अध्याय 14: सममिति (Symmetry)
परिचय
आपने अपने आस-पास कई ऐसी आकृतियाँ देखी होंगी जो संतुलित या आकर्षक लगती हैं, जैसे एक तितली के पंख, एक फूल की पंखुड़ियाँ, या किसी इमारत का डिज़ाइन। गणित में इस संतुलन को **सममिति (Symmetry)** कहते हैं। सममिति वह गुण है जिससे किसी वस्तु को मोड़ने या घुमाने पर वह बिल्कुल अपने मूल रूप जैसी ही दिखाई देती है।
14.1 सममित रेखा (Line of Symmetry)
एक सममित रेखा वह काल्पनिक रेखा होती है जो किसी आकृति को दो बिल्कुल बराबर हिस्सों में बांटती है। यदि हम आकृति को इस रेखा के अनुदिश मोड़ें, तो दोनों हिस्से एक-दूसरे को पूरी तरह से ढक लेते हैं। इस रेखा को **सममित अक्ष** भी कहते हैं।
अलग-अलग आकृतियों में सममित रेखाओं की संख्या अलग-अलग होती है:
- एक **समद्विबाहु त्रिभुज** (Isosceles Triangle) में एक सममित रेखा होती है।
- एक **आयत** (Rectangle) में दो सममित रेखाएँ होती हैं।
- एक **वर्ग** (Square) में चार सममित रेखाएँ होती हैं।
- एक **वृत्त** (Circle) में अनंत (infinite) सममित रेखाएँ होती हैं।
14.2 घूर्णन सममिति (Rotational Symmetry)
किसी आकृति में **घूर्णन सममिति** तब होती है जब उसे एक निश्चित कोण से घुमाने पर वह अपने मूल रूप जैसी ही दिखाई देती है।
- घूर्णन का केंद्र (Centre of Rotation): वह स्थिर बिंदु जिसके चारों ओर आकृति घूमती है।
- घूर्णन का कोण (Angle of Rotation): वह सबसे छोटा कोण जिससे आकृति को घुमाने पर वह अपने मूल रूप जैसी दिखती है। यह कोण $\frac{360^\circ}{\text{घूर्णन सममिति का क्रम}}$ के बराबर होता है।
- घूर्णन सममिति का क्रम (Order of Rotational Symmetry): 360° के पूरे घूर्णन में आकृति जितनी बार अपने मूल रूप जैसी दिखती है, वह उसका क्रम कहलाता है।
उदाहरण:
- एक **वर्ग** में घूर्णन सममिति का क्रम **4** होता है। (घूर्णन का कोण 90°)
- एक **समबाहु त्रिभुज** (Equilateral Triangle) में घूर्णन सममिति का क्रम **3** होता है। (घूर्णन का कोण 120°)
- एक **आयत** में घूर्णन सममिति का क्रम **2** होता है। (घूर्णन का कोण 180°)
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)
I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।
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सममित रेखा क्या होती है?
सममित रेखा वह काल्पनिक रेखा है जो किसी आकृति को दो समान और दर्पण-प्रतिबिंब (mirror-image) हिस्सों में बांटती है।
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एक समबाहु त्रिभुज में कितनी सममित रेखाएँ होती हैं?
एक समबाहु त्रिभुज में तीन सममित रेखाएँ होती हैं।
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घूर्णन सममिति का क्रम क्या दर्शाता है?
घूर्णन सममिति का क्रम यह दर्शाता है कि 360° के पूर्ण घूर्णन में आकृति कितनी बार अपने मूल रूप जैसी दिखती है।
II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।
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दैनिक जीवन में सममिति के कुछ उदाहरण दीजिए।
दैनिक जीवन में सममिति के कई उदाहरण हैं, जैसे तितली के पंख, हमारे शरीर के अंग (हाथ, पैर), एक पाँच-कोनी तारा, और कई इमारतों का डिज़ाइन। ये सभी रैखिक या घूर्णन सममिति प्रदर्शित करते हैं।
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एक वर्ग में घूर्णन सममिति का क्रम और घूर्णन का कोण क्या होता है?
एक वर्ग में घूर्णन सममिति का क्रम 4 होता है क्योंकि 360° के घूर्णन में वह 4 बार अपनी मूल स्थिति जैसा दिखता है। इसका घूर्णन कोण $360° \div 4 = 90°$ होता है।
III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।
सममित रेखा और घूर्णन सममिति दोनों ही सममिति के प्रकार हैं, लेकिन वे अलग-अलग अवधारणाएँ हैं। **सममित रेखा** एक रैखिक सममिति (Linear Symmetry) है जो किसी आकृति को दो हिस्सों में विभाजित करती है। यदि आप आकृति को इस रेखा पर मोड़ते हैं, तो दोनों हिस्से एक-दूसरे को पूरी तरह से ढक लेंगे। उदाहरण के लिए, एक आयत में दो सममित रेखाएँ होती हैं।
इसके विपरीत, **घूर्णन सममिति** एक बिंदु के चारों ओर घूर्णन (rotation) पर आधारित होती है। एक आकृति में घूर्णन सममिति तब होती है जब उसे एक निश्चित कोण से घुमाने पर वह अपने मूल रूप में लौट आती है। उदाहरण के लिए, एक पंखे में घूर्णन सममिति होती है। जब हम उसे घुमाते हैं, तो वह कई बार अपनी मूल स्थिति जैसा दिखता है। एक वर्ग में 90°, 180°, 270° और 360° पर घूर्णन सममिति होती है। कुछ आकृतियों में दोनों प्रकार की सममिति हो सकती है (जैसे एक वर्ग), जबकि कुछ में केवल एक ही होती है (जैसे एक समद्विबाहु त्रिभुज)।
एक समबाहु त्रिभुज (जिसकी तीनों भुजाएँ बराबर हों) में दो प्रकार की सममिति होती है: रैखिक सममिति और घूर्णन सममिति। सबसे पहले, **रैखिक सममिति** की बात करते हैं। एक समबाहु त्रिभुज में तीन सममित रेखाएँ होती हैं। ये रेखाएँ प्रत्येक शीर्ष से सामने वाली भुजा के मध्य-बिंदु तक जाती हैं। यदि आप त्रिभुज को इन रेखाओं में से किसी भी एक पर मोड़ते हैं, तो दोनों हिस्से एक-दूसरे पर पूरी तरह से ओवरलैप हो जाते हैं।
इसके अलावा, एक समबाहु त्रिभुज में **घूर्णन सममिति** भी होती है। इसका घूर्णन केंद्र त्रिभुज के केंद्रक (centroid) पर होता है। जब हम इसे 120° (360°/3) के कोण पर घुमाते हैं, तो यह अपनी मूल स्थिति जैसा ही दिखता है। 240° और 360° पर भी यह अपनी मूल स्थिति जैसा दिखता है। इसलिए, एक समबाहु त्रिभुज में घूर्णन सममिति का क्रम 3 होता है और घूर्णन का कोण 120° होता है।
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