अध्याय 7: हमारे आस-पास के बाजार (Markets Around Us)
परिचय
बाजार एक ऐसी जगह है जहाँ लोग अपनी जरूरत की चीजें खरीदने और बेचने के लिए मिलते हैं। यह अध्याय हमें हमारे आस-पास के विभिन्न प्रकार के बाजारों के बारे में जानकारी देगा, और यह भी बताएगा कि ये बाजार कैसे काम करते हैं, और उत्पादकों से उपभोक्ताओं तक सामान कैसे पहुँचता है।
7.1 बाजार के प्रकार
हमारे आस-पास कई तरह के बाजार होते हैं।
- साप्ताहिक बाजार (Weekly Market): ये बाजार किसी निश्चित दिन पर लगते हैं। यहाँ छोटी-छोटी दुकानें होती हैं जो एक दिन के लिए लगती हैं और शाम को बंद हो जाती हैं। यहाँ कीमतें कम होती हैं क्योंकि दुकानदारों को स्थायी दुकान, बिजली और कर्मचारियों का खर्च नहीं उठाना पड़ता।
- स्थायी दुकानें (Permanent Shops): ये दुकानें स्थायी इमारतों में होती हैं और रोज़ खुलती हैं। ये दुकानें अलग-अलग तरह का सामान बेचती हैं और इन्हें चलाने के लिए लाइसेंस लेना पड़ता है। इनमें किराना दुकान, मिठाई की दुकान, कपड़े की दुकान आदि शामिल हैं।
- शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और मॉल (Shopping Complexes and Malls): ये आधुनिक शहरी बाजार हैं जहाँ एक ही जगह पर कई तरह की दुकानें और ब्रांडेड सामान उपलब्ध होते हैं। यहाँ कीमतें अक्सर अधिक होती हैं क्योंकि इन जगहों पर दुकानें चलाने का खर्च ज्यादा होता है।
- ऑनलाइन बाजार (Online Market): यह एक आधुनिक बाजार है जहाँ लोग इंटरनेट के माध्यम से घर बैठे खरीदारी करते हैं। यह सुविधा और विविधता प्रदान करता है, लेकिन यहाँ सामान को छूकर या देखकर नहीं खरीदा जा सकता।
7.2 बाजार की शृंखला (Chain of Market)
सामान सीधे उत्पादक से उपभोक्ता तक नहीं पहुँचता है। इसके बीच में कई व्यापारी होते हैं।
- उत्पादक (Producer): जो सामान बनाता है, जैसे किसान या कारखाने का मालिक।
- थोक व्यापारी (Wholesale Trader): जो उत्पादक से बड़ी मात्रा में सामान खरीदता है।
- फुटकर व्यापारी (Retailer): जो थोक व्यापारी से सामान खरीदकर छोटे-छोटे हिस्सों में ग्राहकों को बेचता है।
- उपभोक्ता (Consumer): जो सामान का उपयोग करता है, यानी हम और आप।
7.3 बाजार और समानता (Market and Equality)
बाजार में सभी को समान अवसर नहीं मिलते।
- छोटे दुकानदार: साप्ताहिक बाजार के छोटे दुकानदार और रेहड़ी-पटरी वाले विक्रेता अक्सर गरीब होते हैं। उन्हें अपनी आजीविका चलाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है।
- बड़े व्यापारी: बड़े मॉल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के मालिक अक्सर बहुत अमीर होते हैं। उनके पास अधिक संसाधन और पैसा होता है।
हमें यह समझना चाहिए कि बाजार में केवल आर्थिक लेनदेन ही नहीं होता, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक असमानता को भी दर्शाता है।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)
I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।
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बाजार क्या है?
बाजार वह जगह है जहाँ लोग वस्तुओं और सेवाओं को खरीदते और बेचते हैं।
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साप्ताहिक बाजार की एक विशेषता क्या है?
ये बाजार किसी निश्चित दिन लगते हैं और यहाँ चीजें सस्ती मिलती हैं।
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शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और मॉल में क्या अंतर है?
दोनों ही शहरी बाजार हैं, लेकिन मॉल अक्सर एक बड़ी, वातानुकूलित इमारत होती है जिसमें कई दुकानें होती हैं।
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बाजार की शृंखला क्या होती है?
यह वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से सामान उत्पादक से थोक व्यापारी और फुटकर व्यापारी से होते हुए उपभोक्ता तक पहुँचता है।
II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।
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थोक व्यापारी और फुटकर व्यापारी में क्या अंतर है?
थोक व्यापारी बड़ी मात्रा में सामान खरीदकर छोटे-छोटे व्यापारियों को बेचता है, जबकि फुटकर व्यापारी थोक व्यापारी से सामान खरीदकर सीधे उपभोक्ताओं को बेचता है।
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ऑनलाइन बाजार के फायदे क्या हैं?
ऑनलाइन बाजार घर बैठे खरीदारी की सुविधा देता है और इसमें विभिन्न प्रकार के उत्पाद उपलब्ध होते हैं। यह समय की बचत भी करता है।
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स्थायी दुकानों पर सामान साप्ताहिक बाजार की तुलना में महंगा क्यों होता है?
स्थायी दुकानों को किराया, बिजली, कर्मचारियों का वेतन और अन्य खर्चों का भुगतान करना पड़ता है, जो उनके सामान की कीमत में जुड़ जाता है।
III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।
हमारे आस-पास कई तरह के बाजार होते हैं जो हमारी अलग-अलग जरूरतों को पूरा करते हैं। **साप्ताहिक बाजार** एक दिन के लिए एक निश्चित स्थान पर लगते हैं। यहाँ दुकानदार शाम को अपनी दुकानें बंद कर देते हैं। इन बाजारों में सामान सस्ता होता है क्योंकि दुकानदारों को स्थायी खर्च नहीं उठाना पड़ता। **स्थायी दुकानें** रोज़ खुलती हैं और किसी स्थायी इमारत में होती हैं, जैसे किराना स्टोर, दवा की दुकान और कपड़े की दुकान। इन्हें चलाने के लिए लाइसेंस और पंजीकरण की आवश्यकता होती है।
शहरों में, हमें **शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और मॉल** मिलते हैं, जहाँ कई दुकानें एक ही बड़ी इमारत में होती हैं। ये बाजार आधुनिक सुविधाएँ और ब्रांडेड उत्पाद प्रदान करते हैं, लेकिन यहाँ कीमतें अधिक होती हैं। इसके अलावा, **ऑनलाइन बाजार** ने हाल ही में बहुत लोकप्रियता हासिल की है, जहाँ लोग इंटरनेट के माध्यम से खरीदारी करते हैं। यह सुविधा और विविधता प्रदान करता है, लेकिन इसमें सीधे सामान को देखकर या छूकर खरीदने का अनुभव नहीं मिलता।
बाजार की शृंखला वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से कोई उत्पाद उसके उत्पादन बिंदु से लेकर उपभोक्ता तक पहुँचता है। इस शृंखला में कई लोग शामिल होते हैं, जैसे उत्पादक, थोक व्यापारी, फुटकर व्यापारी और अंत में उपभोक्ता। इस शृंखला के बिना, उपभोक्ता के लिए सीधे उत्पादक से सामान खरीदना बहुत मुश्किल होगा, क्योंकि उत्पादक आमतौर पर बड़ी मात्रा में सामान बनाते हैं और उन्हें अलग-अलग ग्राहकों तक पहुँचाना उनके लिए संभव नहीं होता।
इस शृंखला में **थोक व्यापारी** की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। वह उत्पादक (जैसे किसान या कारखाने से) से बड़ी मात्रा में सामान खरीदता है। फिर वह इस सामान को छोटे-छोटे फुटकर व्यापारियों को बेचता है। फुटकर व्यापारी ही वह व्यक्ति होता है जो अंत में उपभोक्ताओं को सामान बेचता है। इस तरह, थोक व्यापारी उत्पादक और फुटकर व्यापारी के बीच एक कड़ी का काम करता है, जिससे सामान का वितरण सुचारू रूप से चलता रहता है और बाजार की पहुँच हर जगह तक सुनिश्चित होती है।
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