अध्याय 11: प्रकाश – छायाएँ एवं परावर्तन (Light, Shadows and Reflections) - प्रश्नोत्तर
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)
I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।
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प्रकाश स्रोत (Light Source) क्या होता है?
कोई भी वस्तु जो स्वयं प्रकाश उत्पन्न करती है, जैसे सूर्य या मोमबत्ती, प्रकाश स्रोत कहलाती है।
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पारदर्शी वस्तुएँ (Transparent Objects) क्या होती हैं?
वे वस्तुएँ जिनके आर-पार प्रकाश पूरी तरह से गुजर सकता है और जिनके माध्यम से हम स्पष्ट रूप से देख सकते हैं, पारदर्शी वस्तुएँ कहलाती हैं। उदाहरण: काँच, स्वच्छ जल।
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अपारदर्शी वस्तुएँ (Opaque Objects) क्या होती हैं?
वे वस्तुएँ जिनके आर-पार प्रकाश बिल्कुल भी नहीं गुजर सकता और जिनके माध्यम से हम देख नहीं सकते, अपारदर्शी वस्तुएँ कहलाती हैं। उदाहरण: लकड़ी, दीवार।
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पारभासी वस्तुएँ (Translucent Objects) क्या होती हैं?
वे वस्तुएँ जिनके आर-पार प्रकाश आंशिक रूप से गुजर सकता है और जिनके माध्यम से हम स्पष्ट रूप से नहीं देख सकते, पारभासी वस्तुएँ कहलाती हैं। उदाहरण: तेल लगा कागज़, घिसा हुआ काँच।
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छाया (Shadow) कैसे बनती है?
छाया तब बनती है जब प्रकाश के मार्ग में कोई अपारदर्शी वस्तु आ जाती है और प्रकाश को आगे बढ़ने से रोक देती है।
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परावर्तन (Reflection) क्या है?
किसी सतह से टकराकर प्रकाश का वापस उसी माध्यम में लौट आना परावर्तन कहलाता है।
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पिनहोल कैमरा (Pinhole Camera) क्या है?
एक साधारण कैमरा जिसमें एक छोटे से छेद के माध्यम से प्रकाश प्रवेश करता है और पीछे की स्क्रीन पर वास्तविक, उल्टा प्रतिबिंब बनाता है, पिनहोल कैमरा कहलाता है।
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प्रकाश किस दिशा में गमन करता है?
प्रकाश हमेशा सीधी रेखा में गमन करता है।
II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।
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किसी वस्तु की छाया बनने के लिए किन चीज़ों की आवश्यकता होती है?
किसी वस्तु की छाया बनने के लिए तीन मुख्य चीज़ों की आवश्यकता होती है: पहला, **प्रकाश स्रोत** (जैसे सूर्य या बल्ब); दूसरा, एक **अपारदर्शी वस्तु** जो प्रकाश के मार्ग को रोक सके; और तीसरा, एक **पर्दा या सतह** जिस पर छाया बने।
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छाया का रंग हमेशा काला क्यों होता है, चाहे वस्तु किसी भी रंग की हो?
छाया का रंग हमेशा काला होता है क्योंकि यह केवल प्रकाश के मार्ग में अवरोध के कारण बनती है। छाया वस्तु द्वारा रोके गए प्रकाश का क्षेत्र है, न कि वस्तु का प्रतिबिंब। इसमें कोई प्रकाश नहीं पहुँचता, इसलिए यह हमेशा रंगहीन और काली दिखाई देती है।
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आप कैसे दिखा सकते हैं कि प्रकाश सीधी रेखा में गमन करता है?
प्रकाश सीधी रेखा में गमन करता है यह दिखाने के लिए, एक जलती हुई मोमबत्ती को एक सीधे पाइप से देखें, तो वह दिखाई देगी। यदि आप वही मोमबत्ती एक मुड़े हुए पाइप से देखें, तो वह दिखाई नहीं देगी। यह दर्शाता है कि प्रकाश सीधी रेखा में यात्रा करता है।
III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।
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पिनहोल कैमरा कैसे कार्य करता है और इससे बनने वाले प्रतिबिंब की क्या विशेषताएँ होती हैं?
पिनहोल कैमरा एक बहुत ही साधारण उपकरण है जो प्रकाश के सीधी रेखा में गमन करने के सिद्धांत पर काम करता है। इसमें एक प्रकाश-अभेद्य बक्सा होता है जिसके एक ओर एक बहुत छोटा सा छेद (पिनहोल) होता है, और विपरीत दिशा में एक पारभासी पर्दा (जैसे ट्रेसिंग पेपर) लगा होता है। जब बाहर से प्रकाश किसी वस्तु पर पड़ता है, तो वस्तु से आने वाली प्रकाश की किरणें सीधे उस छोटे छेद से होकर गुजरती हैं और पर्दे पर पड़ती हैं। चूंकि प्रकाश सीधी रेखा में चलता है, इसलिए वस्तु के ऊपरी भाग से आने वाली किरणें छेद से गुजरकर पर्दे के निचले भाग पर पड़ती हैं, और वस्तु के निचले भाग से आने वाली किरणें छेद से गुजरकर पर्दे के ऊपरी भाग पर पड़ती हैं।
पिनहोल कैमरे द्वारा बनने वाले प्रतिबिंब की कुछ विशिष्ट विशेषताएँ होती हैं। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि प्रतिबिंब **वास्तविक (real)** होता है, यानी इसे किसी पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता है। दूसरा, यह **उल्टा (inverted)** होता है, जिसका अर्थ है कि वस्तु का ऊपर का भाग प्रतिबिंब में नीचे और नीचे का भाग ऊपर दिखाई देता है। साथ ही, यह **छोटा (diminished)** हो सकता है यदि वस्तु कैमरे से दूर हो, या **बड़ा (magnified)** हो सकता है यदि वस्तु कैमरे के बहुत करीब हो। प्रतिबिंब का रंग वही होता है जो वस्तु का होता है, छाया की तरह काला नहीं। पिनहोल का आकार भी प्रतिबिंब की स्पष्टता को प्रभावित करता है; छोटा छेद अधिक स्पष्ट लेकिन कम चमकीला प्रतिबिंब बनाता है, जबकि बड़ा छेद चमकीला लेकिन धुंधला प्रतिबिंब बना सकता है।
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प्रकाश के परावर्तन को समझाएँ। हम अपने दैनिक जीवन में परावर्तन के क्या उपयोग देखते हैं?
प्रकाश का **परावर्तन (Reflection)** वह घटना है जिसमें प्रकाश की किरणें किसी चिकनी या पॉलिश की हुई सतह (जैसे दर्पण) से टकराकर वापस उसी माध्यम में लौट आती हैं। जब प्रकाश किसी सतह पर पड़ता है, तो वह सतह द्वारा अवशोषित या प्रेषित होने के बजाय उछलकर वापस आ जाता है। परावर्तन के लिए सतह का चिकना होना महत्वपूर्ण है, क्योंकि खुरदरी सतहें प्रकाश को अनियमित रूप से बिखेर देती हैं, जबकि चिकनी सतहें उसे एक नियमित पैटर्न में परावर्तित करती हैं, जिससे हमें स्पष्ट प्रतिबिंब दिखाई देते हैं। दर्पण परावर्तन का सबसे अच्छा उदाहरण हैं।
दैनिक जीवन में परावर्तन के कई उपयोग हैं। सबसे स्पष्ट उपयोग **दर्पण** में स्वयं को देखना या किसी वस्तु का प्रतिबिंब देखना है। दुकानों में, परावर्तन का उपयोग वस्तुओं को बड़ा या अधिक आकर्षक दिखाने के लिए किया जाता है। कारों और अन्य वाहनों में, पीछे देखने वाले **शीशे (rear-view mirrors)** परावर्तन के सिद्धांत पर काम करते हैं ताकि चालक पीछे के यातायात को देख सके। पेरिस्कोप (Periscope), जिसका उपयोग पनडुब्बियों या किले से बाहर देखने के लिए किया जाता है, भी प्रकाश के परावर्तन के सिद्धांत पर आधारित होता है, जहाँ दो दर्पणों का उपयोग प्रकाश को मोड़ने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, सौर कुकर (solar cooker) भी सूर्य के प्रकाश को एक बिंदु पर केंद्रित करने के लिए परावर्तन का उपयोग करते हैं, जिससे भोजन पकता है। ये सभी उदाहरण दर्शाते हैं कि प्रकाश का परावर्तन हमारे जीवन को कितना सुविधाजनक और क्रियाशील बनाता है।
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