अध्याय 2: बहुपद (Polynomials)
परिचय
इस अध्याय में हम बहुपदों (Polynomials) की अवधारणा का अध्ययन करेंगे, जो बीजगणित का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हम एक चर में बहुपद, उनके प्रकार, गुणांक, और शून्यकों को समझेंगे। साथ ही, शेषफल प्रमेय, गुणनखंड प्रमेय और बीजगणितीय सर्वसमिकाओं का उपयोग करके बहुपदों के गुणनफल और गुणनखंडन को जानेंगे।
2.1 बहुपद एक चर में
एक चर में बहुपद एक ऐसा बीजीय व्यंजक होता है जिसमें चर (जैसे $x$) की घातें (powers) हमेशा गैर-ऋणात्मक पूर्णांक होती हैं। उदाहरण के लिए, $2x^3 - 5x + 7$ एक बहुपद है, जबकि $x^{1/2} + 3$ या $1/x$ नहीं हैं। बहुपद में पदों (terms) की संख्या के आधार पर भी उन्हें वर्गीकृत किया जा सकता है, जैसे एकपदी (monomial), द्विपदी (binomial), और त्रिपदी (trinomial)।
2.2 बहुपद के गुणांक और घात
एक बहुपद में, प्रत्येक पद का एक गुणांक (coefficient) होता है, जो चर के साथ गुणा किया गया संख्यात्मक मान होता है। उदाहरण के लिए, $4x^3 - 2x^2 + x - 9$ में, $x^3$ का गुणांक 4 है, $x^2$ का गुणांक -2 है, और $x$ का गुणांक 1 है। बहुपद की घात (degree) चर की उच्चतम घात होती है। उपरोक्त उदाहरण में, बहुपद की घात 3 है।
2.3 बहुपद के शून्यक
बहुपद का शून्यक (Zero of a Polynomial) वह वास्तविक संख्या होती है जिसे बहुपद में चर के स्थान पर रखने पर पूरे बहुपद का मान शून्य हो जाता है। उदाहरण के लिए, बहुपद $P(x) = x - 5$ का शून्यक $5$ है, क्योंकि $P(5) = 5 - 5 = 0$। शून्यक बहुपद के ग्राफ को x-अक्ष पर कहाँ काटते हैं, यह भी दर्शाता है।
2.4 शेषफल प्रमेय
शेषफल प्रमेय (Remainder Theorem) कहता है कि यदि एक बहुपद $P(x)$ को एक रैखिक बहुपद $x-a$ से भाग दिया जाता है, तो शेषफल $P(a)$ होता है। यह प्रमेय हमें बिना वास्तविक विभाजन किए किसी बहुपद को एक रैखिक भाजक से विभाजित करने पर प्राप्त होने वाले शेषफल को ज्ञात करने में मदद करता है।
2.5 गुणनखंड प्रमेय
गुणनखंड प्रमेय (Factor Theorem) शेषफल प्रमेय का एक विशेष मामला है। यह बताता है कि यदि $P(a) = 0$ है, तो $(x-a)$ बहुपद $P(x)$ का एक गुणनखंड होगा। इसका उल्टा भी सत्य है: यदि $(x-a)$ बहुपद $P(x)$ का एक गुणनखंड है, तो $P(a) = 0$ होगा। यह प्रमेय बहुपदों का गुणनखंड ज्ञात करने में बहुत उपयोगी है।
2.6 बीजगणितीय सर्वसमिकाएँ
बीजगणितीय सर्वसमिकाएँ (Algebraic Identities) वे समीकरण होते हैं जो चरों के सभी मानों के लिए सत्य होते हैं। कुछ महत्वपूर्ण सर्वसमिकाएँ हैं: $(x+y)^2 = x^2 + 2xy + y^2$, $(x-y)^2 = x^2 - 2xy + y^2$, $(x+y)(x-y) = x^2 - y^2$, और $(x+y+z)^2 = x^2 + y^2 + z^2 + 2xy + 2yz + 2zx$। इन सर्वसमिकाओं का उपयोग बहुपदों के गुणनफल और गुणनखंडन को सरल बनाने में किया जाता है।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)
I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।
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बहुपद क्या है?
एक बहुपद एक बीजीय व्यंजक होता है जिसमें चर की घातें हमेशा गैर-ऋणात्मक पूर्णांक होती हैं।
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$3x^2 + 5x - 7$ में $x^2$ का गुणांक क्या है?
$x^2$ का गुणांक $3$ है।
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बहुपद $P(x) = x - 5$ का शून्यक क्या है?
बहुपद $P(x) = x - 5$ का शून्यक $x=5$ है।
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क्या $\sqrt{x} + 2$ एक बहुपद है? क्यों?
नहीं, $\sqrt{x} + 2$ एक बहुपद नहीं है क्योंकि इसमें चर $x$ की घात $1/2$ है, जो कि एक गैर-ऋणात्मक पूर्णांक नहीं है।
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एक रैखिक बहुपद की घात क्या होती है?
एक रैखिक बहुपद की घात $1$ होती है।
II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।
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बहुपद के शून्यक से आप क्या समझते हैं? उदाहरण दीजिए।
बहुपद का शून्यक वह मान होता है जिसे चर के स्थान पर रखने पर पूरे बहुपद का मान शून्य हो जाता है। उदाहरण के लिए, बहुपद $P(x) = x - 2$ के लिए, $x=2$ इसका शून्यक है क्योंकि $P(2) = 2 - 2 = 0$।
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शेषफल प्रमेय को समझाइए।
शेषफल प्रमेय कहता है कि यदि एक बहुपद $P(x)$ को एक रैखिक बहुपद $x-a$ से भाग दिया जाता है, तो शेषफल $P(a)$ होता है। यह प्रमेय बिना वास्तविक विभाजन किए शेषफल ज्ञात करने में मदद करता है।
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गुणनखंड प्रमेय क्या है और यह शेषफल प्रमेय से कैसे संबंधित है?
गुणनखंड प्रमेय शेषफल प्रमेय का एक विशेष मामला है। यह बताता है कि यदि $P(a) = 0$ है, तो $(x-a)$ बहुपद $P(x)$ का एक गुणनखंड होगा। इसका अर्थ है कि यदि शेषफल शून्य है, तो भाजक एक गुणनखंड है।
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$(x+y+z)^2$ का विस्तार करने के लिए किस बीजगणितीय सर्वसमिका का उपयोग किया जाता है? इसका विस्तार लिखें।
$(x+y+z)^2$ का विस्तार करने के लिए $(a+b+c)^2 = a^2 + b^2 + c^2 + 2ab + 2bc + 2ca$ सर्वसमिका का उपयोग किया जाता है। इसका विस्तार $x^2 + y^2 + z^2 + 2xy + 2yz + 2zx$ होता है।
III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।
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विभिन्न प्रकार के बहुपदों को उनकी घातों के आधार पर वर्गीकृत कीजिए और प्रत्येक का उदाहरण दीजिए।
बहुपदों को उनकी घातों (चर की उच्चतम घात) के आधार पर विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है। सबसे सामान्य वर्गीकरण हैं: * **रैखिक बहुपद (Linear Polynomial):** एक बहुपद जिसकी घात 1 होती है। इसका सामान्य रूप $ax+b$ होता है, जहाँ $a \neq 0$। उदाहरण: $2x+5$, $y-3$। * **द्विघात बहुपद (Quadratic Polynomial):** एक बहुपद जिसकी घात 2 होती है। इसका सामान्य रूप $ax^2+bx+c$ होता है, जहाँ $a \neq 0$। उदाहरण: $x^2-4x+4$, $3y^2+2y-1$। * **त्रिघात बहुपद (Cubic Polynomial):** एक बहुपद जिसकी घात 3 होती है। इसका सामान्य रूप $ax^3+bx^2+cx+d$ होता है, जहाँ $a \neq 0$। उदाहरण: $x^3-8$, $2x^3+x^2-5x+1$।
यह वर्गीकरण बहुपदों का अध्ययन करने और उनके व्यवहार को समझने के लिए महत्वपूर्ण है। घात बहुपदों के शून्यकों की संख्या और उनके ग्राफ के आकार को भी निर्धारित करती है, जिससे उनके बीजगणितीय और ग्राफिक गुणों के बीच संबंध स्थापित होता है।
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बहुपद के गुणनखंड ज्ञात करने के लिए गुणनखंड प्रमेय का उपयोग कैसे करते हैं? उदाहरण सहित समझाइए।
गुणनखंड प्रमेय कहता है कि यदि $P(x)$ एक बहुपद है और $a$ कोई वास्तविक संख्या है, तो यदि $P(a) = 0$ है, तो $(x-a)$ बहुपद $P(x)$ का एक गुणनखंड होगा। इसका उल्टा भी सत्य है: यदि $(x-a)$ बहुपद $P(x)$ का एक गुणनखंड है, तो $P(a) = 0$ होगा। यह प्रमेय बहुपदों का गुणनखंड करने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण है, विशेषकर उन मामलों में जहाँ सीधे गुणनखंड करना मुश्किल होता है। यह विभाजन प्रक्रिया को सरल बनाता है।
उदाहरण के लिए, मान लीजिए हमें बहुपद $P(x) = x^2 - 3x + 2$ का गुणनखंड करना है। हम $x$ के कुछ पूर्णांक मानों को $P(x)$ में रखकर जाँचते हैं। यदि $x=1$ रखते हैं, तो $P(1) = (1)^2 - 3(1) + 2 = 1 - 3 + 2 = 0$। गुणनखंड प्रमेय के अनुसार, चूंकि $P(1) = 0$ है, इसलिए $(x-1)$ बहुपद $P(x)$ का एक गुणनखंड है। अब हम $P(x)$ को $(x-1)$ से भाग देकर दूसरा गुणनखंड ज्ञात कर सकते हैं, जो $(x-2)$ होगा। इस प्रकार, $x^2 - 3x + 2 = (x-1)(x-2)$। यह विधि विशेष रूप से उच्च घात वाले बहुपदों के लिए उपयोगी है क्योंकि यह हमें संभावित गुणनखंडों को व्यवस्थित रूप से खोजने में मदद करती है।
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