अध्याय 1: क्या, कब, कहाँ और कैसे? (What, Where, How and When?)
परिचय
यह अध्याय हमें इतिहास को समझने के मूल प्रश्नों से परिचित कराता है: क्या हुआ? कब हुआ? कहाँ हुआ? और कैसे हुआ? हम अतीत के बारे में जानकारी प्राप्त करने के विभिन्न तरीकों और स्रोतों की पड़ताल करेंगे, और यह जानेंगे कि पुरातत्वविद् और इतिहासकार कैसे अतीत का पुनर्निर्माण करते हैं।
1.1 क्या है इतिहास?
इतिहास हमें यह जानने में मदद करता है कि **अतीत में क्या हुआ**। यह हमें यह समझने में सक्षम बनाता है कि आज हम जिस तरह से रहते हैं, वह कैसे अस्तित्व में आया। इतिहास हमें उन परिवर्तनों के बारे में बताता है जो समय के साथ हुए हैं।
- उदाहरण के लिए, अतीत में लोग कैसे रहते थे? वे क्या खाते थे? वे किस तरह के कपड़े पहनते थे? वे किस तरह के घरों में रहते थे?
- हम किसानों, चरवाहों, शासकों, व्यापारियों, पुजारियों, शिल्पकारों, कलाकारों, संगीतकारों और वैज्ञानिकों के जीवन के बारे में जान सकते हैं।
1.2 अतीत के बारे में कैसे जानें? (How do we know about the past?)
अतीत के बारे में जानने के कई तरीके हैं। हम उन पुस्तकों को पढ़ सकते हैं जो अतीत में लिखी गई थीं। हम पत्थरों या धातु पर उत्कीर्ण अभिलेखों का अध्ययन कर सकते हैं। हम पुरातत्वविदों द्वारा खोजी गई वस्तुओं और इमारतों का भी अध्ययन कर सकते हैं।
1.2.1 पांडुलिपियाँ (Manuscripts)
**पांडुलिपियाँ** हाथ से लिखी गई पुस्तकें होती हैं। ये आमतौर पर **ताड़ के पत्तों** या हिमालय क्षेत्र में उगने वाले **भूर्ज पेड़ की छाल** पर लिखी जाती थीं।
- पांडुलिपियों में धार्मिक विश्वासों और प्रथाओं, राजाओं के जीवन, दवाओं और विज्ञान जैसे विभिन्न विषयों का वर्णन होता था।
- इसके अलावा, इनमें महाकाव्य, कविताएँ और नाटक भी शामिल थे।
- इनमें से कई पांडुलिपियाँ कीड़ों द्वारा खा ली गई थीं या नष्ट हो गई थीं, लेकिन कई आज भी मंदिरों और मठों में सुरक्षित हैं।
1.2.2 अभिलेख (Inscriptions)
**अभिलेख** कठोर सतहों जैसे पत्थरों या धातुओं पर उत्कीर्ण लेखन होते हैं।
- राजा अक्सर अपने आदेशों को अभिलेखों पर उत्कीर्ण करवाते थे ताकि लोग उन्हें देख, पढ़ और उनका पालन कर सकें।
- अभिलेखों में राजाओं और रानियों के कार्यों का वर्णन भी होता था, जैसे युद्ध में उनकी जीत।
- अभिलेखों का अध्ययन करना अतीत के बारे में जानने का एक और तरीका है।
1.2.3 पुरातत्वविद् (Archaeologists)
**पुरातत्वविद्** वे लोग होते हैं जो अतीत में बनी और उपयोग की गई वस्तुओं का अध्ययन करते हैं।
- वे इमारतों के अवशेषों (पत्थरों और ईंटों से बनी), चित्रों और मूर्तियों का अध्ययन करते हैं।
- वे जमीन के नीचे से औजारों, हथियारों, बर्तनों, आभूषणों और सिक्कों की खोज के लिए खुदाई भी करते हैं।
- ये वस्तुएँ पत्थर, हड्डी, मिट्टी या धातु की बनी हो सकती हैं।
- पुरातत्वविद् जानवरों की हड्डियों, मछली की हड्डियों और पौधों के अवशेषों का भी अध्ययन करते हैं ताकि यह पता चल सके कि अतीत में लोग क्या खाते थे।
1.3 अतीत: एक या अनेक? (One Past or Many?)
इतिहास एक है या अनेक? यह सवाल इसलिए उठता है क्योंकि अलग-अलग लोगों के लिए अतीत के अनुभव अलग-अलग होते थे।
- उदाहरण के लिए, चरवाहों और किसानों का जीवन राजाओं और रानियों से अलग होता था।
- व्यापारियों का जीवन शिल्पकारों से अलग होता था।
- आज भी, अंडमान द्वीप समूह में लोग अपना अधिकांश भोजन मछली पकड़कर, शिकार करके और वन उत्पाद इकट्ठा करके प्राप्त करते हैं, जबकि शहरों में लोग भोजन के लिए दूसरों पर निर्भर करते हैं।
'अतीत' शब्द का बहुवचन में उपयोग किया गया है क्योंकि विभिन्न समूहों के लोगों के लिए अतीत अलग-अलग था।
1.4 तिथियों का अर्थ (What do Dates Mean?)
जब हम तिथियों का उल्लेख करते हैं, तो अक्सर "ईसा पूर्व" (B.C.) या "ईस्वी" (A.D.) का उपयोग करते हैं।
- **ईसा पूर्व (B.C. - Before Christ):** इसका अर्थ है **ईसा मसीह के जन्म से पहले**। उदाहरण के लिए, 2000 ईसा पूर्व का अर्थ है ईसा मसीह के जन्म से 2000 साल पहले।
- **ईस्वी (A.D. - Anno Domini):** इसका अर्थ है **ईसा मसीह के जन्म के वर्ष में**। उदाहरण के लिए, 2000 ईस्वी का अर्थ है ईसा मसीह के जन्म के बाद के 2000 साल।
- कभी-कभी A.D. के स्थान पर **C.E. (Common Era)** और B.C. के स्थान पर **B.C.E. (Before Common Era)** का उपयोग किया जाता है। ये शब्द ईसाई युग के संदर्भ में हैं।
1.5 हमारे देश का नाम (Names of our Land)
भारत के लिए हम अक्सर दो नामों का उपयोग करते हैं: **इंडिया (India)** और **भारत (Bharat)**।
- **इंडिया:** यह नाम **सिंधु (Indus)** नदी से निकला है, जिसे संस्कृत में 'सिंधु' कहते हैं। यूनानी और ईरानी जो भारत में उत्तर-पश्चिम से आए थे, उन्होंने सिंधु नदी को 'हिंडोस' या 'इंडोस' कहा और इस नदी के पूर्व में रहने वाले लोगों को 'इंडोस' या 'इंडियंस' कहा।
- **भारत:** इस नाम का उपयोग उत्तर-पश्चिम में रहने वाले लोगों के एक समूह के लिए किया गया था जिसका उल्लेख **ऋग्वेद** में मिलता है (जो लगभग 3500 साल पहले लिखा गया था)। बाद में, इसका उपयोग पूरे देश के लिए होने लगा।
1.6 अतीत का पता कैसे लगाएं? कुछ महत्वपूर्ण स्थान (Finding out about the Past: Some Important Places)
- **नर्मदा नदी:** लाखों साल पहले लोग इस नदी के किनारे रहते थे। वे कुशल **संग्राहक (gatherers)** थे जो भोजन के लिए जड़ें, फल और वन उत्पादों पर निर्भर रहते थे।
- **सुलेमान और किरथर पहाड़ियाँ (उत्तर-पश्चिम):** लगभग **8000 साल पहले**, इसी क्षेत्र में सबसे पहले गेहूँ और जौ जैसी फसलों को उगाया गया था। यहीं पर लोग भेड़, बकरी और गाय-बैल जैसे जानवरों को पालना भी शुरू किए।
- **गारो पहाड़ियाँ (उत्तर-पूर्व) और विंध्य पहाड़ियाँ (मध्य भारत):** ये वे क्षेत्र थे जहाँ कृषि का विकास हुआ। **विंध्य** वह स्थान था जहाँ पहली बार **चावल** उगाया गया था।
- **सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियाँ:** लगभग **4700 साल पहले**, इन्हीं नदियों के किनारे कुछ आरंभिक शहर विकसित हुए।
- **गंगा नदी और उसकी सहायक नदियाँ:** लगभग **2500 साल पहले**, गंगा के किनारे और उसके सहायक नदियों के पास शहरों का विकास हुआ। गंगा के दक्षिण में स्थित क्षेत्र को **मगध** के नाम से जाना जाता था, जो एक बहुत शक्तिशाली राज्य बन गया था।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)
I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।
-
पांडुलिपियाँ किस पर लिखी जाती थीं?
पांडुलिपियाँ आमतौर पर **ताड़ के पत्तों** या **भूर्ज पेड़ की छाल** पर लिखी जाती थीं।
-
अभिलेख क्या होते हैं?
अभिलेख कठोर सतहों जैसे पत्थरों या धातुओं पर उत्कीर्ण लेखन होते हैं।
-
पुरातत्वविद् कौन होते हैं?
पुरातत्वविद् वे लोग होते हैं जो अतीत में बनी और उपयोग की गई वस्तुओं का अध्ययन करते हैं।
-
भारत का नाम 'इंडिया' किस नदी से निकला है?
भारत का नाम 'इंडिया' **सिंधु (Indus)** नदी से निकला है।
-
किस स्थान पर पहली बार चावल उगाया गया था?
पहली बार चावल **विंध्य** पहाड़ियों के उत्तर में उगाया गया था।
II. खाली स्थान भरें।
- लोग लाखों साल पहले **नर्मदा** नदी के किनारे रहते थे।
- **सुलेमान** और **किरथर** पहाड़ियों में सबसे पहले गेहूँ और जौ उगाए गए थे।
- गंगा के दक्षिण में स्थित क्षेत्र को प्राचीन काल में **मगध** कहा जाता था।
- **8000** साल पहले लोगों ने भेड़ और बकरी जैसे जानवरों को पालना शुरू किया।
- आज से लगभग **4700** साल पहले सिंधु और उसकी सहायक नदियों के किनारे आरंभिक शहर विकसित हुए।
- आज से लगभग **2500** साल पहले गंगा नदी के किनारे शहरों का विकास हुआ।
III. सही विकल्प चुनें।
-
पुरातत्वविद् किसका अध्ययन करते हैं?
- पांडुलिपियाँ
- अभिलेख
- इमारतों के अवशेष
- **उपरोक्त सभी**
सही उत्तर: उपरोक्त सभी
-
'ईसा पूर्व' का क्या अर्थ है?
- ईसा मसीह के जन्म के बाद
- **ईसा मसीह के जन्म से पहले**
- ईसा मसीह के जीवनकाल के दौरान
- कोई नहीं
सही उत्तर: ईसा मसीह के जन्म से पहले
-
किस भाषा में 'सिंधु' नदी को 'इंडस' कहा जाता है?
- संस्कृत
- **यूनानी और ईरानी**
- पाली
- प्राकृत
सही उत्तर: यूनानी और ईरानी
IV. सही जोड़ी मिलाएं।
स्तंभ A | स्तंभ B (उत्तर) |
---|---|
नर्मदा घाटी | आरंभिक संग्राहक |
मगध | एक बड़ा राज्य |
गारो पहाड़ियाँ | कृषि का विकास |
सिंधु और उसकी सहायक नदियाँ | प्रथम शहर |
गंगा घाटी | लगभग 2500 साल पहले के शहर |
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