अध्याय 9: शीतोष्ण घासस्थलों में जीवन (Life in the Temperate Grasslands)
परिचय
विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग प्रकार की जलवायु पाई जाती है, जिसके कारण वहाँ की वनस्पति और जीव-जंतुओं में भी भिन्नता होती है। इस अध्याय में हम शीतोष्ण कटिबंध (Temperate Zone) में स्थित घासस्थलों में जीवन के बारे में जानेंगे। हम दो प्रमुख घासस्थलों का अध्ययन करेंगे: उत्तरी अमेरिका के **प्रेयरी** और दक्षिण अफ्रीका के **वेल्ड**।
9.1 प्रेयरी (Prairies) - उत्तरी अमेरिका में
प्रेयरी उत्तरी अमेरिका के शीतोष्ण घासस्थल हैं। ये समतल, वृक्ष-रहित मैदान होते हैं, जहाँ कहीं-कहीं ही पेड़ पाए जाते हैं।
स्थिति और जलवायु
- स्थिति: ये संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के बड़े हिस्से में फैले हुए हैं। ये रॉकी पर्वतमाला से घिरे हैं।
- जलवायु: यहाँ की जलवायु महाद्वीपीय प्रकार की होती है, जहाँ गर्मियाँ हल्की और सर्दियाँ ठंडी होती हैं। वर्षा कम होती है और यह अधिकतर वसंत ऋतु में होती है।
वनस्पति और जीव-जंतु (Flora and Fauna)
- वनस्पति: इस क्षेत्र में कम वर्षा के कारण वृक्ष कम होते हैं। मुख्य रूप से लंबी और छोटी घासें पाई जाती हैं।
- जीव-जंतु: यहाँ की सबसे प्रमुख प्रजाति जंगली भैंस (Bison) थी, जो अब लगभग विलुप्त हो चुकी है। अन्य जानवरों में खरगोश, कोयोट और प्रेयरी कुत्ता (Prairie Dog) शामिल हैं।
लोग और आर्थिक गतिविधियाँ (People and Economy)
- कृषि: प्रेयरी विश्व के सबसे अधिक उपजाऊ घासस्थलों में से हैं। यहाँ की मिट्टी बहुत उपजाऊ होती है, जिससे यह **मक्का** और **गेहूं** के उत्पादन के लिए आदर्श है। इसे 'दुनिया का अन्न भंडार' भी कहा जाता है।
- पशुपालन: यहाँ पशुओं को बड़े-बड़े फार्मों में पाला जाता है। इन फार्मों को **रेंच (Ranch)** कहा जाता है। यहाँ पशुपालन मुख्य रूप से डेयरी उत्पादों के लिए होता है।
9.2 वेल्ड (Velds) - दक्षिण अफ्रीका में
वेल्ड दक्षिण अफ्रीका के शीतोष्ण घासस्थल हैं। ये पठारी क्षेत्र हैं और इनकी ऊँचाई 600 मीटर से 1600 मीटर तक होती है।
स्थिति और जलवायु
- स्थिति: वेल्ड दक्षिण अफ्रीका के पूर्वी भाग में स्थित हैं। ये ड्रैकेंसबर्ग पर्वतों से घिरे हुए हैं।
- जलवायु: वेल्ड की जलवायु हल्की और नम होती है, लेकिन सर्दी ठंडी होती है। यहाँ वर्षा अधिकतर गर्मियों में होती है।
वनस्पति और जीव-जंतु (Flora and Fauna)
- वनस्पति: इस क्षेत्र में अधिकतर घास और कुछ बबूल के पेड़ पाए जाते हैं। ऊँचाई के अनुसार घास की ऊँचाई भी बदलती रहती है।
- जीव-जंतु: यहाँ शेर, तेंदुआ और चीता जैसे जानवर पाए जाते हैं।
लोग और आर्थिक गतिविधियाँ (People and Economy)
- कृषि: वेल्ड में मक्का, गेहूं और गन्ना जैसी फसलें उगाई जाती हैं, लेकिन कृषि की तुलना में पशुपालन यहाँ अधिक महत्वपूर्ण है।
- पशुपालन: यहाँ भेड़ पालन एक प्रमुख गतिविधि है। भेड़ से **ऊन** प्राप्त की जाती है। वेल्ड में डेयरी उद्योग भी विकसित है।
- खनिज: वेल्ड खनिज संसाधनों में बहुत समृद्ध है। यह सोना और हीरे के खनन के लिए प्रसिद्ध है। जोहानिसबर्ग को 'दुनिया की स्वर्ण राजधानी' कहा जाता है।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)
I. कुछ शब्दों में उत्तर दें।
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प्रेयरी घासस्थल कहाँ स्थित हैं?
उत्तरी अमेरिका में।
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वेल्ड घासस्थल किस देश में पाए जाते हैं?
दक्षिण अफ्रीका में।
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प्रेयरी की सबसे प्रमुख जानवर प्रजाति कौन सी थी?
जंगली भैंस (Bison)।
II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।
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शीतोष्ण घासस्थलों में कौन-कौन सी मुख्य फसलें उगाई जाती हैं?
शीतोष्ण घासस्थलों में, खासकर प्रेयरी में, उपजाऊ मिट्टी के कारण गेहूं और मक्का जैसी फसलें बड़े पैमाने पर उगाई जाती हैं। ये क्षेत्र दुनिया के प्रमुख अन्न भंडारों में से हैं।
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वेल्ड में भेड़ पालन एक महत्वपूर्ण व्यवसाय क्यों है?
वेल्ड में ठंडी जलवायु और उपयुक्त घास होने के कारण भेड़ पालन के लिए आदर्श परिस्थितियाँ हैं। यहाँ की भेड़ें अच्छी गुणवत्ता वाली ऊन का उत्पादन करती हैं, जिससे यह क्षेत्र ऊन उद्योग का केंद्र बन गया है।
III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।
प्रेयरी और वेल्ड दोनों शीतोष्ण घासस्थल हैं, लेकिन उनकी जलवायु और वनस्पति में कुछ भिन्नताएँ हैं। प्रेयरी की जलवायु महाद्वीपीय होती है, जिसमें अत्यधिक तापमान का अंतर होता है - गर्मियाँ हल्की गर्म और सर्दियाँ बहुत ठंडी होती हैं। वर्षा कम होती है और यह अधिकतर वसंत ऋतु में होती है। वनस्पति के रूप में यहाँ अधिकतर लंबी और छोटी घासें मिलती हैं, और वृक्ष बहुत कम होते हैं।
दूसरी ओर, वेल्ड की जलवायु हल्की और नम होती है। यहाँ तापमान का अंतर प्रेयरी जितना अधिक नहीं होता। वेल्ड में वर्षा अधिकतर गर्मियों के महीनों में होती है। वनस्पति में यहाँ भी घास प्रमुख है, लेकिन ऊँचाई के अनुसार घास की ऊँचाई भिन्न होती है। कुछ क्षेत्रों में बबूल और मारुला जैसे पेड़ भी पाए जाते हैं। वेल्ड खनिज संपदा में भी समृद्ध हैं, जबकि प्रेयरी कृषि में अधिक उन्नत हैं।
प्रेयरी के लोग मुख्य रूप से दो प्रमुख आर्थिक गतिविधियों - कृषि और पशुपालन - में संलग्न हैं। इस क्षेत्र की उपजाऊ काली मिट्टी और अनुकूल जलवायु के कारण यह बड़े पैमाने पर गेहूं और मक्का की खेती के लिए आदर्श है। यहाँ बड़े-बड़े खेतों में आधुनिक मशीनों जैसे ट्रैक्टर, कंबाइन हार्वेस्टर और थ्रेशर का उपयोग किया जाता है, जिससे कृषि बहुत कुशल हो गई है। इसी कारण प्रेयरी को 'दुनिया का अन्न भंडार' कहा जाता है।
इसके अतिरिक्त, प्रेयरी में पशुपालन भी एक महत्वपूर्ण व्यवसाय है। यहाँ बड़े-बड़े पशु फार्म (रेंच) हैं, जहाँ पशुओं को पाला जाता है। इन पशुओं का उपयोग डेयरी उत्पादों जैसे दूध, पनीर और मक्खन के उत्पादन के लिए किया जाता है। मांस प्रसंस्करण के लिए भी यह क्षेत्र प्रसिद्ध है। आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक तरीकों ने यहाँ के कृषि और पशुपालन उद्योगों को बहुत उन्नत बना दिया है, जिससे यहाँ के लोगों की जीवनशैली भी उन्नत और आरामदायक है।
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