अध्याय 6: त्रिभुज और उसके गुण (The Triangle and Its Properties)

परिचय

इस अध्याय में, हम गणित की सबसे महत्वपूर्ण आकृतियों में से एक, त्रिभुज, के बारे में अध्ययन करेंगे। हम यह जानेंगे कि एक त्रिभुज क्या होता है, उसके विभिन्न भाग क्या हैं, और उसके गुणों का उपयोग करके हम विभिन्न प्रकार की समस्याओं को कैसे हल कर सकते हैं। यह ज्ञान ज्यामिति की नींव है।

6.1 त्रिभुज क्या है?

एक त्रिभुज एक तीन भुजाओं वाला बंद बहुभुज है। इसके तीन शीर्ष (vertices), तीन भुजाएँ (sides) और तीन कोण (angles) होते हैं। एक त्रिभुज को उसके शीर्षों के नाम से दर्शाया जाता है, जैसे △ABC।

उदाहरण के लिए, △ABC में, भुजाएँ AB, BC, CA हैं और कोण ∠A, ∠B, ∠C हैं।

6.2 त्रिभुजों का वर्गीकरण

त्रिभुजों को उनकी भुजाओं और कोणों के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है:

भुजाओं के आधार पर:

कोणों के आधार पर:

त्रिभुजों के प्रकारों का चित्र

6.3 त्रिभुज के शीर्षलंब और माध्यिकाएँ

माध्यिका (Median): त्रिभुज के किसी शीर्ष से विपरीत भुजा के मध्य-बिंदु को मिलाने वाला रेखाखंड। एक त्रिभुज में तीन माध्यिकाएँ होती हैं।

शीर्षलंब (Altitude): त्रिभुज के किसी शीर्ष से विपरीत भुजा पर डाला गया लंब (perpendicular)। यह त्रिभुज की ऊँचाई होती है। एक त्रिभुज में तीन शीर्षलंब होते हैं।

6.4 त्रिभुज के कोणों के गुणधर्म

6.5 त्रिभुज की भुजाओं के गुणधर्म

त्रिभुज असमिका गुणधर्म (Triangle Inequality Property): किसी भी त्रिभुज में, किन्हीं भी दो भुजाओं की लंबाई का योग तीसरी भुजा की लंबाई से हमेशा अधिक होता है।

6.6 समकोण त्रिभुज और पाइथागोरस गुणधर्म

पाइथागोरस गुणधर्म (Pythagorean Property): केवल समकोण त्रिभुजों पर लागू होता है। इस गुणधर्म के अनुसार, कर्ण (hypotenuse) का वर्ग, अन्य दो भुजाओं (लंब और आधार) के वर्गों के योग के बराबर होता है।

सूत्र: $(\text{कर्ण})^2 = (\text{लंब})^2 + (\text{आधार})^2$

पाइथागोरस प्रमेय का चित्र

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)

I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।

  1. किसी त्रिभुज के तीन शीर्षों से विपरीत भुजाओं के मध्य-बिंदुओं को मिलाने वाले रेखाखंड क्या कहलाते हैं?

    ये रेखाखंड त्रिभुज की माध्यिकाएँ कहलाते हैं।

  2. त्रिभुज के तीनों अंतः कोणों का योग कितना होता है?

    त्रिभुज के तीनों अंतः कोणों का योग $180^\circ$ होता है।

  3. समकोण त्रिभुज में, समकोण के सामने वाली भुजा को क्या कहते हैं?

    समकोण के सामने वाली भुजा को कर्ण (hypotenuse) कहते हैं।

  4. एक त्रिभुज का बाह्य कोण किस प्रकार उसके अंतः कोणों से संबंधित होता है?

    एक त्रिभुज का बाह्य कोण उसके दोनों सम्मुख अंतः कोणों के योग के बराबर होता है।

II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।

  1. त्रिभुज असमिका गुणधर्म को उदाहरण सहित समझाइए।

    इस गुणधर्म के अनुसार, किसी भी त्रिभुज में, किन्हीं दो भुजाओं की लंबाई का योग तीसरी भुजा की लंबाई से अधिक होना चाहिए। उदाहरण के लिए, एक त्रिभुज की भुजाएँ 3 सेमी, 4 सेमी और 5 सेमी हो सकती हैं क्योंकि $3+4>5$, $4+5>3$ और $3+5>4$।

  2. माध्यिका और शीर्षलंब में क्या अंतर है?

    माध्यिका एक शीर्ष से विपरीत भुजा के मध्य-बिंदु को जोड़ती है, जबकि शीर्षलंब एक शीर्ष से विपरीत भुजा पर डाला गया लंब होता है। माध्यिका हमेशा मध्य-बिंदु को काटती है, जबकि शीर्षलंब हमेशा $90^\circ$ का कोण बनाता है।

III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।

  • त्रिभुजों के कोणों पर आधारित वर्गीकरण को उदाहरण सहित विस्तार से समझाइए।

    कोणों के आधार पर त्रिभुज को तीन मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है। सबसे पहले, **न्यूनकोण त्रिभुज** है। इस प्रकार के त्रिभुज में, सभी तीनों कोण $90^\circ$ से कम होते हैं। उदाहरण के लिए, एक त्रिभुज जिसके कोण $60^\circ$, $70^\circ$ और $50^\circ$ हैं, एक न्यूनकोण त्रिभुज होगा, क्योंकि तीनों ही कोण $90^\circ$ से छोटे हैं।

    दूसरा प्रकार **समकोण त्रिभुज** है। एक समकोण त्रिभुज में, ठीक एक कोण $90^\circ$ होता है। इस विशेष कोण के सामने वाली भुजा को कर्ण (hypotenuse) कहा जाता है और यह त्रिभुज की सबसे लंबी भुजा होती है। उदाहरण के लिए, एक त्रिभुज जिसके कोण $90^\circ$, $45^\circ$ और $45^\circ$ हैं, एक समकोण त्रिभुज होगा। तीसरा प्रकार **अधिककोण त्रिभुज** है, जिसमें एक कोण $90^\circ$ से अधिक होता है। जैसे, एक त्रिभुज जिसके कोण $110^\circ$, $40^\circ$ और $30^\circ$ हैं, एक अधिककोण त्रिभुज है।

  • पाइथागोरस गुणधर्म क्या है? इसे एक उदाहरण से स्पष्ट कीजिए।

    पाइथागोरस गुणधर्म ज्यामिति का एक मूलभूत सिद्धांत है जो केवल समकोण त्रिभुजों पर लागू होता है। इस गुणधर्म के अनुसार, समकोण त्रिभुज में, समकोण के सामने वाली भुजा, जिसे कर्ण (hypotenuse) कहा जाता है, का वर्ग अन्य दो भुजाओं के वर्गों के योग के बराबर होता है। अन्य दो भुजाओं को अक्सर लंब (perpendicular) और आधार (base) कहा जाता है। इसे गणितीय रूप में $c^2 = a^2 + b^2$ के रूप में व्यक्त किया जाता है, जहाँ 'c' कर्ण है और 'a' और 'b' अन्य दो भुजाएँ हैं।

    उदाहरण के लिए, मान लीजिए हमारे पास एक समकोण त्रिभुज है जिसकी दो भुजाओं की लंबाई 3 इकाई और 4 इकाई है। पाइथागोरस गुणधर्म का उपयोग करके, हम तीसरी भुजा (कर्ण) की लंबाई ज्ञात कर सकते हैं। सूत्र के अनुसार, $(\text{कर्ण})^2 = 3^2 + 4^2$। इसे हल करने पर, $(\text{कर्ण})^2 = 9 + 16 = 25$ मिलता है। इसलिए, कर्ण की लंबाई $\sqrt{25}$ के बराबर होगी, जो कि 5 इकाई है। यह गुणधर्म निर्माण और नेविगेशन जैसे कई क्षेत्रों में बहुत उपयोगी है।

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