अध्याय 5: पदार्थों का पृथक्करण (Separation of Substances) - प्रश्नोत्तर
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)
I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।
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पृथक्करण (Separation) क्या होता है?
पृथक्करण वह प्रक्रिया है जिसमें किसी मिश्रण से अवांछित या विभिन्न घटकों को अलग किया जाता है।
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हस्तचयन (Handpicking) विधि का उपयोग कब किया जाता है?
हस्तचयन विधि का उपयोग तब किया जाता है जब मिश्रण में अवांछित पदार्थ बड़े आकार के हों और उनकी मात्रा कम हो, जैसे चावल से कंकड़ अलग करना।
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थ्रेशिंग (Threshing) किसे कहते हैं?
थ्रेशिंग अनाज के दानों को डंडियों से अलग करने की प्रक्रिया है, जैसे गेहूं या चावल की बालियों से दाने निकालना।
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निष्पादन (Winnowing) क्या है?
निष्पादन वह विधि है जिसमें हवा का उपयोग करके हल्के भूसे को भारी अनाज के दानों से अलग किया जाता है।
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चालन (Sieving) का उपयोग कहाँ किया जाता है?
चालन का उपयोग विभिन्न आकारों के ठोस कणों को अलग करने के लिए किया जाता है, जैसे आटे से चोकर अलग करना या रेत से कंकड़ अलग करना।
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अवसादन (Sedimentation) क्या है?
अवसादन वह प्रक्रिया है जिसमें पानी में अघुलनशील भारी कण पानी में बैठने लगते हैं।
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निस्तारण (Decantation) क्या है?
निस्तारण वह विधि है जिसमें अवसादन के बाद ऊपर से साफ पानी (या तरल) को सावधानी से दूसरे बर्तन में डाला जाता है, जिससे नीचे बैठे हुए भारी कण undisturbed रहें।
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निस्यंदन (Filtration) की परिभाषा दें।
निस्यंदन वह प्रक्रिया है जिसमें एक फिल्टर पेपर या कपड़े का उपयोग करके तरल से अघुलनशील ठोस कणों को अलग किया जाता है।
II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।
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पानी से रेत और कंकड़ को अलग करने के लिए आप कौन सी विधियों का उपयोग करेंगे?
पानी से रेत और कंकड़ को अलग करने के लिए हम अवसादन, निस्तारण और निस्यंदन विधियों का उपयोग कर सकते हैं। पहले मिश्रण को स्थिर छोड़ देंगे (अवसादन), जिससे रेत और कंकड़ नीचे बैठ जाएंगे। फिर ऊपर से पानी को निस्तारित करेंगे। अंत में, यदि आवश्यक हो तो शेष निलंबित कणों को हटाने के लिए निस्यंदन (फिल्ट्रेशन) का उपयोग करेंगे।
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क्या किसी मिश्रण के घटकों को अलग करने की एक से अधिक विधि हो सकती है? उदाहरण दें।
हाँ, किसी मिश्रण के घटकों को अलग करने के लिए एक से अधिक विधियों का उपयोग किया जा सकता है, खासकर जब मिश्रण में दो से अधिक घटक हों या वे जटिल हों। उदाहरण के लिए, रेत और नमक के मिश्रण को अलग करने के लिए पहले नमक को पानी में घोलते हैं (घोलना), फिर रेत को अवसादन और निस्तारण से हटाते हैं, और अंत में पानी को वाष्पीकरण द्वारा अलग करके नमक प्राप्त करते हैं।
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वाष्पीकरण (Evaporation) का उपयोग कहाँ किया जाता है?
वाष्पीकरण का उपयोग किसी तरल में घुले हुए ठोस पदार्थ को अलग करने के लिए किया जाता है। इस विधि में तरल को गर्म करके वाष्प में बदला जाता है, जिससे ठोस पदार्थ पीछे रह जाता है। समुद्री जल से नमक प्राप्त करने में यह विधि व्यापक रूप से उपयोग की जाती है।
III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।
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पृथक्करण क्यों आवश्यक है? दैनिक जीवन से उपयुक्त उदाहरणों के साथ समझाएँ।
पृथक्करण विभिन्न पदार्थों के मिश्रण से उनके घटकों को अलग करने की प्रक्रिया है, और यह हमारे दैनिक जीवन में अत्यंत आवश्यक है। इसका प्राथमिक उद्देश्य उपयोगी घटकों को प्राप्त करना, अवांछित या हानिकारक पदार्थों को हटाना, या किसी पदार्थ को उसके शुद्ध रूप में प्राप्त करना होता है। उदाहरण के लिए, हम चावल या दाल से कंकड़ और भूसी को अलग करते हैं ताकि भोजन शुद्ध और खाने योग्य हो। दूध से मक्खन या पनीर निकालने के लिए भी पृथक्करण आवश्यक है, जिससे हमें मूल्यवान खाद्य उत्पाद मिलते हैं। चाय बनाते समय चायपत्ती को अलग करना भी पृथक्करण का एक सरल लेकिन महत्वपूर्ण उदाहरण है ताकि हमें साफ पेय मिल सके।
औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों में भी पृथक्करण विधियों का व्यापक उपयोग होता है। अनाज के दानों को कटाई के बाद डंडियों और भूसे से अलग करने के लिए थ्रेशिंग और निष्पादन जैसी विधियाँ अपनाई जाती हैं, जो अनाज को उपयोग योग्य बनाती हैं। पानी के शुद्धिकरण में अवसादन, निस्तारण और निस्यंदन जैसी विधियाँ महत्वपूर्ण हैं ताकि हमें पीने के लिए साफ पानी मिल सके। समुद्री जल से नमक का उत्पादन वाष्पीकरण द्वारा होता है, जहाँ पानी को वाष्पित करके नमक को पीछे छोड़ दिया जाता है। इन सभी उदाहरणों से स्पष्ट होता है कि पृथक्करण विभिन्न उद्देश्यों के लिए आवश्यक है, चाहे वह भोजन की गुणवत्ता सुधारने के लिए हो, अपशिष्ट हटाने के लिए हो, या उपयोगी पदार्थों को निकालने के लिए हो।
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अवसादन, निस्तारण और निस्यंदन विधियों का वर्णन करें और बताएं कि वे तरल-ठोस मिश्रणों को अलग करने में कैसे भिन्न और पूरक हैं।
अवसादन, निस्तारण और निस्यंदन, ये तीनों विधियाँ तरल में निलंबित अघुलनशील ठोस पदार्थों को अलग करने के लिए उपयोग की जाती हैं। ये विधियाँ अक्सर एक साथ उपयोग की जाती हैं क्योंकि वे एक-दूसरे की पूरक होती हैं। **अवसादन (Sedimentation)** वह प्रक्रिया है जिसमें तरल में निलंबित भारी और अघुलनशील ठोस कण गुरुत्वाकर्षण के कारण धीरे-धीरे नीचे बैठ जाते हैं। यह तब होता है जब मिश्रण को बिना हिलाए कुछ समय के लिए छोड़ दिया जाता है। उदाहरण के लिए, मिट्टी मिश्रित पानी को थोड़ी देर रखने पर मिट्टी नीचे बैठ जाती है।
अवसादन के बाद अगला चरण **निस्तारण (Decantation)** है। निस्तारण में, ऊपर से साफ तरल को सावधानीपूर्वक दूसरे बर्तन में उंडेला जाता है, ताकि नीचे बैठे हुए ठोस कण undisturbed रहें। यह विधि उन मिश्रणों के लिए उपयुक्त है जहाँ ठोस कण तरल से काफी भारी होते हैं और स्पष्ट रूप से अलग हो जाते हैं। हालांकि, निस्तारण से पूरी तरह साफ तरल प्राप्त नहीं होता क्योंकि कुछ बहुत महीन कण अभी भी निलंबित रह सकते हैं। ऐसे में **निस्यंदन (Filtration)** विधि का उपयोग किया जाता है। निस्यंदन में, तरल को एक फिल्टर (जैसे फिल्टर पेपर या कपड़ा) से गुजारा जाता है। फिल्टर ठोस कणों को रोक लेता है जबकि तरल (फिल्ट्रेट) उसमें से गुजर जाता है। यह विधि उन बहुत महीन अघुलनशील कणों को हटाने के लिए बहुत प्रभावी है जो अवसादन और निस्तारण से अलग नहीं हो पाते। इस प्रकार, ये तीनों विधियाँ मिलकर एक तरल-ठोस मिश्रण से ठोस को प्रभावी ढंग से और क्रमिक रूप से अलग करने में मदद करती हैं, जहाँ अवसादन बड़े कणों को हटाता है, निस्तारण तरल को अलग करता है, और निस्यंदन शेष महीन कणों को छानता है।
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