अध्याय 15: प्रकाश (Light)

परिचय

हम अपनी आँखों से दुनिया देखते हैं, लेकिन वास्तव में हमें चीजें किसकी मदद से दिखाई देती हैं? इसका उत्तर है **प्रकाश (Light)**। प्रकाश एक प्रकार की ऊर्जा है जो वस्तुओं को दृश्यमान बनाती है। इस अध्याय में, हम प्रकाश के कुछ रोचक गुणों और इसके विभिन्न रूपों जैसे दर्पण और लेंस के बारे में जानेंगे।

15.1 प्रकाश सरल रेखा के अनुदिश गमन करता है (Light Travels Along a Straight Line)

प्रकाश का सबसे महत्वपूर्ण गुण यह है कि यह हमेशा एक **सीधी रेखा (straight line)** में चलता है। इसे एक साधारण प्रयोग से समझा जा सकता है: यदि आप एक सीधी पाइप से मोमबत्ती की लौ को देखें, तो वह आपको दिखाई देगी। लेकिन यदि आप उसी पाइप को मोड़कर देखें, तो आपको लौ दिखाई नहीं देगी। इससे सिद्ध होता है कि प्रकाश सीधी रेखा में ही गमन करता है।

15.2 परावर्तन (Reflection)

जब प्रकाश किसी चमकदार सतह से टकराकर वापस लौटता है, तो इस घटना को **परावर्तन** कहते हैं। दर्पण (Mirrors) इसी सिद्धांत पर काम करते हैं।

समतल दर्पण (Plane Mirror)

समतल दर्पण वह होता है जिसका परावर्तक पृष्ठ समतल होता है। इसमें बनने वाले प्रतिबिंब की कुछ खास विशेषताएँ होती हैं:

15.3 गोलीय दर्पण (Spherical Mirrors)

ऐसे दर्पण जिनका परावर्तक पृष्ठ गोलीय होता है, **गोलीय दर्पण** कहलाते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं:

15.4 लेंस (Lenses)

लेंस पारदर्शी पदार्थ से बने होते हैं और ये प्रकाश का अपवर्तन (refraction) करते हैं। ये भी दो प्रकार के होते हैं:

15.5 सूर्य का प्रकाश - श्वेत अथवा रंगीन? (Sunlight - White or Coloured)

सूर्य का प्रकाश जिसे हम **श्वेत प्रकाश (White Light)** कहते हैं, वास्तव में सात रंगों से मिलकर बना होता है। जब श्वेत प्रकाश किसी **प्रिज्म (Prism)** से गुजरता है, तो वह अपने सात रंगों में विभाजित हो जाता है। इन रंगों का क्रम **VIBGYOR** होता है: बैंगनी (Violet), जामुनी (Indigo), नीला (Blue), हरा (Green), पीला (Yellow), नारंगी (Orange) और लाल (Red)। इंद्रधनुष (Rainbow) भी इसी घटना का एक प्राकृतिक उदाहरण है।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)

I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।

  1. प्रकाश किस रेखा में गमन करता है?

    प्रकाश हमेशा एक सीधी रेखा (सरल रेखा) में गमन करता है।

  2. समतल दर्पण में बने प्रतिबिंब की दो विशेषताएँ बताइए।

    प्रतिबिंब आभासी और सीधा होता है, तथा उसका आकार वस्तु के आकार के समान होता है।

  3. उत्तल लेंस को अभिसारी लेंस क्यों कहते हैं?

    उत्तल लेंस को अभिसारी लेंस कहते हैं क्योंकि यह अपने ऊपर पड़ने वाली प्रकाश की किरणों को एक बिंदु पर केंद्रित (अभिसरित) करता है।

II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।

  1. अवतल और उत्तल दर्पण के उपयोगों का वर्णन करें।

    अवतल दर्पण का उपयोग टॉर्च, गाड़ियों की हेडलाइट और दंत चिकित्सकों द्वारा किया जाता है। उत्तल दर्पण का उपयोग वाहनों के साइड व्यू मिरर के रूप में होता है क्योंकि यह बड़े क्षेत्र का छोटा और सीधा प्रतिबिंब बनाता है।

  2. इंद्रधनुष में कितने रंग होते हैं? उनका नाम लिखिए।

    इंद्रधनुष में सात रंग होते हैं: बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल। इन रंगों का क्रम VIBGYOR कहलाता है।

III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।

  • समतल दर्पण में बने प्रतिबिंब की विशेषताओं का विस्तार से वर्णन करें।

    समतल दर्पण में बने प्रतिबिंब की कई अनूठी विशेषताएँ होती हैं। सबसे पहले, प्रतिबिंब **आभासी (Virtual)** होता है, जिसका अर्थ है कि इसे पर्दे पर नहीं उतारा जा सकता। यह हमेशा **सीधा (Erect)** बनता है, यानी वस्तु का ऊपरी भाग प्रतिबिंब में भी ऊपर ही दिखाई देता है। प्रतिबिंब का **आकार वस्तु के समान** होता है, न तो बड़ा और न ही छोटा।

    इसके अतिरिक्त, प्रतिबिंब दर्पण के पीछे उतनी ही दूरी पर बनता है जितनी दूरी पर वस्तु दर्पण के सामने रखी होती है। सबसे रोचक विशेषता **पार्श्व परिवर्तन (Lateral Inversion)** है। इसमें वस्तु का बायाँ भाग प्रतिबिंब में दायाँ और दायाँ भाग बायाँ दिखाई देता है। उदाहरण के लिए, यदि आप अपना दायाँ हाथ हिलाते हैं, तो दर्पण में आपका प्रतिबिंब बायाँ हाथ हिलाता हुआ प्रतीत होता है।

  • अवतल और उत्तल लेंस में क्या अंतर है? उनके उपयोगों का भी उल्लेख करें।

    अवतल और उत्तल लेंस दोनों पारदर्शी होते हैं लेकिन उनकी संरचना और कार्य में महत्वपूर्ण अंतर होता है। **उत्तल लेंस (Convex Lens)** बीच में मोटा और किनारों पर पतला होता है। यह अपने ऊपर पड़ने वाली समांतर प्रकाश किरणों को एक बिंदु पर केंद्रित (converge) करता है, इसलिए इसे **अभिसारी लेंस** भी कहते हैं। उत्तल लेंस वास्तविक और आभासी दोनों तरह के प्रतिबिंब बना सकता है, और यह वस्तु को बड़ा करके दिखाता है।

    दूसरी ओर, **अवतल लेंस (Concave Lens)** बीच में पतला और किनारों पर मोटा होता है। यह प्रकाश किरणों को फैलाता (diverge) है, इसलिए इसे **अपसारी लेंस** भी कहते हैं। अवतल लेंस हमेशा आभासी, सीधा और वस्तु से छोटा प्रतिबिंब बनाता है। इनके उपयोगों की बात करें तो, उत्तल लेंस का उपयोग आवर्धक लेंस (magnifying glass) और दूरदर्शिता (hypermetropia) के चश्मों में होता है, जबकि अवतल लेंस का उपयोग निकटदर्शिता (myopia) को ठीक करने वाले चश्मों में किया जाता है।

  • (ब्राउज़र के प्रिंट-टू-पीडीएफ फ़ंक्शन का उपयोग करता है। दिखावट भिन्न हो सकती है।)