अध्याय 4: वायु (Air)
परिचय
हमारी पृथ्वी चारों ओर से वायु की एक विशाल चादर से घिरी हुई है, जिसे **वायुमंडल (Atmosphere)** कहते हैं। पृथ्वी पर सभी जीवित प्राणियों के लिए वायुमंडल बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें सांस लेने के लिए हवा प्रदान करता है और सूर्य की हानिकारक किरणों से हमारी रक्षा करता है। अगर यह चादर न हो, तो हम दिन के समय सूर्य की तेज गर्मी से झुलस जाएंगे और रात में जम जाएंगे।
4.1 वायुमंडल का संघटन
वायुमंडल मुख्य रूप से दो गैसों से बना है: **नाइट्रोजन (78%)** और **ऑक्सीजन (21%)**। इन दोनों के अलावा, वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड, आर्गन और अन्य गैसें भी बहुत कम मात्रा में पाई जाती हैं।
- नाइट्रोजन: यह सबसे अधिक मात्रा में पाई जाने वाली गैस है और पौधों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
- ऑक्सीजन: यह जीवन के लिए सबसे आवश्यक गैस है। मनुष्य और पशु साँस लेने के लिए ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं।
- कार्बन डाइऑक्साइड: पौधे इस गैस का उपयोग अपना भोजन बनाने के लिए करते हैं। यह पृथ्वी से उत्सर्जित गर्मी को रोककर इसे गर्म रखती है, लेकिन इसकी मात्रा बढ़ने से ग्रीनहाउस प्रभाव और ग्लोबल वार्मिंग होती है।
4.2 वायुमंडल की संरचना
हमारा वायुमंडल पाँच परतों में विभाजित है, जो पृथ्वी की सतह से शुरू होती हैं:
- क्षोभमंडल (Troposphere): यह वायुमंडल की सबसे निचली और सबसे महत्वपूर्ण परत है। मौसम संबंधी सभी घटनाएँ, जैसे वर्षा और कोहरा, इसी परत में होती हैं।
- समतापमंडल (Stratosphere): यह क्षोभमंडल के ऊपर की परत है। यह बादल और मौसम संबंधी घटनाओं से लगभग मुक्त होती है, इसलिए हवाई जहाज यहाँ उड़ान भरते हैं। इस परत में **ओजोन परत** भी होती है, जो हमें सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी (ultraviolet) किरणों से बचाती है।
- मध्यमंडल (Mesosphere): यह तीसरी परत है। अंतरिक्ष से आने वाले उल्कापिंड इस परत में जलकर नष्ट हो जाते हैं।
- बाह्यमंडल (Thermosphere): इस परत में तापमान बहुत तेजी से बढ़ता है। आयनमंडल (Ionosphere) इसी परत का एक हिस्सा है, जो रेडियो संचार के लिए महत्वपूर्ण है।
- बहिर्मंडल (Exosphere): यह वायुमंडल की सबसे ऊपरी परत है, जहाँ वायु की बहुत पतली परत होती है। यहाँ हीलियम और हाइड्रोजन जैसी हल्की गैसें तैरती रहती हैं।
4.3 मौसम और जलवायु
मौसम (Weather) किसी विशेष समय और स्थान पर वायुमंडल की दिन-प्रतिदिन की स्थिति है (जैसे, आज धूप है या बारिश)। **जलवायु (Climate)** किसी स्थान पर लंबे समय तक रहने वाली मौसम की औसत स्थिति है (जैसे, राजस्थान की जलवायु गर्म और शुष्क है)।
4.4 तापमान
वायु में मौजूद गर्मी और ठंड की मात्रा को **तापमान (Temperature)** कहते हैं। तापमान को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक हैं: **सूर्यातप (Insolation)** यानी सूर्य से आने वाली ऊर्जा। भूमध्य रेखा के पास अधिक सूर्यातप मिलता है, इसलिए वहाँ का तापमान अधिक होता है, जबकि ध्रुवों पर कम सूर्यातप के कारण तापमान कम होता है।
4.5 वायुदाब
**वायुदाब (Air Pressure)** पृथ्वी की सतह पर वायु के भार द्वारा लगाया गया दबाव है। वायुदाब ऊँचाई के साथ घटता है। कम तापमान वाले क्षेत्रों में ठंडी हवा भारी होती है, जिससे उच्च वायुदाब का क्षेत्र बनता है। इसके विपरीत, अधिक तापमान वाले क्षेत्रों में हवा गर्म होकर हल्की हो जाती है, जिससे निम्न वायुदाब का क्षेत्र बनता है।
4.6 पवन
उच्च दाब क्षेत्र से निम्न दाब क्षेत्र की ओर वायु की गति को **पवन (Wind)** कहते हैं। पवनें तीन प्रकार की होती हैं:
- स्थायी पवनें (Permanent Winds): ये पूरे वर्ष लगातार एक ही दिशा में चलती हैं (जैसे व्यापारिक पवनें)।
- मौसमी पवनें (Seasonal Winds): ये पवनें मौसम के अनुसार अपनी दिशा बदलती हैं (जैसे भारत में मानसून)।
- स्थानीय पवनें (Local Winds): ये पवनें किसी विशेष क्षेत्र में दिन या वर्ष के छोटे समय के लिए चलती हैं (जैसे उत्तरी भारत में 'लू')।
4.7 आर्द्रता और वर्षण
वायु में मौजूद जलवाष्प (water vapor) की मात्रा को **आर्द्रता (Humidity)** कहते हैं। जब जलवाष्प संघनित (condense) होकर जल की बूंदों में बदलता है, तो यह बादलों का निर्माण करता है। जब ये बूंदें बहुत भारी हो जाती हैं, तो वे वर्षण (precipitation) के रूप में पृथ्वी पर गिरती हैं। वर्षा, हिमपात और ओला वर्षण के कुछ रूप हैं। वर्षा के तीन प्रकार होते हैं: संवहनी (convectional), पर्वतीय (orographic) और चक्रवातीय (cyclonic) वर्षा।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)
I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।
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वायुमंडल का मुख्य घटक क्या है?
वायुमंडल का मुख्य घटक नाइट्रोजन (78%) और ऑक्सीजन (21%) हैं।
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ओजोन परत किस मंडल में पाई जाती है?
ओजोन परत समतापमंडल (Stratosphere) में पाई जाती है।
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वायुदाब क्या है?
वायुदाब पृथ्वी की सतह पर वायु के भार द्वारा लगाया गया दबाव है।
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पवन किसे कहते हैं?
उच्च दाब क्षेत्र से निम्न दाब क्षेत्र की ओर वायु की गति को पवन कहते हैं।
II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।
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मौसम और जलवायु में क्या अंतर है?
मौसम किसी विशेष समय और स्थान पर वायुमंडल की दिन-प्रतिदिन की स्थिति है, जबकि जलवायु किसी स्थान पर लंबे समय तक रहने वाली मौसम की औसत स्थिति है।
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वायुमंडल की संरचना का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
वायुमंडल पाँच परतों में विभाजित है: क्षोभमंडल, समतापमंडल, मध्यमंडल, बाह्यमंडल (तापमंडल) और बहिर्मंडल। ये परतें पृथ्वी की सतह से ऊपर की ओर जाती हैं और प्रत्येक की अपनी विशिष्ट विशेषताएँ हैं।
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पवन के विभिन्न प्रकारों को समझाइए।
पवनें तीन प्रकार की होती हैं: स्थायी पवनें जो हमेशा एक दिशा में चलती हैं, मौसमी पवनें जो मौसम के अनुसार दिशा बदलती हैं, और स्थानीय पवनें जो किसी विशेष क्षेत्र में छोटे समय के लिए चलती हैं।
III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।
वायुदाब को मुख्य रूप से तापमान प्रभावित करता है। जब किसी स्थान पर तापमान अधिक होता है, तो वहाँ की वायु गर्म होकर फैलती है और हल्की हो जाती है। यह हल्की वायु ऊपर उठती है, जिससे उस क्षेत्र में निम्न वायुदाब का क्षेत्र बन जाता है। इसके विपरीत, ठंडे क्षेत्रों में वायु ठंडी होकर भारी हो जाती है और नीचे की ओर बैठती है, जिससे उच्च वायुदाब का क्षेत्र बनता है। इस प्रकार, पृथ्वी पर वायुदाब में भिन्नता पाई जाती है, और इसी भिन्नता के कारण पवन का जन्म होता है।
पवन, या वायु की गति, हमेशा उच्च वायुदाब वाले क्षेत्रों से निम्न वायुदाब वाले क्षेत्रों की ओर होती है। यह वायुदाब का अंतर ही पवन की गति को निर्धारित करता है। जितना अधिक वायुदाब में अंतर होगा, उतनी ही तेज पवन चलेगी। यह प्रकृति का एक नियम है कि वायु हमेशा संतुलन स्थापित करने का प्रयास करती है, और इसी प्रयास में वह एक जगह से दूसरी जगह चलती है, जिसे हम पवन कहते हैं।
जब वायु में मौजूद जलवाष्प ठंडी होकर जल की बूंदों में बदल जाती है और इतनी भारी हो जाती है कि वे वायु में तैर नहीं पाती, तो वे वर्षा, हिम या ओलों के रूप में पृथ्वी पर गिरती हैं। इसी प्रक्रिया को **वर्षण** कहते हैं। वर्षण के मुख्य रूप वर्षा (बारिश), हिमपात (बर्फ गिरना), और ओलावृष्टि (ओले गिरना) हैं। जब जलवाष्प सीधे बर्फ में बदलती है तो हिमपात होता है, और जब जल की बूंदें बहुत ठंडी होकर जम जाती हैं तो ओले बनते हैं।
वर्षण मुख्य रूप से तीन प्रकार का होता है: पहला, **संवहनी वर्षा** - यह तब होती है जब गर्म हवा ऊपर उठती है, ठंडी होती है, और बादलों का निर्माण करती है। दूसरा, **पर्वतीय वर्षा** - यह तब होती है जब जलवाष्प से भरी हवा पहाड़ों से टकराकर ऊपर उठती है, ठंडी होती है और वर्षा करती है। तीसरा, **चक्रवातीय वर्षा** - यह गर्म और ठंडी वायु राशियों के आपस में मिलने से होती है, जिससे चक्रवात बनते हैं और भारी वर्षा होती है। इस तरह, वर्षण पृथ्वी के जल चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो जीवन के लिए आवश्यक है।
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