अध्याय 10: वृत्त (Circles)
परिचय
वृत्त एक समतल में स्थित बिंदुओं का एक संग्रह है जो एक निश्चित बिंदु (केंद्र) से एक निश्चित दूरी (त्रिज्या) पर होते हैं। वृत्त ज्यामिति में एक मौलिक आकृति है और इसका दैनिक जीवन में व्यापक अनुप्रयोग है। इस अध्याय में, हम वृत्त और उससे संबंधित विभिन्न पदों, जैसे जीवा, चाप, त्रिज्यखंड, आदि का अध्ययन करेंगे। हम वृत्त के कुछ महत्वपूर्ण गुणों और प्रमेयों की भी पड़ताल करेंगे, जिनमें जीवाओं द्वारा अंतरित कोण, केंद्र से जीवा पर लंब, और चक्रीय चतुर्भुज के गुण शामिल हैं।
10.1 वृत्त और संबंधित पद
एक वृत्त के कुछ प्रमुख पद और उनकी परिभाषाएँ इस प्रकार हैं:
- **केंद्र (Centre):** वृत्त के मध्य में स्थित वह निश्चित बिंदु जिससे वृत्त के सभी बिंदु समान दूरी पर होते हैं।
- **त्रिज्या (Radius):** केंद्र से वृत्त पर किसी बिंदु तक की दूरी।
- **व्यास (Diameter):** वृत्त पर दो बिंदुओं को मिलाने वाला वह रेखाखंड जो केंद्र से होकर गुजरता है। यह वृत्त की सबसे लंबी जीवा होती है। व्यास = 2 × त्रिज्या।
- **जीवा (Chord):** वृत्त पर स्थित किन्हीं दो बिंदुओं को मिलाने वाला रेखाखंड।
- **चाप (Arc):** वृत्त के परिधि का एक टुकड़ा।
- **त्रिज्यखंड (Sector):** वृत्त के दो त्रिज्याओं और उनके बीच के चाप से घिरा क्षेत्र।
- **वृत्तखंड (Segment):** एक जीवा और उसके संगत चाप से घिरा क्षेत्र।
10.2 जीवा द्वारा एक बिंदु पर अंतरित कोण
**प्रमेय:** एक वृत्त की बराबर जीवाएँ केंद्र पर बराबर कोण अंतरित करती हैं। इसका विलोम भी सत्य है: यदि किसी वृत्त की जीवाएँ केंद्र पर बराबर कोण अंतरित करती हैं, तो वे जीवाएँ बराबर होती हैं।
10.3 केंद्र से जीवा पर लंब
**प्रमेय:** एक वृत्त के केंद्र से जीवा पर डाला गया लंब जीवा को समद्विभाजित करता है। इसका विलोम भी सत्य है: केंद्र से जीवा के मध्य-बिंदु को मिलाने वाली रेखा जीवा पर लंब होती है।
10.4 तीन बिंदुओं से गुजरने वाला वृत्त
**प्रमेय:** तीन गैर-संरेख (non-collinear) बिंदुओं से होकर एक और केवल एक ही वृत्त खींचा जा सकता है। इसका अर्थ है कि यदि तीन बिंदु एक ही सीधी रेखा पर नहीं हैं, तो हमेशा एक अद्वितीय वृत्त होगा जो उन तीनों बिंदुओं से होकर गुजरेगा।
10.5 समान जीवाएँ और उनकी केंद्र से दूरियाँ
**प्रमेय:** एक वृत्त की समान जीवाएँ केंद्र से समान दूरी पर होती हैं। इसका विलोम भी सत्य है: एक वृत्त की वे जीवाएँ जो केंद्र से समान दूरी पर होती हैं, लंबाई में बराबर होती हैं।
10.6 एक वृत्त के चाप द्वारा अंतरित कोण
**प्रमेय:** एक चाप द्वारा केंद्र पर अंतरित कोण वृत्त के शेष भाग के किसी भी बिंदु पर अंतरित कोण का दोगुना होता है। यह प्रमेय वृत्त की ज्यामिति में सबसे महत्वपूर्ण प्रमेयों में से एक है।
10.7 चक्रीय चतुर्भुज
**परिभाषा:** एक चतुर्भुज चक्रीय कहलाता है यदि उसके सभी चारों शीर्ष एक वृत्त पर स्थित हों। **प्रमेय:** एक चक्रीय चतुर्भुज के सम्मुख कोणों का प्रत्येक युग्म संपूरक होता है (अर्थात्, उनका योग $180^\circ$ होता है)। इसका विलोम भी सत्य है: यदि किसी चतुर्भुज के सम्मुख कोणों का एक युग्म संपूरक हो, तो वह चतुर्भुज चक्रीय होता है।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)
I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।
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वृत्त की सबसे लंबी जीवा को क्या कहते हैं?
वृत्त की सबसे लंबी जीवा को **व्यास (Diameter)** कहते हैं।
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एक वृत्त में, केंद्र से जीवा पर डाला गया लंब जीवा को क्या करता है?
एक वृत्त में, केंद्र से जीवा पर डाला गया लंब जीवा को **समद्विभाजित (bisects)** करता है।
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क्या तीन संरेख (collinear) बिंदुओं से कोई वृत्त खींचा जा सकता है?
नहीं, तीन संरेख बिंदुओं से कोई वृत्त नहीं खींचा जा सकता।
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वृत्त के केंद्र पर जीवा द्वारा बनाया गया कोण परिधि पर उसी चाप द्वारा बनाए गए कोण का कितना गुना होता है?
वृत्त के केंद्र पर जीवा द्वारा बनाया गया कोण परिधि पर उसी चाप द्वारा बनाए गए कोण का **दोगुना** होता है।
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एक चक्रीय चतुर्भुज (Cyclic Quadrilateral) के सम्मुख कोणों का योग कितना होता है?
एक चक्रीय चतुर्भुज के सम्मुख कोणों का योग **$180^\circ$** होता है।
II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।
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वृत्त की परिभाषा दें और उसके किन्हीं दो संबंधित पदों के नाम लिखें।
वृत्त एक समतल में उन सभी बिंदुओं का संग्रह है जो एक स्थिर बिंदु (केंद्र) से एक स्थिर दूरी (त्रिज्या) पर स्थित होते हैं। वृत्त से संबंधित पद हैं: जीवा (Chord), चाप (Arc), व्यास (Diameter), त्रिज्या (Radius), त्रिज्यखंड (Sector), वृत्तखंड (Segment) आदि।
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सिद्ध करें कि एक वृत्त की बराबर जीवाएँ केंद्र पर बराबर कोण अंतरित करती हैं।
यदि एक वृत्त की दो जीवाएँ बराबर हों, तो केंद्र से खींची गई त्रिज्याओं के साथ मिलकर वे दो त्रिभुज बनाती हैं। इन त्रिभुजों की तीनों भुजाएँ बराबर होंगी (SSS सर्वांगसमता)। इसलिए, त्रिभुज सर्वांगसम होंगे, और उनके संगत कोण (जो केंद्र पर अंतरित होते हैं) बराबर होंगे।
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क्या एक वृत्त हमेशा तीन गैर-संरेख (non-collinear) बिंदुओं से होकर गुजरता है? स्पष्ट करें।
हाँ, हमेशा। अद्वितीय वृत्त प्रमेय के अनुसार, तीन गैर-संरेख बिंदुओं से होकर एक और केवल एक ही वृत्त खींचा जा सकता है। यह एक महत्वपूर्ण ज्यामितीय तथ्य है जिसका उपयोग वृत्त के गुणों को समझने में होता है।
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वृत्त की समान जीवाएँ केंद्र से समान दूरी पर होती हैं - इस प्रमेय का महत्व क्या है?
यह प्रमेय वृत्त की ज्यामिति में एक मौलिक संबंध स्थापित करता है। इसका उपयोग यह सिद्ध करने में किया जाता है कि यदि जीवाएँ केंद्र से समान दूरी पर हैं, तो वे बराबर होंगी, और इसका विलोम भी सत्य है। यह वृत्त के अंदर विभिन्न तत्वों के बीच समरूपता और संबंधों को समझने में मदद करता है।
III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।
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सिद्ध करें कि एक वृत्त के केंद्र से जीवा पर डाला गया लंब जीवा को समद्विभाजित करता है।
मान लीजिए एक वृत्त जिसका केंद्र O है और AB उसकी एक जीवा है। हमें यह सिद्ध करना है कि केंद्र O से जीवा AB पर डाला गया लंब OM, जीवा AB को समद्विभाजित करता है, अर्थात् $AM = MB$। इसके लिए, O से A और O से B को मिलाइए। इस प्रकार हमें दो त्रिभुज, $\triangle OMA$ और $\triangle OMB$ प्राप्त होते हैं। चूँकि $OM \perp AB$ दिया गया है, ये दोनों त्रिभुज समकोण त्रिभुज हैं। अब, $\triangle OMA$ और $\triangle OMB$ पर विचार करें: 1. $OA = OB$ (ये एक ही वृत्त की त्रिज्याएँ हैं, इसलिए इनकी लंबाई समान होगी)। 2. $OM = OM$ (यह दोनों त्रिभुजों की उभयनिष्ठ भुजा है)। 3. $\angle OMA = \angle OMB = 90^\circ$ (क्योंकि OM जीवा AB पर लंब है)।
RHS (समकोण-कर्ण-भुजा) सर्वांगसमता नियम के अनुसार, यदि दो समकोण त्रिभुजों में कर्ण और एक भुजाएँ संगत रूप से बराबर हों, तो वे सर्वांगसम होते हैं। यहाँ, कर्ण $OA = OB$ और भुजा $OM = OM$ है, और दोनों $90^\circ$ का कोण हैं। इसलिए, $\triangle OMA \cong \triangle OMB$ (RHS सर्वांगसमता द्वारा)। चूँकि ये दोनों त्रिभुज सर्वांगसम हैं, उनके संगत भाग भी बराबर होंगे (CPCTC - Congruent Parts of Congruent Triangles are Congruent)। इसलिए, $AM = MB$। यह सिद्ध करता है कि एक वृत्त के केंद्र से जीवा पर डाला गया लंब जीवा को समद्विभाजित करता है। यह प्रमेय वृत्त से संबंधित कई ज्यामितीय समस्याओं और निर्माणों में बहुत उपयोगी है, जैसे जीवा की लंबाई ज्ञात करना या वृत्त का केंद्र निर्धारित करना।
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चक्रीय चतुर्भुज क्या होता है? सिद्ध करें कि एक चक्रीय चतुर्भुज के सम्मुख कोणों का प्रत्येक युग्म संपूरक होता है।
एक **चक्रीय चतुर्भुज (Cyclic Quadrilateral)** एक ऐसा चतुर्भुज होता है जिसके सभी चारों शीर्ष एक वृत्त की परिधि पर स्थित होते हैं। चक्रीय चतुर्भुज का एक बहुत ही महत्वपूर्ण गुण यह है कि इसके सम्मुख कोणों का प्रत्येक युग्म संपूरक होता है, अर्थात् उनके कोणों का योग $180^\circ$ होता है। इसे सिद्ध करने के लिए, मान लीजिए ABCD एक चक्रीय चतुर्भुज है और O वृत्त का केंद्र है। हमें यह सिद्ध करना है कि $\angle A + \angle C = 180^\circ$ और $\angle B + \angle D = 180^\circ$। केंद्र O से B और D को मिलाइए। वृत्त के केंद्र पर चाप BCD द्वारा अंतरित कोण $\angle BOD$ है। वृत्त के शेष भाग में चाप BCD द्वारा अंतरित कोण $\angle BAD$ (जो $\angle A$ है) है। प्रमेय के अनुसार, वृत्त के केंद्र पर अंतरित कोण शेष परिधि पर अंतरित कोण का दोगुना होता है। इसलिए, $\angle BOD = 2 \angle BAD$। (1)
इसी प्रकार, केंद्र पर चाप BAD द्वारा अंतरित प्रतिवर्ती कोण (Reflex Angle) $\angle BOD$ है। वृत्त के शेष भाग में चाप BAD द्वारा अंतरित कोण $\angle BCD$ (जो $\angle C$ है) है। इसलिए, प्रतिवर्ती $\angle BOD = 2 \angle BCD$। (2) समीकरण (1) और (2) को जोड़ने पर: $\angle BOD + \text{प्रतिवर्ती } \angle BOD = 2 \angle BAD + 2 \angle BCD$ हम जानते हैं कि एक बिंदु पर बने कोणों का योग $360^\circ$ होता है। अतः, $\angle BOD + \text{प्रतिवर्ती } \angle BOD = 360^\circ$। $360^\circ = 2 (\angle BAD + \angle BCD)$ दोनों पक्षों को 2 से भाग देने पर: $180^\circ = \angle BAD + \angle BCD$ अर्थात्, $\angle A + \angle C = 180^\circ$। इसी प्रकार, हम $\angle B + \angle D = 180^\circ$ भी सिद्ध कर सकते हैं। यह गुण चक्रीय चतुर्भुजों की पहचान में, अज्ञात कोणों को ज्ञात करने में, और उनसे संबंधित विभिन्न ज्यामितीय समस्याओं को हल करने में बहुत उपयोगी है। इसका विलोम भी सत्य है: यदि किसी चतुर्भुज के सम्मुख कोणों का एक युग्म संपूरक हो, तो वह चतुर्भुज चक्रीय होता है।
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