अध्याय 9: सजीव एवं उनका परिवेश (The Living Organisms and Their Surroundings) - प्रश्नोत्तर

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)

I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।

  1. सजीव (Living Organisms) किसे कहते हैं?

    वे जीव जो भोजन ग्रहण करते हैं, वृद्धि करते हैं, श्वसन करते हैं, प्रजनन करते हैं और उद्दीपनों के प्रति प्रतिक्रिया देते हैं, सजीव कहलाते हैं।

  2. निर्जीव (Non-living Things) किसे कहते हैं?

    वे वस्तुएँ जो जीवन के लक्षण प्रदर्शित नहीं करतीं, जैसे कि भोजन ग्रहण न करना, वृद्धि न करना, श्वसन न करना आदि, निर्जीव कहलाती हैं।

  3. आवास (Habitat) क्या है?

    वह स्थान जहाँ कोई जीव रहता है और भोजन, जल, वायु, आश्रय तथा अन्य आवश्यकताओं के लिए अपनी आवश्यकताएँ पूरी करता है, उसका आवास कहलाता है।

  4. अनुकूलन (Adaptation) किसे कहते हैं?

    किसी जीव के शरीर में वे विशिष्ट संरचनाएँ या व्यवहार जो उसे उसके परिवेश में जीवित रहने और प्रजनन करने में मदद करते हैं, अनुकूलन कहलाते हैं।

  5. जैव घटक (Biotic Components) क्या हैं?

    किसी आवास के सभी सजीव घटक, जैसे पौधे और जंतु, जैव घटक कहलाते हैं।

  6. अजैव घटक (Abiotic Components) क्या हैं?

    किसी आवास के सभी निर्जीव घटक, जैसे मिट्टी, जल, वायु, प्रकाश और ऊष्मा, अजैव घटक कहलाते हैं।

  7. पर्वतीय आवास के दो सामान्य उदाहरण दें।

    चीड़ का पेड़ और पहाड़ी बकरी पर्वतीय आवास के सामान्य उदाहरण हैं।

  8. मरुस्थलीय आवास के दो सामान्य उदाहरण दें।

    ऊँट और नागफनी मरुस्थलीय आवास के सामान्य उदाहरण हैं।

II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।

  1. सजीवों के कोई दो मुख्य लक्षण बताएं।

    सजीवों का एक मुख्य लक्षण **श्वसन** है, जिसमें वे ऊर्जा प्राप्त करने के लिए ऑक्सीजन लेते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं। दूसरा लक्षण **वृद्धि** है, जिसमें सजीव समय के साथ आकार और द्रव्यमान में बढ़ते हैं। इन दोनों के बिना जीवन संभव नहीं है।

  2. अनुकूलन किसी जीव के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

    अनुकूलन किसी जीव के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उसे अपने विशिष्ट परिवेश में जीवित रहने, भोजन प्राप्त करने, शिकारियों से बचने और सफलतापूर्वक प्रजनन करने में सक्षम बनाता है। इसके बिना जीव अपने आवास में टिक नहीं पाएगा।

  3. मरुस्थलीय पौधे अपने आपको सूखे से कैसे बचाते हैं?

    मरुस्थलीय पौधे पानी के नुकसान को कम करने के लिए विभिन्न अनुकूलन दर्शाते हैं। उनकी पत्तियां अक्सर कांटों या छोटे आकार की होती हैं, या अनुपस्थित होती हैं। तना मांसल और हरा होता है, जो जल संचित करता है और प्रकाश संश्लेषण करता है। जड़ें भी बहुत गहरी होती हैं ताकि वे पानी सोख सकें।

  4. समुद्री जंतुओं में श्वसन के लिए क्या विशेष अनुकूलन होते हैं?

    समुद्री जंतुओं में श्वसन के लिए विशेष अनुकूलन होते हैं, जैसे कि **गिल (Gills)**। मछलियों में गिल होते हैं जो उन्हें पानी में घुली ऑक्सीजन को अवशोषित करने में मदद करते हैं। कुछ समुद्री स्तनधारी (जैसे व्हेल, डॉल्फ़िन) में फेफड़े होते हैं, और वे श्वसन के लिए समय-समय पर सतह पर आते हैं।

III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।

  1. विभिन्न प्रकार के आवासों का वर्णन करें और प्रत्येक का एक उदाहरण दें।

    पृथ्वी पर जीवों के रहने के लिए विभिन्न प्रकार के आवास (Habitat) पाए जाते हैं, जो भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों के आधार पर भिन्न होते हैं। इन आवासों को मुख्य रूप से **स्थलीय आवास (Terrestrial Habitats)** और **जलीय आवास (Aquatic Habitats)** में वर्गीकृत किया जा सकता है। स्थलीय आवास वे होते हैं जहाँ जीव भूमि पर रहते हैं। इनमें कई उप-प्रकार शामिल हैं, जैसे **मरुस्थल (Desert)**, जो बहुत शुष्क और गर्म होते हैं जहाँ पानी की कमी होती है (उदाहरण: ऊँट, नागफनी); **पर्वतीय क्षेत्र (Mountainous Regions)**, जहाँ जलवायु ठंडी होती है और अक्सर बर्फबारी होती है (उदाहरण: पहाड़ी बकरी, चीड़); और **घास के मैदान (Grasslands)**, जो विशाल समतल क्षेत्र होते हैं जिनमें घास अधिक होती है (उदाहरण: शेर, हिरण)।

    दूसरी ओर, **जलीय आवास (Aquatic Habitats)** वे होते हैं जहाँ जीव पानी में रहते हैं। इनमें भी विभिन्न प्रकार होते हैं। **समुद्र (Ocean)** एक विशाल खारे पानी का आवास है जहाँ मछलियाँ, व्हेल, डॉल्फ़िन और समुद्री शैवाल जैसे जीव रहते हैं। **तालाब (Pond)** और **झील (Lake)** मीठे पानी के आवास हैं जहाँ मेंढक, मछली, हाइड्रिला जैसे पौधे और कई जलीय कीट पाए जाते हैं। **नदियाँ (Rivers)** भी मीठे पानी के गतिशील आवास हैं। प्रत्येक प्रकार के आवास में जीव विशिष्ट अनुकूलन विकसित करते हैं ताकि वे वहाँ की विशिष्ट परिस्थितियों, जैसे तापमान, जल उपलब्धता, और अन्य जीवों की उपस्थिति के अनुसार जीवित रह सकें और प्रजनन कर सकें।

  2. ऊँट और नागफनी मरुस्थलीय वातावरण में रहने के लिए कैसे अनुकूलित होते हैं?

    ऊँट और नागफनी दोनों ही मरुस्थलीय वातावरण के कठोर परिस्थितियों, विशेषकर पानी की अत्यधिक कमी और उच्च तापमान, में जीवित रहने के लिए अद्भुत अनुकूलन (Adaptations) दर्शाते हैं। **ऊँट** को 'रेगिस्तान का जहाज' कहा जाता है क्योंकि वह पानी के बिना लंबे समय तक जीवित रह सकता है। उसके शरीर में पानी बचाने के कई तरीके हैं: वह एक बार में बहुत सारा पानी पी सकता है, कम पेशाब करता है, और उसका मल सूखा होता है, जिससे शरीर से पानी का नुकसान कम होता है। उसकी कूबड़ (hump) में वसा जमा होती है, जो ऊर्जा प्रदान करती है और गर्मी पैदा नहीं करती। ऊँट के पैर लंबे होते हैं जो उसके शरीर को गर्म रेत से दूर रखते हैं, और उनके गद्देदार पैर रेत में धँसते नहीं। उनकी पलकें लंबी होती हैं जो रेत को आँखों में जाने से रोकती हैं और उनके नथुने भी बंद हो सकते हैं।

    **नागफनी (Cactus)** जैसे मरुस्थलीय पौधे भी सूखे की स्थिति का सामना करने के लिए विशेष रूप से अनुकूलित होते हैं। इनकी पत्तियाँ अक्सर कांटों में रूपांतरित हो जाती हैं या बहुत छोटी होती हैं, जिससे वाष्पोत्सर्जन (पानी की हानि) कम होता है। प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया पत्तों के बजाय उनके हरे, मांसल तनों में होती है। यह तना पानी को संग्रहित करके रखता है, जिससे पौधा शुष्क अवधि में भी जीवित रह पाता है। नागफनी की जड़ें मिट्टी में बहुत गहराई तक जाती हैं ताकि वे भूमिगत जल को सोख सकें, और कुछ पौधों की जड़ें सतह के ठीक नीचे फैल जाती हैं ताकि वर्षा का पानी तुरंत अवशोषित कर सकें। ये अनुकूलन उन्हें मरुस्थल में सफलतापूर्वक पनपने में मदद करते हैं।

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