अध्याय 16: कचरा-संग्रहण एवं निपटान (Garbage In, Garbage Out) - प्रश्नोत्तर
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)
I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।
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कचरा क्या है?
कचरा वह सभी **अनुपयोगी या त्याज्य पदार्थ** है जो हमारे घरों, उद्योगों, और अन्य गतिविधियों से निकलता है।
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जैव-निम्नीकरणीय कचरा क्या होता है?
जैव-निम्नीकरणीय कचरा वह होता है जो **प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा विघटित** हो सकता है, जैसे फलों और सब्जियों के छिलके, खाद्य अपशिष्ट।
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गैर-जैव-निम्नीकरणीय कचरा क्या होता है?
गैर-जैव-निम्नीकरणीय कचरा वह होता है जो **प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा विघटित नहीं** होता है, जैसे प्लास्टिक, काँच, धातु।
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भराव क्षेत्र (Landfill) क्या है?
भराव क्षेत्र शहर के बाहर का एक **नीचा और खुला क्षेत्र** है जहाँ कचरे को इकट्ठा करके मिट्टी की परतों से ढका जाता है।
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कम्पोस्ट क्या है?
कम्पोस्ट एक **पोषक-समृद्ध पदार्थ** है जो जैविक कचरे के सड़ने से बनता है और इसे खाद के रूप में उपयोग किया जाता है।
II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।
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कचरे को अलग-अलग करना क्यों महत्वपूर्ण है?
कचरे को अलग-अलग करना महत्वपूर्ण है ताकि **जैव-निम्नीकरणीय कचरे** को खाद बनाने के लिए उपयोग किया जा सके और **गैर-जैव-निम्नीकरणीय कचरे** को रीसाइक्लिंग या उचित निपटान के लिए भेजा जा सके। यह प्रदूषण कम करने और संसाधनों के संरक्षण में मदद करता है।
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कम्पोस्ट बनाने की प्रक्रिया संक्षेप में बताएँ।
कम्पोस्ट बनाने के लिए, जैविक कचरा जैसे खाद्य अवशेष, पत्तियों आदि को एक गड्ढे या ढेर में इकट्ठा किया जाता है। सूक्ष्मजीवों की क्रिया से यह कचरा धीरे-धीरे सड़ता है और कुछ हफ्तों या महीनों में **मिट्टी जैसे गहरे रंग के पदार्थ** में बदल जाता है, जिसे कम्पोस्ट कहते हैं।
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वर्मीकम्पोस्टिंग क्या है और इसके क्या लाभ हैं?
वर्मीकम्पोस्टिंग जैविक कचरे को कम्पोस्ट में बदलने की एक प्रक्रिया है जिसमें **लाल केंचुओं (redworms)** का उपयोग किया जाता है। यह प्रक्रिया सामान्य कम्पोस्टिंग से तेज होती है और बहुत उच्च गुणवत्ता वाली खाद (वर्मीकम्पोस्ट) उत्पन्न करती है, जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है।
III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।
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कचरा प्रबंधन (Waste Management) क्या है? कचरा निपटान के विभिन्न तरीकों का वर्णन करें।
कचरा प्रबंधन कचरे को एकत्र करने, परिवहन करने, संसाधित करने, पुनर्चक्रण करने या निपटान करने की प्रक्रिया है। इसका उद्देश्य पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर कचरे के नकारात्मक प्रभावों को कम करना है। उचित कचरा प्रबंधन हमारे शहरों को स्वच्छ रखने और संसाधनों को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह केवल कचरा फेंकने से कहीं अधिक है; इसमें कचरे को उसके स्रोत पर ही कम करना, उसका पुन: उपयोग करना और उसका सही तरीके से निपटान करना शामिल है।
कचरा निपटान के कई तरीके हैं, जिनमें से प्रमुख हैं: 1. **भराव क्षेत्र (Landfilling):** यह सबसे आम तरीका है, जिसमें कचरे को शहर के बाहरी इलाकों में बने गहरे गड्ढों या निम्नभूमि क्षेत्रों में ले जाया जाता है। कचरे को कॉम्पैक्ट किया जाता है और फिर मिट्टी की परत से ढक दिया जाता है। यह उन कचरे के लिए उपयोग होता है जिसे पुनर्चक्रित या खाद नहीं बनाया जा सकता। 2. **कम्पोस्टिंग (Composting):** जैविक कचरे, जैसे फल और सब्जी के छिलके, पत्तियों, और खाद्य अवशेषों को एक ढेर या गड्ढे में एकत्र करके सूक्ष्मजीवों द्वारा सड़ाया जाता है। यह प्रक्रिया कचरे को पोषक तत्वों से भरपूर खाद (कम्पोस्ट) में बदल देती है, जिसे कृषि में उपयोग किया जा सकता है। 3. **पुनर्चक्रण (Recycling):** इस प्रक्रिया में उन अनुपयोगी पदार्थों को इकट्ठा करके नए उत्पादों में बदल दिया जाता है जिन्हें सीधे उपयोग नहीं किया जा सकता। उदाहरण के लिए, पुराने प्लास्टिक, कागज, धातु, और काँच को पिघलाकर या संसाधित करके नए उत्पाद बनाए जाते हैं। यह प्राकृतिक संसाधनों को बचाता है और प्रदूषण कम करता है। 4. **भस्मीकरण (Incineration):** यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कचरे को उच्च तापमान पर जलाकर उसकी मात्रा को कम किया जाता है। इससे ऊर्जा भी उत्पन्न की जा सकती है, लेकिन इससे वायु प्रदूषण का खतरा होता है यदि उचित फिल्टर का उपयोग न किया जाए। इन तरीकों का सही संयोजन करके हम कचरे की समस्या को प्रभावी ढंग से प्रबंधित कर सकते हैं।
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प्लास्टिक का कचरा पर्यावरण के लिए बड़ी समस्या क्यों है? प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिए हम क्या कर सकते हैं?
प्लास्टिक का कचरा पर्यावरण के लिए एक बहुत बड़ी समस्या है क्योंकि यह **गैर-जैव-निम्नीकरणीय (non-biodegradable)** होता है। इसका मतलब है कि प्लास्टिक प्राकृतिक रूप से विघटित नहीं होता, बल्कि यह सैकड़ों या हजारों वर्षों तक पर्यावरण में बना रहता है। जब प्लास्टिक को खुले में फेंका जाता है, तो यह मिट्टी और जल प्रदूषण का कारण बनता है। यह नालियों को अवरुद्ध कर सकता है, जिससे बाढ़ आ सकती है। समुद्री जीवों के लिए भी प्लास्टिक एक बड़ा खतरा है, क्योंकि वे इसे भोजन समझकर खा लेते हैं, जिससे उनकी मृत्यु हो सकती है। प्लास्टिक के छोटे-छोटे टुकड़े (माइक्रोप्लास्टिक) खाद्य श्रृंखला में प्रवेश कर जाते हैं, जो अंततः मानव स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक हो सकते हैं। जलाने पर, प्लास्टिक जहरीले धुएं और गैसें छोड़ता है, जो वायु प्रदूषण का कारण बनती हैं।
प्लास्टिक के उपयोग को कम करने और इससे होने वाली समस्याओं से निपटने के लिए हम कई कदम उठा सकते हैं: 1. **पुन: उपयोग (Reuse):** डिस्पोजेबल प्लास्टिक वस्तुओं, जैसे पानी की बोतलों या कैरी बैग, के बजाय बार-बार उपयोग होने वाली वस्तुओं का प्रयोग करें। उदाहरण के लिए, घर से कपड़े का थैला लेकर बाजार जाएँ। 2. **कम करना (Reduce):** अनावश्यक प्लास्टिक उत्पादों की खरीद से बचें। उदाहरण के लिए, प्लास्टिक में पैक की गई वस्तुओं के बजाय खुली सब्जियां खरीदें, या प्लास्टिक स्ट्रॉ और कप का उपयोग न करें। 3. **पुनर्चक्रण (Recycle):** प्लास्टिक कचरे को सही ढंग से अलग करके पुनर्चक्रण के लिए भेजें, ताकि उससे नए उत्पाद बनाए जा सकें और नए प्लास्टिक के उत्पादन की आवश्यकता कम हो। 4. **विकल्पों का उपयोग (Use Alternatives):** प्लास्टिक के बजाय कपड़े, जूट, कागज, या स्टील से बनी वस्तुओं का उपयोग करें। जैसे, प्लास्टिक की पानी की बोतल की जगह स्टील की बोतल, प्लास्टिक टिफिन की जगह स्टील का टिफिन। 5. **जागरूकता फैलाना:** दूसरों को भी प्लास्टिक के खतरों और इसके उपयोग को कम करने के तरीकों के बारे में शिक्षित करें। इन '3R' (Reduce, Reuse, Recycle) और विकल्पों का उपयोग करके हम प्लास्टिक प्रदूषण को काफी हद तक नियंत्रित कर सकते हैं और पर्यावरण को स्वस्थ रख सकते हैं।
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