अध्याय 8: चतुर्भुज (Quadrilaterals)

परिचय

चतुर्भुज एक ज्यामितीय आकृति है जो चार रेखाखंडों से घिरी होती है और जिसके चार शीर्ष और चार कोण होते हैं। यह बहुभुजों के परिवार का एक महत्वपूर्ण सदस्य है। इस अध्याय में, हम विभिन्न प्रकार के चतुर्भुजों, उनके गुणों और उनके बीच के संबंधों का अध्ययन करेंगे। हम विशेष रूप से समांतर चतुर्भुज (Parallelograms) पर ध्यान केंद्रित करेंगे और उनकी विशेषताओं तथा उनसे संबंधित प्रमेयों जैसे मध्य-बिंदु प्रमेय को समझेंगे।

8.1 चतुर्भुज और उसके प्रकार

एक चतुर्भुज एक चार-भुजाओं वाला बहुभुज है। चतुर्भुजों को उनकी भुजाओं और कोणों के गुणों के आधार पर विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

8.2 एक चतुर्भुज के कोण योग गुण

किसी भी चतुर्भुज के आंतरिक कोणों का योग हमेशा $360^\circ$ होता है। इसे सिद्ध करने के लिए, हम चतुर्भुज के एक विकर्ण को खींच सकते हैं, जो इसे दो त्रिभुजों में विभाजित करता है। चूँकि प्रत्येक त्रिभुज के कोणों का योग $180^\circ$ होता है, इसलिए चतुर्भुज के कोणों का योग $180^\circ + 180^\circ = 360^\circ$ होगा।

Illustration showing different types of quadrilaterals: parallelogram, rectangle, rhombus, square, trapezium, and kite.

8.3 समांतर चतुर्भुज के गुण

एक समांतर चतुर्भुज में निम्नलिखित महत्वपूर्ण गुण होते हैं:

8.4 चतुर्भुज के समांतर चतुर्भुज होने की शर्तें

एक चतुर्भुज एक समांतर चतुर्भुज होता है यदि इनमें से कोई एक शर्त पूरी होती है:

8.5 मध्य-बिंदु प्रमेय

मध्य-बिंदु प्रमेय (Mid-point Theorem) एक त्रिभुज के लिए एक महत्वपूर्ण प्रमेय है। यह बताता है कि:

**"किसी त्रिभुज की किन्हीं दो भुजाओं के मध्य-बिंदुओं को मिलाने वाला रेखाखंड तीसरी भुजा के समांतर होता है और उसकी लंबाई का आधा होता है।"**

उदाहरण के लिए, यदि एक $\triangle ABC$ में, D भुजा AB का मध्य-बिंदु है और E भुजा AC का मध्य-बिंदु है, तो प्रमेय के अनुसार, DE || BC और DE = $\frac{1}{2}$BC। इस प्रमेय का उपयोग विभिन्न ज्यामितीय समस्याओं को हल करने में किया जाता है, खासकर जब चतुर्भुजों के गुणों को सिद्ध करना हो।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)

I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।

  1. एक चतुर्भुज में कितनी भुजाएँ होती हैं?

    एक चतुर्भुज में चार भुजाएँ होती हैं।

  2. एक चतुर्भुज के आंतरिक कोणों का योग कितना होता है?

    एक चतुर्भुज के आंतरिक कोणों का योग $360^\circ$ होता है।

  3. एक समांतर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ कैसी होती हैं?

    एक समांतर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ समांतर और बराबर होती हैं।

  4. यदि एक चतुर्भुज के सभी कोण बराबर हों, तो वह क्या हो सकता है?

    यदि एक चतुर्भुज के सभी कोण बराबर हों, तो वह एक आयत (Rectangle) या वर्ग (Square) हो सकता है।

  5. क्या एक आयत एक समांतर चतुर्भुज होता है?

    हाँ, एक आयत एक समांतर चतुर्भुज होता है क्योंकि इसकी सम्मुख भुजाएँ समांतर और बराबर होती हैं।

II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।

  1. समांतर चतुर्भुज (Parallelogram) की परिभाषा दें।

    एक समांतर चतुर्भुज एक चतुर्भुज होता है जिसकी सम्मुख भुजाओं के दोनों युग्म समांतर होते हैं। इसके सम्मुख कोण बराबर होते हैं और विकर्ण एक-दूसरे को समद्विभाजित करते हैं।

  2. समचतुर्भुज (Rhombus) और वर्ग (Square) में क्या अंतर है?

    समचतुर्भुज एक समांतर चतुर्भुज है जिसकी सभी भुजाएँ बराबर होती हैं, लेकिन कोण आवश्यक रूप से $90^\circ$ नहीं होते। वर्ग एक समचतुर्भुज है जिसके सभी कोण $90^\circ$ होते हैं (अर्थात, एक आयत भी)।

  3. मध्य-बिंदु प्रमेय (Mid-point Theorem) का कथन लिखिए।

    मध्य-बिंदु प्रमेय बताता है कि किसी त्रिभुज की किन्हीं दो भुजाओं के मध्य-बिंदुओं को मिलाने वाला रेखाखंड तीसरी भुजा के समांतर होता है और उसकी लंबाई का आधा होता है।

  4. एक चतुर्भुज के समलंब (Trapezium) होने की क्या शर्त है?

    एक चतुर्भुज समलंब कहलाता है यदि उसकी सम्मुख भुजाओं का केवल एक युग्म समांतर हो।

III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।

  1. सिद्ध करें कि एक समांतर चतुर्भुज का विकर्ण उसे दो सर्वांगसम त्रिभुजों में विभाजित करता है।

    मान लीजिए ABCD एक समांतर चतुर्भुज है और AC उसका एक विकर्ण है। हमें यह सिद्ध करना है कि $\triangle ABC \cong \triangle CDA$। चूँकि ABCD एक समांतर चतुर्भुज है, तो इसकी सम्मुख भुजाएँ समांतर होंगी, अर्थात AB || DC और AD || BC। अब, $\triangle ABC$ और $\triangle CDA$ पर विचार करें: 1. $AC = AC$ (यह दोनों त्रिभुजों की उभयनिष्ठ भुजा है)। 2. $\angle BAC = \angle DCA$ (ये एकांतर अंतःकोण हैं, क्योंकि AB || DC और AC तिर्यक रेखा है)। 3. $\angle BCA = \angle DAC$ (ये भी एकांतर अंतःकोण हैं, क्योंकि AD || BC और AC तिर्यक रेखा है)।

    ASA (कोण-भुजा-कोण) सर्वांगसमता नियम के अनुसार, यदि एक त्रिभुज के दो कोण और उनके बीच की अंतर्निहित भुजा दूसरे त्रिभुज के संगत दो कोणों और अंतर्निहित भुजा के बराबर हों, तो दोनों त्रिभुज सर्वांगसम होते हैं। इसलिए, ASA सर्वांगसमता नियम से, $\triangle ABC \cong \triangle CDA$। इसी प्रकार, यदि हम विकर्ण BD लेते, तो $\triangle ABD \cong \triangle CDB$ सिद्ध कर सकते थे। यह प्रमेय समांतर चतुर्भुज के कई अन्य गुणों को सिद्ध करने का आधार बनता है, जैसे कि सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं और सम्मुख कोण बराबर होते हैं।

  2. मध्य-बिंदु प्रमेय को स्पष्ट करें और इसकी उपयोगिता क्या है?

    मध्य-बिंदु प्रमेय ज्यामिति का एक महत्वपूर्ण प्रमेय है जो त्रिभुजों से संबंधित है। यह प्रमेय बताता है कि "किसी त्रिभुज की किन्हीं दो भुजाओं के मध्य-बिंदुओं को मिलाने वाला रेखाखंड तीसरी भुजा के समांतर होता है और उसकी लंबाई का आधा होता है।" उदाहरण के लिए, यदि एक $\triangle ABC$ में, D भुजा AB का मध्य-बिंदु है और E भुजा AC का मध्य-बिंदु है, तो मध्य-बिंदु प्रमेय के अनुसार, रेखाखंड DE भुजा BC के समांतर होगा (अर्थात् DE || BC) और DE की लंबाई BC की आधी होगी (अर्थात् DE = $\frac{1}{2}$BC)।

    इस प्रमेय की उपयोगिता कई ज्यामितीय समस्याओं को हल करने में है। इसका उपयोग त्रिभुजों और चतुर्भुजों में भुजाओं की लंबाई और समानता स्थापित करने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, इसका उपयोग यह सिद्ध करने में किया जा सकता है कि किसी भी चतुर्भुज की भुजाओं के मध्य-बिंदुओं को क्रमिक रूप से मिलाने से एक समांतर चतुर्भुज बनता है। यह प्रमेय ज्यामितीय निर्माणों को सरल बनाने और विभिन्न प्रमेयों को सिद्ध करने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में कार्य करता है, जिससे विद्यार्थियों को ज्यामितीय आकृतियों के गुणों को गहराई से समझने में मदद मिलती है।

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