अध्याय 8: ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका (Rural Livelihoods)
परिचय
इस अध्याय में हम भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों द्वारा अपनाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की आजीविकाओं के बारे में जानेंगे। भारत में अधिकांश लोग गाँवों में रहते हैं और उनकी आजीविका मुख्य रूप से कृषि और उस पर आधारित गतिविधियों से जुड़ी होती है। हम देखेंगे कि कैसे विभिन्न लोग खेती, पशुपालन, और अन्य गैर-कृषि कार्यों के माध्यम से अपना जीवनयापन करते हैं।
8.1 ग्रामीण क्षेत्रों में विविधता (Diversity in Rural Areas)
गाँवों में रहने वाले सभी लोग एक ही तरह का काम नहीं करते। उनकी आजीविका में बहुत विविधता होती है।
- **कृषि आधारित आजीविकाएँ (Agriculture-based Livelihoods):**
- **खेती (Farming):** यह ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे आम आजीविका है। इसमें विभिन्न प्रकार के किसान शामिल होते हैं।
- **पशुपालन (Animal Rearing):** दूध, मांस और ऊन के लिए पशुओं को पालना।
- **मछली पकड़ना (Fishing):** तटीय और नदी क्षेत्रों के गाँवों में।
- **गैर-कृषि आधारित आजीविकाएँ (Non-Agriculture-based Livelihoods):**
- **कारीगर (Artisans):** कुम्हार, लोहार, बढ़ई, बुनकर।
- **दुकानदार (Shopkeepers):** छोटी दुकानें चलाना।
- **शिक्षक, डॉक्टर, नर्स:** गाँव के स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र में काम करने वाले।
- **परिवहन सेवाएँ (Transport Services):** रिक्शा चालक, ट्रैक्टर चालक।
- **अन्य सेवाएँ:** नाई, धोबी आदि।
8.2 पालिगनी गाँव का उदाहरण (Example of Paligani Village)
यह अध्याय एक काल्पनिक गाँव **पालिगनी** के माध्यम से ग्रामीण आजीविकाओं की विविधता को समझाता है।
- **खेतिहर मजदूर (Agricultural Labourers):**
- जैसे **तुलसी**। इनके पास अपनी कोई ज़मीन नहीं होती। वे दूसरों के खेतों में काम करते हैं और बदले में दिहाड़ी मजदूरी पाते हैं।
- उनका काम मौसमी होता है, जिसका अर्थ है कि उन्हें साल भर काम नहीं मिलता। बुवाई, निराई, कटाई के समय काम मिलता है, बाकी समय वे बेरोज़गार रहते हैं या अन्य काम तलाशते हैं।
- उन्हें अक्सर कम मजदूरी मिलती है और वे साहूकारों से कर्ज लेने को मजबूर होते हैं।
- **छोटे किसान (Small Farmers):**
- जैसे **शेखर**। इनके पास छोटी ज़मीन होती है (लगभग दो एकड़)। वे अपने परिवार के लिए और बाज़ार में बेचने के लिए फसल उगाते हैं।
- ये अक्सर बड़े किसानों से बीज, खाद के लिए उधार लेते हैं या बैंक से छोटे ऋण लेते हैं।
- फसल खराब होने पर या अच्छे दाम न मिलने पर ये कर्ज के जाल में फंस जाते हैं।
- कई बार इन्हें अपनी ही ज़मीन पर काम के अलावा दूसरों के खेतों में भी मजदूरी करनी पड़ती है।
- **बड़े किसान (Large Farmers):**
- जैसे **रामलिंगम**। इनके पास बड़ी ज़मीन होती है और ये आमतौर पर समृद्ध होते हैं।
- ये अपनी ज़मीन पर काम करने के लिए खेतिहर मजदूरों को किराए पर रखते हैं।
- इनके पास सिंचाई के अच्छे साधन होते हैं (ट्यूबवेल, नहर)।
- ये फसल बेचने के लिए मंडियों तक पहुँच रखते हैं और अपनी उपज को अच्छी कीमत पर बेच सकते हैं।
- ये अक्सर अनाज बेचकर पैसा कमाते हैं और उसे बैंक में जमा करते हैं या अन्य व्यवसायों में निवेश करते हैं।
- ये छोटे किसानों और खेतिहर मजदूरों को ऋण भी देते हैं।
8.3 कृषि गतिविधियाँ और चुनौतियाँ (Agricultural Activities and Challenges)
- **खेती का चक्र:** ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन मुख्य रूप से खेती के चक्र के इर्द-गिर्द घूमता है - बुवाई, निराई, कटाई।
- **सिंचाई:** बारिश पर निर्भरता एक बड़ी चुनौती है। नलकूपों और नहरों जैसी सिंचाई सुविधाओं का अभाव छोटे किसानों के लिए समस्या है।
- **ऋण (Debt):** बीज, खाद, कीटनाशक खरीदने और अन्य खर्चों के लिए किसानों को अक्सर ऋण लेना पड़ता है। फसल खराब होने या कम दाम मिलने पर वे कर्ज में डूब जाते हैं।
- **मौसम पर निर्भरता:** अत्यधिक वर्षा या सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाएँ किसानों के लिए विनाशकारी हो सकती हैं।
- **बाज़ार तक पहुँच:** छोटे किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए बाज़ार तक पहुँचने में समस्याएँ आती हैं। उन्हें अक्सर कम दामों पर बिचौलियों को बेचना पड़ता है।
8.4 अन्य ग्रामीण आजीविकाएँ (Other Rural Livelihoods)
खेती के अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में कई अन्य आजीविकाएँ भी होती हैं:
- **पशुपालन:** गाय, भैंस, बकरी आदि पालना दूध, मांस या ऊन के लिए।
- **जंगल उत्पादों का संग्रह:** कुछ लोग जंगल से लकड़ी, फल, औषधीय पौधे आदि इकट्ठा करके बेचते हैं।
- **कारीगरी:** हाथ से बनी चीजें (बाँस की टोकरियाँ, मिट्टी के बर्तन, बुने हुए कपड़े) बनाना और बेचना।
- **व्यापार और सेवाएँ:** गाँव में छोटी दुकानें, परिवहन सेवाएँ (रिक्शा, टेंपो), नाई, धोबी आदि।
इन आजीविकाओं पर निर्भर लोगों को भी अक्सर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे कच्चे माल की कमी, बाजार तक पहुँच की समस्या, और उचित मूल्य न मिलना।
8.5 ग्रामीण आजीविकाओं को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Affecting Rural Livelihoods)
- **ज़मीन का स्वामित्व:** ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका का सबसे बड़ा निर्धारक भूमि का स्वामित्व है। जिनके पास अपनी ज़मीन नहीं होती या बहुत कम होती है, उन्हें संघर्ष करना पड़ता है।
- **सिंचाई सुविधाएँ:** पर्याप्त सिंचाई सुविधाओं की उपलब्धता से किसानों की आय में सुधार होता है।
- **सरकारी नीतियाँ:** न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP), ऋण सुविधाएँ, और कृषि बीमा जैसी सरकारी योजनाएँ ग्रामीण आजीविका पर बड़ा प्रभाव डालती हैं।
- **शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएँ:** इन सुविधाओं की कमी भी लोगों की आजीविका को प्रभावित करती है, क्योंकि यह उन्हें बेहतर अवसरों तक पहुँचने से रोकती है।
यह अध्याय ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की जटिलता और लोगों द्वारा अपने जीवनयापन के लिए किए जाने वाले संघर्षों को दर्शाता है। यह भी दिखाता है कि कैसे आजीविका के साधन लोगों के जीवन स्तर और उनके सामने आने वाली चुनौतियों को निर्धारित करते हैं।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)
I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।
-
ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका का मुख्य स्रोत क्या है?
ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका का मुख्य स्रोत **कृषि (खेती)** है।
-
खेतिहर मजदूर कौन होते हैं?
खेतिहर मजदूर वे लोग होते हैं जिनके पास अपनी कोई कृषि भूमि नहीं होती और वे दूसरों के खेतों में दिहाड़ी मजदूरी पर काम करते हैं।
-
छोटे किसान किन चुनौतियों का सामना करते हैं?
छोटे किसान अक्सर अपर्याप्त भूमि, सिंचाई की कमी, ऋण और फसल के कम दाम जैसी चुनौतियों का सामना करते हैं।
-
ग्रामीण क्षेत्रों में दो गैर-कृषि आधारित आजीविकाओं के उदाहरण दीजिए।
ग्रामीण क्षेत्रों में दो गैर-कृषि आधारित आजीविकाओं के उदाहरण **पशुपालन** और **कारीगरी** (जैसे कुम्हार या बढ़ई) हैं।
-
पालिगनी गाँव में रामलिंगम कौन था?
पालिगनी गाँव में रामलिंगम एक **बड़ा किसान** था, जिसके पास बहुत ज़मीन थी और जो चावल मिल का मालिक भी था।
II. खाली स्थान भरें।
- भारत में अधिकांश लोग **गाँवों** में रहते हैं।
- खेतिहर मजदूरों का काम अक्सर **मौसमी** होता है।
- किसान अक्सर बीज और खाद के लिए **ऋण** लेते हैं।
- पानी की कमी वाले क्षेत्रों में किसान **बारिश** पर निर्भर रहते हैं।
- ग्रामीण क्षेत्रों में **पशुपालन** भी एक महत्वपूर्ण आजीविका है।
- ग्रामीण आजीविका का सबसे बड़ा निर्धारक **ज़मीन का स्वामित्व** है।
III. सही विकल्प चुनें।
-
पालिगनी गाँव में तुलसी की आजीविका का मुख्य साधन क्या था?
- दुकानदार
- **खेतिहर मजदूर**
- बड़ा किसान
- कारीगर
सही उत्तर: खेतिहर मजदूर
-
निम्न में से कौन सी ग्रामीण आजीविका कृषि से संबंधित नहीं है?
- धान की खेती
- पशुपालन
- मछली पकड़ना
- **बर्तन बनाना**
सही उत्तर: बर्तन बनाना
-
जब किसान अपनी उपज बेचने के लिए मंडियों तक पहुँच नहीं पाते, तो वे अक्सर किसे बेचते हैं?
- सरकार को
- बड़े शहरों के व्यापारियों को
- **बिचौलियों को**
- सीधे उपभोक्ताओं को
सही उत्तर: बिचौलियों को
IV. सही जोड़ी मिलाएं।
स्तंभ A | स्तंभ B (उत्तर) |
---|---|
खेतिहर मजदूर | अपनी ज़मीन नहीं |
छोटा किसान | छोटी ज़मीन का मालिक |
बड़ा किसान | अमीर और भूमि मालिक |
कुम्हार | गैर-कृषि आजीविका |
कृषि ऋण | कर्ज का जाल |
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