अध्याय 2: स्वास्थ्य में सरकार की भूमिका (Role of the Government in Health)

परिचय

लोकतंत्र में, सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारियों में से एक लोगों का कल्याण सुनिश्चित करना है। इसमें सभी के लिए स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना भी शामिल है। इस अध्याय में, हम समझेंगे कि भारत में स्वास्थ्य का क्या मतलब है, स्वास्थ्य सेवाओं के विभिन्न प्रकार क्या हैं और नागरिकों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सरकार की क्या भूमिका है।

2.1 स्वास्थ्य क्या है?

स्वास्थ्य का मतलब केवल बीमारियों से मुक्त रहना नहीं है। इसका मतलब है कि हम शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ महसूस करें। एक स्वस्थ व्यक्ति वह होता है जो बीमारी और चोटों से मुक्त होने के साथ-साथ तनाव, चिंता और आलस्य से भी दूर रहता है। स्वच्छ पीने का पानी, प्रदूषण मुक्त वातावरण और पौष्टिक भोजन भी अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी हैं।

2.2 भारत में स्वास्थ्य सेवाएँ

भारत में स्वास्थ्य सेवाओं को दो मुख्य श्रेणियों में बाँटा जा सकता है:

भारत में सरकारी और निजी अस्पताल

2.3 सार्वजनिक और निजी सेवाओं में असमानता

भारत में सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य सेवाओं के बीच एक बड़ा अंतर है। शहरी क्षेत्रों में निजी अस्पताल तेजी से बढ़ रहे हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक सेवाएँ पर्याप्त नहीं हैं। निजी सेवाएँ बहुत महँगी हैं, जिन्हें गरीब लोग अक्सर वहन नहीं कर सकते। इसके विपरीत, सरकारी अस्पतालों में लंबी कतारें, कम डॉक्टर और अपर्याप्त सुविधाएँ अक्सर देखने को मिलती हैं।

2.4 स्वास्थ्य में सरकार की भूमिका

सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह सभी नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करे। भारतीय संविधान के अनुसार, स्वास्थ्य का अधिकार जीवन के अधिकार का एक हिस्सा है।

2.5 केरल का अनुभव

केरल में 1996 में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया। राज्य के बजट का 40% पंचायतों को दे दिया गया। इससे पंचायतें अपनी जरूरतों के अनुसार योजनाएँ बना सकीं, जैसे गाँव में पानी की व्यवस्था, भोजन, महिलाओं का विकास और शिक्षा। इसका एक बड़ा फायदा यह हुआ कि स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने पर ध्यान दिया गया। गाँवों में स्वास्थ्य केंद्रों में सुधार किया गया, जिससे लोगों के स्वास्थ्य में काफी सुधार आया।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)

I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।

  1. स्वास्थ्य का क्या अर्थ है?

    स्वास्थ्य का अर्थ केवल बीमारियों से मुक्त रहना नहीं, बल्कि शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना भी है।

  2. सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएँ क्या हैं?

    ये वे स्वास्थ्य सेवाएँ हैं जो सरकार द्वारा संचालित की जाती हैं और सभी नागरिकों को मुफ्त या सस्ती सेवाएँ प्रदान करती हैं।

  3. स्वास्थ्य के अधिकार का क्या मतलब है?

    यह संविधान द्वारा दिया गया अधिकार है कि सरकार सभी नागरिकों को पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने के लिए बाध्य है।

  4. निजी स्वास्थ्य सेवाएँ क्या होती हैं?

    ये वे सेवाएँ हैं जो निजी डॉक्टरों या कंपनियों द्वारा चलाई जाती हैं और आमतौर पर महँगी होती हैं।

II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।

  1. सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को सरकार क्यों संचालित करती है?

    सरकार सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएँ इसलिए संचालित करती है ताकि सभी नागरिकों, खासकर गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सस्ती या मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएँ मिल सकें।

  2. निजी और सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के बीच मुख्य अंतर क्या है?

    सार्वजनिक सेवाएँ सरकार द्वारा चलाई जाती हैं और सस्ती होती हैं, जबकि निजी सेवाएँ निजी व्यक्तियों द्वारा चलाई जाती हैं और वे महँगी होती हैं।

  3. केरल के अनुभव से हम क्या सीख सकते हैं?

    केरल के अनुभव से हम सीख सकते हैं कि स्थानीय स्तर पर (पंचायतों द्वारा) बजट और योजना बनाने से स्वास्थ्य सेवाओं सहित अन्य मूलभूत जरूरतों में सुधार किया जा सकता है।

III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।

  • आपके विचार में, सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं में क्या कमियाँ हैं और उन्हें कैसे सुधारा जा सकता है?

    सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में कई कमियाँ हैं। इनमें सबसे प्रमुख है अपर्याप्त सुविधाएँ और उपकरणों की कमी, जिससे मरीजों को उचित इलाज नहीं मिल पाता। डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की कमी भी एक बड़ी समस्या है, जिससे मरीजों को लंबी कतारों में इंतजार करना पड़ता है। इसके अलावा, सरकारी अस्पतालों में साफ-सफाई और स्वच्छता का स्तर अक्सर खराब होता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इन कमियों के कारण, जो लोग महंगे निजी अस्पतालों का खर्च उठा सकते हैं, वे वहीं जाना पसंद करते हैं।

    इन कमियों को सुधारने के लिए सरकार को स्वास्थ्य बजट में वृद्धि करनी चाहिए। नए अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र खोलने, मौजूदा अस्पतालों में आधुनिक उपकरण लगाने और डॉक्टरों व नर्सों की भर्ती करने पर जोर देना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करना और वहां डॉक्टरों को प्रोत्साहित करना भी आवश्यक है। इसके अलावा, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाकर भ्रष्टाचार को कम किया जा सकता है। सरकार को स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना चाहिए और नागरिकों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान चलाने चाहिए।

  • भारत में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने में निजी क्षेत्र की क्या भूमिका है? क्या निजी सेवाएँ सभी के लिए उपलब्ध होनी चाहिए?

    निजी क्षेत्र की स्वास्थ्य सुविधाओं ने भारत में स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, खासकर शहरी क्षेत्रों में। निजी अस्पताल अक्सर आधुनिक तकनीक, बेहतर सुविधाएँ और विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता के लिए जाने जाते हैं। वे मरीजों को त्वरित और उच्च-गुणवत्ता वाली सेवाएँ प्रदान करते हैं। हालाँकि, उनकी सबसे बड़ी कमी यह है कि वे बहुत महँगी होती हैं, और गरीब तथा मध्यम वर्ग के लोगों की पहुँच से बाहर होती हैं।

    इस विषय पर बहस है कि क्या निजी सेवाएँ सभी के लिए उपलब्ध होनी चाहिए। एक दृष्टिकोण यह है कि स्वास्थ्य सेवा एक मौलिक अधिकार है और इसे सरकार द्वारा मुफ्त या बहुत कम लागत पर प्रदान किया जाना चाहिए। निजी सेवाएँ लाभ पर आधारित होती हैं, इसलिए वे गरीबों की जरूरतों को पूरा नहीं कर पातीं। दूसरा दृष्टिकोण यह है कि निजी क्षेत्र नवाचार और दक्षता को बढ़ावा देता है, जिससे समग्र स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सुधार होता है। सबसे अच्छा तरीका यह हो सकता है कि सरकार सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करे और साथ ही निजी सेवाओं के लिए ऐसे नियम बनाए जिससे वे सस्ती हो सकें और सभी नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ मिल सकें।

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