अध्याय 8: राशियों की तुलना (Comparing Quantities)

परिचय

इस अध्याय में, हम विभिन्न राशियों की तुलना करने के लिए उपयोग की जाने वाली तकनीकों के बारे में सीखेंगे। दैनिक जीवन में, हम अक्सर विभिन्न वस्तुओं या स्थितियों की तुलना करते हैं। इस अध्याय में, हम इन तुलनाओं को गणितीय रूप से व्यक्त करने के लिए अनुपात, समानुपात, प्रतिशत, लाभ-हानि और साधारण ब्याज जैसी अवधारणाओं का उपयोग करना सीखेंगे।

8.1 अनुपात और समानुपात

अनुपात (Ratio): दो समान प्रकार की राशियों की तुलना को अनुपात कहते हैं। इसे 'a : b' या $\frac{a}{b}$ के रूप में लिखा जाता है। उदाहरण के लिए, 50 पैसे और ₹5 का अनुपात निकालने के लिए, हमें पहले राशियों को एक ही इकाई में बदलना होगा। 50 पैसे और 500 पैसे (₹5) का अनुपात $50 : 500$ या $1 : 10$ होगा।

समानुपात (Proportion): यदि दो अनुपात बराबर हों, तो वे समानुपात में कहलाते हैं। इसे $a:b :: c:d$ के रूप में लिखा जाता है, जिसका अर्थ है $\frac{a}{b} = \frac{c}{d}$।

8.2 प्रतिशत (Percentage)

प्रतिशत का अर्थ 'प्रति सौ' होता है। यह एक अनुपात है जिसमें हर (denominator) 100 होता है। प्रतिशत को '%' चिह्न द्वारा दर्शाया जाता है।

प्रतिशत, भिन्न और दशमलव के बीच संबंध का आरेख

8.3 लाभ और हानि (Profit and Loss)

किसी वस्तु का क्रय मूल्य (Cost Price, CP) वह मूल्य होता है जिस पर वह खरीदी जाती है, और विक्रय मूल्य (Selling Price, SP) वह मूल्य होता है जिस पर वह बेची जाती है।

8.4 साधारण ब्याज (Simple Interest)

जब आप किसी से पैसे उधार लेते हैं या किसी को उधार देते हैं, तो एक अतिरिक्त राशि का भुगतान किया जाता है जिसे ब्याज कहते हैं। साधारण ब्याज की गणना मूलधन (Principal), दर (Rate) और समय (Time) के आधार पर की जाती है।

साधारण ब्याज (Simple Interest, SI) का सूत्र:

$$SI = \frac{P \times R \times T}{100}$$

जहाँ, P = मूलधन, R = ब्याज की वार्षिक दर, T = समय (वर्षों में)।

मिश्रधन (Amount): मिश्रधन = मूलधन + ब्याज।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)

I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।

  1. दो राशियों के बीच तुलना को क्या कहते हैं, जब उन्हें समान इकाइयों में व्यक्त किया जाता है?

    इसे अनुपात कहते हैं।

  2. $0.75$ को प्रतिशत में कैसे बदलेंगे?

    $0.75$ को प्रतिशत में बदलने के लिए उसे 100 से गुणा करते हैं, जिससे $75\%$ मिलता है।

  3. किसी वस्तु पर लाभ कब होता है?

    लाभ तब होता है जब विक्रय मूल्य (SP) उसके क्रय मूल्य (CP) से अधिक होता है।

  4. साधारण ब्याज की गणना में 'P', 'R' और 'T' का क्या अर्थ है?

    'P' मूलधन (Principal), 'R' दर (Rate) और 'T' समय (Time) को दर्शाता है।

II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।

  1. एक भिन्न को प्रतिशत में बदलने की प्रक्रिया समझाइए।

    एक भिन्न को प्रतिशत में बदलने के लिए, उस भिन्न को 100 से गुणा किया जाता है और उसके बाद प्रतिशत का चिह्न (%) लगाया जाता है। उदाहरण के लिए, $\frac{1}{4}$ को प्रतिशत में बदलने पर $\frac{1}{4} \times 100 = 25\%$ मिलेगा।

  2. लाभ प्रतिशत की गणना कैसे की जाती है?

    लाभ प्रतिशत की गणना लाभ को क्रय मूल्य (CP) से विभाजित करके और फिर 100 से गुणा करके की जाती है। इसका सूत्र है: $\text{लाभ प्रतिशत} = \frac{\text{लाभ}}{\text{क्रय मूल्य}} \times 100$।

III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।

  • दशमलव, भिन्न और प्रतिशत को आपस में बदलने की प्रक्रिया को उदाहरणों सहित समझाइए।

    दशमलव, भिन्न और प्रतिशत आपस में संबंधित होते हैं और इन्हें एक-दूसरे में बदला जा सकता है। एक भिन्न को प्रतिशत में बदलने के लिए, अंश को हर से विभाजित करके दशमलव प्राप्त किया जाता है और फिर उसे 100 से गुणा किया जाता है। जैसे, $\frac{3}{5}$ को पहले $0.6$ में बदलेंगे, और फिर $0.6 \times 100 = 60\%$। दूसरा तरीका है भिन्न को सीधे 100 से गुणा करना: $\frac{3}{5} \times 100\% = 60\%$।

    प्रतिशत को भिन्न में बदलने के लिए, प्रतिशत के मान को 100 से विभाजित किया जाता है। उदाहरण के लिए, $40\%$ को $\frac{40}{100}$ के रूप में लिखा जाता है, जिसे सरलतम रूप में $\frac{2}{5}$ के रूप में व्यक्त किया जा सकता है। प्रतिशत को दशमलव में बदलने के लिए, प्रतिशत के मान को 100 से विभाजित किया जाता है, जैसे $40\% = 40 \div 100 = 0.40$। दशमलव को भिन्न में बदलने के लिए, दशमलव बिंदु के बाद के अंकों के अनुसार 10, 100, 1000 आदि को हर में रखा जाता है। उदाहरण के लिए, $0.25 = \frac{25}{100} = \frac{1}{4}$।

  • साधारण ब्याज क्या है? इसका सूत्र क्या है और इसका उपयोग कैसे किया जाता है?

    साधारण ब्याज (Simple Interest) एक निश्चित अवधि के लिए उधार ली गई या जमा की गई राशि (मूलधन) पर लगने वाला ब्याज है। इस प्रकार के ब्याज की गणना केवल मूलधन पर की जाती है, न कि अर्जित ब्याज पर। यह वित्तीय लेनदेन को समझने के लिए एक सरल तरीका है। साधारण ब्याज की गणना के लिए तीन प्रमुख घटक होते हैं: मूलधन (P), ब्याज की वार्षिक दर (R), और समय (T) वर्षों में। इन राशियों का उपयोग करके, हम साधारण ब्याज की गणना एक सीधे सूत्र से कर सकते हैं।

    साधारण ब्याज (SI) का सूत्र है: $SI = \frac{P \times R \times T}{100}$। इस सूत्र में, $P$ वह राशि है जो उधार ली या दी गई है, $R$ प्रति वर्ष प्रतिशत में ब्याज की दर है, और $T$ वर्षों में समय अवधि है। उदाहरण के लिए, यदि ₹10,000 का मूलधन 2 साल के लिए $5\%$ की वार्षिक दर पर उधार लिया जाता है, तो साधारण ब्याज होगा: $SI = \frac{10000 \times 5 \times 2}{100} = ₹1000$। कुल राशि (मिश्रधन) जो लौटाई जानी है, वह मूलधन और ब्याज का योग होती है, यानी ₹$10,000 + ₹1,000 = ₹11,000$।

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