अध्याय 3: तंतु से वस्त्र तक (Fibre to Fabric) - प्रश्नोत्तर
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)
I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।
-
तंतु (फाइबर) क्या होता है?
तंतु एक बहुत पतला धागा होता है जिससे कपड़े या वस्त्र बनाए जाते हैं।
-
प्राकृतिक तंतुओं के दो उदाहरण दें।
कपास (Cotton) और जूट (Jute) प्राकृतिक तंतुओं के दो उदाहरण हैं।
-
संश्लेषित तंतुओं के दो उदाहरण दें।
पॉलिएस्टर (Polyester) और नायलॉन (Nylon) संश्लेषित तंतुओं के दो उदाहरण हैं।
-
कपास कहाँ से प्राप्त होती है?
कपास कपास के पौधों से प्राप्त होती है, जो कपास के गोलक (cotton bolls) में उगती है।
-
पटसन (जूट) कहाँ से प्राप्त होता है?
पटसन (जूट) पटसन के पौधे के तने से प्राप्त होता है।
-
कताई (spinning) क्या है?
कताई वह प्रक्रिया है जिसमें तंतुओं से धागा (yarn) बनाया जाता है।
-
बुनाई (weaving) क्या है?
बुनाई वह प्रक्रिया है जिसमें धागों के दो सेटों को आपस में व्यवस्थित करके वस्त्र बनाया जाता है।
II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।
-
प्राकृतिक तंतु और संश्लेषित तंतु में क्या अंतर है?
प्राकृतिक तंतु पौधों या जंतुओं से प्राप्त होते हैं, जैसे कपास, जूट, ऊन और रेशम। जबकि संश्लेषित तंतु रासायनिक पदार्थों से मानव द्वारा निर्मित किए जाते हैं, जैसे पॉलिएस्टर और नायलॉन। प्राकृतिक तंतु आमतौर पर अधिक आरामदायक होते हैं, लेकिन संश्लेषित तंतु अधिक टिकाऊ और जल प्रतिरोधी हो सकते हैं।
-
कपास से सूत (धागा) कैसे बनाया जाता है? संक्षेप में बताएं।
कपास से सूत बनाने की प्रक्रिया को कताई कहते हैं। इसमें कपास के तंतुओं को एक साथ ऐंठकर धागा बनाया जाता है। इस प्रक्रिया को हाथ से तकली या चरखे का उपयोग करके किया जा सकता है, या बड़े पैमाने पर कताई मशीनों द्वारा किया जाता है।
-
जूट के पौधे की खेती कैसे की जाती है और इससे तंतु कैसे निकाला जाता है?
जूट की खेती मुख्य रूप से वर्षा ऋतु में की जाती है। जूट के पौधे को पुष्पन अवस्था में काटा जाता है। कटाई के बाद, तनों को कुछ दिनों तक पानी में डुबोया जाता है, जिससे वे सड़ जाते हैं। इस प्रक्रिया को रेटिंग (retting) कहते हैं। सड़ने के बाद, तंतुओं को हाथ से अलग कर लिया जाता है।
III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।
-
वस्त्र निर्माण की प्रक्रिया में कताई, बुनाई और बंधाई (knitting) की भूमिका का वर्णन करें।
वस्त्र बनाने की प्रक्रिया कई चरणों से होकर गुजरती है, जिसमें तंतुओं को धागों में बदलना और फिर धागों से वस्त्र बनाना शामिल है। पहला महत्वपूर्ण चरण **कताई (Spinning)** है। कताई वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा कपास या ऊन जैसे तंतुओं से धागा बनाया जाता है। इस प्रक्रिया में तंतुओं को खींचकर और ऐंठकर एक साथ लाया जाता है, जिससे वे मजबूत धागे बन जाते हैं। हाथ से कताई के लिए तकली और चरखा जैसे उपकरण इस्तेमाल होते थे, जबकि बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए कताई मशीनों का उपयोग किया जाता है। धागे बनने के बाद ही उनसे वस्त्र बनाए जा सकते हैं।
धागों से वस्त्र बनाने के दो मुख्य तरीके हैं: **बुनाई (Weaving)** और **बंधाई (Knitting)**। बुनाई में धागों के दो सेटों को एक साथ व्यवस्थित करके वस्त्र बनाया जाता है। धागों को एक दूसरे के लंबवत (दाएँ-बाएँ और ऊपर-नीचे) पिरोया जाता है, जिससे कपड़े की एक मजबूत संरचना बनती है। यह प्रक्रिया करघों (looms) पर की जाती है, जो हाथ से चलने वाले या मशीन से चलने वाले हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, अधिकांश शर्ट, पैंट और साड़ियाँ बुनाई द्वारा बनाई जाती हैं। दूसरी ओर, **बंधाई** में धागे के केवल एक ही सेट का उपयोग करके वस्त्र बनाया जाता है। इसमें धागे के फंदों को एक-दूसरे के साथ जोड़कर एक लूप वाली संरचना बनाई जाती है। स्वेटर, मोजे और स्कार्फ जैसे वस्त्र बंधाई द्वारा बनाए जाते हैं। यह हाथ से सुइयों या मशीनों द्वारा की जा सकती है। ये सभी प्रक्रियाएं मिलकर तंतुओं को हमारे पहनने योग्य विभिन्न प्रकार के वस्त्रों में बदलती हैं।
-
कपास की खेती से लेकर कपड़े बनने तक की पूरी यात्रा का वर्णन करें।
कपास एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक तंतु है, और इससे कपड़ा बनने की यात्रा कई चरणों से होकर गुजरती है। इसकी शुरुआत **कपास की खेती** से होती है। कपास के पौधों को काली मिट्टी और गर्म जलवायु की आवश्यकता होती है। जब कपास के पौधे के फल, जिन्हें कपास के गोलक (cotton bolls) कहते हैं, पक जाते हैं, तो वे फटकर खुल जाते हैं और सफेद कपास तंतुओं से ढके बीज दिखाई देते हैं। इन गोलकों से कपास को हाथ से या मशीनों द्वारा चुना जाता है।
चुनने के बाद, अगला चरण **ओटाई (Ginning)** कहलाता है, जिसमें कपास के रेशों से बीजों को अलग किया जाता है। पारंपरिक रूप से यह हाथ से किया जाता था, लेकिन आजकल इसके लिए मशीनें उपलब्ध हैं। ओटाई के बाद प्राप्त कपास को दबाकर गांठें बनाई जाती हैं। इन गांठों को फिर कताई मिलों में भेजा जाता है। मिलों में, कपास के तंतुओं को साफ किया जाता है और फिर **कताई (Spinning)** प्रक्रिया से गुजारा जाता है, जहाँ उन्हें ऐंठकर मजबूत धागे (यर्न) बनाए जाते हैं। ये धागे अब कपड़ा बनाने के लिए तैयार हैं। अंत में, इन धागों का उपयोग करके **बुनाई (Weaving)** या **बंधाई (Knitting)** की जाती है। बुनाई करघों पर धागों के दो सेटों को आपस में पिरोकर की जाती है, जबकि बंधाई में एक ही धागे से लूप बनाकर वस्त्र तैयार किया जाता है। इस पूरी यात्रा के बाद ही कपास के तंतु हमारे उपयोग के लिए सुंदर और आरामदायक कपड़ों में बदल पाते हैं।
(ब्राउज़र के प्रिंट-टू-पीडीएफ फ़ंक्शन का उपयोग करता है। दिखावट भिन्न हो सकती है।)