अध्याय 9: परिमेय संख्याएँ (Rational Numbers)
परिचय
पिछली कक्षाओं में हमने प्राकृतिक संख्याएँ, पूर्ण संख्याएँ और पूर्णांकों के बारे में पढ़ा है। इस अध्याय में, हम संख्याओं के एक नए संग्रह के बारे में जानेंगे जिसे परिमेय संख्याएँ कहते हैं। ये संख्याएँ भिन्न और पूर्णांकों का एक विस्तार हैं। परिमेय संख्याओं का उपयोग हमारे दैनिक जीवन में बहुत सी स्थितियों को दर्शाने के लिए किया जाता है, जैसे कि किसी वस्तु के टुकड़ों को व्यक्त करना।
9.1 परिमेय संख्याएँ क्या हैं?
एक संख्या जिसे **$p/q$** के रूप में लिखा जा सकता है, जहाँ $p$ और $q$ पूर्णांक हैं और $q \neq 0$, उसे **परिमेय संख्या** कहते हैं।
- सभी पूर्णांक परिमेय संख्याएँ हैं। जैसे, 5 को $5/1$ के रूप में लिखा जा सकता है।
- सभी भिन्न परिमेय संख्याएँ हैं। जैसे, $3/4$ एक परिमेय संख्या है।
- एक परिमेय संख्या धनात्मक या ऋणात्मक हो सकती है। जैसे, $2/3$ एक धनात्मक परिमेय संख्या है और $-5/7$ एक ऋणात्मक परिमेय संख्या है।
- परिमेय संख्या का मानक रूप: एक परिमेय संख्या मानक रूप में तब कही जाती है जब उसका हर (denominator) धनात्मक हो और अंश (numerator) व हर में 1 के अतिरिक्त कोई उभयनिष्ठ गुणनखंड (common factor) न हो।
9.2 परिमेय संख्याओं का संख्या रेखा पर निरूपण
परिमेय संख्याओं को संख्या रेखा पर भी दर्शाया जा सकता है। पूर्णांकों के बीच की दूरी को बराबर भागों में विभाजित करके हम भिन्न जैसी संख्याओं को निरूपित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, $1/2$ को 0 और 1 के ठीक बीच में दर्शाया जाता है।
9.3 परिमेय संख्याओं की तुलना
परिमेय संख्याओं की तुलना करने के लिए, हम उनके हरों को समान करते हैं।
- समान हर वाली परिमेय संख्याओं में, जिस संख्या का अंश बड़ा होता है, वह संख्या बड़ी होती है।
- यदि हर असमान हों, तो हम उनका लघुत्तम समापवर्त्य (LCM) लेकर हरों को समान बनाते हैं और फिर तुलना करते हैं।
9.4 परिमेय संख्याओं पर संक्रियाएँ (Operations)
पूर्णांकों की तरह, हम परिमेय संख्याओं पर भी जोड़, घटाव, गुणा और भाग की संक्रियाएँ कर सकते हैं:
- जोड़: समान हर वाली संख्याओं को सीधे जोड़ते हैं। असमान हर वाली संख्याओं के लिए LCM लेकर हरों को समान बनाते हैं।
- घटाव: जोड़ के समान ही, हर समान करके घटाया जाता है।
- गुणा: अंश को अंश से और हर को हर से गुणा करते हैं। जैसे: $(a/b) \times (c/d) = (a \times c) / (b \times d)$।
- भाग: पहली परिमेय संख्या को दूसरी परिमेय संख्या के व्युत्क्रम (reciprocal) से गुणा करते हैं। जैसे: $(a/b) \div (c/d) = (a/b) \times (d/c)$।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)
I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।
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परिमेय संख्या की परिभाषा क्या है?
एक संख्या जिसे $p/q$ के रूप में व्यक्त किया जा सके, जहाँ $p$ और $q$ पूर्णांक हैं और $q \neq 0$, उसे परिमेय संख्या कहते हैं।
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क्या 0 एक परिमेय संख्या है?
हाँ, 0 एक परिमेय संख्या है क्योंकि इसे $0/1$ या $0/2$ के रूप में लिखा जा सकता है।
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दो ऋणात्मक परिमेय संख्याओं का गुणनफल कैसा होता है?
दो ऋणात्मक परिमेय संख्याओं का गुणनफल हमेशा धनात्मक होता है।
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समतुल्य परिमेय संख्या का एक उदाहरण दें।
$1/2$ और $2/4$ समतुल्य परिमेय संख्याएँ हैं।
II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।
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परिमेय संख्याओं को संख्या रेखा पर कैसे दर्शाया जाता है?
परिमेय संख्याओं को संख्या रेखा पर दर्शाने के लिए, हम पूर्णांकों के बीच की दूरी को हर के बराबर भागों में विभाजित करते हैं। अंश हमें बताता है कि हमें शून्य से कितने भाग आगे या पीछे जाना है।
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$-2/3$ और $4/5$ में कौन सी संख्या बड़ी है?
$-2/3$ एक ऋणात्मक परिमेय संख्या है, जबकि $4/5$ एक धनात्मक परिमेय संख्या है। धनात्मक संख्या हमेशा ऋणात्मक संख्या से बड़ी होती है, इसलिए $4/5$ बड़ी है।
III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।
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परिमेय संख्याओं के मानक रूप को उदाहरण सहित समझाइए।
परिमेय संख्या का मानक रूप वह रूप है जिसमें परिमेय संख्या को सबसे सरल तरीके से व्यक्त किया जाता है। इसके लिए दो शर्तें पूरी होनी चाहिए: पहली, परिमेय संख्या का हर हमेशा धनात्मक होना चाहिए। यदि हर ऋणात्मक है, तो अंश और हर दोनों को $-1$ से गुणा करके उसे धनात्मक बनाया जाता है। दूसरी, अंश और हर में 1 के अतिरिक्त कोई भी उभयनिष्ठ गुणनखंड नहीं होना चाहिए। इसका मतलब है कि अंश और हर का HCF 1 होना चाहिए।
उदाहरण के लिए, परिमेय संख्या $-4/12$ को मानक रूप में बदलने के लिए, हम अंश और हर का उभयनिष्ठ गुणनखंड 4 से भाग करते हैं। इससे हमें $-1/3$ मिलता है। $-1/3$ का हर 3 धनात्मक है और अंश (-1) और हर (3) में कोई उभयनिष्ठ गुणनखंड नहीं है, इसलिए $-1/3$ परिमेय संख्या $-4/12$ का मानक रूप है।
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परिमेय संख्याओं पर गुणा और भाग की संक्रियाओं को उदाहरण सहित समझाइए।
परिमेय संख्याओं का गुणा करना बहुत सीधा होता है। दो परिमेय संख्याओं का गुणनफल ज्ञात करने के लिए, हम उनके अंशों को आपस में और हरों को आपस में गुणा करते हैं। उदाहरण के लिए, $(3/4) \times (5/7)$ का गुणनफल $(3 \times 5) / (4 \times 7) = 15/28$ होगा। गुणन के नियमों में भी पूर्णांकों के समान ही चिह्न नियमों का पालन किया जाता है।
परिमेय संख्याओं का भाग करने के लिए, हम भाज्य (पहली संख्या) को भाजक (दूसरी संख्या) के व्युत्क्रम (reciprocal) से गुणा करते हैं। किसी संख्या का व्युत्क्रम उसका उल्टा होता है, जिसमें अंश हर बन जाता है और हर अंश बन जाता है। उदाहरण के लिए, $(3/4) \div (2/5)$ को हल करने के लिए, हम $(3/4)$ को $(5/2)$ से गुणा करेंगे। इसका परिणाम $(3 \times 5) / (4 \times 2) = 15/8$ होगा। ध्यान रखें कि किसी भी संख्या को शून्य से विभाजित नहीं किया जा सकता।
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