अध्याय 2: हमारी पृथ्वी के अंदर (Inside Our Earth)
परिचय
हमारी पृथ्वी एक गतिशील ग्रह है। यह लगातार अपनी आंतरिक और बाहरी संरचना में बदलती रहती है। क्या आप जानते हैं कि हमारी पृथ्वी के अंदर क्या है? यह अध्याय हमें पृथ्वी की आंतरिक परतों, विभिन्न प्रकार की शैलों (चट्टानों) और उनके बनने तथा बदलने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देगा।
2.1 पृथ्वी की आंतरिक संरचना
एक प्याज की तरह, पृथ्वी भी कई संकेंद्रित परतों से बनी है।
- पपड़ी (Crust): यह पृथ्वी की सबसे ऊपरी और सबसे पतली परत है। यह महाद्वीपीय और महासागरीय पपड़ी में विभाजित है। महाद्वीपीय पपड़ी में मुख्य रूप से सिलिका और ऐलुमिना (SiAl) पाया जाता है, जबकि महासागरीय पपड़ी सिलिका और मैग्नीशियम (SiMa) से बनी है।
- मेंटल (Mantle): यह पपड़ी के नीचे की परत है, जो लगभग 2,900 किमी की गहराई तक फैली हुई है। यह पिघली हुई चट्टानों, जिसे **मैग्मा (Magma)** कहते हैं, से बनी है।
- क्रोड (Core): यह पृथ्वी की सबसे आंतरिक परत है। इसकी त्रिज्या लगभग 3,500 किमी है। यह मुख्य रूप से निकल और लोहे (NiFe) से बनी है। क्रोड का तापमान और दबाव बहुत अधिक होता है।
2.2 शैल और खनिज
पृथ्वी की पपड़ी बनाने वाले खनिज पदार्थ के किसी भी प्राकृतिक पिंड को **शैल (Rock)** कहते हैं। शैल विभिन्न रंग, आकार और बनावट के होते हैं।
- आग्नेय शैल (Igneous Rocks): जब पिघला हुआ मैग्मा ठंडा होकर ठोस हो जाता है, तो इस प्रकार बनी शैलों को आग्नेय शैल कहते हैं। इन्हें **प्राथमिक शैल** भी कहा जाता है। ये दो प्रकार की होती हैं:
- बहिर्भेदी आग्नेय शैल: जब मैग्मा पृथ्वी की सतह पर आता है और तेजी से ठंडा होकर ठोस हो जाता है। उदाहरण: बेसाल्ट।
- अंतर्भेदी आग्नेय शैल: जब मैग्मा पृथ्वी के अंदर गहराई में ही धीरे-धीरे ठंडा होकर ठोस हो जाता है। उदाहरण: ग्रेनाइट।
- अवसादी शैल (Sedimentary Rocks): शैल लुढ़ककर, चटककर और एक-दूसरे से टकराकर छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाती हैं। इन छोटे टुकड़ों को **अवसाद** कहते हैं। ये अवसाद हवा, जल आदि द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाए जाते हैं और जमा हो जाते हैं। ये अवसाद दबकर और कठोर होकर शैल की परत बनाते हैं। उदाहरण: बलुआ पत्थर (Sandstone)।
- कायांतरित शैल (Metamorphic Rocks): आग्नेय और अवसादी शैलें, उच्च ताप और दाब के कारण कायांतरित शैलों में परिवर्तित हो सकती हैं। उदाहरण: चिकनी मिट्टी स्लेट में और चूना पत्थर संगमरमर (marble) में बदल जाता है।
2.3 शैल चक्र (Rock Cycle)
एक प्रकार की शैल का दूसरी प्रकार की शैल में चक्रीय तरीके से रूपांतरित होने की प्रक्रिया को **शैल चक्र** कहते हैं।
- पिघला हुआ मैग्मा ठंडा होकर आग्नेय शैल बनाता है।
- आग्नेय शैल टूटकर अवसादी शैल बनाती है।
- अवसादी शैल, ताप और दाब के कारण कायांतरित शैल में बदल जाती है।
- अत्यधिक ताप और दाब के कारण कायांतरित शैलें फिर से पिघलकर मैग्मा बन सकती हैं। यह प्रक्रिया लगातार चलती रहती है।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)
I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।
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पृथ्वी की तीन परतें कौन-कौन सी हैं?
पृथ्वी की तीन परतें पपड़ी (Crust), मेंटल (Mantle) और क्रोड (Core) हैं।
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मैग्मा क्या है?
मैग्मा पृथ्वी के मेंटल परत के अंदर पिघली हुई चट्टानें होती हैं।
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शैल के तीन प्रमुख प्रकार क्या हैं?
आग्नेय शैल, अवसादी शैल और कायांतरित शैल।
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शैल चक्र क्या है?
शैल चक्र एक प्रकार की शैल का दूसरी प्रकार की शैल में चक्रीय तरीके से रूपांतरित होने की प्रक्रिया है।
II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।
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अंतर्भेदी और बहिर्भेदी आग्नेय शैल में क्या अंतर है?
जब पिघला हुआ मैग्मा पृथ्वी की सतह पर आकर तेजी से ठंडा होता है तो बहिर्भेदी आग्नेय शैलें बनती हैं। जब यह मैग्मा पृथ्वी के अंदर ही धीरे-धीरे ठंडा होता है, तो अंतर्भेदी आग्नेय शैलें बनती हैं।
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शैल चक्र को संक्षेप में समझाइए।
शैल चक्र एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मैग्मा ठंडा होकर आग्नेय शैल, फिर अवसादों में बदलकर अवसादी शैल और अंत में ताप व दाब के कारण कायांतरित शैल में बदल जाती है। फिर कायांतरित शैलें पिघलकर वापस मैग्मा बन जाती हैं।
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कायांतरित शैलें कैसे बनती हैं?
आग्नेय और अवसादी शैलें, जब अत्यधिक ताप और दाब के संपर्क में आती हैं, तो वे कायांतरित शैल में बदल जाती हैं। इस प्रक्रिया में उनके रंग, रूप और बनावट में परिवर्तन होता है।
III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।
हमारी पृथ्वी को प्याज की तरह तीन मुख्य संकेंद्रित परतों में बांटा गया है: पपड़ी (Crust), मेंटल (Mantle) और क्रोड (Core)। **पपड़ी** पृथ्वी की सबसे ऊपरी और सबसे पतली परत है, जो महाद्वीपों और महासागरों के नीचे अलग-अलग मोटाई की होती है। महाद्वीपीय पपड़ी मुख्य रूप से सिलिका और ऐलुमिना से बनी है, जबकि महासागरीय पपड़ी सिलिका और मैग्नीशियम से बनी है।
पपड़ी के ठीक नीचे लगभग 2,900 किमी की गहराई तक फैली हुई परत को **मेंटल** कहते हैं। यह मुख्य रूप से पिघली हुई चट्टानों से बनी है, जिसे मैग्मा कहते हैं। पृथ्वी की सबसे आंतरिक परत **क्रोड** कहलाती है, जिसकी त्रिज्या लगभग 3,500 किमी है। यह मुख्य रूप से निकल और लोहे जैसे भारी धातुओं से बनी है, और यहाँ का तापमान तथा दबाव बहुत अधिक होता है। क्रोड को आंतरिक क्रोड (ठोस) और बाहरी क्रोड (द्रव्य) में विभाजित किया गया है।
शैल तीन प्रमुख प्रकार की होती हैं। **आग्नेय शैल (Igneous Rocks)** का निर्माण तब होता है जब पिघला हुआ मैग्मा ठंडा होकर ठोस हो जाता है। इसे प्राथमिक शैल भी कहते हैं। जब मैग्मा पृथ्वी की सतह पर आकर ठंडा होता है तो बहिर्भेदी आग्नेय शैल (जैसे बेसाल्ट) बनती हैं, और जब यह पृथ्वी के अंदर ही धीरे-धीरे ठंडा होता है तो अंतर्भेदी आग्नेय शैल (जैसे ग्रेनाइट) बनती हैं।
**अवसादी शैल (Sedimentary Rocks)** का निर्माण आग्नेय और अन्य शैलों के छोटे-छोटे टुकड़ों (अवसादों) के जमा होने और कठोर होने से होता है। ये अवसाद हवा या जल द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाए जाते हैं और परतों में जमा होते रहते हैं। उदाहरण के लिए, बलुआ पत्थर। तीसरा प्रकार **कायांतरित शैल (Metamorphic Rocks)** है, जो आग्नेय और अवसादी शैलों पर अत्यधिक ताप और दाब के प्रभाव से बनती हैं। इस प्रक्रिया में शैल के खनिज और संरचना में परिवर्तन होता है। उदाहरण के लिए, चिकनी मिट्टी स्लेट में और चूना पत्थर संगमरमर में परिवर्तित हो जाता है।
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