अध्याय 8: शरीर की गति (Body Movements) - प्रश्नोत्तर
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)
I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।
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मानव शरीर में गति किससे संभव होती है?
मानव शरीर में गति **हड्डियों, मांसपेशियों और जोड़ों** के कारण संभव होती है।
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कंकाल क्या है?
कंकाल हड्डियों का एक ढाँचा है जो शरीर को **आकार देता है, सहारा प्रदान करता है, और आंतरिक अंगों की रक्षा करता है**।
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संधि (Joint) किसे कहते हैं?
संधि (Joint) वह स्थान है जहाँ **दो या दो से अधिक हड्डियाँ** आपस में मिलती हैं, जिससे गति संभव होती है।
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अचल संधि (Immovable Joint) का एक उदाहरण दें।
अचल संधि का एक उदाहरण **ऊपरी जबड़े और कपाल (खोपड़ी) के बीच की संधि** है।
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मांसपेशियाँ गति कैसे उत्पन्न करती हैं?
मांसपेशियाँ **सिकुड़कर (संकुचन)** छोटी होती हैं, जिससे वे हड्डियों को खींचती हैं और गति उत्पन्न करती हैं। फिर वे **शिथिल (विश्राम)** होती हैं।
II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।
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कंदुक-खल्लिका संधि (Ball and Socket Joint) क्या है? एक उदाहरण दें।
कंदुक-खल्लिका संधि वह होती है जिसमें एक हड्डी का गोल सिरा दूसरी हड्डी की कटोरी जैसी गुहा में फिट होता है। यह सभी दिशाओं में गति की अनुमति देता है। **कंधे की संधि** (बांह और कंधे के बीच) इसका एक प्रमुख उदाहरण है।
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कब्जा संधि (Hinge Joint) का कार्य स्पष्ट करें। एक उदाहरण दें।
कब्जा संधि ऐसी संधि होती है जो केवल **एक ही दिशा** में आगे और पीछे की गति (जैसे दरवाजे के कब्जे) की अनुमति देती है। यह हाथ और पैर की गति के लिए महत्वपूर्ण है। **कोहनी की संधि** और **घुटने की संधि** इसके उदाहरण हैं।
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उपास्थि (Cartilage) क्या है और इसका क्या कार्य है?
उपास्थि हड्डियों की तरह कठोर नहीं होती, बल्कि यह **नरम और लचीली** होती है। यह हड्डियों के सिरों पर मौजूद होती है जहाँ वे जोड़ बनाते हैं, जिससे हड्डियों के बीच **घर्षण कम** होता है और गति सुगम होती है। कान और नाक में भी उपास्थि होती है।
III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।
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मानव कंकाल तंत्र की संरचना और कार्यों का विस्तार से वर्णन करें।
मानव कंकाल तंत्र हड्डियों और उपास्थियों का एक जटिल ढाँचा है जो हमारे शरीर को **आकार और सहारा** प्रदान करता है। यह शरीर को एक निश्चित आकृति देता है और बिना इसके हमारा शरीर केवल मांस का एक ढेर होगा। कंकाल तंत्र के मुख्य घटक **हड्डियाँ** हैं, जो कठोर और मजबूत होती हैं, तथा **उपास्थियाँ**, जो लचीली होती हैं और हड्डियों के सिरों पर और कुछ विशिष्ट अंगों जैसे कान व नाक में पाई जाती हैं। एक वयस्क मानव शरीर में 206 हड्डियाँ होती हैं, जो एक दूसरे से विभिन्न प्रकार की संधियों (जोड़ों) द्वारा जुड़ी होती हैं। रीढ़ की हड्डी, पसलियाँ, खोपड़ी और हाथ-पैरों की हड्डियाँ मानव कंकाल के प्रमुख भाग हैं।
मानव कंकाल तंत्र के कई महत्वपूर्ण कार्य हैं। सबसे पहले, यह शरीर को **आधार और सहारा** देता है, जिससे हम खड़े हो पाते हैं और अपनी गतिविधियों को अंजाम दे पाते हैं। दूसरा, यह हमारे शरीर के **आंतरिक और नाजुक अंगों की रक्षा** करता है। उदाहरण के लिए, खोपड़ी मस्तिष्क की रक्षा करती है, और पसलियों का पिंजरा हृदय और फेफड़ों की रक्षा करता है। तीसरा, कंकाल तंत्र **गति में सहायक** होता है। मांसपेशियाँ हड्डियों से जुड़ी होती हैं और उनके संकुचन तथा शिथिलन से हड्डियों पर खिंचाव पड़ता है, जिससे शरीर के विभिन्न अंगों में गति होती है। चौथा, कुछ हड्डियाँ **रक्त कोशिकाओं का निर्माण** करती हैं (जैसे अस्थि मज्जा में)। इसके अलावा, हड्डियाँ **खनिजों, जैसे कैल्शियम और फास्फोरस का भंडारण** भी करती हैं, जो शरीर के लिए आवश्यक होते हैं। इस प्रकार, कंकाल तंत्र हमारे अस्तित्व और दैनिक कार्यों के लिए अनिवार्य है।
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मांसपेशियाँ गति में कैसे सहायता करती हैं? उदाहरण सहित समझाएँ।
मांसपेशियाँ हमारे शरीर में गति उत्पन्न करने में मुख्य भूमिका निभाती हैं। मांसपेशियाँ **जोड़ों पर हड्डियों से जुड़ी** होती हैं और वे केवल **खींचने (संकुचन)** से ही गति उत्पन्न कर सकती हैं। वे धकेल नहीं सकतीं। जब एक मांसपेशी सिकुड़ती है, तो वह छोटी और मोटी हो जाती है, जिससे जुड़ी हुई हड्डी उस दिशा में खिंच जाती है। किसी विशेष गति को पूरा करने के लिए, मांसपेशियों का एक जोड़ा मिलकर काम करता है। जब एक मांसपेशी सिकुड़ती है और हड्डी को खींचती है, तो उसी जोड़े की दूसरी मांसपेशी शिथिल होकर अपनी सामान्य स्थिति में वापस आ जाती है। यह तालमेल शरीर के अंगों को विभिन्न दिशाओं में हिलाने में सक्षम बनाता है।
उदाहरण के लिए, जब हम अपनी **बांह को कोहनी से मोड़ते** हैं, तो ऊपरी बांह में सामने की ओर की मांसपेशी (द्विशिरस्क या बाइसेप्स) सिकुड़ती है और हड्डी को ऊपर की ओर खींचती है। उसी समय, ऊपरी बांह में पीछे की ओर की मांसपेशी (त्रिशिरस्क या ट्राइसेप्स) शिथिल हो जाती है। जब हम बांह को सीधा करते हैं, तो त्रिशिरस्क मांसपेशी सिकुड़ती है और हड्डी को वापस नीचे धकेलती है, जबकि द्विशिरस्क मांसपेशी शिथिल हो जाती है। यह मांसपेशियों का **युग्मित कार्य** ही है जो हमें चलने, दौड़ने, वस्तुओं को उठाने और हमारे दैनिक जीवन की सभी गतिविधियों को करने में सक्षम बनाता है। मांसपेशियों और हड्डियों के बीच का यह समन्वित कार्य ही हमें अपने शरीर को नियंत्रित और गतिशील रखने में मदद करता है।
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