अध्याय 9: क्रीडास्पर्धा (Sports Competition) - प्रश्नोत्तर
अभ्यास के प्रश्न और उत्तर (Exercise Questions & Answers)
I. एक पद में उत्तर दें। (उत्तर एक शब्द या एक-दो वाक्यों में दें)
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सर्वाः क्रीडास्पर्धाः कुत्र सन्ति?
सर्वाः क्रीडास्पर्धाः **विद्यालयम्** सन्ति। (सभी खेल प्रतियोगिताएँ विद्यालय में हैं।)
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भवन्तः किं द्रष्टुम् इच्छन्ति?
भवन्तः **क्रीडास्पर्धाम्** द्रष्टुम् इच्छन्ति। (आप खेल प्रतियोगिता देखना चाहते हैं।)
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काः क्रीडन्ति?
**छात्राः** क्रीडन्ति। (छात्र खेलते हैं।)
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कः अद्य मम दलं न खेलति?
**सुरेशः** अद्य मम दलं न खेलति। (सुरेश आज मेरी टीम में नहीं खेलता है।)
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किं जीवनस्य कृते आवश्यकम् अस्ति?
**खेलम्** जीवनस्य कृते आवश्यकम् अस्ति। (खेल जीवन के लिए आवश्यक है।)
II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।
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खेल प्रतियोगिता का विद्यालय के छात्रों पर क्या प्रभाव पड़ता है?
खेल प्रतियोगिताएँ विद्यालय के छात्रों में **टीम वर्क, नेतृत्व क्षमता और अनुशासन** की भावना विकसित करती हैं। ये उन्हें शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने के साथ-साथ मानसिक तनाव कम करने में भी मदद करती हैं, जिससे उनका सर्वांगीण विकास होता है।
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छात्र क्रीडास्पर्धा में किन-किन खेलों में भाग लेते हैं?
छात्र क्रीडास्पर्धा में विभिन्न खेलों जैसे **दौड़, कूद, कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल, फुटबॉल** आदि में भाग लेते हैं। ये प्रतियोगिताएँ छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का अनुभव करने का अवसर प्रदान करती हैं।
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क्या सभी छात्रों को खेल में भाग लेना चाहिए? क्यों?
हाँ, सभी छात्रों को खेल में भाग लेना चाहिए। क्योंकि खेल केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि **शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक** हैं। ये आत्मविश्वास बढ़ाते हैं, टीम भावना सिखाते हैं और तनाव कम करते हैं।
III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।
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विद्यालय में आयोजित 'क्रीडास्पर्धा' के महत्व का वर्णन करें।
विद्यालय में आयोजित 'क्रीडास्पर्धा' (खेल प्रतियोगिता) छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ये प्रतियोगिताएँ केवल शारीरिक दक्षता तक ही सीमित नहीं होतीं, बल्कि छात्रों के मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। सबसे पहले, खेल प्रतियोगिताएँ छात्रों को **शारीरिक रूप से स्वस्थ और मजबूत** बनाती हैं। दौड़ने, कूदने और खेलने से उनका शरीर चुस्त-दुरुस्त रहता है और बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। यह उन्हें आलस्य से दूर रखता है और ऊर्जावान बनाए रखता है।
दूसरा, खेल प्रतियोगिताएँ छात्रों में **अनुशासन, टीम भावना और नेतृत्व गुणों** का विकास करती हैं। जब छात्र टीम में खेलते हैं, तो वे एक-दूसरे का सहयोग करना, नियमों का पालन करना और हार-जीत को स्वीकार करना सीखते हैं। यह उन्हें भविष्य में सामाजिक जीवन में बेहतर नागरिक बनने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त, खेल मानसिक तनाव को कम करते हैं और छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ एक स्वस्थ अवकाश प्रदान करते हैं। यह उन्हें एकाग्रता और निर्णय लेने की क्षमता भी सिखाता है। अंत में, खेल प्रतियोगिताएँ छात्रों को स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का अनुभव कराती हैं, उन्हें अपनी सीमाओं को चुनौती देने और अपनी प्रतिभा को निखारने का अवसर देती हैं। इस प्रकार, क्रीडास्पर्धाएँ शिक्षा का एक अभिन्न अंग हैं जो छात्रों के समग्र व्यक्तित्व निर्माण में सहायक होती हैं।
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खेलों से हमें कौन-कौन से नैतिक और सामाजिक मूल्य सीखने को मिलते हैं?
खेल केवल शारीरिक गतिविधि नहीं हैं, बल्कि वे हमें अनेक महत्वपूर्ण नैतिक और सामाजिक मूल्य सिखाते हैं जो जीवन भर काम आते हैं। सबसे पहले, खेल हमें **टीम वर्क (सामूहिक कार्य)** की भावना सिखाते हैं। जब हम एक टीम में खेलते हैं, तो हमें समझना पड़ता है कि व्यक्तिगत प्रदर्शन से ज्यादा महत्वपूर्ण टीम की जीत है। यह हमें सहयोग करना, एक-दूसरे का समर्थन करना और मिलकर काम करना सिखाता है। यह सामाजिक मूल्य हमें भविष्य में किसी भी समूह में प्रभावी ढंग से काम करने में मदद करता है।
दूसरा, खेल हमें **अनुशासन और नियमों का पालन करना** सिखाते हैं। हर खेल के अपने नियम होते हैं, और उनका सम्मान करना अनिवार्य होता है। यह हमें जीवन में अनुशासन का महत्व समझाता है। इसके साथ ही, खेल हमें **हार और जीत को समान भाव से स्वीकार करना** सिखाते हैं। हारने पर निराश न होना और जीतने पर घमंड न करना, ये दोनों ही महत्वपूर्ण नैतिक गुण हैं। यह हमें **सहनशीलता और धैर्य** भी सिखाता है। खेल से **नेतृत्व क्षमता** का विकास होता है, क्योंकि कई बार छात्रों को टीम का नेतृत्व करने का अवसर मिलता है। यह उन्हें जिम्मेदारी लेना और दूसरों को प्रेरित करना सिखाता है। अंततः, खेल हमें **स्वस्थ प्रतिस्पर्धा** सिखाते हैं, जहाँ हम दूसरों से बेहतर बनने का प्रयास करते हैं लेकिन ईमानदारी और खेल भावना के साथ। ये सभी मूल्य हमें बेहतर इंसान और जिम्मेदार नागरिक बनाते हैं।
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