cycle)

ऑक्सीजन वायुमंडल का लगभग $21\%$ हिस्सा बनाती है और जीवन के लिए आवश्यक है।

14.3 ओजोन परत (Ozone Layer)

ओजोन परत समताप मंडल (stratosphere) में पृथ्वी से $15-30 \text{ km}$ ऊपर मौजूद ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं (O₃) से बनी एक परत है।

14.4 पर्यावरणीय प्रदूषण (Environmental Pollution)

**प्रदूषण** पर्यावरण में हानिकारक पदार्थों या ऊर्जा का समावेश है, जिससे प्रतिकूल परिवर्तन होते हैं।

प्राकृतिक संपदा का संरक्षण और प्रदूषण को कम करना भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ ग्रह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)

I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।

  1. वायुमंडल में नाइट्रोजन और ऑक्सीजन का प्रतिशत कितना है?

    नाइट्रोजन लगभग $78\%$, ऑक्सीजन लगभग $21\%$।

  2. प्रकाश संश्लेषण के लिए कौन सी गैस आवश्यक है?

    कार्बन डाइऑक्साइड।

  3. जल चक्र के दो मुख्य चरण बताएं।

    वाष्पीकरण और संघनन।

  4. नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले एक जीवाणु का नाम बताएं।

    राइजोबियम (Rhizobium)।

  5. कार्बन चक्र में श्वसन की भूमिका क्या है?

    जीव ग्लूकोज का उपयोग करते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड को हवा में छोड़ते हैं।

  6. ओजोन परत का मुख्य कार्य क्या है?

    सूर्य से आने वाले हानिकारक पराबैंगनी (UV) विकिरण को अवशोषित करके पृथ्वी पर जीवन की रक्षा करना।

  7. ओजोन रिक्तीकरण के लिए जिम्मेदार एक रसायन का नाम बताएं।

    क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFCs)।

  8. दो प्रमुख वायु प्रदूषकों के नाम बताएं।

    सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड।

  9. ग्रीनहाउस प्रभाव को बढ़ाने वाली दो गैसों के नाम बताएं।

    कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन।

II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30-50 शब्द) में उत्तर दें।

  1. मिट्टी का निर्माण कैसे होता है?

    मिट्टी का निर्माण चट्टानों के अपक्षय (weathering) से होता है, जिसमें भौतिक (तापमान परिवर्तन, पवन), रासायनिक (जल के साथ अभिक्रिया) और जैविक (लाइकेन, मॉस, सूक्ष्मजीवों की क्रिया) प्रक्रियाएं शामिल होती हैं। इन प्रक्रियाओं से चट्टानें छोटे-छोटे टुकड़ों में टूटती हैं और अंततः मिट्टी का निर्माण करती हैं।

  2. जल प्रदूषण के दो कारण और दो प्रभाव बताएं।

    जल प्रदूषण के मुख्य कारणों में औद्योगिक अपशिष्टों का जलाशयों में निस्तारण और कृषि अपवाह (कीटनाशक, उर्वरक) का पानी में मिलना शामिल है। इसके प्रभावों में जलीय जीवन को नुकसान पहुंचना और मनुष्य में हैजा, टाइफाइड जैसे जल-जनित रोगों का फैलना शामिल है।

  3. ओजोन रिक्तीकरण के प्रभावों का वर्णन करें।

    ओजोन रिक्तीकरण से हानिकारक पराबैंगनी (UV) विकिरण पृथ्वी की सतह तक अधिक मात्रा में पहुंचता है। इससे मनुष्यों में त्वचा कैंसर और मोतियाबिंद का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही, यह पौधों के विकास और समुद्री जीवन (विशेषकर प्लैंकटन) को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है, जिससे खाद्य श्रृंखलाएं बाधित होती हैं।

III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।

  1. नाइट्रोजन चक्र का विस्तार से वर्णन करें।

    नाइट्रोजन वायुमंडल का सबसे प्रचुर घटक है, जो लगभग $78\%$ है, लेकिन अधिकांश जीव वायुमंडलीय नाइट्रोजन को सीधे उपयोग नहीं कर सकते हैं। **नाइट्रोजन चक्र** वह जैव-भू-रासायनिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा नाइट्रोजन को वायुमंडल से मिट्टी और जीवित जीवों में ले जाया जाता है और फिर वापस वायुमंडल में छोड़ दिया जाता है। इस चक्र में कई महत्वपूर्ण चरण शामिल हैं।

    पहला चरण **नाइट्रोजन स्थिरीकरण (Nitrogen Fixation)** है, जिसमें वायुमंडलीय नाइट्रोजन को अमोनिया ($NH_3$) में परिवर्तित किया जाता है। यह कुछ जीवाणुओं द्वारा किया जाता है, जैसे कि फलीदार पौधों की जड़ों में रहने वाले राइजोबियम, और कुछ नीले-हरे शैवाल। बिजली कड़कने से भी वायुमंडलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण होता है। इसके बाद **नाइट्रीकरण (Nitrification)** होता है, जहाँ अमोनिया को नाइट्राइट ($NO_2^-$) और फिर नाइट्रेट ($NO_3^-$) में ऑक्सीकृत किया जाता है, जो पौधों द्वारा आसानी से अवशोषित किए जा सकने वाले रूप हैं। जब पौधे और जानवर मरते हैं, तो उनके कार्बनिक नाइट्रोजन यौगिकों को अपघटनकर्ताओं द्वारा अमोनिया में परिवर्तित किया जाता है, जिसे **अमोनीकरण (Ammonification)** कहते हैं। अंत में, **विनाइट्रीकरण (Denitrification)** की प्रक्रिया में, कुछ जीवाणु नाइट्रेट्स को गैसीय नाइट्रोजन में परिवर्तित करते हैं, जिससे यह वायुमंडल में वापस लौट आती है, इस प्रकार चक्र पूरा होता है। यह चक्र पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने के लिए आवश्यक है क्योंकि नाइट्रोजन प्रोटीन, न्यूक्लिक एसिड (DNA और RNA) और क्लोरोफिल जैसे महत्वपूर्ण जैविक अणुओं का एक घटक है।

  2. ग्रीनहाउस प्रभाव और ग्लोबल वार्मिंग को समझाएं। मानव गतिविधियां इन परिघटनाओं को कैसे प्रभावित कर रही हैं?

    **ग्रीनहाउस प्रभाव (Greenhouse Effect)** पृथ्वी के वायुमंडल द्वारा सूर्य से आने वाली कुछ ऊष्मा को फंसाने की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। यह पृथ्वी को गर्म रखता है और जीवन के लिए उपयुक्त तापमान बनाए रखता है। वायुमंडल में कुछ गैसें, जिन्हें ग्रीनहाउस गैसें (जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन, नाइट्रस ऑक्साइड, जलवाष्प) कहा जाता है, इस ऊष्मा को अवशोषित करती हैं और इसे वापस पृथ्वी की सतह पर उत्सर्जित करती हैं। यह एक ग्रीनहाउस के कांच की तरह काम करता है, जो अंदर की गर्मी को बाहर निकलने से रोकता है। यह प्राकृतिक प्रभाव पृथ्वी पर जीवन के लिए महत्वपूर्ण है; इसके बिना पृथ्वी बहुत ठंडी होती।

    हालांकि, **ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming)** ग्रीनहाउस प्रभाव का मानव-जनित अतिशयोक्ति है। यह ग्रीनहाउस गैसों की सांद्रता में वृद्धि के कारण पृथ्वी के औसत तापमान में लगातार हो रही वृद्धि है। मानवीय गतिविधियां, विशेष रूप से जीवाश्म ईंधन (कोयला, तेल, गैस) का जलना बिजली उत्पादन, परिवहन और उद्योगों के लिए, बड़ी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य ग्रीनहाउस गैसों को वायुमंडल में छोड़ती हैं। वनों की कटाई भी इसमें योगदान करती है क्योंकि पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं, और उनके काटने से वातावरण में CO₂ की मात्रा बढ़ जाती है। इन बढ़ी हुई गैसों के कारण वायुमंडल अधिक ऊष्मा को फंसाता है, जिससे पृथ्वी का तापमान बढ़ता है। ग्लोबल वार्मिंग के गंभीर परिणाम हैं जैसे ध्रुवीय बर्फ का पिघलना, समुद्र के स्तर में वृद्धि, चरम मौसमी घटनाओं (जैसे बाढ़, सूखा, तूफान) की आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि, और पारिस्थितिक तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव। इन प्रभावों को कम करने के लिए ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करना और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ना महत्वपूर्ण है।

(ब्राउज़र के प्रिंट-टू-पीडीएफ फ़ंक्शन का उपयोग करता है। दिखावट भिन्न हो सकती है।)