अध्याय 10: गुरुत्वाकर्षण (Gravitation)

परिचय

हम जानते हैं कि पृथ्वी किसी वस्तु को अपनी ओर आकर्षित करती है। जब कोई वस्तु ऊपर फेंकी जाती है, तो वह कुछ ऊंचाई तक पहुँचकर नीचे गिरने लगती है। सेब का पेड़ से नीचे गिरना, ग्रहों का सूर्य के चारों ओर घूमना, चंद्रमा का पृथ्वी के चारों ओर घूमना - ये सभी परिघटनाएँ गुरुत्वाकर्षण बल के कारण होती हैं। इस अध्याय में हम गुरुत्वाकर्षण, गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम, मुक्त पतन, द्रव्यमान और भार, और उत्प्लावकता जैसे विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करेंगे।

10.1 गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम (Universal Law of Gravitation)

सर आइजैक न्यूटन ने बताया कि ब्रह्मांड में प्रत्येक वस्तु दूसरी वस्तु को एक बल से आकर्षित करती है, जो उनके द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

10.2 मुक्त पतन (Free Fall)

जब कोई वस्तु केवल गुरुत्वाकर्षण बल के प्रभाव में गिरती है, तो उसे **मुक्त पतन (Free Fall)** में कहा जाता है।

10.2.1 गति के समीकरणों में 'g' का उपयोग (Using 'g' in Equations of Motion)

मुक्त पतन के दौरान, गति के समीकरणों में त्वरण '$a$' को '$g$' से बदल दिया जाता है:

  1. $v = u + gt$
  2. $s = ut + \frac{1}{2}gt^2$
  3. $v^2 - u^2 = 2gs$

जब वस्तु नीचे गिरती है, तो $g$ धनात्मक लिया जाता है; जब वस्तु ऊपर फेंकी जाती है, तो $g$ ऋणात्मक लिया जाता है।

10.3 द्रव्यमान और भार (Mass and Weight)

10.4 प्रणोद और दाब (Thrust and Pressure)

10.5 उत्प्लावकता (Buoyancy)

जब किसी वस्तु को द्रव (तरल या गैस) में आंशिक या पूर्ण रूप से डुबोया जाता है, तो द्रव उस पर ऊपर की ओर एक बल लगाता है। इस ऊपर की ओर लगने वाले बल को **उत्प्लावन बल (Buoyant Force)** या **उत्प्लावकता (Buoyancy)** कहते हैं।

यह अध्याय गुरुत्वाकर्षण के मूलभूत नियमों, इसके प्रभावों और तरल पदार्थों में वस्तुओं के व्यवहार को समझने में मदद करता है।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)

I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।

  1. गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम किसने प्रतिपादित किया?

    सर आइजैक न्यूटन ने।

  2. गुरुत्वाकर्षण बल का सूत्र क्या है?

    $F = G \frac{m_1 m_2}{r^2}$

  3. गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियतांक ($G$) का मान क्या है?

    $6.673 \times 10^{-11} \text{ Nm}^2/\text{kg}^2$

  4. गुरुत्वीय त्वरण ($g$) का औसत मान क्या है?

    लगभग $9.8 \text{ m/s}^2$

  5. द्रव्यमान की SI इकाई क्या है?

    किलोग्राम (kg)।

  6. भार की SI इकाई क्या है?

    न्यूटन (N)।

  7. प्रणोद (Thrust) की परिभाषा दें।

    किसी सतह पर लंबवत (perpendicular) लगने वाला बल।

  8. दाब (Pressure) की SI इकाई क्या है?

    पास्कल (Pascal, Pa) या न्यूटन प्रति वर्ग मीटर (N/m²)।

  9. उत्प्लावकता (Buoyancy) क्या है?

    जब किसी वस्तु को द्रव में डुबोया जाता है, तो द्रव द्वारा उस पर ऊपर की ओर लगाया गया बल।

  10. आर्किमिडीज का सिद्धांत क्या बताता है?

    जब किसी वस्तु को द्रव में डुबोया जाता है, तो वह ऊपर की ओर एक बल का अनुभव करती है जो उसके द्वारा हटाए गए द्रव के भार के बराबर होता है।

II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30-50 शब्द) में उत्तर दें।

  1. द्रव्यमान और भार के बीच मुख्य अंतर स्पष्ट करें।

    द्रव्यमान किसी वस्तु में पदार्थ की मात्रा है, जो सार्वत्रिक और स्थान बदलने पर नहीं बदलती, जबकि भार वह बल है जिससे गुरुत्वाकर्षण वस्तु को आकर्षित करता है, जो स्थान के अनुसार बदल सकता है। द्रव्यमान की इकाई किलोग्राम है, जबकि भार की इकाई न्यूटन है।

  2. मुक्त पतन (Free Fall) क्या है? मुक्त पतन में त्वरण को क्या कहते हैं?

    मुक्त पतन तब होता है जब कोई वस्तु केवल गुरुत्वाकर्षण बल के प्रभाव में गिरती है, बिना किसी अन्य बल (जैसे वायु प्रतिरोध) के। इस स्थिति में उत्पन्न त्वरण को गुरुत्वीय त्वरण ($g$) कहते हैं, जिसका मान पृथ्वी की सतह पर लगभग $9.8 \text{ m/s}^2$ होता है।

  3. दाब किन कारकों पर निर्भर करता है? दो उदाहरणों से समझाएं।

    दाब लगाए गए बल (प्रणोद) और बल के संपर्क में आने वाले क्षेत्रफल पर निर्भर करता है। दाब = प्रणोद / क्षेत्रफल। उदाहरण के लिए, एक नुकीली कील आसानी से दीवार में घुस जाती है क्योंकि छोटा संपर्क क्षेत्रफल अधिक दाब उत्पन्न करता है। ऊँट के चौड़े पैर होते हैं जो रेत पर कम दाब डालते हैं, जिससे वे धंसे बिना आसानी से चल पाते हैं।

III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।

  1. गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम का वर्णन करें और इसके महत्व को समझाएं।

    गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम, जिसे सर आइजैक न्यूटन ने प्रतिपादित किया था, कहता है कि ब्रह्मांड में प्रत्येक कण दूसरे कण को एक बल से आकर्षित करता है। इस आकर्षण बल का परिमाण उन कणों के द्रव्यमानों के गुणनफल के सीधे समानुपाती होता है और उनके केंद्रों के बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। इसे गणितीय रूप से $F = G \frac{m_1 m_2}{r^2}$ के रूप में व्यक्त किया जाता है, जहाँ $F$ गुरुत्वाकर्षण बल है, $m_1$ और $m_2$ वस्तुओं के द्रव्यमान हैं, $r$ उनके केंद्रों के बीच की दूरी है, और $G$ गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियतांक है ($6.673 \times 10^{-11} \text{ Nm}^2/\text{kg}^2$)।

    यह नियम हमारे ब्रह्मांड में कई परिघटनाओं को समझने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, यह वह बल है जो हमें पृथ्वी पर बांधे रखता है। यह चंद्रमा द्वारा पृथ्वी के चारों ओर उसकी कक्षा में गति करने और सभी ग्रहों द्वारा सूर्य के चारों ओर उनकी कक्षाओं में घूमने का कारण भी बताता है। इसके अलावा, गुरुत्वाकर्षण के नियम के कारण ही पृथ्वी पर ज्वार-भाटा (समुद्र के जल स्तर में वृद्धि और कमी) होता है, जो चंद्रमा और कुछ हद तक सूर्य के गुरुत्वाकर्षण खिंचाव के कारण होता है। यह नियम खगोलीय पिंडों की गति की भविष्यवाणी करने और अंतरिक्ष मिशनों की योजना बनाने में भी मौलिक है। इस प्रकार, गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम न केवल ब्रह्मांड को नियंत्रित करने वाले मूलभूत बलों में से एक को समझने में मदद करता है, बल्कि हमारे दैनिक जीवन और खगोल विज्ञान में भी इसके दूरगामी प्रभाव हैं।

  2. उत्प्लावकता और आर्किमिडीज के सिद्धांत का वर्णन करें। वस्तुएं द्रव में क्यों तैरती या डूबती हैं, इसे समझाएं।

    **उत्प्लावकता (Buoyancy)** वह ऊपर की ओर लगने वाला बल है जो एक द्रव (जैसे पानी या हवा) किसी वस्तु पर लगाता है जब उसे उस द्रव में आंशिक या पूर्ण रूप से डुबोया जाता है। यह बल द्रव में डूबी हुई वस्तु के भार के विपरीत कार्य करता है। इसी बल के कारण वस्तुएं द्रव में तैरती या डूबती हैं। **आर्किमिडीज का सिद्धांत (Archimedes' Principle)** उत्प्लावकता के पीछे के गणितीय संबंध का वर्णन करता है। यह सिद्धांत कहता है कि "जब किसी वस्तु को किसी द्रव में पूर्ण या आंशिक रूप से डुबोया जाता है, तो वह ऊपर की ओर एक बल का अनुभव करती है जो उस वस्तु द्वारा हटाए गए द्रव के भार के बराबर होता है।" उत्प्लावन बल का परिमाण वस्तु द्वारा हटाए गए द्रव के आयतन और उस द्रव के घनत्व पर निर्भर करता है।

    वस्तुएं द्रव में तैरती या डूबती हैं, यह उनकी औसत घनत्व और द्रव के घनत्व के सापेक्ष पर निर्भर करता है। यदि वस्तु का औसत घनत्व उस द्रव के घनत्व से **कम** है जिसमें उसे डुबोया गया है, तो उत्प्लावन बल वस्तु के भार से अधिक होगा, और वस्तु तैरेगी। उदाहरण के लिए, लकड़ी पानी में तैरती है क्योंकि लकड़ी का घनत्व पानी से कम होता है। यदि वस्तु का औसत घनत्व द्रव के घनत्व से **अधिक** है, तो उत्प्लावन बल वस्तु के भार से कम होगा, और वस्तु डूब जाएगी। उदाहरण के लिए, एक पत्थर पानी में डूब जाता है क्योंकि पत्थर का घनत्व पानी से अधिक होता है। यदि वस्तु का घनत्व द्रव के घनत्व के **बराबर** है, तो वस्तु द्रव में पूरी तरह से डूबी हुई तैरेगी। इस सिद्धांत का उपयोग जहाजों और पनडुब्बियों के डिजाइन में किया जाता है।

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