अध्याय 14: विद्युत धारा और इसके प्रभाव (Electric Current and its Effects)

परिचय

विद्युत (बिजली) हमारे आधुनिक जीवन का एक अभिन्न अंग है। यह हमें रोशनी, गर्मी, और ऊर्जा प्रदान करती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जब किसी तार में विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो क्या होता है? इस अध्याय में, हम विद्युत धारा के दो मुख्य प्रभावों - तापीय (heating) और चुंबकीय (magnetic) - का अध्ययन करेंगे और जानेंगे कि ये प्रभाव हमारे दैनिक जीवन में किस प्रकार काम आते हैं।

14.1 विद्युत परिपथ और इसके घटक

विद्युत परिपथ (Electric Circuit) विद्युत धारा के प्रवाह के लिए एक पूर्ण और बंद पथ होता है। यह विभिन्न घटकों से मिलकर बनता है। इन घटकों को प्रतीकों (symbols) द्वारा दर्शाया जाता है ताकि परिपथ आरेख (circuit diagram) बनाना आसान हो।

कुछ प्रमुख अवयव और उनके प्रतीक:

जब स्विच **बंद (closed)** होता है, तो परिपथ पूर्ण हो जाता है और विद्युत धारा प्रवाहित होती है। जब स्विच **खुला (open)** होता है, तो परिपथ अधूरा होता है और धारा प्रवाहित नहीं होती।

विद्युत परिपथ के अवयव और उनके प्रतीक

14.2 विद्युत धारा का तापीय प्रभाव

जब किसी तार में विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो वह तार गर्म हो जाता है। इस प्रभाव को **विद्युत धारा का तापीय प्रभाव (Heating Effect)** कहते हैं। यह प्रभाव विद्युत ऊर्जा के ऊष्मा ऊर्जा में रूपांतरण के कारण होता है।

14.3 विद्युत धारा का चुंबकीय प्रभाव

वैज्ञानिक **हैंस क्रिश्चियन ओर्स्टेड (Hans Christian Oersted)** ने पाया कि जब किसी तार से विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो वह एक चुंबक की तरह व्यवहार करता है। इस प्रभाव को **विद्युत धारा का चुंबकीय प्रभाव (Magnetic Effect)** कहते हैं।

जब किसी तार के पास एक कंपास (दिक्सूचक) की सुई रखी जाती है और तार में धारा प्रवाहित होती है, तो सुई विक्षेपित (deflect) हो जाती है। यह विक्षेप दर्शाता है कि तार के चारों ओर एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न हुआ है।

14.4 विद्युत चुंबक

एक नरम लोहे के टुकड़े के चारों ओर विद्युत-रोधी तार को लपेटकर और उसमें विद्युत धारा प्रवाहित करके एक **विद्युत चुंबक (Electromagnet)** बनाया जा सकता है। जब तक तार में धारा प्रवाहित होती है, तब तक यह एक शक्तिशाली चुंबक के रूप में कार्य करता है। धारा बंद करने पर इसका चुंबकत्व समाप्त हो जाता है।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)

I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।

  1. विद्युत फ्यूज क्या है?

    विद्युत फ्यूज एक सुरक्षा युक्ति है जो अत्यधिक विद्युत धारा से उपकरणों और परिपथों को बचाती है।

  2. विद्युत धारा के तापीय प्रभाव पर काम करने वाले किसी एक उपकरण का नाम लिखें।

    विद्युत इस्तरी (electric iron) या विद्युत हीटर।

  3. विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव की खोज किसने की थी?

    इसकी खोज हैंस क्रिश्चियन ओर्स्टेड ने की थी।

  4. खुले परिपथ (open circuit) और बंद परिपथ (closed circuit) में क्या अंतर है?

    खुले परिपथ में विद्युत धारा प्रवाहित नहीं होती, जबकि बंद परिपथ में धारा प्रवाहित होती है।

II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।

  1. विद्युत फ्यूज किस सिद्धांत पर काम करता है?

    विद्युत फ्यूज विद्युत धारा के तापीय प्रभाव के सिद्धांत पर काम करता है। जब अत्यधिक धारा प्रवाहित होती है, तो इसका कम गलनांक वाला तार गर्म होकर पिघल जाता है और परिपथ को तोड़ देता है।

  2. एक विद्युत चुंबक कैसे बनाया जाता है?

    एक विद्युत चुंबक बनाने के लिए, किसी नरम लोहे के टुकड़े के चारों ओर विद्युत-रोधी तार को लपेटकर उसमें विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है।

  3. विद्युत घंटी किस सिद्धांत पर काम करती है?

    विद्युत घंटी विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव के सिद्धांत पर काम करती है। जब स्विच दबाया जाता है, तो विद्युत चुंबक सक्रिय होकर हथौड़ी को घंटी से टकराता है और ध्वनि उत्पन्न होती है।

III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।

  • विद्युत धारा के तापीय और चुंबकीय प्रभावों को उदाहरणों सहित विस्तार से समझाइए।

    जब किसी तार में विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो वह तार गर्म हो जाता है। इस घटना को **विद्युत धारा का तापीय प्रभाव (Heating Effect)** कहते हैं। इसका कारण यह है कि विद्युत ऊर्जा का कुछ भाग ऊष्मा ऊर्जा में बदल जाता है। इस प्रभाव का उपयोग कई घरेलू और औद्योगिक उपकरणों में होता है। उदाहरण के लिए, एक विद्युत इस्तरी (electric iron) में एक नाइक्रोम जैसी मिश्र धातु का तार होता है जिसका प्रतिरोध बहुत अधिक होता है। जब इसमें से धारा प्रवाहित होती है, तो यह इतना गर्म हो जाता है कि हम कपड़ों को इस्त्री कर सकते हैं। इसी प्रकार, विद्युत हीटर, गीजर और टोस्टर भी इसी सिद्धांत पर कार्य करते हैं।

    दूसरी ओर, जब किसी तार में विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो वह अपने चारों ओर एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है। इस घटना को **विद्युत धारा का चुंबकीय प्रभाव (Magnetic Effect)** कहते हैं। इस प्रभाव की खोज हैंस क्रिश्चियन ओर्स्टेड ने की थी। इसका सबसे अच्छा उदाहरण **विद्युत चुंबक (Electromagnet)** है। एक नरम लोहे के टुकड़े पर विद्युत-रोधी तार लपेटकर और उसमें धारा प्रवाहित करके एक अस्थायी चुंबक बनाया जा सकता है। इसका उपयोग कबाड़खानों में भारी लोहे के सामानों को उठाने के लिए, और विद्युत घंटी जैसे उपकरणों में किया जाता है, जहाँ चुंबकत्व को आवश्यकतानुसार चालू और बंद किया जा सकता है।

  • विद्युत परिपथ के विभिन्न अवयवों के प्रतीक (symbols) बनाकर उनका कार्य समझाइए।

    विद्युत परिपथ के अवयवों को प्रतीकों द्वारा दर्शाना परिपथ आरेख बनाने और समझने के लिए सरल बनाता है। **विद्युत सेल** को एक लंबी और एक छोटी लाइन से दर्शाया जाता है, जिसमें लंबी लाइन धनात्मक सिरे को और छोटी लाइन ऋणात्मक सिरे को दर्शाती है। इसका कार्य विद्युत ऊर्जा प्रदान करना है। **बैटरी** को कई सेल के संयोजन के रूप में दिखाया जाता है, और यह अधिक वोल्टेज और धारा प्रदान करती है।

    एक **विद्युत बल्ब** को एक वृत्त में 'X' या तार के फिलामेंट के रूप में दर्शाया जाता है। यह विद्युत ऊर्जा को प्रकाश ऊर्जा में बदलता है। **स्विच** को दो स्थितियों - खुला (open) और बंद (closed) - में दर्शाया जाता है। जब स्विच बंद होता है, तो यह परिपथ को पूरा करता है और धारा प्रवाहित होने देता है। जब स्विच खुला होता है, तो यह परिपथ को तोड़ देता है और धारा प्रवाह को रोकता है। **संयोजक तार** को एक सीधी रेखा से दर्शाया जाता है, जिसका कार्य परिपथ के विभिन्न घटकों को आपस में जोड़ना है। इन प्रतीकों का उपयोग करके, एक जटिल परिपथ को भी आसानी से समझा जा सकता है।

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