अध्याय 7: त्रिभुजों की सर्वांगसमता (Congruence of Triangles)
परिचय
इस अध्याय में हम सर्वांगसमता की अवधारणा को समझेंगे। **सर्वांगसमता** का मतलब है "सभी अंगों में समान"। जब दो आकृतियाँ सर्वांगसम होती हैं, तो उनका आकार (shape) और आमाप (size) बिल्कुल एक जैसा होता है। इस अध्याय में, हम विशेष रूप से देखेंगे कि त्रिभुजों की सर्वांगसमता को कैसे सिद्ध किया जाता है।
7.1 सर्वांगसमता क्या है?
दो आकृतियाँ **सर्वांगसम** कहलाती हैं यदि वे एक-दूसरे की बिल्कुल प्रतिलिपि हों। यदि आप एक आकृति को दूसरी आकृति पर रखें, तो वे एक-दूसरे को पूरी तरह से ढक लेंगी। सर्वांगसमता को `≅` चिह्न से दर्शाया जाता है। उदाहरण के लिए, दो 10 रुपये के सिक्के, दो स्टैंप, या एक ही कंपनी द्वारा बनाए गए दो बिस्कुट सर्वांगसम होते हैं।
7.2 त्रिभुजों की सर्वांगसमता
दो त्रिभुज **सर्वांगसम** होते हैं यदि उनके संगत भाग (corresponding parts) बराबर हों। इसका मतलब है कि उनके तीनों संगत कोण और तीनों संगत भुजाएँ बराबर होती हैं। यदि $\triangle ABC \cong \triangle PQR$ है, तो इसका मतलब है कि:
- भुजाएँ: $AB = PQ$, $BC = QR$, $CA = RP$
- कोण: $\angle A = \angle P$, $\angle B = \angle Q$, $\angle C = \angle R$
हम इसे संक्षिप्त में **CPCT (Corresponding Parts of Congruent Triangles)** कहते हैं, जिसका अर्थ है "सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग"।
7.3 सर्वांगसमता के प्रतिबंध (Criteria for Congruence)
दो त्रिभुजों की सर्वांगसमता सिद्ध करने के लिए हमें उनके सभी छह संगत भागों को बराबर दिखाने की आवश्यकता नहीं होती। कुछ निश्चित प्रतिबंधों (नियमों) का पालन करके हम यह आसानी से सिद्ध कर सकते हैं:
1. SSS (भुजा-भुजा-भुजा) सर्वांगसमता
यदि एक त्रिभुज की तीनों भुजाएँ दूसरे त्रिभुज की तीनों संगत भुजाओं के बराबर हों, तो दोनों त्रिभुज सर्वांगसम होते हैं।
नियम: यदि $\triangle ABC$ में $AB = PQ$, $BC = QR$ और $CA = RP$ हो, तो $\triangle ABC \cong \triangle PQR$ (SSS प्रतिबंध से)।
2. SAS (भुजा-कोण-भुजा) सर्वांगसमता
यदि एक त्रिभुज की दो भुजाएँ और उनके बीच का कोण (अंतर्गत कोण) दूसरे त्रिभुज की संगत दो भुजाओं और उनके अंतर्गत कोण के बराबर हों, तो दोनों त्रिभुज सर्वांगसम होते हैं।
नियम: यदि $\triangle ABC$ में $AB = PQ$, $\angle B = \angle Q$ और $BC = QR$ हो, तो $\triangle ABC \cong \triangle PQR$ (SAS प्रतिबंध से)।
3. ASA (कोण-भुजा-कोण) सर्वांगसमता
यदि एक त्रिभुज के दो कोण और उनके बीच की भुजा (अंतर्गत भुजा) दूसरे त्रिभुज के संगत दो कोणों और उनकी अंतर्गत भुजा के बराबर हों, तो दोनों त्रिभुज सर्वांगसम होते हैं।
नियम: यदि $\triangle ABC$ में $\angle B = \angle Q$, $BC = QR$ और $\angle C = \angle R$ हो, तो $\triangle ABC \cong \triangle PQR$ (ASA प्रतिबंध से)।
4. RHS (समकोण-कर्ण-भुजा) सर्वांगसमता
यह प्रतिबंध केवल समकोण त्रिभुजों पर लागू होता है। यदि एक समकोण त्रिभुज का कर्ण और एक भुजा दूसरे समकोण त्रिभुज के संगत कर्ण और एक भुजा के बराबर हो, तो दोनों त्रिभुज सर्वांगसम होते हैं।
नियम: यदि $\triangle ABC$ और $\triangle PQR$ समकोण त्रिभुज हैं, और कर्ण $AC = PR$ और भुजा $BC = QR$ हो, तो $\triangle ABC \cong \triangle PQR$ (RHS प्रतिबंध से)।
अभ्यास प्रश्न और उत्तर (Practice Questions & Answers)
I. रिक्त स्थान भरें।
-
यदि दो आकृतियाँ सर्वांगसम हों, तो उनका आकार और __________ समान होता है।
आमाप (size)
-
सर्वांगसमता को दर्शाने के लिए __________ चिह्न का उपयोग किया जाता है।
$\cong$
-
SSS सर्वांगसमता का पूरा नाम __________ है।
भुजा-भुजा-भुजा (Side-Side-Side)
II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ में उत्तर दें।
-
क्या ASA और AAS सर्वांगसमता नियम समान हैं? स्पष्ट करें।
नहीं, वे समान नहीं हैं। ASA (कोण-भुजा-कोण) में, बराबर भुजा दो बराबर कोणों के बीच स्थित होती है। जबकि AAS (कोण-कोण-भुजा) में, बराबर भुजा दो बराबर कोणों के बीच नहीं होती। हालाँकि, यदि दो कोण बराबर हैं, तो तीसरा कोण भी बराबर होगा, जिससे AAS भी ASA के बराबर हो जाता है, लेकिन दोनों नियमों को अलग-अलग समझना महत्वपूर्ण है।
III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ में उत्तर दें।
त्रिभुजों की सर्वांगसमता को सिद्ध करने के लिए चार मुख्य प्रतिबंध हैं। पहला, **SSS (भुजा-भुजा-भुजा) प्रतिबंध** है। इस नियम के अनुसार, यदि एक त्रिभुज की तीनों भुजाएँ दूसरे त्रिभुज की तीनों संगत भुजाओं के बराबर हों, तो दोनों त्रिभुज सर्वांगसम होते हैं। इसका उपयोग तब किया जाता है जब हमें केवल भुजाओं की लंबाई ज्ञात होती है।
दूसरा, **SAS (भुजा-कोण-भुजा) प्रतिबंध** है, जहाँ दो भुजाएँ और उनके बीच का अंतर्गत कोण बराबर होता है। उदाहरण के लिए, यदि $\triangle ABC$ और $\triangle PQR$ में, $AB = PQ$, $\angle B = \angle Q$ और $BC = QR$ है, तो दोनों त्रिभुज सर्वांगसम होंगे। तीसरा, **ASA (कोण-भुजा-कोण) प्रतिबंध** है, जिसमें दो कोण और उनके बीच की भुजा बराबर होती है। चौथा और अंतिम, **RHS (समकोण-कर्ण-भुजा) प्रतिबंध** है जो केवल समकोण त्रिभुजों के लिए लागू होता है। इसमें एक समकोण, कर्ण और एक भुजा बराबर होनी चाहिए।
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