अध्याय 15: प्रायिकता (Probability)

परिचय

हमारे दैनिक जीवन में, हम अक्सर ऐसे वाक्यांश सुनते हैं जैसे "आज बारिश होने की संभावना है", "परीक्षा में उत्तीर्ण होने की मेरी अच्छी संभावना है", या "यह लॉटरी जीतने का मौका बहुत कम है"। इन सभी वाक्यांशों में **संभावना (Chance)**, **संभावना (Possibility)** या **प्रायिकता (Probability)** का विचार निहित है। गणित में, प्रायिकता वह संख्यात्मक माप है जो हमें किसी घटना के घटित होने की संभावना के बारे में बताता है। इस अध्याय में, हम प्रायिकता की बुनियादी अवधारणाओं और गणनाओं का अध्ययन करेंगे, विशेष रूप से आनुभाविक (प्रायोगिक) दृष्टिकोण से।

15.1 प्रायिकता - एक आनुभाविक दृष्टिकोण

प्रायिकता का आनुभाविक या प्रयोगात्मक दृष्टिकोण (Empirical or Experimental Approach) अवलोकन और बार-बार किए गए प्रयोगों पर आधारित होता है। इसमें एक प्रयोग को कई बार दोहराया जाता है और परिणामों की बारंबारता के आधार पर प्रायिकता का अनुमान लगाया जाता है।

15.2 प्रायिकता के सूत्र

एक प्रयोग में किसी घटना E की **प्रायिकता (Probability)** को निम्न सूत्र से परिभाषित किया जाता है:

$$P(E) = \frac{\text{अनुकूल परिणामों की संख्या}}{\text{प्रयोग के कुल परिणामों की संख्या}}$$

यहाँ, **अनुकूल परिणामों की संख्या** उन सभी संभावित परिणामों की संख्या को संदर्भित करती है जो उस विशेष घटना E के घटित होने के पक्ष में होते हैं। **प्रयोग के कुल परिणामों की संख्या** उन सभी संभावित और अलग-अलग परिणामों की कुल संख्या है जो उस प्रयोग में हो सकते हैं।

Illustration of a coin toss and a die roll, representing probability experiments.

15.3 कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)

I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।

  1. प्रायिकता क्या है?

    प्रायिकता किसी घटना के घटित होने की संभावना का संख्यात्मक माप है।

  2. एक प्रयोग में एक घटना की प्रायिकता का सूत्र क्या है?

    $P(E) = \frac{\text{अनुकूल परिणामों की संख्या}}{\text{प्रयोग के कुल परिणामों की संख्या}}$।

  3. किसी निश्चित घटना (Sure Event) की प्रायिकता क्या होती है?

    किसी निश्चित घटना की प्रायिकता 1 होती है।

  4. किसी असंभव घटना (Impossible Event) की प्रायिकता क्या होती है?

    किसी असंभव घटना की प्रायिकता 0 होती है।

  5. किसी घटना की प्रायिकता का मान किनके बीच होता है?

    किसी घटना की प्रायिकता का मान 0 और 1 (दोनों सहित) के बीच होता है।

II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।

  1. प्रायिकता में "प्रयोग (Experiment)" और "परिणाम (Outcome)" को परिभाषित करें।

    एक **प्रयोग** वह प्रक्रिया होती है जिससे कुछ अच्छी तरह से परिभाषित परिणाम प्राप्त होते हैं, जैसे एक सिक्का उछालना। एक **परिणाम** प्रयोग के संभावित नतीजों में से एक होता है, जैसे सिक्के को उछालने पर 'चित्त' या 'पट' आना।

  2. "यादृच्छिक प्रयोग (Random Experiment)" का क्या अर्थ है?

    एक यादृच्छिक प्रयोग वह प्रयोग होता है जिसके एक से अधिक संभावित परिणाम होते हैं, और प्रयोग से पहले यह निश्चित रूप से भविष्यवाणी नहीं की जा सकती कि कौन सा परिणाम आएगा, हालांकि सभी संभावित परिणाम ज्ञात होते हैं।

  3. पूरक घटनाओं (Complementary Events) की प्रायिकता का योग क्या होता है? एक उदाहरण दें।

    किसी घटना E और उसकी पूरक घटना E' (E नहीं) की प्रायिकता का योग हमेशा 1 होता है, अर्थात $P(E) + P(E') = 1$। उदाहरण: सिक्के में चित्त आने की प्रायिकता + चित्त न आने की प्रायिकता = 1।

  4. प्रायिकता के "आनुभाविक दृष्टिकोण" का क्या अर्थ है?

    प्रायिकता का आनुभाविक दृष्टिकोण (या प्रयोगात्मक प्रायिकता) अवलोकन और बार-बार किए गए प्रयोगों पर आधारित होता है। इसमें एक प्रयोग को कई बार दोहराया जाता है और परिणामों की बारंबारता के आधार पर प्रायिकता का अनुमान लगाया जाता है।

III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।

  1. प्रायिकता की अवधारणा को समझाएं और बताएं कि यह हमारे दैनिक जीवन में कैसे उपयोगी है।

    **प्रायिकता (Probability)** गणित की एक शाखा है जो किसी घटना के घटित होने की संभावना को मापने से संबंधित है। यह मौका या अनिश्चितता के विचार पर आधारित है। इसे 0 और 1 के बीच एक संख्यात्मक मान के रूप में व्यक्त किया जाता है, जहाँ 0 का अर्थ है घटना का असंभव होना और 1 का अर्थ है घटना का निश्चित रूप से घटित होना। उदाहरण के लिए, एक निष्पक्ष सिक्के को उछालने पर चित्त आने की प्रायिकता 0.5 है, जिसका अर्थ है कि आधे समय में चित्त आने की उम्मीद है।

    प्रायिकता हमारे दैनिक जीवन में विभिन्न तरीकों से बहुत उपयोगी है। उदाहरण के लिए, मौसम का पूर्वानुमान प्रायिकता पर आधारित होता है (जैसे, "कल बारिश होने की 70% संभावना है")। बीमा कंपनियाँ प्रायिकता का उपयोग प्रीमियम निर्धारित करने के लिए करती हैं, यह अनुमान लगाकर कि किसी विशेष घटना (जैसे दुर्घटना या बीमारी) के घटित होने की कितनी संभावना है। खेल में, टीमें जीत की प्रायिकता का आकलन करती हैं। चिकित्सा निदान में, किसी बीमारी की उपस्थिति की संभावना की गणना प्रायिकता के माध्यम से की जा सकती है। यह वैज्ञानिक अनुसंधान, इंजीनियरिंग, वित्त और यहां तक कि जुए में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे हमें अनिश्चितता की स्थिति में सूचित निर्णय लेने में मदद मिलती है। प्रायिकता हमें सूचित जोखिम लेने और संभावित परिणामों का बेहतर अनुमान लगाने में मदद करती है।

  2. एक प्रयोग में किसी घटना की प्रायिकता ज्ञात करने के सूत्र को विस्तार से समझाएँ और दो उपयुक्त उदाहरण दें।

    एक प्रयोग में किसी घटना E की प्रायिकता ज्ञात करने का सूत्र है: $$P(E) = \frac{\text{अनुकूल परिणामों की संख्या}}{\text{प्रयोग के कुल परिणामों की संख्या}}$$ यहाँ, **अनुकूल परिणामों की संख्या** उन सभी संभावित परिणामों की संख्या को संदर्भित करती है जो उस विशेष घटना E के घटित होने के पक्ष में होते हैं। उदाहरण के लिए, यदि हम पासा फेंकते हैं और सम संख्या आने की घटना चाहते हैं, तो 2, 4, 6 अनुकूल परिणाम हैं (कुल 3 परिणाम)। **प्रयोग के कुल परिणामों की संख्या** उन सभी संभावित और अलग-अलग परिणामों की कुल संख्या है जो उस प्रयोग में हो सकते हैं। पासे के मामले में, कुल परिणाम 1, 2, 3, 4, 5, 6 (कुल 6 परिणाम) हैं। यह सूत्र प्रायिकता के "आनुभाविक दृष्टिकोण" पर आधारित है, जहाँ हम प्रयोग को बार-बार दोहराकर और परिणामों का अवलोकन करके प्रायिकता का अनुमान लगाते हैं।

    **उदाहरण 1: सिक्के को उछालना** एक निष्पक्ष सिक्के को 100 बार उछाला जाता है, और यह देखा जाता है कि चित्त 48 बार आता है और पट 52 बार आता है। * घटना E = चित्त आना * चित्त आने के अनुकूल परिणामों की संख्या = 48 * प्रयोग के कुल परिणामों की संख्या = 100 * चित्त आने की प्रायिकता, $P(\text{चित्त}) = \frac{48}{100} = 0.48$ **उदाहरण 2: पासे को फेंकना** एक पासे को 200 बार फेंका जाता है, और संख्या 3, 35 बार आती है। * घटना E = संख्या 3 का आना * संख्या 3 आने के अनुकूल परिणामों की संख्या = 35 * प्रयोग के कुल परिणामों की संख्या = 200 * संख्या 3 आने की प्रायिकता, $P(3) = \frac{35}{200} = 0.175$ ये उदाहरण दर्शाते हैं कि प्रायिकता की गणना कैसे की जाती है जब हमारे पास वास्तविक प्रयोगों से प्राप्त आंकड़े होते हैं। प्रायिकता का मान हमेशा 0 और 1 के बीच होता है, जहाँ 0 का अर्थ है असंभव घटना और 1 का अर्थ है निश्चित घटना।

(ब्राउज़र के प्रिंट-टू-पीडीएफ फ़ंक्शन का उपयोग करता है। दिखावट भिन्न हो सकती है।)