अध्याय 1: पादपों में पोषण (Nutrition in Plants)
परिचय
सभी जीवों को जीवित रहने और अपनी दैनिक गतिविधियों को पूरा करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यह ऊर्जा उन्हें भोजन से मिलती है। पोषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा कोई जीव भोजन ग्रहण करता है और उसका उपयोग करता है। इस अध्याय में, हम जानेंगे कि पादप (पौधे) अपना भोजन कैसे बनाते हैं और पोषण के विभिन्न तरीके क्या हैं।
1.1 पोषण के तरीके
पादपों में पोषण मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है:
- स्वपोषी (Autotrophic) पोषण: इसमें जीव अपना भोजन स्वयं बनाते हैं। हरे पौधे स्वपोषी होते हैं क्योंकि वे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया द्वारा अपना भोजन खुद बनाते हैं।
- विषमपोषी (Heterotrophic) पोषण: इसमें जीव भोजन के लिए दूसरे जीवों पर निर्भर रहते हैं। मनुष्य और अन्य जंतु इसी श्रेणी में आते हैं। कुछ पादप भी विषमपोषी होते हैं।
1.2 प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis): पादपों में खाद्य-निर्माण प्रक्रिया
प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में कार्बन डाइऑक्साइड और जल का उपयोग करके अपना भोजन (कार्बोहाइड्रेट) बनाते हैं।
इस प्रक्रिया के लिए आवश्यक घटक:
- क्लोरोफिल: यह पत्तियों में मौजूद एक हरा वर्णक (pigment) है जो सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा को ग्रहण करता है।
- कार्बन डाइऑक्साइड ($CO_2$): पौधे इसे वायुमंडल से पत्तियों में मौजूद छोटे छिद्रों, जिन्हें **स्टोमेटा** कहते हैं, के माध्यम से लेते हैं।
- जल: यह जड़ों द्वारा मिट्टी से अवशोषित किया जाता है और तनों के माध्यम से पत्तियों तक पहुँचाया जाता है।
- सूर्य का प्रकाश: यह ऊर्जा का मुख्य स्रोत है।
प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया का समीकरण इस प्रकार है:
कार्बन डाइऑक्साइड + जल $\xrightarrow{\text{सूर्य का प्रकाश, क्लोरोफिल}}$ कार्बोहाइड्रेट + ऑक्सीजन
इस प्रक्रिया में ऑक्सीजन गैस बाहर निकलती है, जो सभी जीवों के लिए जीवन का आधार है। [Image of the photosynthesis process in plants]
1.3 पोषण के अन्य तरीके
सभी पौधे स्वपोषी नहीं होते हैं। कुछ पादप विषमपोषी होते हैं और पोषण के लिए दूसरे स्रोतों पर निर्भर करते हैं।
- परजीवी (Parasitic) पादप: ये पादप अपना भोजन दूसरे पौधों से प्राप्त करते हैं। उदाहरण के लिए, **अमरबेल (Cuscuta)**, जो एक पीले रंग की बेल होती है और दूसरे पौधों पर उगकर उनसे पोषण प्राप्त करती है।
- मृतजीवी (Saprotrophic) पोषण: इस पोषण विधि में जीव मृत और विघटित (decaying) जैविक पदार्थों से पोषण प्राप्त करते हैं। **कवक (fungi)**, जैसे मशरूम, मृतजीवी पोषण का उदाहरण हैं।
- कीटभक्षी पादप (Insectivorous Plants): ये पौधे उन स्थानों पर उगते हैं जहाँ नाइट्रोजन की कमी होती है। इस कमी को पूरा करने के लिए ये कीटों को पकड़कर उनका पाचन करते हैं। उदाहरण: **घटपर्णी (Pitcher plant)**।
- सहजीवी संबंध (Symbiotic relationship): कुछ जीव एक-दूसरे के साथ रहकर पोषण और आश्रय साझा करते हैं। उदाहरण के लिए, **लाइकेन (lichen)** में शैवाल (algae) और कवक (fungus) एक साथ रहते हैं। शैवाल प्रकाश संश्लेषण द्वारा भोजन बनाता है, जबकि कवक उसे आश्रय और जल प्रदान करता है।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)
I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।
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प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक चार घटक क्या हैं?
क्लोरोफिल, कार्बन डाइऑक्साइड, जल और सूर्य का प्रकाश।
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पादपों में पत्तियों में उपस्थित हरे वर्णक का नाम क्या है?
क्लोरोफिल।
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वह कौन-सा पादप है जो परजीवी पोषण प्रदर्शित करता है?
अमरबेल (Cuscuta)।
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कीटभक्षी पादप का एक उदाहरण दें।
घटपर्णी (Pitcher plant)।
II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।
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स्टोमेटा क्या है और इसका क्या कार्य है?
स्टोमेटा पत्तियों की सतह पर मौजूद छोटे-छोटे छिद्र होते हैं। ये वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड लेने और प्रकाश संश्लेषण के दौरान ऑक्सीजन को बाहर निकालने में मदद करते हैं।
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कवक किस प्रकार का पोषण प्रदर्शित करते हैं? एक उदाहरण दें।
कवक मृतजीवी पोषण प्रदर्शित करते हैं। वे मृत और सड़े-गले पदार्थों से अपना पोषण प्राप्त करते हैं। मशरूम इसका एक प्रमुख उदाहरण है।
III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।
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प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया का विस्तार से वर्णन करें।
प्रकाश संश्लेषण वह महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे सूर्य के प्रकाश का उपयोग करके अपना भोजन बनाते हैं। यह प्रक्रिया पत्तियों में होती है, जिन्हें पौधे की "खाद्य फैक्टरी" भी कहा जाता है। इस प्रक्रिया के लिए, पौधे जड़ों के माध्यम से मिट्टी से जल और खनिज लवण अवशोषित करते हैं। ये जल तने के माध्यम से पत्तियों तक पहुँचते हैं। पत्तियों में मौजूद छोटे छिद्र, जिन्हें स्टोमेटा कहते हैं, वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड को अंदर लेते हैं।
पत्तियों में क्लोरोफिल नामक एक हरा वर्णक होता है, जो सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा को ग्रहण करता है। इस ऊर्जा का उपयोग जल और कार्बन डाइऑक्साइड को मिलाकर कार्बोहाइड्रेट (भोजन) बनाने के लिए किया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में ऑक्सीजन गैस बनती है, जो वायुमंडल में मुक्त हो जाती है और सभी जीवित प्राणियों के लिए आवश्यक है। प्रकाश संश्लेषण के बिना पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं होगा।
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स्वपोषी और विषमपोषी पोषण में क्या अंतर है? कुछ उदाहरणों के साथ समझाएँ।
स्वपोषी और विषमपोषी पोषण में मुख्य अंतर भोजन बनाने के तरीके में है। स्वपोषी पोषण में, जीव अपना भोजन स्वयं सरल अकार्बनिक पदार्थों (कार्बन डाइऑक्साइड और पानी) से बनाते हैं। सभी हरे पौधे स्वपोषी होते हैं क्योंकि वे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया द्वारा भोजन का निर्माण करते हैं। यह पोषण विधि उनके अस्तित्व के लिए मूलभूत है और पृथ्वी पर अधिकांश खाद्य श्रृंखला का आधार है।
इसके विपरीत, विषमपोषी पोषण में, जीव अपने भोजन के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से दूसरे जीवों पर निर्भर रहते हैं। मनुष्य और अन्य सभी जंतु विषमपोषी होते हैं। कुछ पादप भी विषमपोषी हो सकते हैं, जैसे अमरबेल जो दूसरे पौधों से पोषण प्राप्त करती है। मृतजीवी (जैसे मशरूम) और कीटभक्षी पादप (जैसे घटपर्णी) भी विषमपोषी पोषण के ही अलग-अलग रूप हैं, जहाँ वे क्रमशः मृत पदार्थों या कीटों से अपना भोजन प्राप्त करते हैं।
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