अध्याय 10: रेगिस्तान में जीवन (Life in the Deserts)
परिचय
रेगिस्तान पृथ्वी के ऐसे क्षेत्र होते हैं जहाँ अत्यधिक गर्मी या ठंड और बहुत कम वर्षा के कारण जीवन कठिन होता है। यहाँ वनस्पतियों और जीव-जंतुओं की संख्या बहुत कम होती है। इस अध्याय में, हम दो अलग-अलग प्रकार के रेगिस्तानों - गर्म रेगिस्तान (सहारा) और ठंडे रेगिस्तान (लद्दाख) में जीवन का अध्ययन करेंगे।
10.1 गर्म रेगिस्तान: सहारा
सहारा का भूगोल और जलवायु
सहारा रेगिस्तान उत्तरी अफ्रीका में स्थित दुनिया का सबसे बड़ा गर्म रेगिस्तान है। यह एक विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है। यहाँ की जलवायु अत्यधिक गर्म और शुष्क होती है। दिन का तापमान 50°C तक पहुँच सकता है, जबकि रातें बहुत ठंडी हो जाती हैं, जहाँ तापमान शून्य के करीब भी पहुँच जाता है। वर्षा बहुत कम होती है।
वनस्पति और जीव-जंतु
सहारा में वनस्पति बहुत विरल है। यहाँ केवल खजूर के पेड़ और कैक्टस जैसी कांटेदार झाड़ियाँ पाई जाती हैं। जानवरों में ऊँट, लकड़बग्घे, सियार, लोमड़ी और साँप जैसे जीव पाए जाते हैं, जो रेगिस्तान के कठोर वातावरण में जीवित रहने के लिए अनुकूलित हैं।
लोगों का जीवन
सहारा रेगिस्तान में विभिन्न जनजातियों के लोग रहते हैं, जिनमें बेडुइन और तुआरेग प्रमुख हैं। ये लोग मुख्य रूप से पशुपालन करते हैं और बकरी, भेड़, ऊँट और घोड़े पालते हैं। ये खानाबदोश जीवन जीते हैं। जहाँ भी पानी मिलता है, जिसे **मरुद्यान (Oasis)** कहते हैं, वहाँ लोग बस जाते हैं और खजूर, गेहूं और चावल जैसी फसलों की खेती करते हैं। यहाँ पर तेल, लोहा और यूरेनियम जैसे खनिज भी पाए जाते हैं।
10.2 ठंडा रेगिस्तान: लद्दाख
लद्दाख का भूगोल और जलवायु
लद्दाख, भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के पूर्वी हिस्से में स्थित एक ठंडा रेगिस्तान है। यह हिमालय में स्थित है और इसकी ऊँचाई 3000 मीटर से 8000 मीटर तक है। यहाँ की जलवायु अत्यधिक ठंडी और शुष्क है। हवा इतनी पतली होती है कि सूर्य की गर्मी बहुत तीव्र महसूस होती है। दिन का तापमान शून्य से ऊपर और रात का तापमान शून्य से बहुत नीचे चला जाता है।
वनस्पति और जीव-जंतु
लद्दाख में वर्षा बहुत कम होती है, इसलिए यहाँ की वनस्पति भी विरल है। यहाँ विलो और पोपलर के पेड़ पाए जाते हैं। जानवरों में याक (Yak), तिब्बती एंटीलोप और आईबेक्स (ibex) जैसे जानवर पाए जाते हैं। याक का उपयोग दूध, मांस, और भार ढोने के लिए किया जाता है।
लोगों का जीवन
लद्दाख में रहने वाले लोग मुख्यतः बौद्ध और मुसलमान हैं। यहाँ के लोग ग्रीष्मकाल में जौ, आलू, मटर और शलजम जैसी फसलों की खेती करते हैं। यहाँ का जीवन मुश्किलों भरा है, लेकिन लोग मिल-जुलकर रहते हैं। लद्दाख की राजधानी लेह सड़क और वायुमार्ग से जुड़ी हुई है। बौद्ध मठ (Gompas) इस क्षेत्र का एक प्रमुख हिस्सा हैं। पर्यटन भी यहाँ की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण अंग बन रहा है।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)
I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।
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रेगिस्तान की मुख्य विशेषता क्या है?
रेगिस्तान की मुख्य विशेषता बहुत कम वर्षा, विरल वनस्पति और अत्यधिक तापमान (गर्म या ठंडा) है।
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सहारा रेगिस्तान में पाए जाने वाले किन्हीं दो जानवरों के नाम बताइए।
सहारा रेगिस्तान में ऊँट और लकड़बग्घे पाए जाते हैं।
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लद्दाख में रहने वाले लोगों की मुख्य आर्थिक गतिविधि क्या है?
लद्दाख के लोग मुख्य रूप से खेती (ग्रीष्मकाल में), पशुपालन और पर्यटन पर निर्भर हैं।
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मरुद्यान (Oasis) क्या है?
मरुद्यान रेगिस्तान में एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ पर जल उपलब्ध होता है और लोग खेती करते हैं।
II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।
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सहारा के रेगिस्तान की जलवायु का वर्णन कीजिए।
सहारा की जलवायु अत्यधिक गर्म और शुष्क है। दिन का तापमान बहुत अधिक (लगभग 50°C) होता है, जबकि रात का तापमान शून्य के करीब पहुँच सकता है। वर्षा बहुत कम होती है और आसमान साफ रहता है।
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लद्दाख के लोग किन-किन फसलों की खेती करते हैं?
लद्दाख के लोग ग्रीष्मकाल के छोटे से मौसम में जौ, आलू, मटर और शलजम जैसी फसलों की खेती करते हैं।
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सहारा और लद्दाख के लोगों की जीवनशैली में क्या अंतर है?
सहारा के लोग खानाबदोश जीवन जीते हैं और पशुपालन पर निर्भर हैं, जबकि लद्दाख के लोग एक ही स्थान पर रहते हैं और छोटे-छोटे खेतों में खेती करते हैं। लद्दाख में पर्यटन एक महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि है, जबकि सहारा में यह कम है।
III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।
सहारा रेगिस्तान में कठोर जलवायु के कारण वनस्पति बहुत सीमित है। यहाँ मुख्य रूप से खजूर के पेड़, कैक्टस और बबूल जैसी झाड़ियाँ उगती हैं, जो पानी की कमी में भी जीवित रह सकती हैं। जीव-जंतुओं में ऊँट, लकड़बग्घे, सियार, लोमड़ी, साँप और छिपकली जैसे जानवर शामिल हैं। ये सभी जीव अपनी शारीरिक विशेषताओं के कारण इस कठोर वातावरण में अनुकूलित हो चुके हैं।
सहारा के लोग अपनी कठोर जीवनशैली के बावजूद, इस क्षेत्र में जीवित रहने में सफल हुए हैं। बेडुइन और तुआरेग जैसी जनजातियाँ पशुपालक हैं और वे अपने पशुओं (ऊँट, भेड़, बकरी) के साथ चारागाहों की तलाश में घूमते रहते हैं। मरुद्यानों में, जहाँ जल उपलब्ध होता है, लोग बसकर खजूर, गेहूं और चावल की खेती करते हैं। हाल ही में, तेल और अन्य खनिजों की खोज ने यहाँ के जीवन को बदल दिया है।
लद्दाख को ठंडा रेगिस्तान इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह अत्यधिक ऊँचाई पर स्थित है, जहाँ वायु बहुत पतली होती है, जिसके कारण बारिश बहुत कम होती है और जलवायु अत्यधिक ठंडी और शुष्क रहती है। यहाँ पर सूर्य की किरणें बहुत तीव्र होती हैं, लेकिन हवा के पतले होने के कारण दिन में भी ठंड रहती है। ग्रीष्मकाल का तापमान कुछ डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाता है, जबकि शीतकाल में यह शून्य से बहुत नीचे चला जाता है।
लद्दाख की कठोर जलवायु के कारण वनस्पति बहुत कम है। यहाँ के परिदृश्य में मुख्य रूप से सूखे पहाड़ और विलो के पेड़ मिलते हैं। जीव-जंतुओं में याक, आईबेक्स, तिब्बती एंटीलोप और विभिन्न प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं। लद्दाख में लोग मुख्य रूप से बौद्ध और मुसलमान हैं। वे ग्रीष्मकाल के छोटे मौसम में जौ, आलू और मटर जैसी फसलों की खेती करते हैं। लोग शीतकाल में धार्मिक अनुष्ठानों और समारोहों में भाग लेते हैं। पर्यटन यहाँ की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है, जहाँ पर्यटक बौद्ध मठों, प्राकृतिक सुंदरता और साहसिक गतिविधियों का आनंद लेते हैं।
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