अध्याय 6: प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन (Natural Vegetation and Wildlife)
परिचय
पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार की जलवायु और भू-आकृतियाँ हैं। इन्हीं विविधताओं के कारण यहाँ अलग-अलग प्रकार की प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन पाया जाता है। इस अध्याय में, हम विश्व के प्रमुख प्रकार के वनों, घास के मैदानों और कँटीली झाड़ियों के बारे में जानेंगे और समझेंगे कि कैसे ये पर्यावरण और वन्य जीवन को प्रभावित करते हैं।
6.1 वनों के प्रकार
प्राकृतिक वनस्पति को मुख्य रूप से तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है: वन, घास के मैदान और कँटीली झाड़ियाँ।
उष्णकटिबंधीय वन (Tropical Forests)
- उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन: ये वन भूमध्यरेखा और उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के पास पाए जाते हैं। ये बहुत घने होते हैं क्योंकि यहाँ साल भर भारी वर्षा होती है। यहाँ के पेड़ अपनी पत्तियाँ किसी खास मौसम में नहीं गिराते, इसलिए इन्हें सदाबहार वन कहते हैं। उदाहरण: अमेज़न के जंगल। जानवर: एनाकोंडा, बंदर।
- उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन: ये मानसूनी वन होते हैं और भारत, उत्तरी ऑस्ट्रेलिया और मध्य अमेरिका के बड़े हिस्सों में पाए जाते हैं। ये पेड़ शुष्क मौसम में पानी बचाने के लिए अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं। उदाहरण: साल, सागौन। जानवर: बाघ, हाथी, लंगूर।
शीतोष्ण वन (Temperate Forests)
- शीतोष्ण सदाबहार वन: ये वन महाद्वीपों के पूर्वी किनारे पर स्थित हैं, जैसे दक्षिण-पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिण चीन और दक्षिण-पूर्वी ब्राजील। यहाँ ओक, चीड़ और यूकेलिप्टस जैसे कठोर और नर्म दोनों प्रकार के वृक्ष पाए जाते हैं।
- शीतोष्ण पर्णपाती वन: ये वन उच्च अक्षांशों की ओर पाए जाते हैं। ये पेड़ शुष्क मौसम में अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं। उदाहरण: ओक, ऐश, बीच। जानवर: हिरण, लोमड़ी, भेड़िये।
भूमध्यसागरीय वनस्पति और शंकुधारी वन
- भूमध्यसागरीय वनस्पति: ये वनस्पति भूमध्य सागर के आसपास के क्षेत्रों में पाई जाती है। यहाँ गर्म, शुष्क ग्रीष्मकाल और हल्की, नम सर्दियाँ होती हैं। यहाँ के वृक्ष शुष्क मौसम में खुद को जीवित रखने के लिए मोटे छाल और मोम से ढकी पत्तियाँ रखते हैं। उदाहरण: नींबू, संतरा, अंजीर।
- शंकुधारी वन: ये वन उत्तरी गोलार्ध के उच्च अक्षांशों (50°N - 70°N) में पाए जाते हैं। इन्हें **टैगा (Taiga)** भी कहते हैं। ये वन लंबे, नरम लकड़ी वाले पेड़ों से बने होते हैं। उदाहरण: चीड़, देवदार, सिल्वर फर। जानवर: सिल्वर लोमड़ी, मिंक, ध्रुवीय भालू।
6.2 घास के मैदान (Grasslands)
ये वनस्पति मध्यम वर्षा वाले क्षेत्रों में पाई जाती है।
- उष्णकटिबंधीय घास के मैदान: ये भूमध्यरेखा के दोनों ओर, उष्णकटिबंधीय वनों के पास पाए जाते हैं। यहाँ वर्षा कम होती है। जानवर: हाथी, ज़ेबरा, जिराफ। उदाहरण: सवाना (अफ्रीका)।
- शीतोष्ण घास के मैदान: ये घास के मैदान मध्य अक्षांशों के आंतरिक हिस्सों में पाए जाते हैं। यहाँ की घास छोटी और पौष्टिक होती है। जानवर: जंगली भैंस, बाइसन। उदाहरण: प्रेयरी (उत्तरी अमेरिका), वेल्ड (दक्षिण अफ्रीका)।
6.3 कँटीली झाड़ियाँ (Thorny Bushes)
ये वनस्पति शुष्क रेगिस्तानी क्षेत्रों में पाई जाती है। यहाँ वर्षा बहुत कम होती है और तापमान अधिक होता है।
- ये झाड़ियाँ कँटीली होती हैं और इनकी पत्तियाँ मोम जैसी परत से ढकी होती हैं ताकि वाष्पोत्सर्जन को कम किया जा सके। जानवर: ऊँट, रेगिस्तानी लोमड़ी।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)
I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।
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सदाबहार वन और पर्णपाती वन में क्या अंतर है?
सदाबहार वन साल भर हरे-भरे रहते हैं, जबकि पर्णपाती वन शुष्क मौसम में अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं।
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उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन को 'वर्षा वन' क्यों कहते हैं?
क्योंकि इन क्षेत्रों में साल भर भारी वर्षा होती है।
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टैगा वन किसे कहते हैं?
उत्तरी गोलार्ध के उच्च अक्षांशों में पाए जाने वाले शंकुधारी वनों को टैगा वन कहते हैं।
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भूमध्यसागरीय वनस्पति की कोई एक विशेषता बताइए।
यहाँ के पेड़ों की पत्तियाँ मोटी और मोम जैसी परत से ढकी होती हैं ताकि शुष्क ग्रीष्मकाल में पानी बचाया जा सके।
II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।
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वन्य जीवन के लिए वनों का क्या महत्व है?
वन्य जीवन के लिए वन महत्वपूर्ण आवास और भोजन स्रोत प्रदान करते हैं। वे जीवों को आश्रय, सुरक्षा और प्रजनन के लिए उपयुक्त वातावरण देते हैं।
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उष्णकटिबंधीय और शीतोष्ण घास के मैदानों में क्या अंतर है?
उष्णकटिबंधीय घास के मैदान भूमध्यरेखा के पास और शीतोष्ण घास के मैदान मध्य अक्षांशों में पाए जाते हैं। उष्णकटिबंधीय घास के मैदानों में घास लंबी होती है, जबकि शीतोष्ण घास के मैदानों में घास छोटी और पौष्टिक होती है।
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वनस्पति के प्रकारों को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक क्या हैं?
तापमान और वर्षा जैसे जलवायु कारक, और भू-आकृति, मृदा और ढलान जैसे भौगोलिक कारक वनस्पति के प्रकारों को प्रभावित करते हैं।
III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।
विश्व में वनों को मुख्य रूप से उनकी जलवायु परिस्थितियों के आधार पर वर्गीकृत किया गया है। **उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन** भूमध्यरेखा के पास के गर्म और आर्द्र क्षेत्रों में पाए जाते हैं, जहाँ साल भर भारी वर्षा होती है। ये वन इतने घने होते हैं कि दिन के समय भी सूर्य का प्रकाश जमीन तक नहीं पहुँच पाता। इन वनों के वृक्ष अपनी पत्तियाँ एक ही समय में नहीं गिराते, इसलिए ये हमेशा हरे-भरे रहते हैं। इसके विपरीत, **उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन** भारत जैसे मानसूनी क्षेत्रों में पाए जाते हैं, जहाँ वर्षा की मात्रा कम होती है। ये पेड़ शुष्क मौसम में अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं ताकि पानी बचाया जा सके।
मध्य अक्षांशों में, **शीतोष्ण सदाबहार वन** और **शीतोष्ण पर्णपाती वन** पाए जाते हैं। शीतोष्ण सदाबहार वन महाद्वीपों के पूर्वी किनारों पर पाए जाते हैं, जबकि शीतोष्ण पर्णपाती वन उच्च अक्षांशों पर पाए जाते हैं, जहाँ की जलवायु में महत्वपूर्ण मौसमी बदलाव होते हैं। यहाँ के पेड़ सर्दियों में अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं। इसके अलावा, उत्तरी गोलार्ध के उच्च अक्षांशों में **शंकुधारी वन** पाए जाते हैं, जिन्हें टैगा भी कहते हैं। इन वनों के पेड़ सीधे और लंबे होते हैं, और इनकी पत्तियाँ सुई जैसी होती हैं, जो बर्फ को आसानी से फिसलने देती हैं।
घास के मैदान उन क्षेत्रों में पाए जाते हैं जहाँ मध्यम वर्षा होती है। इन्हें दो मुख्य प्रकारों में बांटा गया है। **उष्णकटिबंधीय घास के मैदान** भूमध्यरेखा के दोनों ओर पाए जाते हैं और यहाँ की घास लंबी होती है। अफ्रीका का सवाना इसका एक प्रमुख उदाहरण है, जहाँ हाथी, ज़ेबरा, जिराफ, तेंदुआ और हिरण जैसे जानवर पाए जाते हैं। ये जानवर शाकाहारी और मांसाहारी दोनों होते हैं, जिससे एक संतुलित खाद्य श्रृंखला बनी रहती है।
दूसरी ओर, **शीतोष्ण घास के मैदान** मध्य अक्षांशों में पाए जाते हैं और यहाँ की घास आमतौर पर छोटी और पौष्टिक होती है। उत्तरी अमेरिका के प्रेयरी और दक्षिण अफ्रीका के वेल्ड इसके प्रमुख उदाहरण हैं। यहाँ मुख्य रूप से जंगली भैंस, बाइसन और हिरण जैसे बड़े जानवर पाए जाते हैं। कँटीली झाड़ियाँ शुष्क, रेगिस्तानी जलवायु वाले क्षेत्रों में पाई जाती हैं, जहाँ वर्षा बहुत कम होती है। यहाँ की वनस्पति में कँटीली झाड़ियाँ और कैक्टस जैसे पौधे शामिल हैं, जिनकी पत्तियाँ छोटी और मोम जैसी होती हैं ताकि पानी का वाष्पीकरण कम हो सके। इन क्षेत्रों में पाए जाने वाले जानवर जैसे ऊँट और रेगिस्तानी लोमड़ी भी कम पानी में जीवित रहने के लिए अनुकूलित होते हैं।
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