अध्याय 2: प्राणियों में पोषण (Nutrition in Animals)
परिचय
पौधे अपना भोजन स्वयं बनाते हैं, लेकिन **प्राणी** (Animals) सीधे या परोक्ष रूप से पौधों पर निर्भर होते हैं। इस अध्याय में, हम प्राणियों में पोषण की प्रक्रिया को समझेंगे, जिसमें भोजन का अंतर्ग्रहण (ingestion), पाचन (digestion), अवशोषण (absorption), स्वांगीकरण (assimilation) और बहिष्करण (egestion) शामिल है।
2.1 पोषण के चरण (Steps of Nutrition)
प्राणियों में पोषण की प्रक्रिया पाँच मुख्य चरणों में पूरी होती है:
- अंतर्ग्रहण (Ingestion): भोजन को शरीर के अंदर लेने की प्रक्रिया।
- पाचन (Digestion): जटिल खाद्य पदार्थों को सरल पदार्थों में तोड़ने की प्रक्रिया।
- अवशोषण (Absorption): पचे हुए भोजन को आंतों से रक्त वाहिकाओं में अवशोषित करने की प्रक्रिया।
- स्वांगीकरण (Assimilation): अवशोषित भोजन का शरीर के विभिन्न अंगों द्वारा ऊर्जा, वृद्धि और मरम्मत के लिए उपयोग।
- बहिष्करण (Egestion): अपच भोजन को शरीर से बाहर निकालने की प्रक्रिया।
2.2 मानव में पाचन (Digestion in Humans)
मानव में भोजन का पाचन एक लंबी नली से होकर गुजरता है जिसे **आहारनाल (Alimentary Canal)** कहते हैं। यह मुखगुहिका से शुरू होकर गुदा तक जाती है। [Image of the human digestive system] इसके मुख्य भाग और उनके कार्य इस प्रकार हैं:
- मुखगुहिका (Buccal Cavity): यहाँ भोजन को दाँतों से चबाया जाता है और लार (saliva) के साथ मिलाया जाता है, जिसमें मौजूद एंज़ाइम भोजन में कार्बोहाइड्रेट का पाचन शुरू करते हैं।
- ग्रासनली (Oesophagus): भोजन नली के माध्यम से भोजन आमाशय तक पहुँचता है।
- आमाशय (Stomach): आमाशय की दीवारें हाइड्रोक्लोरिक अम्ल और पाचक रस स्रावित करती हैं। अम्ल बैक्टीरिया को मारता है और पाचक रस प्रोटीन का पाचन शुरू करता है।
- क्षुद्रांत्र (Small Intestine): यह आहारनाल का सबसे लंबा भाग है। यहाँ यकृत (liver) से पित्त रस और अग्न्याशय (pancreas) से अग्नाशयी रस आता है। यहीं पर कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा का पूर्ण पाचन होता है और पचे हुए भोजन का अवशोषण होता है।
- बृहदांत्र (Large Intestine): यहाँ अपच भोजन से जल और कुछ खनिजों का अवशोषण होता है।
- मलाशय और गुदा (Rectum and Anus): अपचित भोजन मलाशय में जमा होता है और गुदा के माध्यम से शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है।
2.3 घास खाने वाले जंतुओं में पाचन (Digestion in Grass-eating Animals)
गाय, भैंस जैसे घास खाने वाले जंतुओं को **जुगाली करने वाले जंतु (Ruminants)** कहते हैं। इनका पाचन तंत्र अलग होता है।
- ये जानवर घास को जल्दी-जल्दी निगलकर अपने आमाशय के एक भाग, जिसे **रूमेन (Rumen)** कहते हैं, में जमा कर लेते हैं।
- रूमेन में भोजन का आंशिक पाचन होता है, जिसे **आंशिक रूप से पचा हुआ भोजन (cud)** कहते हैं।
- कुछ समय बाद, यह कड छोटे-छोटे पिंडों (lumps) के रूप में वापस मुख में आ जाता है और जानवर उसे चबाते रहते हैं। इस प्रक्रिया को **जुगाली करना (Rumination)** कहते हैं।
- इन जानवरों के रूमेन में विशेष बैक्टीरिया होते हैं जो घास में मौजूद सेल्यूलोस का पाचन करने में मदद करते हैं, जो मानव नहीं कर सकते।
2.4 अमीबा में पोषण (Nutrition in Amoeba)
अमीबा एक एकल-कोशिका वाला जीव है। इसमें पोषण की प्रक्रिया इस प्रकार होती है:
- जब अमीबा को भोजन का आभास होता है, तो वह अपनी कोशिका झिल्ली से **पादाभ (pseudopodia)** निकालता है।
- ये पादाभ भोजन के कण को घेरकर एक **खाद्य धानी (food vacuole)** बनाते हैं।
- खाद्य धानी के अंदर पाचक रस स्रावित होते हैं जो भोजन को पचाते हैं।
- पचा हुआ भोजन अवशोषित होकर शरीर की वृद्धि और रखरखाव में उपयोग होता है, और अपच भोजन खाद्य धानी से बाहर निकाल दिया जाता है।
अभ्यास प्रश्न और उत्तर (Practice Questions & Answers)
I. रिक्त स्थान भरें।
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भोजन को शरीर के अंदर लेने की प्रक्रिया को __________ कहते हैं।
अंतर्ग्रहण (Ingestion)
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मानव में पाचन का मुख्य अंग __________ है।
आहारनाल (Alimentary Canal)
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गाय और भैंस जैसे जानवरों में आंशिक रूप से पचे भोजन को __________ कहा जाता है।
रूमेन (Rumen)
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अमीबा में भोजन को घेरने के लिए __________ बनते हैं।
पादाभ (Pseudopodia)
II. लघु पैराग्राफ में उत्तर दें।
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जुगाली करने वाले जंतुओं में पाचन मानव से कैसे भिन्न होता है?
जुगाली करने वाले जंतुओं का पाचन तंत्र मानव से भिन्न होता है क्योंकि उनके आमाशय में एक विशेष कक्ष होता है जिसे रूमेन कहते हैं। वे घास को जल्दी निगलकर रूमेन में भर लेते हैं, जहाँ इसका आंशिक पाचन होता है। बाद में, वे इसे वापस मुख में लाकर चबाते हैं। उनके रूमेन में विशेष बैक्टीरिया होते हैं जो घास के सेल्यूलोस को पचाने में मदद करते हैं, जो मानव नहीं कर सकते।
III. विस्तृत उत्तर दें।
मानव पाचन तंत्र आहारनाल नामक एक लंबी नली से बना है, जिसमें मुखगुहिका, ग्रासनली, आमाशय, क्षुद्रांत्र, बृहदांत्र, और मलाशय शामिल हैं। पाचन की प्रक्रिया मुख से शुरू होती है, जहाँ दाँत भोजन को छोटे टुकड़ों में तोड़ते हैं और लार भोजन को नम करती है। फिर भोजन ग्रासनली से होते हुए आमाशय में जाता है, जहाँ हाइड्रोक्लोरिक अम्ल और पाचक रस प्रोटीन का पाचन शुरू करते हैं।
आमाशय से भोजन क्षुद्रांत्र में जाता है, जो पाचन का मुख्य स्थल है। यहाँ यकृत (पित्त रस) और अग्न्याशय (अग्नाशयी रस) से पाचक रस आकर भोजन का पूर्ण पाचन करते हैं। क्षुद्रांत्र में ही पचे हुए भोजन का अवशोषण होता है। इसके बाद अपचित भोजन बृहदांत्र में जाता है, जहाँ जल और कुछ खनिजों का अवशोषण होता है। अंत में, अपचित भोजन मलाशय में जमा होता है और गुदा के माध्यम से बाहर निकाल दिया जाता है। यह पूरी प्रक्रिया मानव शरीर को भोजन से ऊर्जा और पोषक तत्व प्राप्त करने में मदद करती है।
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