Chapter 8: एक कुत्ता और एक मैना
(हजारी प्रसाद द्विवेदी)
पाठ का सार
'एक कुत्ता और एक मैना' आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा लिखित एक निबंध है। इस निबंध में लेखक ने रवींद्रनाथ टैगोर के पशु-प्रेम और उनके साथ उनके पालतू कुत्ते तथा एक मैना के भावनात्मक संबंधों का बहुत ही मार्मिक और सूक्ष्मता से वर्णन किया है। लेखक ने इस बात पर जोर दिया है कि मनुष्य और पशुओं के बीच भी गहरा प्रेम, समझ और संवेदनशीलता हो सकती है, जिसे अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है।
लेखक बताते हैं कि कैसे गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर अपनी मृत्यु के समय भी अपने प्यारे कुत्ते को याद करते थे। उनका कुत्ता उनकी भावनाओं को इतनी गहराई से समझता था कि उनके दुःख में वह भी दुःखी होता था और उनके खुशी में प्रसन्न होता था। इसी प्रकार, लेखक एक मैना और मैना के जोड़े का उदाहरण देते हैं, जो गुरुदेव के आश्रम में रहते थे। गुरुदेव मैना के जोड़े के व्यवहार को बड़े ध्यान से देखते थे और उनकी समझ और क्रियाकलापों पर आश्चर्यचकित होते थे। लेखक यह सिद्ध करते हैं कि पशु-पक्षी भी मनुष्य की भावनाओं को समझते हैं और उनके प्रति वफादारी, प्रेम और करुणा रखते हैं। यह निबंध मानव-पशु संबंधों की गहराई, संवेदनशीलता और प्रकृति के साथ हमारे जुड़ाव को उजागर करता है। लेखक ने गुरुदेव के व्यक्तित्व के माध्यम से पशुओं के प्रति मानवीय दृष्टिकोण की आवश्यकता पर भी बल दिया है।
प्रश्न-अभ्यास
I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
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लेखक ने गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के कुत्ते और मैना के उदाहरणों से क्या संदेश दिया है?
लेखक ने गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के कुत्ते और मैना के उदाहरणों से यह संदेश दिया है कि मनुष्य और पशुओं के बीच भी गहरा प्रेम, संवेदनशीलता, और समझ का संबंध हो सकता है। पशु केवल 'जीव' नहीं होते, बल्कि उनमें भी भावनाएँ होती हैं और वे मनुष्य की भावनाओं को समझते भी हैं। लेखक ने यह दर्शाया है कि पशुओं के प्रति मानवीय दृष्टिकोण रखना चाहिए और उनकी वफादारी तथा प्रेम को समझना चाहिए, जो अक्सर मनुष्य की समझ से परे होता है।
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कुत्ते ने किस प्रकार गुरुदेव के प्रति अपनी वफादारी और प्रेम को प्रकट किया?
कुत्ते ने कई प्रकार से गुरुदेव के प्रति अपनी वफादारी और प्रेम को प्रकट किया। जब गुरुदेव की मृत्यु हुई, तो कुत्ता उनकी चिता के पास चुपचाप बैठा रहा, मानो वह भी अपने स्वामी के दुःख में दुःखी हो। वह गुरुदेव की हर बात और हर भावना को समझता था। जब गुरुदेव उसे पुकारते, तो वह तुरंत चला आता और उनकी उपस्थिति में शांत रहता। उसकी आँखों में एक अजीब-सी समझदारी और श्रद्धा का भाव रहता था, जो गुरुदेव के प्रति उसके गहरे लगाव को दर्शाता था।
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लेखक ने मैना के जोड़े के व्यवहार में क्या खास बात देखी?
लेखक ने मैना के जोड़े के व्यवहार में यह खास बात देखी कि वे गुरुदेव के आश्रम में बेखौफ घूमते थे और उनकी गतिविधियों को बहुत ध्यान से देखते थे। लेखक ने विशेष रूप से मैना की उस प्रवृत्ति को देखा कि जब वह किसी बात पर जोर देती थी या अपनी बात कहती थी, तो वह अपनी गर्दन थोड़ी टेढ़ी कर लेती थी। यह विशेषता गुरुदेव को बहुत अच्छी लगती थी। लेखक इस व्यवहार के माध्यम से मैना की समझदारी और उसके व्यक्तित्व को दर्शाना चाहते हैं।
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गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का पशु-प्रेम किस प्रकार का था?
गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का पशु-प्रेम अत्यंत गहरा और संवेदनशील था। वे पशुओं को केवल जीव नहीं, बल्कि सजीव प्राणी मानते थे जिनमें भावनाएँ होती हैं। वे अपने कुत्ते और मैना के व्यवहार को बहुत बारीकी से देखते और समझते थे। उनके लिए पशु-पक्षी भी प्रकृति का एक अभिन्न अंग थे, जिनके साथ उनका भावनात्मक जुड़ाव था। वे मनुष्य और प्रकृति के बीच एक सामंजस्यपूर्ण संबंध की वकालत करते थे, जिसमें पशु-पक्षी भी शामिल थे।
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इस पाठ से हमें पशुओं के प्रति क्या सीख मिलती है?
इस पाठ से हमें पशुओं के प्रति निम्नलिखित सीख मिलती है:
- पशुओं में भी भावनाएँ होती हैं और वे मनुष्य की भावनाओं को समझ सकते हैं।
- मनुष्यों को पशुओं के प्रति संवेदनशील, दयालु और प्रेमपूर्ण व्यवहार रखना चाहिए।
- पशु भी वफादारी, प्रेम और आत्म-त्याग जैसे गुणों का प्रदर्शन कर सकते हैं।
- हमें प्रकृति और उसमें रहने वाले सभी जीवों के साथ सह-अस्तित्व की भावना से रहना चाहिए।
II. आशय स्पष्ट कीजिए:
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"इस विशाल भवन के हर एक कोने में उनकी स्मृति बिखर चुकी है।"
इस पंक्ति का आशय यह है कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के निधन के बाद, उनका व्यक्तित्व और उनकी उपस्थिति केवल भौतिक रूप से ही नहीं, बल्कि भावनात्मक और आध्यात्मिक रूप से भी उनके आश्रम (शांतिनिकेतन) के हर कोने में व्याप्त है। उनका प्रभाव, उनके विचार और उनकी यादें उस स्थान के कण-कण में समा चुकी हैं। यह वाक्य गुरुदेव की विराट उपस्थिति और उनके अवर्णनीय प्रभाव को दर्शाता है, जो उनकी मृत्यु के बाद भी उनके स्थान और उनके शिष्यों के बीच महसूस किया जा सकता है।
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