अध्याय 2: भोजन के घटक (Components of Food) - प्रश्नोत्तर

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)

I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।

  1. भोजन के मुख्य घटक कौन-कौन से हैं?

    भोजन के मुख्य घटक कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिज लवण और जल हैं।

  2. ऊर्जा देने वाले दो पोषक तत्वों के नाम लिखें।

    ऊर्जा देने वाले दो पोषक तत्व हैं: कार्बोहाइड्रेट और वसा।

  3. शरीर वर्धक पोषक तत्व किसे कहते हैं?

    प्रोटीन को शरीर वर्धक पोषक तत्व कहते हैं क्योंकि ये शरीर की वृद्धि और मरम्मत के लिए आवश्यक होते हैं।

  4. विटामिन 'C' की कमी से होने वाला रोग कौन सा है?

    विटामिन 'C' की कमी से होने वाला रोग **स्कर्वी** है।

  5. रुक्षांश (आहारी रेशे) क्या होते हैं?

    रुक्षांश (आहारी रेशे) वे कार्बोहाइड्रेट हैं जिन्हें हमारा शरीर पचा नहीं पाता लेकिन ये भोजन को आगे बढ़ाने और कब्ज रोकने में मदद करते हैं।

II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।

  1. संतुलित आहार क्या है और इसका क्या महत्व है?

    संतुलित आहार वह आहार है जिसमें शरीर के उचित वृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्व (कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिज लवण और जल) सही मात्रा में होते हैं। यह हमें स्वस्थ रहने और बीमारियों से बचाने में मदद करता है।

  2. मंड (स्टार्च) के परीक्षण के लिए कौन सा घोल उपयोग किया जाता है? प्रक्रिया संक्षेप में बताएँ।

    मंड (स्टार्च) के परीक्षण के लिए **तनु आयोडीन घोल** का उपयोग किया जाता है। परीक्षण के लिए, खाद्य पदार्थ की थोड़ी मात्रा पर आयोडीन घोल की कुछ बूंदें डालते हैं। यदि खाद्य पदार्थ का रंग नीला या काला हो जाए, तो यह मंड की उपस्थिति को दर्शाता है।

  3. प्रोटीन हमारे शरीर के लिए क्यों आवश्यक हैं?

    प्रोटीन हमारे शरीर के लिए बहुत आवश्यक हैं क्योंकि वे शरीर की वृद्धि, नई कोशिकाओं के निर्माण और क्षतिग्रस्त ऊतकों की मरम्मत के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये मांसपेशियों, त्वचा, बाल और रक्त के मुख्य घटक होते हैं, और एंजाइम तथा हार्मोन के उत्पादन में भी सहायता करते हैं।

III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।

  1. विभिन्न पोषक तत्वों के कार्यों का विस्तार से वर्णन करें।

    भोजन में पाए जाने वाले विभिन्न पोषक तत्व हमारे शरीर के समुचित कार्य के लिए अलग-अलग भूमिकाएँ निभाते हैं। **कार्बोहाइड्रेट** और **वसा** मुख्य रूप से हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं। कार्बोहाइड्रेट तत्काल ऊर्जा देते हैं, जबकि वसा शरीर में ऊर्जा के भंडार के रूप में कार्य करते हैं और अधिक ऊर्जा प्रदान करते हैं। वसा शरीर को गर्म रखने में भी मदद करते हैं। **प्रोटीन** को शरीर वर्धक पोषक तत्व कहा जाता है। वे नई कोशिकाओं और ऊतकों के निर्माण, क्षतिग्रस्त ऊतकों की मरम्मत और मांसपेशियों के विकास के लिए आवश्यक हैं। एंजाइम और हार्मोन के उत्पादन में भी प्रोटीन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

    **विटामिन** हमारे शरीर को रोगों से बचाने में मदद करते हैं और विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं के लिए छोटी मात्रा में आवश्यक होते हैं। विभिन्न विटामिन (जैसे A, B, C, D, E, K) अलग-अलग कार्य करते हैं; उदाहरण के लिए, विटामिन A आँखों के लिए, विटामिन C घाव भरने और प्रतिरक्षा के लिए, और विटामिन D हड्डियों के लिए महत्वपूर्ण है। **खनिज लवण** (जैसे कैल्शियम, आयरन, आयोडीन) भी शरीर के सामान्य कामकाज के लिए आवश्यक हैं। कैल्शियम हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है, जबकि आयरन रक्त में हीमोग्लोबिन के निर्माण के लिए जरूरी है। अंत में, **जल** हमारे शरीर के वजन का एक बड़ा हिस्सा होता है और यह पोषक तत्वों के परिवहन, अपशिष्ट उत्पादों को बाहर निकालने और शरीर के तापमान को नियंत्रित करने जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यों में सहायक होता है। **रुक्षांश (आहारी रेशे)** हालांकि कोई पोषक तत्व नहीं है, यह पाचन तंत्र के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भोजन को आसानी से पचाने में मदद करता है और कब्ज को रोकता है।

  2. अभावजन्य रोग क्या होते हैं? किन्हीं तीन अभावजन्य रोगों और उनके लक्षणों का वर्णन करें।

    अभावजन्य रोग वे रोग होते हैं जो एक या अधिक पोषक तत्वों की लंबे समय तक कमी के कारण होते हैं। यदि व्यक्ति के आहार में एक विशिष्ट पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में नहीं होता, तो शरीर ठीक से काम नहीं कर पाता और विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं या रोग उत्पन्न हो सकते हैं। ये रोग संक्रामक नहीं होते, बल्कि पोषण की कमी के कारण होते हैं और उचित आहार के सेवन से इन्हें रोका जा सकता है। संतुलित आहार का अभाव इन रोगों का मुख्य कारण है।

    यहां तीन प्रमुख अभावजन्य रोग और उनके लक्षण दिए गए हैं:
    1. **क्वाशियोर्कोर (Kwashiorkor):** यह रोग प्रोटीन की कमी से होता है। इसके मुख्य लक्षणों में बच्चों में वृद्धि रुक जाना, चेहरे और पैरों में सूजन, बालों का रंग बदलना और दस्त शामिल हैं। पेट भी फूल जाता है।
    2. **स्कर्वी (Scurvy):** यह विटामिन 'C' की कमी से होने वाला रोग है। इसके लक्षणों में मसूड़ों से खून आना, घावों का देर से भरना, और जोड़ों में दर्द शामिल है।
    3. **रिकेट्स (Rickets):** यह विटामिन 'D' या कैल्शियम की कमी के कारण होता है। इस रोग में हड्डियाँ नरम और मुड़ जाती हैं, जिससे पैर धनुषाकार हो जाते हैं और बच्चों में हड्डियों का विकास ठीक से नहीं हो पाता।

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