अध्याय 13: सममिति (Symmetry)

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)

I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।

  1. सममिति क्या होती है?

    सममिति वह गुण है जहाँ किसी आकृति को एक रेखा के अनुदिश मोड़ने पर या एक बिंदु के चारों ओर घुमाने पर, आकृति अपने मूल रूप जैसी ही दिखाई देती है।

  2. सममिति रेखा (Line of Symmetry) क्या है?

    सममिति रेखा एक काल्पनिक रेखा होती है जो किसी आकृति को इस तरह दो बराबर हिस्सों में बांटती है कि एक हिस्सा दूसरे का दर्पण प्रतिबिंब होता है।

  3. एक वर्ग में कितनी सममिति रेखाएँ होती हैं?

    एक वर्ग में **चार** सममिति रेखाएँ होती हैं। (दो विकर्णों के अनुदिश और दो भुजाओं के मध्यबिंदुओं को जोड़ते हुए)।

  4. अंग्रेजी वर्णमाला के किसी ऐसे अक्षर का नाम लिखें जिसमें केवल एक सममिति रेखा हो।

    अंग्रेजी वर्णमाला के ऐसे अक्षर हैं: A, B, C, D, E, K, M, T, U, V, W, Y। (उदाहरण के लिए: A, M, T)

  5. एक वृत्त में कितनी सममिति रेखाएँ होती हैं?

    एक वृत्त में **अनंत** सममिति रेखाएँ होती हैं, क्योंकि इसके केंद्र से होकर गुजरने वाली कोई भी रेखा इसे दो समान हिस्सों में बांटती है।

II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।

  1. सममिति रेखा के संदर्भ में सममिति को समझाएँ।

    सममिति रेखा वह अक्ष होती है जिसके अनुदिश किसी आकृति को मोड़ने पर उसके दोनों भाग एक-दूसरे को पूरी तरह ढक लेते हैं। यह एक दर्पण रेखा की तरह कार्य करती है, जिससे आकृति के दोनों ओर के भाग बिल्कुल समान दिखते हैं। उदाहरण के लिए, एक तितली के पंखों में एक सममिति रेखा होती है।

  2. सममित आकृतियों के दो दैनिक जीवन के उदाहरण दें।

    दैनिक जीवन में सममित आकृतियों के कई उदाहरण हैं। एक **पत्ती** में अक्सर एक केंद्रीय सममिति रेखा होती है। मानव **चेहरा** भी लगभग सममित होता है (आँखें, कान, नाक आदि)। वास्तुकला में, कई इमारतें सममित डिजाइन पर आधारित होती हैं, जैसे ताजमहल।

  3. एक आयत में कितनी सममिति रेखाएँ होती हैं और वे कहाँ होती हैं?

    एक आयत में **दो** सममिति रेखाएँ होती हैं। ये रेखाएँ इसकी लंबाई और चौड़ाई के मध्यबिंदुओं को जोड़ती हुई गुजरती हैं, जिससे आयत को दो समान और दर्पण-प्रतिबिंब हिस्सों में विभाजित किया जा सकता है।

III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।

  1. रेखीय सममिति (Line Symmetry) और घूर्णी सममिति (Rotational Symmetry) के बीच अंतर को उदाहरण सहित स्पष्ट करें।

    सममिति को मुख्य रूप से दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है: **रेखीय सममिति** और **घूर्णी सममिति**। **रेखीय सममिति** (जिसे परावर्तन सममिति भी कहते हैं) तब होती है जब किसी आकृति को एक सीधी रेखा (जिसे सममिति रेखा या परावर्तन अक्ष कहते हैं) के अनुदिश मोड़ा जा सकता है, और इसके दोनों भाग एक-दूसरे को पूरी तरह ढक लेते हैं। यह रेखा आकृति को दो दर्पण-प्रतिबिंब हिस्सों में विभाजित करती है। उदाहरण के लिए, एक तितली में एक केंद्रीय सममिति रेखा होती है, या अंग्रेजी अक्षर 'A' में एक ऊर्ध्वाधर सममिति रेखा होती है। जब आप उस रेखा के अनुदिश मोड़ते हैं, तो दोनों आधे हिस्से समान होते हैं।

    इसके विपरीत, **घूर्णी सममिति** (Rotational Symmetry) तब होती है जब कोई आकृति एक निश्चित बिंदु (घूर्णन केंद्र) के चारों ओर 360 डिग्री से कम कोण पर घुमाने पर अपने मूल रूप जैसी ही दिखाई देती है। घूर्णी सममिति का क्रम (order) यह बताता है कि आकृति को 360 डिग्री घुमाने पर वह कितनी बार अपने मूल रूप जैसी दिखती है। उदाहरण के लिए, एक वर्ग में क्रम 4 की घूर्णी सममिति होती है, क्योंकि इसे 90°, 180°, 270° और 360° (जो मूल स्थिति है) पर घुमाने पर यह अपने मूल रूप जैसा ही दिखता है। एक समबाहु त्रिभुज में क्रम 3 की घूर्णी सममिति होती है। रेखीय सममिति में केवल एक निश्चित रेखा के अनुदिश मोड़ने की बात होती है, जबकि घूर्णी सममिति एक बिंदु के चारों ओर घुमाने से संबंधित है।

  2. विभिन्न ज्यामितीय आकृतियों में सममिति रेखाओं की संख्या को उदाहरण सहित समझाएँ।

    विभिन्न ज्यामितीय आकृतियों में सममिति रेखाओं की संख्या अलग-अलग होती है, जो उनकी संरचना पर निर्भर करती है। सबसे पहले, एक **विषमबाहु त्रिभुज** (Scalene Triangle) में कोई सममिति रेखा नहीं होती है, क्योंकि इसकी सभी भुजाएँ और कोण असमान होते हैं। वहीं, एक **समद्विबाहु त्रिभुज** (Isosceles Triangle) में केवल एक सममिति रेखा होती है, जो असमान भुजा के मध्य बिंदु से विपरीत शीर्ष तक जाती है। एक **समबाहु त्रिभुज** (Equilateral Triangle) में तीन सममिति रेखाएँ होती हैं, प्रत्येक शीर्ष से विपरीत भुजा के मध्य बिंदु तक।

    चार भुजाओं वाली आकृतियों में, एक **आयत** (Rectangle) में दो सममिति रेखाएँ होती हैं, जो इसकी लंबाई और चौड़ाई के मध्यबिंदुओं को जोड़ती हैं। एक **समचतुर्भुज** (Rhombus) में भी दो सममिति रेखाएँ होती हैं, जो इसके विकर्णों के अनुदिश होती हैं। एक **वर्ग** (Square) में सबसे अधिक, चार सममिति रेखाएँ होती हैं (दो विकर्णों के अनुदिश और दो भुजाओं के मध्यबिंदुओं को जोड़ते हुए)। अंत में, एक **वृत्त** (Circle) में अनंत सममिति रेखाएँ होती हैं, क्योंकि इसके केंद्र से होकर गुजरने वाली कोई भी रेखा इसे दो समान हिस्सों में विभाजित करती है। ये उदाहरण दर्शाते हैं कि आकृतियों की ज्यामितीय विशेषताओं के आधार पर सममिति की उपस्थिति और संख्या कैसे भिन्न होती है।

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