अध्याय 10: गति एवं दूरियों का मापन (Motion and Measurement of Distances) - प्रश्नोत्तर

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)

I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।

  1. मापन क्या है?

    मापन किसी अज्ञात राशि की उसी प्रकार की किसी ज्ञात मानक राशि से तुलना करना है।

  2. गति किसे कहते हैं?

    किसी वस्तु की स्थिति में समय के साथ होने वाले परिवर्तन को **गति** कहते हैं।

  3. मापन की SI इकाई क्या है?

    लंबाई की मापन की SI इकाई **मीटर (metre)** है।

  4. सरल रेखीय गति (Rectilinear Motion) का एक उदाहरण दें।

    सरल रेखीय गति का एक उदाहरण **सीधी सड़क पर चलती हुई कार की गति** है।

  5. दोलनी गति (Oscillatory Motion) का एक उदाहरण दें।

    दोलनी गति का एक उदाहरण **झूले की गति** या **दीवार घड़ी के लोलक की गति** है।

II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।

  1. मापन के लिए मानक मात्रकों की आवश्यकता क्यों पड़ी?

    पहले लोग अपने शरीर के अंगों जैसे पैर की लंबाई या हाथ की लंबाई का उपयोग मापन के लिए करते थे, लेकिन यह हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग होता था, जिससे भ्रम पैदा होता था। इसलिए, एकरूपता और सटीकता के लिए **मानक मात्रकों** की आवश्यकता पड़ी।

  2. वृत्तीय गति (Circular Motion) क्या होती है? उदाहरण सहित समझाएँ।

    वृत्तीय गति वह गति है जिसमें कोई वस्तु किसी **निश्चित बिंदु के चारों ओर वृत्ताकार पथ पर** चलती है। वस्तु की दूरी उस निश्चित बिंदु से समान रहती है। **घड़ी के सेकंड की सुई की नोक की गति** या **लट्टू की गति** वृत्तीय गति के उदाहरण हैं।

  3. आवर्ती गति (Periodic Motion) को परिभाषित करें और उदाहरण दें।

    आवर्ती गति वह गति है जो एक **निश्चित समय अंतराल के बाद दोहराई जाती है**। यह एक विशेष प्रकार की दोलनी गति भी हो सकती है। **झूले की गति**, **दीवार घड़ी के लोलक की गति**, या **हृदय की धड़कन** आवर्ती गति के उदाहरण हैं।

III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।

  1. लंबाई मापने के सही तरीके का वर्णन करें। मापन करते समय हमें किन सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए?

    लंबाई मापने के लिए हमें एक **मानक मीटर स्केल या मापन टेप** का उपयोग करना चाहिए। मापते समय, स्केल को वस्तु के संपर्क में सीधी स्थिति में रखना महत्वपूर्ण है। स्केल के शून्य (0) निशान को वस्तु के एक सिरे से बिल्कुल सटाकर रखा जाना चाहिए। आँख की स्थिति भी महत्वपूर्ण है; माप लेते समय आँख उस बिंदु के ठीक ऊपर होनी चाहिए जहाँ माप लिया जा रहा है। यदि आँख तिरछी होगी, तो **लंबन त्रुटि (parallax error)** हो सकती है, जिससे माप गलत हो जाएगा। यदि स्केल का सिरा घिसा हुआ हो, तो माप शून्य से शुरू करने के बजाय स्केल के किसी अन्य पूर्ण अंक (जैसे 1 सेमी) से शुरू करना चाहिए और अंत में इस प्रारंभिक अंक को कुल माप से घटा देना चाहिए।

    मापन करते समय कुछ महत्वपूर्ण सावधानियाँ बरतनी चाहिए। सबसे पहले, **स्केल को वस्तु के समानांतर** रखना चाहिए, ताकि टेढ़ा माप न आए। दूसरा, स्केल को **कसकर पकड़ना** चाहिए ताकि वह हिल न जाए और माप में अस्थिरता न आए। तीसरा, यदि माप टेप का उपयोग कर रहे हैं, तो उसे **शिथिल नहीं छोड़ना** चाहिए, बल्कि सीधा और कसकर रखना चाहिए। चौथा, माप हमेशा **सही मात्रकों में दर्ज** करना चाहिए (जैसे सेंटीमीटर, मीटर)। इन सावधानियों का पालन करने से मापन में सटीकता और विश्वसनीयता सुनिश्चित होती है, जो वैज्ञानिक अध्ययनों और व्यावहारिक जीवन दोनों के लिए आवश्यक है।

  2. विभिन्न प्रकार की गतियों का उदाहरण सहित वर्णन करें।

    हमारे चारों ओर की दुनिया में वस्तुएँ विभिन्न तरीकों से गति करती हैं। गति को समझने के लिए, इसे मुख्य रूप से कई प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
    1. **सरल रेखीय गति (Rectilinear Motion):** इस प्रकार की गति में वस्तु एक **सीधी रेखा** में चलती है। उदाहरण के लिए, सीधी सड़क पर चलती हुई कार, मार्च पास्ट करते सैनिकों की गति, या ऊपर से गिरते हुए पत्थर की गति। इस गति में वस्तु एक ही दिशा में बिना किसी वक्र के आगे बढ़ती है।
    2. **वृत्तीय गति (Circular Motion):** जब कोई वस्तु किसी **निश्चित बिंदु के चारों ओर एक वृत्ताकार पथ** पर घूमती है, तो उसे वृत्तीय गति कहते हैं। इस गति में वस्तु की निश्चित बिंदु से दूरी स्थिर रहती है। उदाहरण के लिए, घड़ी के सेकंड की सुई की नोक की गति, लट्टू का घूमना, या पृथ्वी का सूर्य के चारों ओर घूमना (लगभग)।
    3. **दोलनी गति (Oscillatory Motion):** इस गति में वस्तु एक निश्चित बिंदु के **आगे-पीछे या ऊपर-नीचे** गति करती है। यह गति दोहराव वाली होती है लेकिन इसमें एक पूरा वृत्त नहीं बनता। उदाहरण के लिए, झूले की गति, दीवार घड़ी के लोलक की गति, या सिलाई मशीन की सुई की ऊपर-नीचे की गति।
    4. **आवर्ती गति (Periodic Motion):** यह वह गति है जो एक **निश्चित समय अंतराल के बाद स्वयं को दोहराती** है। सभी दोलनी गतियाँ आवर्ती होती हैं, लेकिन सभी आवर्ती गतियाँ दोलनी नहीं होतीं (जैसे एक समान वृत्तीय गति भी आवर्ती हो सकती है)। लोलक की गति, हृदय की धड़कन, या पृथ्वी का अपनी धुरी पर घूमना (एक दिन में एक चक्कर) आवर्ती गति के उदाहरण हैं।
    5. **घूर्णन गति (Rotational Motion):** इस गति में वस्तु अपने **अक्ष पर घूमती** है। वस्तु के विभिन्न भाग विभिन्न दूरी पर वृत्ताकार पथ पर चलते हैं। उदाहरण के लिए, पृथ्वी का अपनी धुरी पर घूमना, कुम्हार के चाक की गति, या छत के पंखे के ब्लेड की गति। एक घूमते हुए पहिये में, पहिये का हर बिंदु अपने केंद्र के चारों ओर घूमता है।

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