अध्याय 9: आँकड़ों का प्रबंधन (Data Handling) - प्रश्नोत्तर

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)

I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।

  1. आँकड़ों का प्रबंधन क्या है?

    आँकड़ों का प्रबंधन जानकारी (डेटा) को व्यवस्थित, प्रस्तुत और विश्लेषण करने की प्रक्रिया है ताकि उससे निष्कर्ष निकाले जा सकें।

  2. 'कच्चे आँकड़े' (Raw data) से आप क्या समझते हैं?

    'कच्चे आँकड़े' वह जानकारी होती है जिसे पहली बार एकत्र किया जाता है और अभी तक किसी भी तरह से व्यवस्थित या संसाधित नहीं किया गया होता है।

  3. मिलान चिन्ह (Tally marks) का उपयोग क्यों किया जाता है?

    मिलान चिन्ह का उपयोग आँकड़ों को गिनने और उनकी आवृत्ति (frequency) को व्यवस्थित रूप से रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है, खासकर जब डेटा बड़ी मात्रा में हो।

  4. चित्रलेख (Pictograph) क्या होता है?

    चित्रलेख आँकड़ों को चित्रों या प्रतीकों का उपयोग करके प्रस्तुत करने का एक तरीका है, जहाँ प्रत्येक चित्र एक निश्चित संख्यात्मक मान का प्रतिनिधित्व करता है।

  5. एक दंड आलेख (Bar graph) क्या दर्शाता है?

    एक दंड आलेख विभिन्न श्रेणियों के बीच तुलना करने के लिए आयताकार दंडों का उपयोग करता है, जिनकी ऊँचाई या लंबाई उनके मान के अनुपात में होती है।

II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।

  1. एकत्रित किए गए आँकड़ों को सारणीबद्ध (Tabulate) करना क्यों महत्वपूर्ण है?

    आँकड़ों को सारणीबद्ध करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन्हें व्यवस्थित और समझने में आसान बनाता है। सारणीबद्ध रूप से प्रस्तुत डेटा से जानकारी को पढ़ना, तुलना करना और उससे पैटर्न या निष्कर्ष निकालना बहुत सरल हो जाता है, जिससे विश्लेषण अधिक प्रभावी होता है।

  2. एक चित्रलेख बनाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

    चित्रलेख बनाते समय, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक प्रतीक का एक निश्चित और स्पष्ट मान हो, और वह मान पूरे चित्रलेख में समान रहे। प्रतीकों को आकर्षित करना आसान होना चाहिए और डेटा को सटीक रूप से दर्शाना चाहिए। एक उपयुक्त पैमाने (scale) का चयन भी आवश्यक है।

  3. दंड आलेख के दो मुख्य उपयोग क्या हैं?

    दंड आलेख के दो मुख्य उपयोग हैं: पहला, विभिन्न श्रेणियों के बीच आसानी से **तुलना** करना (उदाहरण के लिए, विभिन्न महीनों में बिक्री की तुलना)। दूसरा, **प्रवृत्तियों (trends) को दर्शाना** और डेटा में बदलाव को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करना, जिससे दर्शकों के लिए जानकारी को तुरंत समझना आसान हो जाता है।

III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।

  1. आँकड़ों का प्रबंधन करने के विभिन्न चरण क्या हैं? प्रत्येक चरण का संक्षिप्त वर्णन करें।

    आँकड़ों के प्रबंधन में मुख्य रूप से चार चरण होते हैं। पहला चरण **आँकड़ों का संग्रह (Collection of data)** है। इस चरण में, हम किसी विशेष उद्देश्य के लिए आवश्यक जानकारी को इकट्ठा करते हैं। यह सर्वेक्षण, प्रयोग, या रिकॉर्ड देखकर किया जा सकता है। आँकड़ों को एकत्र करते समय, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि वे प्रासंगिक और सटीक हों, क्योंकि डेटा की गुणवत्ता बाद के चरणों को प्रभावित करती है। उदाहरण के लिए, यदि हम छात्रों की पसंदीदा खेल जानना चाहते हैं, तो हम उनसे सीधे पूछकर डेटा एकत्र करेंगे।

    दूसरा चरण **आँकड़ों का संगठन (Organization of data)** है। कच्चे आँकड़े अक्सर अव्यवस्थित होते हैं, इसलिए उन्हें सारणियों या मिलान चिन्हों का उपयोग करके व्यवस्थित किया जाता है। इससे डेटा को समझना और उसका विश्लेषण करना आसान हो जाता है। उदाहरण के लिए, एकत्रित किए गए खेलों के नाम को एक तालिका में उनकी आवृत्तियों (कितनी बार पसंद किए गए) के साथ सूचीबद्ध किया जा सकता है। तीसरा चरण **आँकड़ों का निरूपण (Representation of data)** है। इस चरण में, हम संगठित डेटा को दृश्य रूप में प्रस्तुत करते हैं, जैसे चित्रलेख, दंड आलेख, या अन्य ग्राफिकल प्रतिनिधित्व। यह डेटा को समझने और व्याख्या करने में मदद करता है। अंत में, चौथा चरण **आँकड़ों का विश्लेषण और व्याख्या (Analysis and Interpretation of data)** है। इस चरण में, प्रस्तुत किए गए डेटा की जाँच की जाती है ताकि पैटर्न, प्रवृत्तियों और निष्कर्षों की पहचान की जा सके, जो एकत्र किए गए डेटा के उद्देश्य को पूरा करते हैं।

  2. आपके दैनिक जीवन में आँकड़ों के प्रबंधन के महत्व को दो उदाहरणों के साथ समझाएँ।

    दैनिक जीवन में आँकड़ों के प्रबंधन का बहुत महत्व है क्योंकि यह हमें सूचित निर्णय लेने और आसपास की दुनिया को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है। आँकड़े हमें पैटर्न की पहचान करने, प्रवृत्तियों का अनुमान लगाने और विभिन्न स्थितियों का मूल्यांकन करने की क्षमता देते हैं, भले ही हम इसे हमेशा "आँकड़ों का प्रबंधन" न कहें। यह न केवल गणितीय अवधारणा है, बल्कि एक व्यावहारिक कौशल है जो व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों संदर्भों में मूल्यवान है।

    पहला उदाहरण है **मौसम की जानकारी का प्रबंधन**। हर दिन, हम तापमान, वर्षा की संभावना, हवा की गति आदि जैसे आँकड़े एकत्र करते (टीवी, फोन या समाचार पत्रों से) और उनका प्रबंधन करते हैं। यदि पूर्वानुमान कहता है कि 80% बारिश की संभावना है और तापमान कम होगा, तो आप इन आँकड़ों का विश्लेषण करते हैं और निर्णय लेते हैं कि छाता ले जाना है या जैकेट पहनना है। दूसरा उदाहरण है **व्यक्तिगत खर्चों का प्रबंधन**। आप एक महीने में अपने भोजन, परिवहन, मनोरंजन आदि पर कितना खर्च करते हैं, इसका हिसाब रख सकते हैं। यह कच्चे आँकड़े हैं। जब आप इन्हें श्रेणियों में व्यवस्थित करते हैं (संगठन) और शायद उन्हें एक पाई चार्ट (निरूपण) में देखते हैं, तो आप विश्लेषण कर सकते हैं कि आप कहाँ सबसे अधिक खर्च कर रहे हैं और कहाँ बचत कर सकते हैं। यह आपको अपने बजट को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में मदद करता है।

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