अध्याय 17: वन: हमारी जीवन रेखा (Forests: Our Lifeline)
परिचय
वन हमारे ग्रह के सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों में से एक हैं। वे न केवल जीवन को बनाए रखने के लिए आवश्यक ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं, बल्कि वे जैव-विविधता का भी भंडार हैं। इस अध्याय में, हम वन के महत्व, उसके विभिन्न घटकों और हमारे जीवन में उसकी भूमिका के बारे में जानेंगे।
17.1 वन क्या है? (What is a Forest?)
वन एक बड़ा क्षेत्र है जिसमें मुख्य रूप से पेड़, झाड़ियाँ, घास और अन्य पौधे होते हैं। वन में विभिन्न परतें होती हैं:
- वितान (Canopy): यह सबसे ऊपरी परत है जो पेड़ों की सबसे ऊँची शाखाओं और पत्तियों से बनती है। यह सूरज की रोशनी को नीचे पहुँचने से रोकती है।
- अधोतल (Understory): यह वितान के नीचे की परत है, जिसमें छोटी झाड़ियाँ और छोटे पेड़ होते हैं।
- वन फर्श (Forest Floor): यह वन की सबसे निचली परत है, जिसमें मृत पत्तियाँ, टहनियाँ और सड़े-गले पदार्थ होते हैं।
17.2 वन उत्पादों का महत्व (Importance of Forest Products)
वन हमें कई उपयोगी चीजें प्रदान करते हैं:
- लकड़ी: फर्नीचर, घर बनाने और ईंधन के लिए।
- चारा: पालतू पशुओं के लिए।
- औषधीय पौधे: नीम, तुलसी, आदि जैसी कई दवाइयाँ वनों से मिलती हैं।
- अन्य उत्पाद: गोंद, लाख, शहद, रबर, मसालें और फल।
17.3 वन में खाद्य श्रृंखला (Food Chain in a Forest)
वन में रहने वाले सभी जीव एक-दूसरे पर भोजन के लिए निर्भर होते हैं, जिससे एक **खाद्य श्रृंखला** बनती है। खाद्य श्रृंखला पौधों से शुरू होती है, जो उत्पादक (Producers) होते हैं। शाकाहारी जंतु (Herbivores) इन पौधों को खाते हैं, और मांसाहारी जंतु (Carnivores) शाकाहारी जंतुओं को खाते हैं।
उदाहरण के लिए: **घास → कीट → मेंढक → साँप → बाज**।
17.4 वन के घटक (Components of a Forest)
- उत्पादक (Producers): सभी हरे पौधे जो प्रकाश संश्लेषण द्वारा अपना भोजन स्वयं बनाते हैं।
- उपभोक्ता (Consumers): सभी जंतु जो भोजन के लिए सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से पौधों पर निर्भर होते हैं (जैसे शाकाहारी और मांसाहारी)।
- अपघटक (Decomposers): ये सूक्ष्मजीव (जैसे बैक्टीरिया और कवक) होते हैं जो मृत पौधों और जंतुओं को सड़ाकर उन्हें मिट्टी में मिला देते हैं। ये पोषक तत्वों को मिट्टी में वापस लौटाकर पुनर्चक्रण (recycling) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
17.5 जल चक्र और वन (Forests and the Water Cycle)
वन जल चक्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पेड़ों की पत्तियाँ **वाष्पोत्सर्जन (Transpiration)** की प्रक्रिया से जलवाष्प को वायुमंडल में छोड़ती हैं। यह जलवाष्प बादलों के निर्माण में मदद करता है, जिससे वर्षा होती है। इस तरह, वन वर्षा लाने में सहायक होते हैं और पूरे जल चक्र को संतुलित रखते हैं।
17.6 वन के अन्य लाभ (Other Benefits of Forests)
- मिट्टी का कटाव रोकना: पेड़ों की जड़ें मिट्टी को कसकर पकड़कर रखती हैं, जिससे मिट्टी का कटाव रुकता है।
- वायु प्रदूषण नियंत्रण: वन कार्बन डाइऑक्साइड गैस का अवशोषण करते हैं और ऑक्सीजन गैस छोड़ते हैं, जिससे वायु शुद्ध होती है।
- जलवायु नियंत्रण: वन स्थानीय जलवायु को ठंडा और नम रखते हैं।
- बाढ़ नियंत्रण: वन वर्षा जल को अवशोषित करके धीरे-धीरे भूमिगत जल में मिलाते हैं, जिससे बाढ़ का खतरा कम होता है।
17.7 वनोन्मूलन (Deforestation)
वनों को काटना **वनोन्मूलन** कहलाता है। इसके गंभीर परिणाम होते हैं:
- वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ जाता है।
- मिट्टी का कटाव तेजी से होता है।
- बाढ़ और सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बढ़ जाता है।
- जैव-विविधता का नुकसान होता है, क्योंकि कई जंतु और पौधे अपना आवास खो देते हैं।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)
I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।
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वन से प्राप्त होने वाले दो उत्पादों के नाम लिखिए।
लकड़ी और औषधीय पौधे।
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अपघटक किसे कहते हैं?
वे सूक्ष्मजीव जो मृत पौधों और जंतुओं को विघटित (decompose) करके पोषक तत्वों को मिट्टी में वापस मिलाते हैं, अपघटक कहलाते हैं।
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वन में खाद्य श्रृंखला का एक उदाहरण दीजिए।
घास → हिरण → शेर।
II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।
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वनोन्मूलन के दो प्रमुख परिणाम क्या हैं?
वनोन्मूलन से वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे वैश्विक तापन होता है। इसके अलावा, इससे मिट्टी का कटाव बढ़ता है और बाढ़ तथा सूखे का खतरा भी बढ़ जाता है।
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वन जल चक्र में कैसे मदद करते हैं?
वन के पेड़-पौधे वाष्पोत्सर्जन की प्रक्रिया द्वारा वायुमंडल में जलवाष्प छोड़ते हैं। यह जलवाष्प बादलों के निर्माण में सहायक होता है, जिससे वर्षा होती है और इस प्रकार वन जल चक्र को संतुलित रखते हैं।
III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।
वन हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे कई तरह से हमारे जीवन और पर्यावरण को प्रभावित करते हैं। पहला, वन हमें लकड़ी, औषधीय पौधे, गोंद और शहद जैसे बहुमूल्य उत्पाद प्रदान करते हैं। दूसरा, वन कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करके और ऑक्सीजन का उत्पादन करके वायु को शुद्ध करते हैं, जो सभी जीवों के श्वसन के लिए आवश्यक है।
तीसरा, वन जल चक्र को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे वाष्पोत्सर्जन द्वारा वर्षा लाने में सहायक होते हैं और वर्षा जल को अवशोषित करके बाढ़ को रोकते हैं। चौथा, वन मिट्टी के कटाव को रोकते हैं क्योंकि पेड़ों की जड़ें मिट्टी को कसकर बाँधकर रखती हैं। अंत में, वन विभिन्न प्रकार के जंतुओं और सूक्ष्मजीवों के लिए घर होते हैं, जिससे जैव-विविधता बनी रहती है। इस प्रकार, वन हमारी पृथ्वी का एक अभिन्न हिस्सा हैं और उन्हें बचाना हमारा कर्तव्य है।
खाद्य श्रृंखला एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें ऊर्जा एक जीव से दूसरे जीव में भोजन के रूप में स्थानांतरित होती है। यह हरे पौधों से शुरू होती है, जो सूर्य के प्रकाश का उपयोग करके अपना भोजन स्वयं बनाते हैं। इन पौधों को शाकाहारी जंतु खाते हैं, और इन शाकाहारी जंतुओं को मांसाहारी जंतु खाते हैं। इस तरह, भोजन और ऊर्जा का एक क्रमबद्ध स्थानांतरण होता है।
वन में, इस श्रृंखला में तीन प्रमुख घटक होते हैं। **उत्पादक (Producers)** हरे पौधे होते हैं, जो सौर ऊर्जा का उपयोग करके भोजन बनाते हैं। **उपभोक्ता (Consumers)** वे जंतु होते हैं जो भोजन के लिए पौधों या अन्य जंतुओं पर निर्भर रहते हैं। इनमें शाकाहारी (जैसे हिरण), मांसाहारी (जैसे शेर), और सर्वाहारी (जैसे भालू) शामिल हैं। अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण घटक **अपघटक (Decomposers)** होते हैं, जैसे बैक्टीरिया और कवक। ये मृत पौधों और जंतुओं को विघटित करके पोषक तत्वों को मिट्टी में वापस मिलाते हैं, जिससे उत्पादकों को फिर से पोषण मिलता है और यह चक्र चलता रहता है।
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