अध्याय 9: शहरी क्षेत्र में आजीविकाएँ (Urban Livelihoods)
परिचय
गाँवों की तरह, शहरों में भी लोग विभिन्न प्रकार के काम करते हैं ताकि अपनी आजीविका कमा सकें। गाँव की आजीविकाएँ मुख्य रूप से कृषि और उससे संबंधित कार्यों पर आधारित होती हैं, लेकिन शहरों में लोगों के पास काम करने के बहुत सारे विकल्प होते हैं। इस अध्याय में हम शहरी क्षेत्रों में लोगों द्वारा किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के कार्यों और उनकी जीवन शैली के बारे में जानेंगे।
8.1 सड़कों पर काम करना (Working on the Streets)
शहरों में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर काम करते हैं। इन्हें अक्सर **फेरीवाला (Hawker)** या **ठेलेवाला (Vendors)** कहा जाता है।
- ये लोग अपनी दुकानें या ठेले सड़कों के किनारे लगाते हैं, और विभिन्न प्रकार की चीजें बेचते हैं, जैसे फल, सब्जियाँ, फूल, अख़बार, खिलौने, कपड़े, आदि।
- इनमें मोची, नाई, कबाड़ी (कचरा बीनने वाले) और छोटे-मोटे मरम्मत का काम करने वाले भी शामिल होते हैं।
- ये लोग अक्सर **स्व-रोजगार (Self-employed)** होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे अपना खुद का काम करते हैं और खुद ही अपना पैसा कमाते हैं।
- इनके काम के घंटे निश्चित नहीं होते और इन्हें अक्सर पुलिस या नगर निगम के अधिकारियों द्वारा हटाया जा सकता है, क्योंकि इनके पास काम करने के लिए स्थायी जगह या लाइसेंस नहीं होता।
- ये लोग आमतौर पर अपना खुद का सामान खरीदते हैं, बेचते हैं, और मुनाफा कमाते हैं। उन्हें अक्सर बहुत कम पूँजी के साथ काम शुरू करना पड़ता है।
- हाल के वर्षों में, सरकार ने **फेरीवाला नीतियों (Hawkers Policies)** के माध्यम से इन्हें कानूनी मान्यता और काम करने के लिए सुरक्षित स्थान प्रदान करने के प्रयास किए हैं।
8.2 बाजार में काम करना (Working in the Market)
शहरों में बड़ी-बड़ी दुकानें, शोरूम और बाजार होते हैं जहाँ लोग काम करते हैं।
- इनमें **दुकान मालिक (Shop Owners)**, उनके **सहायक (Assistants)** और **विक्रेता (Salespersons)** शामिल होते हैं।
- दुकानें स्थायी होती हैं, उनके पास लाइसेंस होता है और उन्हें किराया या अपनी जगह का मालिक होना पड़ता है।
- दुकान के कर्मचारी आमतौर पर **नियमित कर्मचारी (Regular Employees)** होते हैं। उन्हें निश्चित वेतन मिलता है, काम के घंटे निश्चित होते हैं, और उन्हें सामाजिक सुरक्षा लाभ (जैसे पीएफ, चिकित्सा लाभ, सवेतन अवकाश) मिल सकते हैं।
- ये लोग अक्सर बैंक से ऋण ले सकते हैं और अपने व्यवसाय को बढ़ा सकते हैं।
8.3 कारखाने में काम करना (Working in Factories)
शहरों में कई प्रकार के कारखाने होते हैं जहाँ बड़ी संख्या में लोग काम करते हैं।
- कारखाने में काम करने वाले लोग आमतौर पर **श्रमिक (Labourers)** कहलाते हैं। वे विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाते हैं, जैसे कपड़े, गाड़ियाँ, इलेक्ट्रॉनिक्स, आदि।
- कारखानों में काम **नियमित (Regular)** और **अनियमित (Irregular)** दोनों प्रकार का हो सकता है।
- **नियमित श्रमिक:** इन्हें स्थायी रूप से नियुक्त किया जाता है, इन्हें निश्चित वेतन, काम के घंटे, ओवरटाइम का भुगतान और सामाजिक सुरक्षा लाभ मिलते हैं। इन्हें नौकरी से निकालना मुश्किल होता है।
- **अनियमित श्रमिक (या दिहाड़ी मजदूर):** इन्हें अक्सर दैनिक मजदूरी पर रखा जाता है। जब काम होता है, तभी उन्हें मजदूरी मिलती है। इनके पास कोई सामाजिक सुरक्षा लाभ नहीं होता, काम के घंटे निश्चित नहीं होते, और इन्हें कभी भी नौकरी से निकाला जा सकता है। इनका जीवन अनिश्चितताओं से भरा होता है।
- कई श्रमिक छोटे-छोटे कारखानों में या घर से काम करते हैं, जैसे कपड़े सिलना, घर पर ही पैकेजिंग करना। इन्हें अक्सर बहुत कम मजदूरी मिलती है और इनके काम के घंटे बहुत लंबे हो सकते हैं।
8.4 कार्यालय में काम करना (Working in Offices)
शहरों में बड़े-बड़े कार्यालय, बैंक, अस्पताल, स्कूल और कॉलेज होते हैं जहाँ शिक्षित लोग काम करते हैं।
- इनमें **कार्यालय कर्मचारी (Office Workers)**, शिक्षक, डॉक्टर, नर्स, इंजीनियर, वकील आदि शामिल होते हैं।
- इन लोगों को आमतौर पर **नियमित और स्थायी रोजगार (Regular and Permanent Employment)** प्राप्त होता है।
- इन्हें मासिक वेतन मिलता है, काम के घंटे निश्चित होते हैं, सवेतन अवकाश, भविष्य निधि (PF), ग्रेच्युटी, और चिकित्सा लाभ जैसे कई लाभ मिलते हैं।
- ये अपनी नौकरी में अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं और इनका जीवन अधिक स्थिर होता है।
8.5 शहरी आजीविका की विविधता और चुनौतियाँ (Diversity and Challenges of Urban Livelihoods)
- शहरों में रोजगार के अवसर बहुत विविध होते हैं, लेकिन सभी के लिए समान अवसर नहीं होते।
- सड़कों पर काम करने वाले और दिहाड़ी मजदूर अक्सर सबसे अधिक असुरक्षित होते हैं। उन्हें कम वेतन मिलता है, उनके काम के घंटे अनियमित होते हैं, और उनके पास कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं होती। उन्हें अक्सर भेदभाव और शोषण का भी सामना करना पड़ता है।
- दूसरी ओर, कार्यालयों और बड़े प्रतिष्ठानों में काम करने वाले लोग अधिक सुरक्षित और बेहतर जीवन जीते हैं।
- भारत सरकार और स्थानीय निकाय (नगर निगम) सभी को सम्मानजनक काम और आजीविका के अवसर प्रदान करने के लिए विभिन्न योजनाएँ और नीतियाँ बनाते हैं। उदाहरण के लिए, शहरी गरीबों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम और आवास योजनाएँ।
- शहरी क्षेत्रों में आजीविका कमाना एक चुनौती हो सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जो ग्रामीण क्षेत्रों से बेहतर अवसरों की तलाश में शहरों में आते हैं।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)
I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।
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शहरी क्षेत्र में सड़कों पर काम करने वाले कुछ लोगों के नाम बताएँ।
शहरी क्षेत्र में सड़कों पर काम करने वाले कुछ लोग हैं: फेरीवाले, मोची, नाई, और कबाड़ी।
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स्व-रोजगार का क्या अर्थ है?
स्व-रोजगार का अर्थ है जब कोई व्यक्ति अपना खुद का काम करता है और खुद ही अपना पैसा कमाता है, न कि किसी और के लिए काम करता है।
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अनियमित श्रमिक किसे कहते हैं?
अनियमित श्रमिक वे होते हैं जिन्हें दैनिक मजदूरी पर रखा जाता है, जब काम होता है तभी उन्हें मजदूरी मिलती है, और इनके पास कोई सामाजिक सुरक्षा लाभ नहीं होता।
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नियमित रोजगार में काम करने वाले लोगों को मिलने वाले किन्हीं दो लाभों के नाम बताएँ।
नियमित रोजगार में काम करने वाले लोगों को निश्चित मासिक वेतन, सवेतन अवकाश, भविष्य निधि (पीएफ) और चिकित्सा लाभ जैसे लाभ मिलते हैं।
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शहरी आजीविका से संबंधित कोई एक चुनौती बताएँ।
शहरी आजीविका से संबंधित एक चुनौती यह है कि सड़कों पर काम करने वाले और दिहाड़ी मजदूर अक्सर असुरक्षित होते हैं, उन्हें कम वेतन मिलता है और उनके काम के घंटे अनियमित होते हैं।
II. खाली स्थान भरें।
- शहरों में सड़कों के किनारे सामान बेचने वालों को **फेरीवाला** कहा जाता है।
- दुकान के कर्मचारी आमतौर पर **नियमित कर्मचारी** होते हैं।
- गुजरात में **टेक्सटाइल** मिलें हैं जहाँ कई मजदूर काम करते हैं।
- कारखानों में काम करने वाले लोग आमतौर पर **श्रमिक** कहलाते हैं।
- कार्यालयों में काम करने वाले लोगों को आमतौर पर **स्थायी रोजगार** प्राप्त होता है।
III. सही विकल्प चुनें।
-
निम्नलिखित में से कौन स्व-रोजगार का उदाहरण है?
- एक सरकारी स्कूल का शिक्षक
- एक बैंक कर्मचारी
- एक कारखाने का नियमित श्रमिक
- **एक फल बेचने वाला फेरीवाला**
सही उत्तर: एक फल बेचने वाला फेरीवाला
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किस प्रकार के रोजगार में सामाजिक सुरक्षा लाभ (जैसे पीएफ, चिकित्सा लाभ) मिलने की संभावना सबसे कम होती है?
- कार्यालय रोजगार
- दुकान का रोजगार
- कारखाने में नियमित रोजगार
- **दिहाड़ी मजदूरी**
सही उत्तर: दिहाड़ी मजदूरी
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शहरी क्षेत्र में कौन सा काम सबसे अधिक औपचारिक और सुरक्षित माना जाता है?
- फेरीवाला
- निर्माण स्थल पर मजदूर
- कपड़े की दुकान पर सेल्समैन (अस्थायी)
- **बैंक में प्रबंधक**
सही उत्तर: बैंक में प्रबंधक
IV. सही जोड़ी मिलाएं।
स्तंभ A | स्तंभ B (उत्तर) |
---|---|
फेरीवाला | सड़क पर काम |
दुकान मालिक | स्थायी दुकान |
अनियमित श्रमिक | कोई निश्चित मजदूरी नहीं |
नियमित कर्मचारी | सवेतन अवकाश, पीएफ |
नगर निगम | फेरीवाला नीतियां |
कचरा बीनने वाला | स्वरोजगार |
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