अध्याय 6: भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन (Physical and Chemical Changes)
परिचय
हमारे चारों ओर हर समय अनेक परिवर्तन होते रहते हैं, जैसे कि मोमबत्ती का जलना, पानी का जमना, या भोजन का पकना। इस अध्याय में, हम इन सभी परिवर्तनों को दो मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत करना सीखेंगे: **भौतिक परिवर्तन (Physical Changes)** और **रासायनिक परिवर्तन (Chemical Changes)**।
6.1 भौतिक परिवर्तन (Physical Changes)
एक ऐसा परिवर्तन जिसमें किसी पदार्थ के केवल **भौतिक गुणों** जैसे आकार, आमाप (size), रंग और अवस्था (state) में परिवर्तन होता है, लेकिन **कोई नया पदार्थ नहीं बनता**, उसे **भौतिक परिवर्तन** कहते हैं।
- ये परिवर्तन प्रायः **उत्क्रमणीय (reversible)** होते हैं, यानी मूल पदार्थ को वापस प्राप्त किया जा सकता है।
- इन परिवर्तनों में पदार्थ की आणविक संरचना में कोई बदलाव नहीं होता।
उदाहरण:
- बर्फ का पिघलकर पानी बनना और पानी का वापस जमना।
- कागज़ को फाड़ना (कागज़ तो कागज़ ही रहता है)।
- पानी में नमक या चीनी का घुलना।
- रबर बैंड को खींचना।
6.2 रासायनिक परिवर्तन (Chemical Changes)
एक ऐसा परिवर्तन जिसमें एक या एक से अधिक **नए पदार्थ बनते हैं**, उसे **रासायनिक परिवर्तन** कहते हैं। इन नए पदार्थों के गुण मूल पदार्थों से पूरी तरह भिन्न होते हैं।
- ये परिवर्तन प्रायः **अनुत्क्रमणीय (irreversible)** होते हैं, यानी मूल पदार्थ को आसानी से वापस प्राप्त नहीं किया जा सकता।
- रासायनिक परिवर्तन को **रासायनिक अभिक्रिया (Chemical Reaction)** भी कहते हैं।
उदाहरण:
- लोहे में जंग लगना (लोहे से जंग नामक नया पदार्थ बनता है)।
- मोमबत्ती का जलना (मोम जलकर कार्बन डाइऑक्साइड और जलवाष्प में बदलता है)।
- मैग्नीशियम रिबन का जलना (मैग्नीशियम, ऑक्सीजन से क्रिया करके मैग्नीशियम ऑक्साइड बनाता है)।
- भोजन का पचना।
6.3 जंग लगना (Rusting)
लोहे में जंग लगना एक सामान्य रासायनिक परिवर्तन है। जंग एक लाल-भूरे रंग का पदार्थ होता है जिसे **आयरन ऑक्साइड** कहते हैं।
- जंग लगने के लिए **ऑक्सीजन (Oxygen)** और **जल या जलवाष्प (Water or Water Vapour)** दोनों की उपस्थिति अनिवार्य है।
- यह प्रक्रिया लोहे की वस्तुओं को कमजोर करती है।
जंग से बचाव के उपाय:
- लोहे पर पेंट या ग्रीस की परत चढ़ाना।
- गैल्वनाइजेशन (Galvanization): लोहे पर जिंक (जस्ता) की एक परत चढ़ाना।
6.4 क्रिस्टलीकरण (Crystallization)
यह एक **भौतिक प्रक्रिया** है जिसका उपयोग किसी पदार्थ के शुद्ध और बड़े क्रिस्टल प्राप्त करने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, समुद्र के पानी से नमक को वाष्पीकरण द्वारा प्राप्त किया जाता है, लेकिन यह शुद्ध नहीं होता। क्रिस्टलीकरण द्वारा शुद्ध नमक के क्रिस्टल प्राप्त किए जा सकते हैं।
अभ्यास प्रश्न और उत्तर (Practice Questions & Answers)
I. रिक्त स्थान भरें।
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भौतिक परिवर्तन में, कोई __________ नहीं बनता है।
नया पदार्थ
-
लोहे में जंग लगने के लिए __________ और __________ दोनों आवश्यक हैं।
ऑक्सीजन, जल
-
पानी में नमक का घुलना एक __________ परिवर्तन है।
भौतिक
II. लघु पैराग्राफ में उत्तर दें।
-
भौतिक और रासायनिक परिवर्तन के बीच दो प्रमुख अंतर बताइए।
भौतिक परिवर्तन में, पदार्थ के केवल भौतिक गुणों (जैसे आकार, रंग, अवस्था) में बदलाव होता है, और कोई नया पदार्थ नहीं बनता। यह अक्सर उत्क्रमणीय होता है। इसके विपरीत, रासायनिक परिवर्तन में एक या अधिक नए पदार्थ बनते हैं जिनके गुण मूल पदार्थों से भिन्न होते हैं। यह आमतौर पर अनुत्क्रमणीय होता है। उदाहरण के लिए, बर्फ का पिघलना भौतिक परिवर्तन है, जबकि मोमबत्ती का जलना रासायनिक परिवर्तन है।
III. विस्तृत उत्तर दें।
लोहे में जंग लगना एक रासायनिक परिवर्तन है। जब लोहा ऑक्सीजन और जल या जलवाष्प के संपर्क में आता है, तो एक रासायनिक अभिक्रिया होती है। इस अभिक्रिया के परिणामस्वरूप लोहे की सतह पर एक लाल-भूरे रंग की परत जम जाती है, जिसे जंग कहते हैं। रासायनिक रूप से, जंग आयरन ऑक्साइड ($Fe_2O_3$) होता है। नमी और ऑक्सीजन की उपस्थिति इस प्रक्रिया के लिए आवश्यक होती है, जिसके बिना जंग नहीं लग सकता।
जंग से बचाव के लिए कई उपाय किए जाते हैं ताकि लोहे की वस्तुओं की सुरक्षा की जा सके। दो प्रमुख उपाय हैं: पहला, लोहे की सतह पर पेंट या ग्रीस की एक परत चढ़ाना। यह परत लोहे को ऑक्सीजन और जल के सीधे संपर्क में आने से रोकती है। दूसरा, **गैल्वनाइजेशन (Galvanization)**, जिसमें लोहे पर जिंक (जस्ता) धातु की एक पतली परत चढ़ाई जाती है। जिंक लोहे की तुलना में अधिक अभिक्रियाशील होता है और यह लोहे को जंग लगने से बचाता है।
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