अध्याय 4: क्या बताती हैं हमें किताबें और कब्रें? (What Books and Burials Tell Us)
परिचय
यह अध्याय हमें भारतीय उपमहाद्वीप के शुरुआती इतिहास को जानने के दो महत्वपूर्ण स्रोतों के बारे में बताता है: **वेद (खासकर ऋग्वेद)** और **महापाषाणिक कब्रें**। ये स्रोत हमें लगभग 3500 साल पहले के समाज, उनके विश्वासों और जीवन शैली की जानकारी देते हैं।
4.1 सबसे प्राचीन वेद: ऋग्वेद (The Oldest Veda: The Rigveda)
भारतीय साहित्य में चार मुख्य **वेद** हैं: **ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद**। इनमें से ऋग्वेद सबसे पुराना है, जिसकी रचना लगभग **3500 साल पहले** हुई थी।
- **सूक्त:** ऋग्वेद में 1000 से भी ज़्यादा **सूक्त** या भजन हैं, जिसका अर्थ है 'अच्छी तरह से बोला गया'। ये अलग-अलग देवी-देवताओं की स्तुति में रचे गए हैं।
- **प्रमुख देवता:** ऋग्वेद में तीन महत्वपूर्ण देवता हैं:
- **अग्नि:** अग्नि देवता
- **इंद्र:** युद्ध के देवता
- **सोम:** एक विशेष पौधा जिससे एक खास पेय बनाया जाता था
- **भाषा:** ऋग्वेद **प्राचीन संस्कृत** या वैदिक संस्कृत में लिखा गया है, जो आज की संस्कृत से थोड़ी अलग है।
- **रचना और सीखना:** ऋग्वेद की रचना ऋषियों और विद्वानों ने की थी। इसे गुरुओं द्वारा छात्रों को बोलकर सुनाया जाता था और छात्र उसे याद करते थे। इसे लिखने का काम बाद में हुआ।
- **इतिहासकारों का अध्ययन:** इतिहासकार इन भजनों का अध्ययन करके उस समय के लोगों के जीवन, उनके अनुष्ठानों और उनके समाज के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।
4.2 ऋग्वेद में लोग (People in the Rigveda)
ऋग्वेद में लोगों का वर्णन उनके काम, भाषा और समुदायों के आधार पर किया गया है:
- **पुरोहित (ब्राह्मण):** ये वे लोग थे जो विभिन्न अनुष्ठान और धार्मिक कार्य करते थे।
- **राजा:** ये वो शासक थे जो युद्ध लड़ते थे और लोगों का नेतृत्व करते थे। ये बाद के राजाओं की तरह स्थायी सेना नहीं रखते थे और न ही नियमित कर वसूलते थे।
- **जन और विष:** लोग खुद को **जन** (समूह) या **विष** (कबीला) के रूप में बताते थे, जैसे पुरु जन या भरत जन।
- **दास या दासी:** ये वे लोग थे जिन्हें युद्ध में बंदी बनाया जाता था। उन्हें उनके मालिक की संपत्ति माना जाता था और उन्हें वे सभी काम करने पड़ते थे जो मालिक चाहते थे।
4.3 महापाषाण (Megaliths)
**महापाषाण** का अर्थ है 'बड़ा पत्थर'। ये वे बड़े पत्थर हैं जिनका उपयोग लगभग **3000 साल पहले** से कब्रिस्तानों को चिह्नित करने के लिए किया जाता था। ये दक्कन, दक्षिण भारत, उत्तर-पूर्वी भारत और कश्मीर में पाए गए हैं।
- **उद्देश्य:** महापाषाणों का उपयोग उन स्थानों को चिह्नित करने के लिए किया जाता था जहाँ मृतकों को दफनाया जाता था। इन पत्थरों को सावधानीपूर्वक लगाया जाता था।
- **विशेषताएं:**
- कई महापाषाणिक कब्रों में एक **पोर्टहोल (Porthole)** या एक बड़ा गोलाकार छेद होता था। यह शायद परिवार के सदस्यों को एक ही कब्र में अलग-अलग समय पर दफनाने के लिए इस्तेमाल होता था।
- कब्रों में अक्सर मृतक के साथ कुछ खास चीजें दफनाई जाती थीं, जैसे **काले और लाल मिट्टी के बर्तन**, लोहे के औजार और हथियार (जैसे कुल्हाड़ी और कटार), घोड़े के कंकाल और उपकरण, और पत्थर व सोने के आभूषण।
4.4 सामाजिक भेद-भाव का पता कैसे लगाएं? (How to find out about social differences?)
पुरातत्वविद कब्रों में पाई जाने वाली वस्तुओं के आधार पर समाज में मौजूद सामाजिक असमानताओं का अनुमान लगाते हैं।
- **उदाहरण:** कर्नाटक में **ब्रह्मगिरी** नामक स्थल पर, एक कंकाल के साथ 33 सोने के मोती, शंख और तांबे के कंगन मिले थे, जबकि अन्य कंकालों के साथ केवल कुछ मिट्टी के बर्तन ही पाए गए। यह दर्शाता है कि कुछ लोग धनी थे और कुछ गरीब।
- कुछ कब्रें ऐसी भी हैं जहाँ एक ही परिवार के कई सदस्यों को दफनाया गया था। इससे पता चलता है कि एक निश्चित अंतराल के बाद मृतकों को फिर से दफन स्थल पर लाया जाता था, संभवतः एक ही परिवार के सदस्य एक ही स्थान पर दफन किए जाते थे।
4.5 इनामगाँव: एक विशेष दफन स्थल (A Special Burial at Inamgaon)
**इनामगाँव** (वर्तमान महाराष्ट्र में) भीमा नदी की एक सहायक नदी, घोड़ नदी के तट पर स्थित एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है। यह लगभग **3600 से 2700 साल पहले** तक एक बस्ती थी।
- **दफन करने की प्रथाएं:**
- यहाँ वयस्क लोगों को आमतौर पर ज़मीन में सीधा लेटाकर दफनाया जाता था, उनके सिर उत्तर की ओर होते थे।
- कभी-कभी शवों को घरों के अंदर ही दफनाया जाता था।
- एक बहुत ही खास मामले में, एक पाँच कमरों वाले घर के आंगन में, एक बड़े मिट्टी के जार में, एक वयस्क को क्रॉस-लेग्ड स्थिति में दफनाया गया था। यह घर बस्ती के केंद्र में था और इसमें एक अन्न भंडार भी था। पुरातत्वविदों का मानना है कि यह शायद किसी सरदार का दफन स्थल था।
4.6 इनामगाँव के लोगों का भोजन (What People Ate at Inamgaon)
इनामगाँव में पुरातत्वविदों को विभिन्न प्रकार के अनाजों के बीज मिले हैं, जैसे **गेहूँ, जौ, चावल, दालें, बाजरा, मटर और तिल**। इससे पता चलता है कि लोग खेती करते थे।
- उन्हें विभिन्न जानवरों की हड्डियाँ भी मिली हैं, जैसे भेड़, बकरी, मवेशी, भैंस, हिरण, काले हिरण, एंटीलोप, खरगोश और नेवला। इन हड्डियों पर कटने के निशान भी मिले हैं, जिससे पता चलता है कि लोग इन जानवरों को खाते थे।
- उन्हें बेर, आंवला, जामुन और खजूर जैसे फलों के प्रमाण भी मिले हैं।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)
I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।
-
भारत के चार वेद कौन-कौन से हैं?
भारत के चार वेद ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद हैं।
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ऋग्वेद में 'सूक्त' का क्या अर्थ है?
ऋग्वेद में 'सूक्त' का अर्थ 'अच्छी तरह से बोला गया' है।
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महापाषाण क्या होते थे?
महापाषाण बड़े पत्थर होते थे जिनका उपयोग मृतकों को दफनाने के स्थलों को चिह्नित करने के लिए किया जाता था।
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इनामगाँव किस नदी के तट पर स्थित है?
इनामगाँव घोड़ नदी (भीमा नदी की एक सहायक नदी) के तट पर स्थित है।
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दासों को किस प्रकार परिभाषित किया गया था?
दास वे पुरुष या महिलाएँ थीं जिन्हें युद्ध में बंदी बनाया जाता था और जिन्हें उनके मालिक की संपत्ति माना जाता था, उन्हें मालिक के इच्छानुसार कार्य करने पड़ते थे।
II. खाली स्थान भरें।
- सबसे प्राचीन वेद **ऋग्वेद** है।
- ऋग्वेद की रचना लगभग **3500** साल पहले हुई थी।
- ऋग्वेद में अग्नि, इंद्र और **सोम** प्रमुख देवता हैं।
- **महापाषाणों** का उपयोग मृतकों को दफनाने के लिए किया जाता था।
- इनामगाँव लगभग **3600** से **2700** साल पहले तक एक बस्ती थी।
III. सही विकल्प चुनें।
-
ऋग्वेद की भाषा है:
- आधुनिक संस्कृत
- **प्राचीन संस्कृत**
- पाली
- प्राकृत
सही उत्तर: प्राचीन संस्कृत
-
महापाषाणिक कब्रों में अक्सर पाए जाते थे:
- चित्रित मिट्टी के बर्तन
- **काले और लाल मिट्टी के बर्तन**
- केवल पत्थर के औजार
- कांच के आभूषण
सही उत्तर: काले और लाल मिट्टी के बर्तन
-
ब्रह्मगिरी किस राज्य में स्थित है जहाँ सोने के आभूषणों वाली कब्रें मिली हैं?
- महाराष्ट्र
- **कर्नाटक**
- मध्य प्रदेश
- कश्मीर
सही उत्तर: कर्नाटक
IV. सही जोड़ी मिलाएं।
स्तंभ A | स्तंभ B (उत्तर) |
---|---|
सूक्त | अच्छी तरह से बोला गया |
अग्नि | अग्नि देवता |
महापाषाण | बड़ा पत्थर |
ब्रह्मगिरी | सोने के आभूषण |
इनामगाँव | घोड़ नदी के किनारे |
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