अध्याय 2: पूर्ण संख्याएँ (Whole Numbers) - NCERT प्रश्नोत्तर
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)
I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।
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सबसे छोटी पूर्ण संख्या कौन सी है?
सबसे छोटी पूर्ण संख्या **0 (शून्य)** है।
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क्या सभी प्राकृत संख्याएँ पूर्ण संख्याएँ होती हैं?
हाँ, सभी प्राकृत संख्याएँ (1, 2, 3...) पूर्ण संख्याएँ भी होती हैं।
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संख्या 5 का पूर्ववर्ती (predecessor) क्या है?
संख्या 5 का पूर्ववर्ती **4** है।
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संख्या 9 का परवर्ती (successor) क्या है?
संख्या 9 का परवर्ती **10** है।
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संख्या रेखा पर पूर्ण संख्याओं को कैसे दर्शाया जाता है?
पूर्ण संख्याओं को संख्या रेखा पर 0 से शुरू होकर दाईं ओर समान दूरी पर बिंदुओं के रूप में दर्शाया जाता है।
II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।
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पूर्ण संख्याओं के योग के संवरक गुण (Closure Property) को समझाएँ।
संवरक गुण बताता है कि जब हम किन्हीं दो पूर्ण संख्याओं को जोड़ते हैं, तो परिणाम भी हमेशा एक पूर्ण संख्या ही होती है। उदाहरण के लिए, $5 + 3 = 8$, जहाँ 5, 3 और 8 सभी पूर्ण संख्याएँ हैं। यह गुण घटाने और भाग पर लागू नहीं होता।
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पूर्ण संख्याओं के गुणन के क्रमविनिमेय गुण (Commutative Property) को उदाहरण सहित स्पष्ट करें।
क्रमविनिमेय गुण का अर्थ है कि पूर्ण संख्याओं के गुणन में संख्याओं के क्रम बदलने से गुणनफल पर कोई फर्क नहीं पड़ता। अर्थात, $a \times b = b \times a$। जैसे, $4 \times 5 = 20$ और $5 \times 4 = 20$। दोनों ही मामलों में परिणाम समान है।
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पूर्ण संख्याओं में शून्य की भूमिका (Additive Identity) क्या है?
पूर्ण संख्याओं में शून्य योजक तत्समक (additive identity) है। इसका मतलब है कि किसी भी पूर्ण संख्या में शून्य जोड़ने पर संख्या का मान नहीं बदलता। उदाहरण के लिए, $7 + 0 = 7$। इसलिए, शून्य को योग का तत्समक कहा जाता है।
III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।
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पूर्ण संख्याओं पर गुणन के बंटन गुण (Distributive Property of multiplication over addition) को उदाहरण सहित विस्तार से समझाएँ।
गुणन का बंटन गुण योग पर गुणन के वितरण को दर्शाता है। यह कहता है कि यदि आप किसी संख्या को दो संख्याओं के योग से गुणा करते हैं, तो यह वही है जो आप उस संख्या को प्रत्येक संख्या से अलग-अलग गुणा करके और फिर परिणामों को जोड़कर प्राप्त करते हैं। इसे गणितीय रूप से $a \times (b + c) = (a \times b) + (a \times c)$ के रूप में व्यक्त किया जाता है। यह गुण हमें जटिल गणनाओं को सरल बनाने में मदद करता है और बीजगणित में इसका व्यापक रूप से उपयोग होता है।
उदाहरण के लिए, यदि हमें $6 \times (7 + 3)$ की गणना करनी है, तो हम बंटन गुण का उपयोग कर सकते हैं। गुण के अनुसार, $6 \times (7 + 3) = (6 \times 7) + (6 \times 3)$। अब, गणना करें: $6 \times 7 = 42$ और $6 \times 3 = 18$। इन दोनों परिणामों को जोड़ने पर हमें $42 + 18 = 60$ मिलता है। यदि हम इसे सीधे हल करते हैं, तो $6 \times (7 + 3) = 6 \times 10 = 60$। दोनों तरीके समान परिणाम देते हैं, यह दर्शाता है कि बंटन गुण कैसे काम करता है। यह गुण मानसिक गणना और बड़े गुणन को छोटे, अधिक प्रबंधनीय चरणों में तोड़ने में बहुत उपयोगी है।
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संख्या रेखा का उपयोग करके पूर्ण संख्याओं के घटाने की प्रक्रिया को कैसे दर्शाया जाता है? एक उदाहरण दें।
संख्या रेखा पर पूर्ण संख्याओं के घटाने की प्रक्रिया को दर्शाने के लिए, हम उस संख्या से शुरू करते हैं जिसमें से घटाना है और फिर घटाने वाली संख्या के बराबर इकाइयाँ बाईं ओर चलते हैं। यह प्रक्रिया योग के विपरीत है, जहाँ हम दाईं ओर चलते हैं। यह हमें visually समझने में मदद करता है कि संख्याएँ घटाई जाने पर संख्या रेखा पर कैसे चलती हैं।
उदाहरण के लिए, $8 - 3$ को संख्या रेखा पर दर्शाने के लिए, सबसे पहले हम संख्या रेखा पर **8** पर एक बिंदु चिह्नित करते हैं। क्योंकि हमें 3 घटाना है, हम 8 से शुरू करके **बाईं ओर 3 इकाइयाँ** चलते हैं। पहली इकाई चलने पर हम 7 पर पहुँचते हैं, दूसरी इकाई पर 6 पर, और तीसरी इकाई पर **5** पर। इस प्रकार, हम देखते हैं कि $8 - 3 = 5$। यह प्रक्रिया दर्शाती है कि जब हम एक पूर्ण संख्या से दूसरी पूर्ण संख्या घटाते हैं, तो हम संख्या रेखा पर बाईं ओर जाते हैं। यदि घटाई जाने वाली संख्या बड़ी हो तो परिणाम एक पूर्ण संख्या नहीं होगी, जैसा कि पूर्ण संख्याओं की परिभाषा में बताया गया है (पूर्ण संख्याएँ शून्य और सभी धनात्मक पूर्णांक हैं)।
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