अध्याय 6: रेखाएँ और कोण (Lines and Angles)

परिचय

ज्यामिति गणित की वह शाखा है जो आकृतियों, आकारों, रेखाओं, बिंदुओं और उनके सापेक्षिक स्थिति का अध्ययन करती है। इस अध्याय में, हम ज्यामिति की कुछ आधारभूत अवधारणाओं - रेखाओं और कोणों - का अध्ययन करेंगे। ये अवधारणाएँ अन्य ज्यामितीय आकृतियों जैसे त्रिभुज, चतुर्भुज आदि को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं। हम विभिन्न प्रकार के कोणों और उनके संबंधों पर ध्यान केंद्रित करेंगे, विशेषकर जब रेखाएँ एक-दूसरे को काटती हैं या जब एक तिर्यक रेखा दो समांतर रेखाओं को काटती है।

6.1 आधारभूत पद और परिभाषाएँ

कुछ मूलभूत पद और परिभाषाएँ जिन्हें हमें समझने की आवश्यकता है:

6.2 कोणों के प्रकार

कोणों को उनके माप के आधार पर विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

6.3 प्रतिच्छेदी रेखाएँ और अप्रतिच्छेदी रेखाएँ

**प्रतिच्छेदी रेखाएँ (Intersecting Lines)** वे रेखाएँ होती हैं जो एक उभयनिष्ठ बिंदु पर एक-दूसरे को काटती हैं। इस बिंदु को प्रतिच्छेदन बिंदु (point of intersection) कहते हैं। जब दो रेखाएँ प्रतिच्छेदित करती हैं, तो शीर्षाभिमुख कोण (Vertically Opposite Angles) बनते हैं जो हमेशा बराबर होते हैं। **अप्रतिच्छेदी रेखाएँ (Non-Intersecting Lines)** वे रेखाएँ होती हैं जो कभी एक-दूसरे को नहीं काटती हैं। इन्हें समांतर रेखाएँ (Parallel Lines) कहते हैं। इनके बीच की दूरी हमेशा समान रहती है।

Illustration showing intersecting lines, parallel lines, and angles formed by a transversal.

6.4 कोणों के युग्म

कुछ विशेष कोण युग्म:

6.5 समांतर रेखाएँ और एक तिर्यक रेखा

जब एक तिर्यक रेखा (Transversal) दो या अधिक रेखाओं (विशेषकर समांतर रेखाओं) को काटती है, तो विभिन्न प्रकार के कोण बनते हैं जिनके बीच विशेष संबंध होते हैं:

6.6 त्रिभुज का कोण योग गुण

त्रिभुज का कोण योग गुण (Angle Sum Property of a Triangle) बताता है कि किसी भी त्रिभुज के तीनों आंतरिक कोणों का योग हमेशा $180^\circ$ होता है। यह एक महत्वपूर्ण प्रमेय है जिसका उपयोग त्रिभुजों से संबंधित कई समस्याओं को हल करने में किया जाता है।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)

I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।

  1. एक रेखाखंड के कितने अंत बिंदु होते हैं?

    एक रेखाखंड के दो अंत बिंदु होते हैं।

  2. यदि दो कोणों का योग $90^\circ$ हो, तो वे क्या कहलाते हैं?

    यदि दो कोणों का योग $90^\circ$ हो, तो वे पूरक कोण (Complementary Angles) कहलाते हैं।

  3. यदि दो कोणों का योग $180^\circ$ हो, तो वे क्या कहलाते हैं?

    यदि दो कोणों का योग $180^\circ$ हो, तो वे संपूरक कोण (Supplementary Angles) कहलाते हैं।

  4. एक बिंदु पर बनने वाले सभी कोणों का योग कितना होता है?

    एक बिंदु पर बनने वाले सभी कोणों का योग $360^\circ$ होता है।

  5. प्रतिच्छेदी रेखाएँ (Intersecting Lines) किसे कहते हैं?

    दो रेखाएँ जो एक उभयनिष्ठ बिंदु पर एक-दूसरे को काटती हैं, प्रतिच्छेदी रेखाएँ कहलाती हैं।

II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।

  1. एक तिर्यक रेखा (Transversal) क्या होती है?

    एक तिर्यक रेखा वह रेखा होती है जो दो या अधिक दी गई रेखाओं को भिन्न-भिन्न बिंदुओं पर प्रतिच्छेदित करती है। यह रेखाएँ समांतर हो सकती हैं या नहीं भी।

  2. आसन्न कोण (Adjacent Angles) की परिभाषा दीजिए।

    दो कोण आसन्न कोण कहलाते हैं यदि उनमें एक उभयनिष्ठ शीर्ष (vertex) और एक उभयनिष्ठ भुजा (arm) हो, और उनकी गैर-उभयनिष्ठ भुजाएँ उभयनिष्ठ भुजा के विपरीत हों।

  3. शीर्षाभिमुख कोण (Vertically Opposite Angles) क्या होते हैं?

    जब दो रेखाएँ एक-दूसरे को प्रतिच्छेदित करती हैं, तो प्रतिच्छेदन बिंदु पर आमने-सामने बनने वाले कोणों के युग्म को शीर्षाभिमुख कोण कहते हैं। ये कोण हमेशा बराबर होते हैं।

  4. त्रिभुज के कोण योग गुण (Angle Sum Property) का कथन क्या है?

    त्रिभुज के कोण योग गुण का कथन है कि किसी भी त्रिभुज के तीनों आंतरिक कोणों का योग हमेशा $180^\circ$ होता है।

III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।

  1. समांतर रेखाओं और एक तिर्यक रेखा द्वारा बनाए गए विभिन्न प्रकार के कोणों का वर्णन करें।

    जब एक तिर्यक रेखा (Transversal) दो समांतर रेखाओं को प्रतिच्छेदित करती है, तो आठ कोण बनते हैं जो विशेष संबंधों को दर्शाते हैं। इन संबंधों का उपयोग ज्यामितीय समस्याओं को हल करने और रेखाओं की समानता को सिद्ध करने में किया जाता है। 1. **संगत कोण (Corresponding Angles):** ये कोण तिर्यक रेखा के एक ही तरफ होते हैं और समांतर रेखाओं की एक ही सापेक्ष स्थिति में होते हैं (जैसे, दोनों रेखाओं के ऊपर-बाएँ)। संगत कोण हमेशा बराबर होते हैं। 2. **एकांतर अंतःकोण (Alternate Interior Angles):** ये कोण तिर्यक रेखा के विपरीत तरफ होते हैं और दोनों समांतर रेखाओं के 'अंदर' (उनके बीच) स्थित होते हैं। एकांतर अंतःकोण हमेशा बराबर होते हैं। 3. **एकांतर बाह्य कोण (Alternate Exterior Angles):** ये कोण तिर्यक रेखा के विपरीत तरफ होते हैं और दोनों समांतर रेखाओं के 'बाहर' स्थित होते हैं। एकांतर बाह्य कोण हमेशा बराबर होते हैं। 4. **तिर्यक रेखा के एक ही ओर के अंतःकोण (Consecutive Interior Angles / Co-interior Angles):** ये कोण तिर्यक रेखा के एक ही तरफ होते हैं और समांतर रेखाओं के बीच में स्थित होते हैं। इन कोणों का योग हमेशा $180^\circ$ (संपूरक) होता है।

  2. त्रिभुज के कोण योग गुण को सिद्ध करें।

    त्रिभुज का कोण योग गुण (Angle Sum Property) कहता है कि किसी भी त्रिभुज के तीनों आंतरिक कोणों का योग $180^\circ$ होता है। इसे सिद्ध करने के लिए, हम एक त्रिभुज ABC लेते हैं और शीर्ष A से गुजरती हुई एक रेखा XY खींचते हैं जो भुजा BC के समानांतर है। (अर्थात्, XY || BC)। चूँकि XY || BC और AB एक तिर्यक रेखा है, तो एकांतर अंतःकोण बराबर होंगे: $\angle XAB = \angle ABC$ (जिसे $\angle B$ भी कह सकते हैं)। इसी प्रकार, XY || BC और AC एक तिर्यक रेखा है, तो एकांतर अंतःकोण बराबर होंगे: $\angle YAC = \angle ACB$ (जिसे $\angle C$ भी कह सकते हैं)।

    अब, बिंदु A पर रेखा XY पर बने कोणों को देखें। एक सीधी रेखा पर बने कोणों का योग $180^\circ$ होता है। अतः, $\angle XAB + \angle BAC + \angle CAY = 180^\circ$। उपरोक्त दो समानताओं को इस समीकरण में प्रतिस्थापित करने पर, हमें मिलता है: $\angle ABC + \angle BAC + \angle ACB = 180^\circ$ या $\angle A + \angle B + \angle C = 180^\circ$ इस प्रकार, यह सिद्ध होता है कि किसी भी त्रिभुज के तीनों आंतरिक कोणों का योग $180^\circ$ होता है। यह एक मूलभूत ज्यामितीय प्रमेय है जिसका उपयोग ज्यामिति की कई अन्य समस्याओं को हल करने में किया जाता है।

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