अध्याय 6: हमारे चारों ओर के परिवर्तन (Changes Around Us) - प्रश्नोत्तर

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)

I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।

  1. दो प्रकार के परिवर्तनों के नाम लिखिए।

    परिवर्तन दो प्रकार के होते हैं: **उत्क्रमणीय (reversible)** और **अनुत्क्रमणीय (irreversible)**।

  2. उत्क्रमणीय परिवर्तन क्या होते हैं?

    उत्क्रमणीय परिवर्तन वे होते हैं जिन्हें **उल्टा** किया जा सकता है, यानी पदार्थ अपनी मूल अवस्था में वापस आ सकता है।

  3. अनुत्क्रमणीय परिवर्तन क्या होते हैं?

    अनुत्क्रमणीय परिवर्तन वे होते हैं जिन्हें **उल्टा नहीं** किया जा सकता है, यानी पदार्थ अपनी मूल अवस्था में वापस नहीं आ सकता।

  4. किसी वस्तु को गर्म करने पर क्या होता है?

    किसी वस्तु को गर्म करने पर वह **फैलती (विस्तारित होती)** है और ठंडा करने पर सिकुड़ती है। कुछ मामलों में रासायनिक परिवर्तन भी हो सकता है।

  5. मोमबत्ती का जलना किस प्रकार का परिवर्तन है?

    मोमबत्ती का जलना एक **अनुत्क्रमणीय परिवर्तन** है क्योंकि जली हुई मोम को उसकी मूल अवस्था में वापस नहीं लाया जा सकता। (मोम का पिघलना उत्क्रमणीय है, पर जलना नहीं)।

II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।

  1. दूध से दही का बनना किस प्रकार का परिवर्तन है और क्यों?

    दूध से दही का बनना एक **अनुत्क्रमणीय परिवर्तन** है। ऐसा इसलिए है क्योंकि एक बार जब दूध दही में बदल जाता है, तो दही से वापस दूध प्राप्त नहीं किया जा सकता। यह एक रासायनिक परिवर्तन है जिसमें दूध के गुणधर्म बदल जाते हैं।

  2. जल का वाष्पीकरण और संघनन किस प्रकार के परिवर्तन हैं?

    जल का **वाष्पीकरण** (द्रव से गैस) और **संघनन** (गैस से द्रव) दोनों **उत्क्रमणीय परिवर्तन** हैं। वाष्प को ठंडा करके वापस पानी बनाया जा सकता है, और पानी को गर्म करके वाष्प में बदला जा सकता है। यह केवल अवस्था में परिवर्तन है।

  3. लोहे के हल में लकड़ी के हत्थे को कसने के लिए लोहे के फाल को गर्म क्यों किया जाता है?

    लोहे के हल में लकड़ी के हत्थे को कसने के लिए लोहे के फाल को गर्म किया जाता है क्योंकि गर्म करने पर लोहा **फैलता (विस्तारित होता)** है। इससे फाल का छेद बड़ा हो जाता है, जिससे लकड़ी का हत्था आसानी से उसमें फिट हो जाता है। ठंडा होने पर लोहा सिकुड़ता है और हत्थे को कसकर पकड़ लेता है।

III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।

  1. उत्क्रमणीय और अनुत्क्रमणीय परिवर्तनों को उपयुक्त उदाहरणों सहित समझाएँ।

    हमारे चारों ओर होने वाले परिवर्तनों को मुख्य रूप से दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है: उत्क्रमणीय और अनुत्क्रमणीय परिवर्तन। **उत्क्रमणीय परिवर्तन (Reversible Changes)** वे होते हैं जिनमें पदार्थ को उसकी मूल अवस्था में वापस लाया जा सकता है। ये अक्सर भौतिक परिवर्तन होते हैं जहाँ पदार्थ की रासायनिक संरचना में कोई बदलाव नहीं होता, केवल उसकी अवस्था, आकार या आकृति में बदलाव आता है। उदाहरण के लिए, **बर्फ का पिघलकर पानी बनना** एक उत्क्रमणीय परिवर्तन है। पानी को ठंडा करके वापस बर्फ बनाया जा सकता है। इसी तरह, एक रबड़ बैंड को खींचना और फिर उसे छोड़ देना, या एक गुब्बारे में हवा भरना और फिर हवा निकालना भी उत्क्रमणीय परिवर्तन हैं। इन परिवर्तनों में पदार्थ की पहचान बनी रहती है।

    इसके विपरीत, **अनुत्क्रमणीय परिवर्तन (Irreversible Changes)** वे होते हैं जिनमें पदार्थ को उसकी मूल अवस्था में वापस नहीं लाया जा सकता। ये अक्सर रासायनिक परिवर्तन होते हैं जहाँ एक नया पदार्थ बनता है जिसके गुणधर्म मूल पदार्थ से पूरी तरह भिन्न होते हैं। उदाहरण के लिए, **कागज का जलना** एक अनुत्क्रमणीय परिवर्तन है। कागज जलने के बाद राख और गैसों में बदल जाता है, और राख से वापस कागज नहीं बनाया जा सकता। **दूध से पनीर बनाना**, **भोजन का पकना** या **अंडे का उबलना** भी अनुत्क्रमणीय परिवर्तन हैं। एक बार जब अंडा उबल जाता है, तो उसे उसकी कच्ची अवस्था में वापस नहीं लाया जा सकता। इन परिवर्तनों में पदार्थ की मूल संरचना बदल जाती है और आमतौर पर ऊर्जा का अवशोषण या उत्सर्जन होता है।

  2. गर्म करने से होने वाले परिवर्तनों का वर्णन करें और दैनिक जीवन से उदाहरण दें।

    गर्म करना वस्तुओं में विभिन्न प्रकार के परिवर्तन ला सकता है। कुछ परिवर्तन **भौतिक** होते हैं, जैसे पदार्थ की अवस्था में बदलाव या उसका विस्तार, जबकि कुछ **रासायनिक** होते हैं, जहां एक नया पदार्थ बनता है। जब हम किसी पदार्थ को गर्म करते हैं, तो उसके कणों की गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है, जिससे वे अधिक तेज़ी से कंपन करते हैं और एक-दूसरे से दूर चले जाते हैं। इसी कारण से अधिकांश वस्तुएँ गर्म करने पर **फैलती (विस्तारित होती)** हैं। उदाहरण के लिए, धातु की छड़ें गर्म करने पर लंबी हो जाती हैं। यही कारण है कि रेल की पटरियों के बीच या पुलों के खंडों के बीच जगह छोड़ी जाती है ताकि गर्मी में विस्तार से उन्हें नुकसान न हो। लोहे के औजारों में लकड़ी के हत्थे कसने के लिए भी इसी सिद्धांत का उपयोग किया जाता है: लोहे के रिंग को गर्म करके फैलाया जाता है, लकड़ी के हत्थे पर चढ़ाया जाता है, और ठंडा होने पर वह सिकुड़कर कस जाता है।

    गर्म करने से **अवस्था में परिवर्तन** भी होते हैं। ठोस पदार्थ गर्म करने पर पिघलकर द्रव बन सकते हैं (जैसे बर्फ का पानी बनना), और द्रव पदार्थ गर्म करने पर वाष्पीकृत होकर गैस बन सकते हैं (जैसे पानी का भाप बनना)। ये अक्सर उत्क्रमणीय परिवर्तन होते हैं। हालांकि, गर्म करने से **अनुत्क्रमणीय रासायनिक परिवर्तन** भी हो सकते हैं, जहाँ पदार्थ स्थायी रूप से बदल जाता है। उदाहरण के लिए, **खाना पकाना** एक रासायनिक परिवर्तन है; कच्ची सब्जियां या मांस गर्म करने पर उनके रासायनिक गुण बदल जाते हैं और वे पक जाते हैं। **अंडा उबालना** भी एक ऐसा ही उदाहरण है; अंडे का सफेद भाग गर्म होने पर जम जाता है और उसे वापस कच्ची अवस्था में नहीं लाया जा सकता। इन परिवर्तनों में नए पदार्थ बनते हैं।

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