अध्याय 2: आखेटक-खाद्य संग्राहक से भोजन उत्पादन तक (From Hunting-Gathering to Growing Food)
परिचय
इस अध्याय में हम सीखेंगे कि कैसे हमारे पूर्वज, जो पहले भोजन के लिए शिकार और संग्रह पर निर्भर थे, धीरे-धीरे भोजन उत्पादक बन गए, यानी खेती और पशुपालन करने लगे। यह एक बहुत बड़ा बदलाव था जिसने मानव इतिहास को हमेशा के लिए बदल दिया।
2.1 आखेटक-खाद्य संग्राहक (Hunter-Gatherers)
लाखों साल पहले उपमहाद्वीप में रहने वाले लोग **आखेटक-खाद्य संग्राहक** कहलाते थे। वे भोजन का इंतजाम करने के लिए शिकार (जानवरों का), मछली पकड़ने और जंगली पौधों, फल, जड़ों, नट्स और अंडों को इकट्ठा करने पर निर्भर थे।
- **गतिशीलता के कारण:**
- एक ही जगह पर लंबे समय तक रहने पर जानवरों और पौधों के संसाधन खत्म हो जाते थे।
- जानवर अपना स्थान बदलते थे, इसलिए लोग भी उनके पीछे जाते थे।
- पेड़ों और पौधों में फल और फूल अलग-अलग मौसम में आते थे।
- पानी की तलाश में, खासकर सूखे मौसम में, नदियों और झीलों के पास जाना पड़ता था।
- **जानकारी का महत्व:** उन्हें जानवरों की आदतों, पौधों के बारे में (कौन से खाने योग्य हैं, कौन से नहीं) और मौसम के अनुसार बदलावों का गहरा ज्ञान था।
2.2 आखेटक-खाद्य संग्राहकों के स्थलों की पहचान (Identifying Hunter-Gatherer Sites)
पुरातत्वविदों को आखेटक-खाद्य संग्राहकों के रहने के कई स्थल मिले हैं। इनमें से कुछ स्थल नदियों और झीलों के किनारे पाए गए हैं।
- **साक्ष्य:** पत्थरों के औजार, हड्डियों के औजार और लकड़ी के औजार मिले हैं।
- **गुफाएँ और शैलाश्रय:** लोग अक्सर गुफाओं और चट्टानों से बनी आश्रय स्थलों में रहते थे, क्योंकि ये प्राकृतिक आश्रय प्रदान करते थे। उदाहरण: **भीमबेटका (आधुनिक मध्य प्रदेश में)**।
- **पुरास्थलों का वर्गीकरण:**
- **आवासीय स्थल:** वे स्थान जहाँ लोग रहते थे।
- **कारखाने स्थल:** वे स्थान जहाँ लोग औजार बनाते थे।
- **आवासीय और कारखाना स्थल:** दोनों तरह की गतिविधियाँ एक ही स्थान पर होती थीं।
2.3 पत्थरों के औजारों का उपयोग (Uses of Stone Tools)
पत्थरों के औजार अत्यंत महत्वपूर्ण थे। उनका उपयोग कई कार्यों के लिए किया जाता था:
- मांस और हड्डी काटने के लिए।
- पेड़ों की छाल और जानवरों की खाल निकालने के लिए।
- फल और जड़ें काटने के लिए।
- लकड़ी काटने के लिए (लकड़ी का उपयोग ईंधन और झोपड़ियों व औजारों के लिए किया जाता था)।
2.4 आग की खोज (Discovery of Fire)
**कुरनूल गुफाओं (आधुनिक आंध्र प्रदेश में)** में राख के अवशेष मिले हैं, जिससे पता चलता है कि लोग आग का उपयोग करना सीख गए थे।
- **आग के संभावित उपयोग:**
- प्रकाश के स्रोत के रूप में।
- मांस भूनने के लिए।
- खतरनाक जानवरों को दूर भगाने के लिए।
2.5 बदलता पर्यावरण (A Changing Environment)
लगभग **12,000 साल पहले**, दुनिया की जलवायु में बड़ा बदलाव आया और इसमें गर्मी बढ़ी।
- **घास के मैदानों का विकास:** तापमान बढ़ने से घास के मैदान विकसित हुए, जिससे हिरण, बारहसिंगा, भेड़, बकरी और मवेशी जैसे जानवरों की संख्या बढ़ी।
- **शिकारियों द्वारा अनुसरण:** जो लोग इन जानवरों का शिकार करते थे, उन्होंने उनके भोजन की आदतों और प्रजनन मौसमों के बारे में सीखा।
- **मछली पकड़ना:** इस अवधि में मछली भी भोजन का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन गई।
2.6 पाषाण काल के नाम (Names of the Stone Age Periods)
पुरातत्वविदों ने समय के साथ औजारों में हुए बदलावों के आधार पर पाषाण काल को तीन मुख्य भागों में बांटा है:
- **पुरापाषाण काल (Palaeolithic Period):**
- यह काल 2 मिलियन साल पहले से लगभग 12,000 साल पहले तक फैला हुआ है।
- यह दो शब्दों से बना है: 'पुरा' (प्राचीन) और 'पाषाण' (पत्थर)।
- मनुष्य के इतिहास का 99% हिस्सा इसी काल में बीता।
- इसे तीन भागों में बांटा गया है: निम्न, मध्य और उच्च पुरापाषाण काल।
- **मध्यपाषाण काल (Mesolithic Period):**
- यह काल लगभग 12,000 साल पहले से 10,000 साल पहले तक फैला हुआ है।
- इस काल के औजार छोटे होते थे, जिन्हें **माइक्रोलिथ (microliths)** कहा जाता है। इन औजारों में अक्सर हड्डी या लकड़ी के हत्थे लगे होते थे, जैसे आरी और हँसिया।
- शिकार और संग्रह जारी रहा।
- **नवपाषाण काल (Neolithic Period):**
- यह काल लगभग 10,000 साल पहले से शुरू होता है।
- यह वह समय था जब कृषि और पशुपालन का विकास हुआ, जिससे मानव जीवन में एक बड़ा बदलाव आया।
2.7 कृषि और पशुपालन की शुरुआत (Beginning of Farming and Herding)
लगभग 12,000 साल पहले, दुनिया की जलवायु में बदलाव के साथ, लोगों ने भोजन के लिए अनाज उगाना और जानवरों को पालना शुरू कर दिया।
- **फसल उगाना:** लोगों ने गेहूं, जौ, चावल जैसे अनाज को उगाना सीखा। वे प्राकृतिक रूप से उगने वाले अनाजों को इकट्ठा करते थे और उन्हें कैसे उगाया जाए, इसका ज्ञान प्राप्त किया।
- **पशुपालन:** सबसे पहले जंगली भेड़ों और बकरियों को पालतू बनाया गया। लोगों ने जानवरों को भोजन (दूध, मांस) और परिवहन के लिए उपयोग करना सीखा।
- **पालतू बनाना (Domestication):** यह वह प्रक्रिया है जिसमें लोग पौधों और जानवरों को अपने उपयोग के लिए उगाते और पालते हैं।
2.8 स्थायी जीवन की ओर (Towards a Settled Life)
खेती और पशुपालन के विकास के साथ, लोगों को एक ही स्थान पर लंबे समय तक रहना पड़ा।
- **भंडारण:** अनाज को सुरक्षित रखने और भंडारित करने के लिए मिट्टी के बर्तन बनाना, टोकरियाँ बुनना और जमीन में गड्ढे खोदना शुरू किया गया।
- **नए औजार:** नए तरह के पत्थर के औजार विकसित किए गए, जैसे पॉलिश किए गए औजार (पत्थर की कुल्हाड़ी) जो अनाज पीसने और अन्य कार्यों के लिए उपयोग किए जाते थे।
2.9 मेहरगढ़ (Mehrgarh) - एक महत्वपूर्ण पुरास्थल
**मेहरगढ़** (आधुनिक पाकिस्तान में) एक महत्वपूर्ण पुरास्थल है जहाँ पुरातत्वविदों को कृषि और पशुपालन के शुरुआती प्रमाण मिले हैं। यह ईरान जाने वाले महत्वपूर्ण बोलन दर्रे के पास स्थित है।
- **साक्ष्य:**
- गेहूं और जौ के अवशेष मिले हैं।
- भेड़, बकरी और मवेशियों की हड्डियाँ मिली हैं।
- कई स्तरों पर बस्ती के अवशेष मिले हैं, जिससे पता चलता है कि लोग लंबे समय तक यहीं रहते थे।
- आयताकार और वर्गाकार घरों के अवशेष मिले हैं, जिनमें प्रत्येक में चार या अधिक कमरे होते थे, जिनमें से कुछ का उपयोग भंडारण के लिए किया जाता होगा।
- **दफन स्थल:** मेहरगढ़ में कई दफन स्थल मिले हैं। एक दफन स्थल पर मृतक के साथ बकरियों को भी दफनाया गया था, शायद अगले जन्म में भोजन के लिए।
2.10 बुर्जहोम (Burzahom) - एक और महत्वपूर्ण पुरास्थल
**बुर्जहोम** (आधुनिक कश्मीर में) नवपाषाण काल का एक और महत्वपूर्ण स्थल है।
- **विशेषताएं:**
- यहां लोग गड्ढे वाले घरों (pit-houses) में रहते थे, जिन्हें जमीन में खोदकर बनाया जाता था। इन घरों में सीढ़ियाँ होती थीं।
- इससे उन्हें ठंड से सुरक्षा मिलती थी।
- झोपड़ियों के अंदर और बाहर दोनों जगह खाना पकाने के निशान मिले हैं, जो मौसम के आधार पर खाना पकाने का सुझाव देते हैं।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)
I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।
-
आखेटक-खाद्य संग्राहक कौन थे?
आखेटक-खाद्य संग्राहक वे लोग थे जो अपने भोजन के लिए जानवरों का शिकार करते थे और जंगली पौधों, फल व जड़ों को इकट्ठा करते थे।
-
भीमबेटका किस राज्य में स्थित है?
भीमबेटका आधुनिक मध्य प्रदेश में स्थित है।
-
आग के कोई दो उपयोग बताएं।
आग का उपयोग प्रकाश के स्रोत के रूप में, मांस भूनने के लिए और खतरनाक जानवरों को दूर भगाने के लिए किया जाता था।
-
माइक्रोलिथ क्या थे?
माइक्रोलिथ मध्यपाषाण काल के छोटे पत्थर के औजार थे, जिनमें अक्सर हड्डी या लकड़ी के हत्थे लगे होते थे।
-
मेहरगढ़ कहाँ स्थित है?
मेहरगढ़ आधुनिक पाकिस्तान में स्थित है, बोलन दर्रे के पास।
II. खाली स्थान भरें।
- कुरनूल गुफाओं में **राख** के अवशेष मिले हैं।
- लगभग **12,000** साल पहले दुनिया की जलवायु में बड़ा बदलाव आया।
- पाषाण काल को **पुरापाषाण, मध्यपाषाण और नवपाषाण** काल में बांटा गया है।
- सबसे पहले **जंगली भेड़ और बकरी** को पालतू बनाया गया।
- बुर्जहोम में लोग **गड्ढे वाले घरों (pit-houses)** में रहते थे।
III. सही विकल्प चुनें।
-
कौन सा काल 2 मिलियन साल पहले से लगभग 12,000 साल पहले तक फैला हुआ है?
- मध्यपाषाण काल
- नवपाषाण काल
- **पुरापाषाण काल**
- लौह युग
सही उत्तर: पुरापाषाण काल
-
खेती और पशुपालन की शुरुआत किस काल से हुई?
- पुरापाषाण काल
- मध्यपाषाण काल
- **नवपाषाण काल**
- कोई नहीं
सही उत्तर: नवपाषाण काल
-
मेहरगढ़ में मृतक के साथ किसे दफनाया गया था?
- कुत्ता
- गाय
- **बकरी**
- घोड़ा
सही उत्तर: बकरी
IV. सही जोड़ी मिलाएं।
स्तंभ A | स्तंभ B (उत्तर) |
---|---|
भीमबेटका | गुफाएँ और शैलाश्रय |
कुरनूल गुफाएँ | राख के अवशेष |
माइक्रोलिथ | मध्यपाषाण औजार |
मेहरगढ़ | गेहूं और जौ की खेती |
बुर्जहोम | गड्ढे वाले घर |
पालतू बनाना | पौधों और जानवरों को अपने उपयोग के लिए पालना |
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