अध्याय 3: निर्देशांक ज्यामिति (Coordinate Geometry)

परिचय

इस अध्याय में हम निर्देशांक ज्यामिति की बुनियादी अवधारणाओं का अध्ययन करेंगे, जो बीजगणित और ज्यामिति को जोड़ती है। हम सीखेंगे कि एक तल (plane) में किसी बिंदु की स्थिति को संख्याओं के युग्मों का उपयोग करके कैसे दर्शाया जाता है। यह प्रणाली विभिन्न ज्यामितीय आकृतियों और संबंधों का बीजगणितीय रूप से विश्लेषण करने में सहायक होती है।

3.1 कार्टेशियन प्रणाली

एक बिंदु की स्थिति का निर्धारण करने के लिए, हम एक कार्टेशियन प्रणाली (Cartesian System) का उपयोग करते हैं। इसमें दो परस्पर लंबवत रेखाएँ होती हैं: एक क्षैतिज रेखा और एक ऊर्ध्वाधर रेखा, जो एक तल में एक बिंदु की स्थिति को विशिष्ट रूप से परिभाषित करने के लिए उपयोग की जाती हैं। इस प्रणाली का विकास फ्रांसीसी गणितज्ञ रेने डेसकार्टेस ने किया था।

3.2 निर्देशांक अक्ष

कार्टेशियन प्रणाली में, क्षैतिज रेखा को **x-अक्ष (x-axis)** और ऊर्ध्वाधर रेखा को **y-अक्ष (y-axis)** कहा जाता है। ये दोनों अक्ष एक बिंदु पर प्रतिच्छेद करते हैं जिसे **मूल बिंदु (Origin)** कहते हैं और जिसके निर्देशांक $(0,0)$ होते हैं। x-अक्ष और y-अक्ष मिलकर निर्देशांक अक्ष (Coordinate Axes) बनाते हैं।

Illustration of a Cartesian plane with X and Y axes and some points plotted.

3.3 बिंदु का स्थान और चतुर्थांश

निर्देशांक अक्ष एक तल को चार भागों में विभाजित करते हैं, जिन्हें **चतुर्थांश (Quadrants)** कहते हैं। ये चतुर्थांश वामावर्त दिशा में गिने जाते हैं: प्रथम (I), द्वितीय (II), तृतीय (III), और चतुर्थ (IV)। एक बिंदु की स्थिति को उसके x-निर्देशांक (भुज या abscissa) और y-निर्देशांक (कोटि या ordinate) के युग्म $(x, y)$ द्वारा दर्शाया जाता है।

3.4 बिंदु के निर्देशांक

किसी बिंदु के **x-निर्देशांक (भुज)** का अर्थ है उस बिंदु की y-अक्ष से लंबवत दूरी, और **y-निर्देशांक (कोटि)** का अर्थ है उस बिंदु की x-अक्ष से लंबवत दूरी। उदाहरण के लिए, बिंदु $(3, 2)$ का मतलब है कि यह x-अक्ष पर मूल बिंदु से 3 इकाई दाईं ओर और y-अक्ष पर मूल बिंदु से 2 इकाई ऊपर स्थित है। अक्षों पर स्थित बिंदुओं के लिए, संबंधित निर्देशांक शून्य होता है (जैसे x-अक्ष पर $(x,0)$ और y-अक्ष पर $(0,y)$)।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)

I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।

  1. क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर रेखाओं को क्या कहते हैं जो निर्देशांक अक्षों का निर्माण करती हैं?

    क्षैतिज रेखा को x-अक्ष और ऊर्ध्वाधर रेखा को y-अक्ष कहते हैं।

  2. x-अक्ष और y-अक्ष के प्रतिच्छेदन बिंदु को क्या कहते हैं?

    x-अक्ष और y-अक्ष के प्रतिच्छेदन बिंदु को मूल बिंदु (Origin) कहते हैं।

  3. बिंदु $(-3, 5)$ किस चतुर्थांश में स्थित है?

    बिंदु $(-3, 5)$ दूसरे चतुर्थांश में स्थित है।

  4. बिंदु $(0, 4)$ कहाँ स्थित है?

    बिंदु $(0, 4)$ y-अक्ष पर स्थित है।

  5. बिंदु $(2, 0)$ कहाँ स्थित है?

    बिंदु $(2, 0)$ x-अक्ष पर स्थित है।

II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।

  1. एक बिंदु के भुज (abscissa) और कोटि (ordinate) से आप क्या समझते हैं?

    एक बिंदु के निर्देशांक $(x, y)$ में, $x$-निर्देशांक को भुज (abscissa) और $y$-निर्देशांक को कोटि (ordinate) कहते हैं। भुज y-अक्ष से बिंदु की लंबवत दूरी है और कोटि x-अक्ष से बिंदु की लंबवत दूरी है।

  2. चतुर्थांश (quadrants) क्या होते हैं? एक उदाहरण दीजिए।

    निर्देशांक अक्ष एक तल को चार भागों में विभाजित करते हैं, जिन्हें चतुर्थांश कहते हैं। ये चतुर्थांश I, II, III, और IV वामावर्त दिशा में गिने जाते हैं। उदाहरण के लिए, बिंदु $(2,3)$ प्रथम चतुर्थांश में है, जबकि $(-2,3)$ द्वितीय चतुर्थांश में है।

  3. मूल बिंदु के निर्देशांक क्या होते हैं?

    मूल बिंदु (Origin) वह बिंदु है जहाँ x-अक्ष और y-अक्ष एक दूसरे को काटते हैं। इसके निर्देशांक $(0,0)$ होते हैं। यह वह संदर्भ बिंदु है जिससे तल में अन्य सभी बिंदुओं की स्थिति निर्धारित की जाती है।

  4. यदि किसी बिंदु का भुज शून्य हो, तो वह बिंदु किस अक्ष पर स्थित होगा?

    यदि किसी बिंदु का भुज (x-निर्देशांक) शून्य होता है, तो वह बिंदु y-अक्ष पर स्थित होता है। उदाहरण के लिए, बिंदु $(0, 5)$ y-अक्ष पर है, और इसका भुज शून्य है।

III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।

  1. निर्देशांक ज्यामिति क्या है? दैनिक जीवन में इसके कुछ अनुप्रयोगों का वर्णन करें।

    निर्देशांक ज्यामिति गणित की वह शाखा है जो ज्यामिति की समस्याओं को बीजगणित का उपयोग करके हल करती है। यह बिंदुओं की स्थिति को संख्याओं के युग्मों (निर्देशांकों) का उपयोग करके दर्शाती है, जिससे ज्यामितीय आकृतियों और संबंधों का विश्लेषण बीजगणितीय समीकरणों के माध्यम से किया जा सकता है। यह हमें तल में बिंदुओं और आकृतियों की सटीक स्थिति को परिभाषित करने और उनका अध्ययन करने की अनुमति देती है, जिससे अमूर्त ज्यामितीय अवधारणाओं को संख्यात्मक रूप से समझा जा सके।

    निर्देशांक ज्यामिति के दैनिक जीवन में कई अनुप्रयोग हैं। उदाहरण के लिए, यह नक्शों (Maps) में स्थानों का पता लगाने के लिए उपयोग की जाती है, जहाँ अक्षांश और देशांतर निर्देशांक के रूप में कार्य करते हैं। जीपीएस (GPS) प्रणाली इसी सिद्धांत पर काम करती है, जिससे हम किसी भी स्थान का सटीक पता लगा सकते हैं। इंजीनियरिंग और वास्तुकला में, भवनों और संरचनाओं के डिजाइन और निर्माण में बिंदुओं और रेखाओं की सटीक स्थिति निर्धारित करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। कंप्यूटर ग्राफिक्स और गेमिंग में, वस्तुओं को स्क्रीन पर पोजिशन करने और उनके मूवमेंट को नियंत्रित करने के लिए निर्देशांक ज्यामिति आवश्यक है। यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी के कई क्षेत्रों में एक मूलभूत उपकरण है, जो हमें स्थानिक जानकारी को व्यवस्थित और विश्लेषण करने में मदद करता है।

  2. एक तल में किसी बिंदु की स्थिति का निर्धारण कैसे किया जाता है? सचित्र वर्णन करें।

    एक तल में किसी बिंदु की स्थिति का निर्धारण करने के लिए, हम एक कार्टेशियन निर्देशांक प्रणाली का उपयोग करते हैं। इसमें दो परस्पर लंबवत संख्या रेखाएँ होती हैं: एक क्षैतिज रेखा जिसे x-अक्ष कहा जाता है, और एक ऊर्ध्वाधर रेखा जिसे y-अक्ष कहा जाता है। ये दोनों अक्ष एक बिंदु पर प्रतिच्छेद करते हैं जिसे मूल बिंदु (Origin) कहते हैं और जिसके निर्देशांक $(0,0)$ होते हैं। x-अक्ष पर मूल बिंदु के दाईं ओर की संख्याएँ धनात्मक होती हैं और बाईं ओर की ऋणात्मक होती हैं। इसी प्रकार, y-अक्ष पर मूल बिंदु के ऊपर की संख्याएँ धनात्मक होती हैं और नीचे की ऋणात्मक होती हैं।

    किसी भी बिंदु $P$ की स्थिति को संख्याओं के एक क्रमित युग्म $(x, y)$ द्वारा दर्शाया जाता है। यहाँ, $x$ पहला निर्देशांक है जिसे **भुज (abscissa)** कहते हैं, जो y-अक्ष से बिंदु की लंबवत दूरी दर्शाता है। $y$ दूसरा निर्देशांक है जिसे **कोटि (ordinate)** कहते हैं, जो x-अक्ष से बिंदु की लंबवत दूरी दर्शाता है। उदाहरण के लिए, बिंदु $(4, 3)$ का अर्थ है कि यह मूल बिंदु से x-अक्ष पर 4 इकाई दाईं ओर और y-अक्ष पर 3 इकाई ऊपर स्थित है। इस प्रकार, प्रत्येक बिंदु के लिए एक अद्वितीय $(x, y)$ निर्देशांक युग्म होता है, और प्रत्येक $(x, y)$ युग्म तल में एक अद्वितीय बिंदु को दर्शाता है, जिससे तल में किसी भी स्थान को विशिष्ट रूप से परिभाषित किया जा सके।

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